Class-XI Hindi Antra 11. सूरदास- खेलन में को काको गुसैयाँ, मुरली तऊ गुपालहि भावति
Class-XI Hindi Antra 11. सूरदास- खेलन में को काको गुसैयाँ, मुरली तऊ गुपालहि भावति पाठ्यपुस्तक आधारित प्रश्नोत्तर प्रश्न 1. 'खेलन में को काको गुसैयाँ' पद में कृष्ण और सुदामा (श्रीदामा)
के बीच किस बात पर तकरार हुई? उत्तर
: बाल स्वभाव है कि बालक को खेल में जीतने
पर जितनी प्रसन्नता होती है उससे कहीं अधिक दुःख हारने पर होता है। खेल में श्रीदामा
जीत गए और कृष्ण हार गए। हारने के कारण उन्हें कैंप का अनुभव हुआ और खीझ आ गई। इसलिए
उन्होंने दाँव देने से मना कर दिया। दाँव देने को लेकर दोनों में तकरार हो गई। श्रीदामा
ने उनसे चुभने वाले शब्द कहे और साफ कह दिया कि यदि हमारे साथ खेलना है तो दाँव देना
पड़ेगा। तब दोनों में सुलह हुई और कृष्ण ने दाँव दिया। प्रश्न 2. खेल में रूठने वाले साथी के साथ सब क्यों नहीं खेलना चाहते
? उत्तर
: पद में प्रयुक्त 'रूठहि' शब्द का अर्थ 'रूठना' न लेकर सैहिठाई' या 'रूहठि' अर्थात्
'बेईमानी' करना लगाया जाय तो अधिक उपयुक्त है। वास्तव में दूसरा अर्थ ही उपयुक्त है।
खेल में सभी बराबर होते है। इसलिए सभी को बराबर दाँव देना पड़ता है। खेल में जो हार
जाय और बेईमानी करके दाँव न दे उसके साथ कोई खेलना पसन्द नहीं करता। खेल में…