3. पर्यावरण और समाज (Environment and Society)
प्रश्न 1. पारिस्थितिकी से आपका क्या अभिप्राय है? अपने शब्दों में
वर्णन कीजिए। उत्तर-
पारिस्थितिकी शब्द से अभिप्राय एक ऐसे जाल से है जहाँ भौतिक एवं जैविक व्यवस्थाएँ तथा
प्रक्रियाएँ घटित होती हैं और मनुष्य भी इसका एक अंग होता है। पर्वत तथा नदियाँ, मैदान
तथा सागर और जीव-जंतु ये सब पारिस्थितिकी के अंग हैं। पारिस्थितिकी प्राणि-मात्र और
उसके पर्यावरण के मध्य अंत:संबंध का अध्ययन है। इसे विज्ञान का एक ऐसा बहुवैषयिक क्षेत्र
माना है जिसमें आनुवंशिकी, समाजशास्त्र, विज्ञान आदि अनेक विषयों से सुव्यवस्थित रूप
से ज्ञान लिया जाता है। समाजशास्त्री होने के नाते हमारी रुचि मानव और उसके पर्यावरण
के मध्य अंत:संबंध में है। यहाँ पर्यावरण से तात्पर्य प्राकृतिक पर्यावरण से है जिसमें
वन, नदियाँ, झील, समुद्र, पहाड़, पौधे आदि आते हैं। चूंकि पारिस्थितिकीय परिवर्तन मानव
जीवन पर गहरा प्रभाव डालता है, इसलिए समाजशास्त्र में इसका अध्ययन किया जाता है। प्रश्न 2. पारिस्थितिकी सिर्फ प्राकृतिक शक्तियों तक ही सीमित क्यों
नहीं है? उत्तर-
सामान्य अर्थों में पारिस्थितिकी को भौतिक या प्राकृतिक शक्तियों तक ही सीमित रखा जाता
है। यह …