डॉन पैटिन्कीन का दृष्टिकोण या वास्तविक शेष प्रभाव (Patinkin's Real Balance Effect)
डॉन पैटिन्कीन का दृष्टिकोण या वास्तविक शेष प्रभाव (Patinkin's Real Balance Effect)
प्रश्न :- मुद्रा के परिमाण सिद्धांत के डॉन
पेंटिन्कीन के विश्लेषण की आलोचनात्मक समीक्षा कीजिये ? उत्तर- डॉन पेंटिंकन ने सन् 1956 में अपनी महत्त्वपूर्ण पुस्तक
'Money, Interest and prices' प्रकाशित की। उनका मुख्य योगदान यह है कि उन्होंने निरपेक्ष
तथा सापेक्ष कीमतों तथा मौद्रिक एवं वास्तविक शक्तियों को एक साथ मिलाकर मुद्रा एवं
कीमतों के सम्बंध में व्याख्या प्रस्तुत की है। उन्होंने केन्स के सिद्धांत के उपकरणों
के माध्यम से मुद्रा के परंपरागत परिमाण सिद्धांत की सत्यता को सिद्ध किया और बतलाया
कि मुद्रा के परिमाण में परिवर्तन के फलस्वरूप मूल्य तल में समानुपातिक परिवर्त्तत
होता है। अतः पैन्टिकीन का सिद्धांत मूलत: केन्सी य है।
पैन्टिकीन ने मुद्रा के परिमाण सिद्धांत की व्याख्या मुख्यतः
'वास्तविक शेष प्रभाव' के प्रभावों के माध्यम से किया। उन्होने मुद्रा के परंपरागत एवं कैम्ब्रिज रूप की
आलोचना करते हुए बतलाया कि उसकी
सबसे बड़ी भू ल यह थी कि उन्होंने
वास्तविक शेष प्रभाव की अवहेलना की थी। उन्होने वस्तु- बाजार एवं मुद्रा बाजार में समन्वय नहीं करके दोनों को एक दूसरे से पृथक कर दिया। उनक…