12th अंतरा 21. हज़ारी प्रसाद द्विवेदी (कुटज) हज़ारी
प्रसाद द्विवेदी (कुटज) प्रश्न 1. कुटज को 'गाढ़े का साथी' क्यों कहा गया है ? उत्तर
: 'गाढ़े का साथी' का तात्पर्य है कठिन समय में साथ देने वाला। गरमी में जब कोई और
फूल पुष्पित दिखाई नहीं देता तब कुटज ही खिला रहता है। कालिदास ने अपने काव्य 'मेघदूत'
में लिखा है कि जब रामगिरि पर रहने वाले यक्ष ने अपनी प्रिया के पास सन्देश भेजने हेतु
'मेघ' को तैयार किया तो उसे कटज पुष्प अर्पण किया। जब कोई दसरा पुष्प उपलब्ध नहीं था,
तब कुटज ही काम आया। इस कारण द्विवेदी जी ने उसे गाढ़े का साथी कहा है। प्रश्न 2. 'नाम' क्यों बड़ा है? लेखक के विचार अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर
: नाम बड़ा है या रूप? इस प्रश्न पर विचार करते हुए लेखक कहता है कि जब तक नाम रूप
से पहले हाजिर न हो जाए तब तक रूप की पहचान अधरी रह जाती है। नाम इसलिए बड़ा नहीं है
कि वह नाम है। है कि उसे सामाजिक स्वीकृति (सोशल सेक्शन) प्राप्त है। किसी भी व्यक्ति,
वस्तु या स्थान की पहचान उसके समाज स्वीकृत नाम से ही होती है। नाम इसीलिए रूप से बड़ा
है। तुलसी ने भी कहा है - कहियत रूप नाम आधीना। प्रश्न 3. 'कुट…