भारतीय स्वंत्रता आन्दोलन में झारखण्ड (Jharkhand in the Indian independence movement)

भारतीय स्वंत्रता आन्दोलन में झारखण्ड (Jharkhand in the Indian independence movement)
भारतीय स्वंत्रता आन्दोलन में झारखण्ड (Jharkhand in the Indian independence movement)
भारतीय स्वंत्रता आन्दोलन में झारखण्ड झारखण्ड राष्ट्रीय चेतना का प्रसार > झारखण्ड में राष्ट्रीय चेतना का प्रसार 1857 ई. की क्रान्ति से पूर्व हुए जन विद्रोहों से प्रारम्भ हो गया था। > 1885 ई. में पलामू के चेरो शासक, हजारीबाग, मानभूम एवं सन्थाल परगना के भूमिज-सन्थाल व बिरसा एवं उनके समर्थकों ने अंग्रेजी सत्ता के शोषण के विरुद्ध जिस क्रान्ति को प्रारम्भ किया था, वह अब राष्ट्रीय आन्दोलन का स्वरूप धारण कर चुकी थी । > 1885 ई. में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना के साथ ही राष्ट्रीय आन्दोलन को एक नई दिशा मिली। कांग्रेस के आरम्भिक वर्षों में झारखण्ड के लोगों ने काफी उत्साह दिखाया। > वर्ष 1919 में पलामू में बिन्देश्वरी पाठक व भागवत पाण्डेय के नेतृत्व में जिला कांग्रेस कमेटी की स्थापना हुई। पलामू कांग्रेस कमेटी के निर्णय के आधार पर डाल्टनगंज में राष्ट्रीय विद्यालय की स्थापना की गई । > इसके अतिरिक्त चतरा, रांची, झरिया, लोहरदगा व गिरिडीह में भी राष्ट्रीय विद्यालय स्थापित किए गए। गाँधी युग का आरम्भ > स्वतन्त्रता आन्दोलन के इस चरण की शुरुआत गाँधी जी के आन्दोलन में पदार्पण से होती है। &g…