11th Antral 3. आवारा मसीहा

11th Antral 3. आवारा मसीहा
11th Antral 3. आवारा मसीहा
पाठ्यपुस्तक आधारित प्रश्नोत्तर प्रश्न 1. "उस समय वह सोच भी नहीं सकता था कि मनुष्य को दुख पहुँचाने के अलावा भी साहित्य का कोई उद्देश्य हो सकता है।" लेखक ने ऐसा क्यों कहा? आपके विचार से साहित्य के कौन-कौन से उदेश्य हो सकते हैं? उत्तर : शरत्चन्द्र अपने बाल्यकाल में उस समय दुर्गाचरण एम. ई. स्कूल में पढ़ते थे। उन्हें इस विद्यालय में 'सीता-वनवास', 'चारू-पाठ', 'सद्भाव-सद्गुरु' और 'प्रकाण्ड व्याकरण' आदि पढ़ने पड़ते थे तथा स्वयं पण्डितजी के सामने खड़े होकर परीक्षा देनी पड़ती थी। चूँकि शरत्चन्द्र ने अब तक केवल 'बोधोदय' ही पढ़ा था। अतः पण्डितजी द्वारा परीक्षा लेने पर जब शरत्चन्द्र उत्तर नहीं दे पाते थे तो उनको या तो पिटाई से या पिटाई के डर से आँसू बहाने पड़ते थे। अतः उनका साहित्य से प्रथम परिचय आँसुओं के माध्यम से हुआ था। उस समय बालक शरत्चन्द्र यह सोच भी नहीं सकता था कि क्या मनुष्य को दुख पहुँचाने के अलावा भी साहित्य का कोई अन्य उद्देश्य हो सकता है। हमारे विचार से साहित्य के निम्न उद्देश्य हो सकते हैं : 1. महान् जीवन मूल्यों व उदात्त गुणों की स्था…