2. ग्रामीण तथा नगरीय समाज में सामाजिक परिवर्तन तथा सामाजिक व्यवस्था (Social Change and Social Order in Rural and Urban Society)

2. ग्रामीण तथा नगरीय समाज में सामाजिक परिवर्तन तथा सामाजिक व्यवस्था (Social Change and Social Order in Rural and Urban Society)
2. ग्रामीण तथा नगरीय समाज में सामाजिक परिवर्तन तथा सामाजिक व्यवस्था (Social Change and Social Order in Rural and Urban Society)
प्रश्न 1. क्या आप इस बात से सहमत हैं कि तीव्र सामाजिक परिवर्तन मनुष्य के इतिहास में तुलनात्मक रूप से नवीन घटना है? अपने उत्तर के लिए कारण दें। उत्तर- भारत जैसे परंपरागत समाज में भी सामाजिक परिवर्तन तुलनात्मक रूप से एक नवीन घटना है। अधिकांश सामाजिक परिवर्तनों का स्रोत अंग्रेजी शासनकाल को माना जाता है। इसी काल में परंपरागत भारतीय समाज के सभी प्रमुख पहलुओं, विशेष रूप से गाँव, जाति तथा संयुक्त परिवार, में दूरगामी एवं तीव्र परिवर्तन प्रारंभ हुए। नगरीकरण, औद्योगीकरण, पश्चिमीकरण, आधुनिकीकरण, लौकिकीकरण, जैसी प्रक्रियाएँ भारत में तीव्र सामाजिक परिवर्तन के लिए उत्तरदायी रही हैं। प्रजातंत्रीकरण एवं राजनीतिकरण ने भी समाज में हो रहे परिवर्तनों को तीव्र गति प्रदान करने में सहायता दी है। सामाजिक परिवर्तन उन परिवर्तनों को इंगित करता है जो महत्त्वपूर्ण है अर्थात् जो किसी वस्तु अथवा परिस्थिति की मूलाधार संरचना को समयावधि में बदल दें। परिवर्तन का ‘बड़ा होना इस बात से नहीं मापा जाता है कि वह कितना परिवर्तन लाता है, अपितु यह परिवर्तन के पैमाने में मापा जाता है अर्थात् परिवर्तन समाज के कितने बड़े भाग को परिव…