द्विपक्षीय एकाधिकार (Bilateral Monopoly)
प्रश्न- द्विपक्षीय एकाधिकार
के अन्तर्गत मूल्य के निर्धारण की व्याख्या करे? उत्तर - द्विपक्षीय एकाधिकार उस समय होता है जब किसी पदार्थ अथवा साधन
के एकाकी विक्रेता को उसके एकाकी क्रेता का सामना करना होता है। कहने का तात्पर्य यह
है कि द्विपक्षीय एकाधिकार के अन्तर्गत एकाधिकारी एक क्रय- एकाधिकारी का सामना करता
है। चूंकि विक्रेता को उस वस्तु का एकाधिकार
प्राप्त है, अतः उस वस्तु का कोई निकट का स्थानापन्न उपलब्ध नहीं होगा। विक्रेता के
पास अपनी वस्तु को बेचने का कोई अन्य क्रेता नहीं है तथा क्रेता के पास कोई अन्य स्त्रोत
नहीं है जहाँ से वह उस वस्तु को खरीद सके। वैसे उत्पादन या पदार्थ के बाजार में द्विपक्षीय
एकाधिकार की स्थिति बहुत कम पा यी जाती है परन्तु यह आगतो (inputs) अथवा उत्पादन के साधनों के
बाजार में प्रायः पायी जाती है। द्विपक्षीय एकाधिकार की एक महत्वपूर्ण
स्थिति उस समय उपस्थित होती है जब एक ट्रेड यूनियन, जिसे श्रमिको की सेवाओं को बेचने
का एकाधिकार प्राप्त होता है, का सामना एक विशालकाय व्यावसायिक निगम से होता है जिसे
श्रमिको के संगठन से श्रम खरीदना होता है और प्रश्न यह उपस्थित होता है कि श्रम …