मुद्रा का परिमाण सिद्धांत : फिशर दृष्टिकोण (Quantity Theory of Money : Fisher's Approach)

मुद्रा का परिमाण सिद्धांत : फिशर दृष्टिकोण (Quantity Theory of Money : Fisher's Approach)
मुद्रा का परिमाण सिद्धांत : फिशर दृष्टिकोण (Quantity Theory of Money : Fisher's Approach)
Quantity Theory of Money: Fisher's Approach मुद्रा का परिमाण सिद्धांत : फिशर दृष्टिकोण प्रश्न - फिशर द्वारा दिए गए मुद्रा की परिमाण सिद्धांत की आलोचनात्मक व्याख्या करें? अथवा मुद्रा के परिमाण सिद्धांत के फिशर की रूपरेखा की आलोचनात्मक व्याख्या कीजिए। अथवा ' आर्थिक विचारधारा की वर्तमान प्रवृत्ति मुद्रा के परिमाण सिद्धांत की प्राचीन विचारधारा के परित्याग की है। ' समझायें। उत्तर - प्रो० इर्विग फिशर जो की अमेरिका के अर्थशास्त्री थे, उन्होंने सन् 1911 ई० में अपनी पुस्तक " The Purchasing Power of Money" में मुद्रा के परिणाम सिद्धांत का वैज्ञानिक विश्लेषण किया था। इस विश्लेषण में उन्होंने मुद्रा के मूल्य अथवा वस्तुओं और सेवाओं के मूल्य स्तर में होने वाले परिवर्तन के कारणों की व्याख्या की तथा मूल्य स्थायित्व का भी नियम निर्धारण किया। हम जानते है कि मुद्रा का मूल्य (v) तथा वस्तु और सेवा का मूल्य (P) के बीच विपरीत संबंध होता है। `\V=\frac1{\P}` मुद्रा का मूल्य ( v ) घटने से मूल्य स्तर में वृद्धि तथा मुद्रा का मूल्य बढ़ने से मूल्य स्तर में कमी होती है। फिशर ने अपनी पुस्तक में निम्नलिखित सम…