मजदूरी का आधुनिक सिद्धांत (Modern Theory of Wages)
मजदूरी का आधुनिक सिद्धांत (Modern Theory of Wages)
प्रश्न- मजदूरी के आधुनिक सिद्धांत की व्याख्या करें? ब ढ ़ते हुए
म जदूरी
दर में श्रमिक संघ एवं सामूहिक सौदाकारी कैसे सफल होता है? → पूर्ण प्रतियोगिता के अन्तर्गत मजदूरी का निर्धारण कैसे होता है। उत्तर-
पूर्ण प्रतियोगी बाजार में मजदूरी का निर्धारण श्रम की मांग एवं पूर्ति से होती है।
मजदूरी के जिस स्तर पर श्रम की माँग उसके पूर्ति के बराबर हो जाता है मजदूरी का वही
दर पूर्ण प्रतियोगी श्रम बाजार में निर्धारित होता है। श्रम
की मांग श्रम
की मांग व्युत्पन्न माँग होती है। जब वस्तुओं की माँग में वृद्धि होती है तो उत्पादन
में वृद्धि करने के लिए उत्पादक श्रम की मांग करता है। श्रम
की मांग अन्य साधनों के मूल्य पर भी निर्भर करता है। जैसे अगर मशीन का मूल्य घट जाएगा
तो श्रम की माँग घट जाएगी। श्रम
की मांग देश में तकनीक की स्तर पर भी निर्भर करता है। अगर देश में पूँजी प्रधान तकनीक
का विकास हो तो श्रम की मां ग
घटेगी। श्रम
की मांग श्रम की सीमांत आय उत्पादकता पर निर्भर करती है। AB
श्रम की सीमांत आय उत्पादकता की रेखा है जो यह बतलाती है की श्रम की इकाई
बढ़ाने से इसकी सीमांत आय उत्पादकता घट जाती है। इसलिए निम्न मजदूरी की स…