प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)
Class - 11
राजनीति विज्ञान (Political Science)
2. स्वतंत्रता
स्मरणीय तथ्य
☞ स्वतंत्रता अंग्रेजी शब्द के "लिबर्टी "से बना
है जो लैटिन भाषा के "लिबर" शब्द से उत्पन्न माना गया है।
☞ व्यक्ति पर बाहरी प्रतिबंधों का अभाव स्वतंत्रता कहलाता
है।
☞ अनुचित बंधनों के स्थान पर उचित बंधनों की व्यवस्था को
स्वतंत्रता कहते हैं।
☞ लोकतांत्रिक सरकार व्यक्ति की स्वतंत्रता पर कम से कम
प्रतिबंध लगाती है।
☞ लास्की ने स्वतंत्रता एवं समानता को पूरक माना है।
☞ बंधनों का अभाव नकारात्मक स्वतंत्रता का अर्थ है।
☞ जे एस मिल स्वतन्त्रता के हानि सिद्धांत के प्रतिपादक
हैं।
☞ हॉब्स के अनुसार विरोध की अनुपस्थिति स्वतंत्रता है।
नेल्सन मंडेला की आत्मकथा "लॉग वॉक टू फ्रीडम" है।
☞ नेल्सन मंडेला दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति थे
जिन्होंने रंगभेद के खिलाफ आजीवन संघर्ष किया था जो लगभग 28 वर्षों तक जेल में बंद
रहे थे।
☞ आंग सान सू की म्यांमार की राष्ट्रवादी नेता हैं जिनकी
कृति "फ्रीडम फ्रॉम फीयर" है।
☞ ऑन लिबर्टीज के लेखक जे एस मिल है।
☞ हिंद स्वराज नामक पुस्तक महात्मा गांधी ने 1909 ईस्वी
में लिखा है।
☞ स्वतंत्रता के नकारात्मक पहलू के विचारक रूसो हैं।
प्रोफेसर जोड के अनुसार आर्थिक स्वतंत्रता के बिना राजनीतिक स्वतंत्रता एक भ्रम
है।
☞ सीले के अनुसार स्वतंत्रता अति शासन का विरोधी है।
☞ उदारवाद ने मुक्त बाजार और राज्य की न्यूनतम भूमिका का
पक्ष लिया है।
☞ बालगंगाधर तिलक ने स्वराज हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है और
मैं इसे लेकर रहूंगा का नारा दिया है।
☞ जे एस मिल का पूरा नाम जॉन स्टुअर्ट मिल है।
☞ भारतीय संविधान के अनुच्छेद 19 में अभिव्यक्ति की
स्वतंत्रता वर्णित है।
☞ प्रेस एवं मीडिया लोकतंत्र का चौथा स्तंभ माना गया है।
☞ अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता अहस्तक्षेप के लघुत्तम क्षेत्र
से जुड़ा है।
☞ स्वतंत्रता
मुख्य रूप से सकारात्मक एवं नकारात्मक दो वर्गों में बांटा जाता है।
☞ उदारवादी
विचारक लॉक के अनुसार जहां कानून नहीं है वहां स्वतंत्रता नहीं हो सकती।
बहुविकल्पीय प्रश्न
1. स्वतंत्रता के नकारात्मक पहलू का विचारक कौन था?
a. रूसो
b.
महात्मा गांधी
c.
लॉसकी
d.
अरस्तु
2. स्वतंत्रता तथा समानता परस्पर विरोधी है। इस विचारधारा के समर्थक
कौन थे?
a.
लॉसकी
b. क्रोचे
c.
पोलार्ड
d.
रूसो
3. स्वतंत्रता एवं समानता एक दूसरे के पूरक हैं। इस विचारधारा के समर्थक
कौन थे?
a.
डी टॉकविले
b.
लॉर्ड एक्टन
c.
क्रोचे
d. लॉस्की
4. स्वतंत्रता के सकारात्मक पहलू का विचारक कौन था?
a.
हॉब्स
b.
सीले
c.
कोल
d. मैकेंजी
5. आर्थिक समानता के बिना राजनीतिक स्वतंत्रता एक भ्रम है। यह कथन किसका
है?
a.
लॉसकी
b. जी. डी. एच. कोल
c.
रूसो
d.
क्रोचे
6. लिबर्टी (स्वतन्त्रता) की व्युत्पति लिबर शब्द से हुई है यह शब्द
किस भाषा की है?
a. लैटिन
b.
हिब्रू
c.
फ्रांसीसी
d.
संस्कृत
7. स्वतंत्रता अति शासन की विरोधी है। यह कथन किसका है?
a.
कोल
b. सीले
c.
लॉसकी
d.
ग्रीन
8. नेल्सन मंडेला किस देश के थे?
a. दक्षिण अफ्रीका
b.
अमेरिका
c.
जापान
d.
भारत
9. "लोंग वॉक टू फ्रीडम " किसकी आत्मकथा है?
a. नेल्सन मंडेला
b.
बराक ओबामा
c.
बिल क्लिंटन
d.
जो बिडेन
10. नेल्सन मंडेला कितने वर्षों तक जेल में रहे थे?
a.
8
b.
18
c. 28
d.
38
11. आंग सान सू की किस देश की रहने वाली है?
a.
जापान
b.
केन्या
c. म्यामार
d.
दक्षिण कोरिया
12. "फ्रीडम फ्रॉम फीयर" किसकी पुस्तक है?
a.
नेल्सन मंडेला
b. आंग सान सू की
c.
बराक
d.
ओबामा डोनाल्ड ट्रंप
13. "ऑन लिबर्टीज " किसकी पुस्तक है?
a. जेएस मिल
b.
नेल्सन मंडेला
c.
आंग सान सू की
d.
महात्मा गांधी
14. "तुम जो कहते हो मैं उसका समर्थन नहीं करता, लेकिन मैं मरते
दम तक तुम्हारे कहने के अधिकार का बचाव करूंगा "यह कथन किसका है?
a.
रूसो
b. वॉलेटयर
c.
जे.एस. मिल
d.
नेल्सन मंडेला
15. हिंद स्वराज नामक पुस्तक किसने लिखी है?
a. महात्मा गांधी
b.
बाल गंगाधर तिलक
c.
डॉ राजेंद्र प्रसाद
d.
पंडित जवाहरलाल नेहरु
16. "स्वराज मेरा जन्म सिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूंगा।"
यह कथन किसका है?
a.
पंडित जवाहरलाल नेहरु
b. बाल गंगाधर तिलक
c.
सुभाष चंद्र बोस
d.
महात्मा गांधी
17. विधवाओं के जीवन को लेकर काशी में कौन फिल्म बनाना चाहती थी?
a. दीपा मेहता
b.
देवदास
c.
कंगना रनौत
d.
शबाना आजमी
18. महात्मा गांधी ने हिंद स्वराज नामक पुस्तक कब लिखी है?
a. 1909
b.
1911
c.
1913
d.
1917
19. प्रतिबंधित फिल्म रामायण रिटोल्ड के निर्माता कौन हैं?
a.
सलमान रुश्दी
b. ओने मेनन
c.
दीपा मेहता
d.
रामानंद सागर
20. प्रतिबंधित फिल्म द सेटानिक वर्सेस किसके द्वारा निर्मित है?
a. सलमान रुश्दी
b.
ओब्रे मेनन
c.
रामानंद सागर
d.
दीपा मेहता
21. किसने कहा कि मनुष्य जन्म से स्वतंत्र है किंतु हर जगह बेड़ियों
में जकड़ा हुआ है?
a.
हॉब्स
b.
लॉक
c. रूसो
d.
वाल्टेयर
22. मुक्त बाजार और राज्य की न्यूनतम भूमिका का पक्ष किसने लिया है?
a.
समाजवाद
b. उदारवाद
c.
गांधीवाद
d.
लेनिनवाद
23. नेल्सन मंडेला कौन सा खेल पसंद करते थे?
a. बॉक्सिंग
b.
हॉकी
c.
क्रिकेट
d.
फुटबॉल
24. मत देने का संबंध किस स्वतंत्रता से है?
a.
सामाजिक स्वतंत्रता
b.
आर्थिक स्वतंत्रता
c. राजनीतिक स्वतंत्रता
d.
प्राकृतिक स्वतंत्रता
25. निम्न में से किसने दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद का आजीवन विरोध किया?
a.
महात्मा गांधी
b.
आंग सान सु की
c.
वाल्टेयर
d. नेल्सन मंडेला
26. प्राकृतिक स्वतंत्रता का समर्थक कौन था?
a.
मैकाइबर
b.
लॉक
c. रूसो
d.
इनमें से कोई नहीं
27. जहां कानून है वहां स्वतंत्रता नहीं है। यह किसने कहा था?
a. लॉक
b.
हॉब्स
c.
मैकाईवर
d.
ग्रीन
28. "हानि का सिद्धांत" को किसने दिया है?
a.
रूसो
b.
लॉक
c. जे एस मिल
d.
हॉब्स
29. कौन सी सरकार व्यक्ति के स्वतंत्रता पर कम से कम प्रतिबंध लगाती
है?
a. लोकतांत्रिक सरकार
b.
साम्यवादी सरकार
c.
फासीवादी सरकार
d.
उपनिवेशवादी सरकार
30. "तुम जो कहते हो मैं उसका समर्थन नहीं करता। लेकिन मैं मरते
दम तक तुम्हारे कहने के अधिकार का बचाव करूँगा।" यह कथन किसका है?
a.
रूसो
b. वाल्टेयर
c.
सुकरात
d.
हेगल
अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
1. स्वतंत्रता का अर्थ क्या है?
उत्तर-
अनुचित बंधनों के स्थान पर उचित बंधनों की व्यवस्था ही स्वतंत्रता का अर्थ है।
2. बार्कर के अनुसार स्वतंत्रता की परिभाषा लिखिए।
उत्तर- स्वतंत्रता प्रतिबंधों का अभाव नहीं वरन् वह ऐसे नियंत्रणों
का भाव है जो मनुष्य के विकास में बाधक हो।
3. हिंद स्वराज नामक पुस्तक किसने लिखी है?
उत्तर- महात्मा गांधी।
4. ऑन लिबर्टी नामक ग्रंथ किसने लिखा है?
उत्तर- जे एस मिल।
5. प्राकृतिक स्वतंत्रता के समर्थक कौन थे?
उत्तर- रूसो।
6. फ्रीडम फ्रॉम फीयर किसकी पुस्तक है?
उत्तर- आंग सान सू की।
7. आंग सान सुकी किस देश की नेता है?
उत्तर- म्यांमार।
8. नेल्सन मंडेला की आत्मकथा का क्या नाम है?
उत्तर- लांग वॉक टू फ्रीडम ।
9. नेल्सन मंडेला किस देश के राष्ट्रपति बने
थे?
उत्तर- दक्षिण अफ्रीका।
10. लिबर्टी शब्द की उत्पत्ति किस भाषा से
हुई है?
उत्तर- लैटिन भाषा।
लघु उत्तरीय प्रश्न
1. जे०एस० मिल ने 'स्वसम्बद्ध और परसम्बद्ध
कार्यों में क्या अन्तर बताया है?
उत्तर- जे०एस० मिल ने 'स्वसम्बद्ध और परसम्बद्ध कार्यों में
अन्तर बताया है। स्वसम्बद्ध वे कार्य हैं, जिनके प्रभाव केवल इन कार्यों को करने वाले
व्यक्ति पर पड़ते हैं जबकि परसम्बद्ध वे कार्य हैं जो कर्ता के अलावा शेष लोगों पर
भी प्रभाव डालते हैं। मिल का तर्क है कि स्वसम्बद्ध कार्य और निर्णयों के मामले में
राज्य या किसी बाहरी सत्ता को कोई हस्तक्षेप करने की जरूरत नहीं है। सरल शब्दों में
कहें तो स्वसम्बद्ध कार्य वे हैं जिनके बारे में कहा जा सके कि ये मेरा कार्य है, में
इसे वैसे करूंगा, जैसा मेरा मन होगा। परसम्बद्ध कार्य वे हैं जिनके बारे में कहा जा
सके कि अगर तुम्हारी गतिविधियों से मुझे कुछ नुकसान होता है तो किसी-न- किसी बाहरी
सत्ता को चाहिए कि मुझे इन नुकसानों से बचाए।"
2. उदारवाद क्या है?
उत्तर- एक राजनीतिक विचारधारा के रूप में उदारवाद को सहनशीलता
के मूल्य के साथ जोड़कर देखा जाता है। उदारवादी चाहे किसी व्यक्ति से असहमत हों, तब
भी वे उसके विचार और विश्वास रखने और व्यक्त करने के अधिकार का पक्ष लेते हैं। लेकिन
उदारवाद इतना भर नहीं है और न ही उदारवाद एकमात्र आधुनिक विचारधारा है जो सहिष्णुता
का समर्थन करती है। आधुनिक उदारवाद की विशेषता यह है कि इसमें केन्द्र बिन्दु व्यक्ति
है।
3. आर्थिक स्वतन्त्रता पर टिप्पणी लिखिए।
उत्तर- प्रोफेसर जी. डी. एच. कोल के अनुसार आर्थिक स्वतंत्रता के
बिना राजनीतिक स्वतंत्रता भ्रम है। आर्थिक स्वतन्त्रता से आशय आर्थिक स्रक्षा सम्बन्धी
उस स्थिति से है जिसमें प्रत्येक व्यक्ति अपनी अनिवार्य आवश्यकताओं की पूर्ति करते
हुए अपना जीवन यापन कर सके लॉस्की के शब्दों में, आर्थिक स्वतन्त्रता का यह अभिप्राय
है कि प्रत्येक व्यक्ति को अपनी जीविका अर्जित करने की समुचित सुरक्षा तथा सुविधा प्राप्त
हो।"
जिस राज्य में भूख, गरीबी, दीनता, नग्नता तथा आर्थिक अन्याय
होगा वहाँ व्यक्ति कभी भी स्वतन्त्र नहीं होगा। व्यक्ति को पेट की भूख, अपने बच्चों
की भूख तथा भविष्य में दिखाई देने वाली आवश्यकताएँ प्रत्येक पल दुःखी करती रहेंगी।
व्यक्ति कभी भी स्वयं को स्वतन्त्र अनुभव नहीं करेगा तथा न ही वह नागरिक एवं राजनीतिक
स्वतन्त्रता का भली-भाँति उपभोग कर सकेगा। अतः राजनीतिक एवं नागरिक स्वतन्त्रता को
हासिल करने के लिए आर्थिक स्वतन्त्रता का होना परमावश्यक है। लेनिन ने उचित ही कहा
है कि आर्थिक स्वतन्त्रता के अभाव में राजनीतिक अथवा नागरिक स्वतन्त्रता अर्थहीन है।
4. स्वराज से आप क्या समझते हैं?
उत्तर- भारतीय राजनीतिक विचारों में स्वतंत्रता की समानार्थी
अवधारणा स्वराज है। स्वराज का अर्थ स्व का शासन और स्व के ऊपर शासन भी हो सकता है।
भारत के स्वाधीनता संघर्ष के संदर्भ में स्वराज राजनीतिक और संवैधानिक स्तर पर स्वतंत्रता
की मांग है और सामाजिक स्तर पर यह एक मूल्य है इसलिए स्वराज स्वतंत्रता आंदोलन में
एक महत्वपूर्ण नारा बन गया जिसे तिलक के प्रसिद्ध कथन 'स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार
है और मैं इसे लेकर रहूंगा' को प्रेरित किया।
महात्मा गांधी ने 1909 ई. में हिंद स्वराज नामक पुस्तक भी
लिखा है।
5. प्राकृतिक स्वतंत्रता क्या है?
उत्तर- प्राकृतिक स्वतंत्रता से तात्पर्य मनुष्य के स्वतंत्र जन्म
लेनें से है। सभ्यता की प्रगति के साथ मनुष्य ने स्वयं राज्य या समाज का गठन किया और
अपने स्वतंत्रता का बलिदान दिया। अपने स्वतंत्र अवस्था या प्राकृतिक स्वतंत्रता में
मनुष्य बहुत संतुष्ट था परंतु राज्य उसे सभी जगह जंजीरों से बांध देता है।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
1. स्वतंत्रता की सकारात्मक एवं नकारात्मक
अवधारणा में क्या अंतर है?
उत्तर- स्वतंत्रता के सकारात्मक एवं नकारात्मक अवधारणा में
निम्नलिखित अंतर हैं:
सकारात्मक अवधारणा
जॉन लास्की और मैकाइबर स्वतंत्रता के सकारात्मक सिद्धांत
के प्रमुख समर्थक रहे हैं उनका मानना है कि स्वतंत्रता केवल बंधनों का अभाव है। मनुष्य
समाज में रहता है और समाज का हित ही उसका हित है समाज के हित के लिए सामाजिक नियमों
तथा आचरणों द्वारा नियंत्रित रहकर व्यक्तित्व के पूर्ण विकास के लिए अवसर की प्राप्ति
स्वतंत्रता है।
स्वतंत्रता की विशेषताएं हैं :
a. स्वतंत्रता का अर्थ प्रतिबंधों का अभाव नहीं है। सामाजिक
हित के लिए व्यक्ति की स्वतंत्रता पर प्रतिबंध लगाया जा सकता हैं।
b. स्वतंत्रता और राज्य के कानून परस्पर विरोधी नहीं है।
कानून स्वतंत्रता को समाप्त नहीं करते बल्कि स्वतंत्रता की रक्षा करते हैं।
c. स्वतंत्रता का अर्थ उन सामाजिक परिस्थितियों का विद्यमान
होना है जो व्यक्ति के व्यक्तित्व के विकास में सहायक हो।
नकारात्मक अवधारणा :
नकारात्मक स्वतंत्रता को प्राचीन विद्वान ज्यादा महत्व देते
हैं क्योंकि उनका मानना था कि स्वतंत्रता से अभिप्राय है मनुष्यों पर किसी भी प्रकार
के बंधनों का अभाव या मनुष्य पूर्ण रूप से स्वतंत्र हो तथा उसकी कार्यों पर किसी भी
प्रकार का प्रतिबंध नहीं होना चाहिए। मनुष्य को अपनी इच्छा के अनुसार अनुसार कार्य
करने की स्वतंत्रता होनी चाहिए। वह जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में जैसे राजनीतिक, सामाजिक,
आर्थिक तथा धार्मिक रूप में स्वतंत्र होना चाहिए व्यक्ति को अपने विवेक के अनुसार जो
कुछ करना चाहता है उसे करने देना चाहिए राज्य के द्वारा उस पर किसी भी प्रकार के प्रतिबंध
नहीं लगाया जाना चाहिए।
जॉन लॉक, एडम स्मिथ और जे एस मिल इत्यादि विचारक स्वतंत्रता
के नकारात्मक पक्षधर थे
a. स्वतंत्रता का अर्थ प्रतिबंधों का अभाव है।
b. व्यक्ति पर राय द्वारा कोई नियंत्रण नहीं होना चाहिए ।
c. वह सरकार सर्वोत्तम है जो कम से कम शासन करे ।
d. संपत्ति और जीवन की स्वतंत्रता असीमित होती है।
2. नागरिकों के स्वतंत्रता को बनाए रखने में
राज्य की क्या भूमिका है?
उत्तर- नागरिकों की स्वतंत्रता को बनाए रखने में राज्य की
भूमिकाः
राज्य के संबंध में कई विचारकों का मानना है कि राज्य लोगों
की स्वतंत्रता के बाधक हैं इसलिए उनकी राय में राज्य के समान कोई संस्था नहीं होनी
चाहिए। व्यक्तिवादियों का मानना है कि राज्य एक आवश्यक बुराई है इसलिए वह एक पुलिस
राज्य चाहते हैं, जो मानव की स्वतंत्रता की रक्षा बाहरी आक्रमण और भीतरी खतरों से कर
सके। इसलिए आधुनिक स्थिति में स्वतंत्रता की अवधारणा और स्वतंत्रता के आवश्यक तत्व
बदल गए हैं। आज इस बात को भी स्वीकार किया जाता है कि प्रतिरोध और उचित बंधन आवश्यक
है यह स्वतंत्रता की सुरक्षा के लिए जरूरी है जिससे औचित्यपूर्ण प्रतिबंध कहा जाता
है।
3. अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का क्या अर्थ
है?
उत्तर- अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अर्थ है देश के प्रत्येक
नागरिक को भाषण देने अपने विचारों को अभिव्यक्त करने की स्वतंत्रता
से है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 19 (क) के तहत भाषण एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता
प्रदान की गई है।
अनुच्छेद 19 के तहत प्रत्येक नागरिक को भाषण एवं अभिव्यक्ति
की स्वतंत्रता देती है इसमें प्रेस की स्वतंत्रता का विशेष रूप से उल्लेख नहीं है परंतु
न्यायलीय निर्णय में यह कहा गया है कि यह अधिकार भाषण एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता
में निहित है प्रेस एवं मीडिया को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ माना गया।
अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के साथ-साथ स्वच्छंदता पर समुचित
प्रतिबंध जरूरी है अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर उचित प्रतिबंधों को कई बार देखा गया
है जैसे फिल्मों नाटकों लेखों आदि पर प्रतिबंध लगाने के लिए मांगों को उठाया गया है।
अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर समुचित प्रतिबंध भी गया है क्योंकि यह समाज को सुचारू
रूप से चलने के लिए आवश्यक है जैसे न्यायालय का अपमान, गलत शब्दों का प्रयोग इत्यादि।
इस तरह के प्रतिबंध को औचित्यपूर्ण प्रतिबंध कहा गया है।
अध्याय सं. | अध्याय का नाम |
भारत का संविधान : सिद्धांत और व्यवहार | |
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राजनीतिक सिद्धांत | |
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