सांकेतिक तथा आदेशात्मक आयोजन (Indicative Planning and Imperative Planning)

सांकेतिक तथा आदेशात्मक आयोजन (Indicative Planning and Imperative Planning)
सांकेतिक तथा आदेशात्मक आयोजन (Indicative Planning and Imperative Planning)
प्रश्न :- सांकेतिक आयोजन तथा आदेशात्मक आयोजन की व्याख्या करें? उत्तर:- किसी भी देश के आर्थिक विकास के लिए आर्थिक नियोजन आवश्यक होता है। प्रो लेविस ने ठीक ही कहा "योजनाकरण के संबंध में प्रश्न यह नहीं है कि योजनाकरण हो या न हो बल्कि योजनाकरण किस ढंग से की जाय"। वर्तमान समय में अर्थशास्त्री एवं राजनीतिज्ञ यह जानने को बाध्य है कि उत्पादन एवं वितरण समाजहित में नियंत्रित होना चाहिए। उत्पादन एवं वितरण का नियंत्रण प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों रूप में हो सकता है। प्रत्यक्ष नियंत्रण वह है जो राज्य के शासन यंत्र से संचालित होता है और अप्रत्यक्ष नियंत्रण वह जो बाजार की परम्परागत माँग एवं पूर्ति की शक्तियों द्वारा संचालित किया जाता है। सांकेतिक आयोजन सांकेतिक आयोजन फ्रांस में प्रचलित है। यह आयोजन आदेशात्मक न होकर, लचीला होता है। समाजवादी देशों में व्यापक आयोजन होता है जिसके अनुसार योजना प्राधिकरण इस बात पर निश्चय करता है कि हर एक क्षेत्र में कितना निवेश करना है, वस्तुओं और साधनो की क्या-क्या कीमते होनी चाहिए, कौन-कौन सी वस्तुओं का कितनी मात्राओं में उत्पादन किया जाए , यह सभी निश्चय आदेश के र…