विदेशी पूँजी (Foreign Capital)
प्रश्नः- एक विकासशील देश के आर्थिक विकास
में विदेशी पूँ जी की भूमिका की समीक्षा कीजिए ? → देश के आर्थिक विकास में विदेशी पूँजी की
भूमिका की व्याख्या कीजिए। विदेशी पूंजी के प्रयोग में कौन-कौन सी सावधानियां बरतनी
चाहिए? उत्तरः- अर्द्धविकसीत एवं पिछड़े देशों के आर्थिक विकास की
प्रारम्भिक अवस्था में विदेशी पूंजी की महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है। इसका कारण यह
है कि इन देशों में आर्थिक विकास की गति को तीव्र करने के लिए मशीनरी एवं उपकरण, कच्चे माल, तकनीकी ज्ञान
आदि की कमी होती है। W .
A. Lewis ने 1956 में प्रकाशित अपनी पुस्तक 'The Theory of
Economics' में लिखा है, "प्रायः प्रत्येक विकासशील राज्य ने अपने विकास की प्रारम्भिक
अ वस्था में अपनी सीमित बचत के पूरक के रूप में विदेशी पूंजी
की सहायता ली है। 17वी व 18वी शताब्दी में इंग्लैण्ड ने हॉलैण्ड से ऋ ण लिया और 19वी व 20वीं शताब्दी में विश्व के अनेक राष्ट्रों को ऋण प्रदान किया। इसी प्रकार विश्व के सबसे धनी राष्ट्र सं. रा. अमेरीका ने भी 19वी शताब्दी में भारी मात्रा में
ऋण लिया और 20वी शताब्दी का सबसे बड़ा ऋ ण
देने वाला राष्ट्र माना जाता है।" F =…