12th Hindi Core आरोह भाग -II 7. सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' - बादल राग

12th Hindi Core आरोह भाग -II 7. सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' - बादल राग
12th Hindi Core आरोह भाग -II 7. सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' - बादल राग
प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book) Class - 12 Hindi Core 7. सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' - बादल राग पाठ्य पुस्तक के प्रश्न - अभ्यास प्रश्न 1. जीर्ण बाहु है, शीर्ण शरीर तुझे बुलाता कृषक अधीर ऐ विप्लव के वीर! चूस लिया है उसका सार, हाड़-मात्र ही है आधार ऐ जीवन के पारावार ! प्रस्तुत पंक्तियों का काव्य सौंदर्य स्पष्ट कीजिए । उत्तर- (क) भाव सौन्दर्य- किसानों की दुर्दशा दिखाने के लिए उसे जीर्ण बाहु का तथा शीर्ण शरीर का दिखाया गया है। उसका अस्थिपंजर दिखाकर तथा उसे बुरी तरह चूसा दिखाकर कवि ने करुणा उत्पन्न की है। (ख) शिल्प सौंदर्य- छायावादी कविता। प्राकृतिक प्रतीकों का सूक्ष्म प्रयोग। बादलों का मानवीकरण किया गया है। संस्कृतनिष्ठ शब्दावली का प्रयोग। छोटे-छोटे शब्दों के कारण कविता में प्रवाह का संचार प्रश्न 2. अस्थिर सुख पर दुख की छाया पंक्ति में दुख की छाया किसे कहा गया है और क्यों? उत्तर- 'अस्थिर सुख पर दुख की छाया पंक्ति में दुख की छाया क्रांति या विनाश की आशंका को कहा गया है। जिन लोगों पास सुख के साधन होते हैं वे क्रांति से सदैव डरते हैं। क्रांति उन्हीं का कुछ छीनेगी जिनके …