Class-XI Hindi Antra 4. रांगेय राघव – गूँगे पाठ्यपुस्तक आधारित प्रश्नोत्तर प्रश्न 1. गूंगे ने अपने स्वाभिमानी होने का परिचय किस प्रकार दिया
? उत्तर
: गूंगा भले ही दिव्यांग था लेकिन उसके स्वभाव में स्वाभिमान तो जैसे कूट-कूट कर भरा
था। उसने अपने स्वाभिमानी होने का परिचय कई बार दिया। जब चमेली और अन्य स्त्रियाँ उससे
पूछताछ कर रही थीं तब उसने बताया कि उसने परिश्रम करके पेट भरा है। किसी के सामने हाथ
नहीं फैलाया। इस प्रकार गूंगे ने अपने स्वाभिमानी होने पर ही परिचय दिया। इसी
प्रकार जब चमेली गूंगे के सामने बासी रोटियाँ फेंक कर खाने को कहती है तो वह चुपचाप
खड़ा रहता है रोटियों को हाथ तक नहीं लगाता। जब गूंगे की शिकायत पर ध्यान न देकर चमेली
अपने बेटे का पक्ष लेती है और उस पर हाथ उठना चाहती है तो गूंगा उसका हाथ पकड़ लेता
है। स्वाभिमानी होने कारण ही वह सड़क के लड़कों से भिड़ जाता है और लहूलुहान होकर घर
लौटता है। इस प्रकार गूंगे ने अनेक बोर प्रमाणित किया कि वह एक स्वाभिमानी व्यक्ति
था। प्रश्न 2. 'मनुष्य की करुणा की भावना उसके भीतर गूंगेपन की प्रतिच्छाया
है।' कहानी के इस कथन को वर्तमान सामाजिक परिवेश के संदर्भ में स्पष्ट कीजिए। उत्तर
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