12th वितान 3. अतीत में दबे पाँव (ओम थानवी)

12th वितान 3. अतीत में दबे पाँव (ओम थानवी)
12th वितान 3. अतीत में दबे पाँव (ओम थानवी)
पाठ्यपुस्तक आधारित प्रश्नोत्तर प्रश्न 1. सिन्धु सभ्यता साधन-सम्पन्न थी, पर उसमें भव्यता का आडम्बर नहीं था। कैसे? उत्तर : पुरातत्त्वविदों के द्वारा मुअनजो-दड़ो और हड़प्पा की खुदाई करवाने से जो साक्ष्य मिले हैं, उनका उल्लेख करते हुए लेखक बताता है कि सिन्धु सभ्यता साधन-सम्पन्न थी। उसमें नगर-नियोजन सुन्दर था, पानी की निकासी की सुव्यवस्था थी। वहाँ पर भवन निर्माण, स्नानागार व कुओं के निर्माण तथा नालियों व भाण्डागार के निर्माण में विशेष आकार की पकी हुई ईंटों का प्रयोग होता था। वहाँ की सड़कें सीधी, लम्बी, चौड़ी और आड़ी थीं। सिन्धु सभ्यता में सामाजिक प्रबन्ध अच्छा था। सिन्धु घाटी के लोग तांबे और कांसे के बर्तन बनाते थे। साथ ही चाक से बने विशाल मृद् भाण्ड, उन पर बने चित्र, चौपड़ की गोटियाँ, कंघी, पत्थर के मनकों के हार तथा पत्थर के औजार उनकी सम्पन्नता के सूचक थे। वहाँ खेती होती थी और सामान का निर्यात भी होता था। यातायात के लिए बैलगाड़ी थी तो अनाज रखने के लिए विशाल कोठार थे। वहाँ पर सभी वर्गों के लोगों की अलग-अलग बस्तियाँ थीं। लोगों में कला के प्रति सुरुचि थी। साफ-सफाई, वास्तुशिल्प, भवन-निर्माण एव…