Class 11 Sanskrit 6. सन्ततिप्रबोधनम् प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book) Class - 11 संस्कृत (Sanskrit) 6. सन्ततिप्रबोधनम् स्मरणीयः तथ्यः प्रस्तुत पाठ महर्षि अरविन्द द्वारा संस्कृत में प्रणीत खण्डकाव्य
'भवानी भारती' से संकलित किया गया है। जीवन के प्रारम्भिक चरण में अरविन्द घोष महान
क्रान्तिकारी तथा राष्ट्रभक्त के रूप में उभरे। वह सशस्त्र क्रान्ति के समर्थक थे।
ब्रिटिश सरकार ने उन्हें अलीपु बम केस का अपराधी मानकर 1906 ई. में अलीपुर कारागार
में बन्दी बना दिया। कारावास की इसी अवधि में एक रात स्वप्न में बन्दिनी भारतमाता
का दर्शन कर भावाविष्ट मनोदशा में कवि ने इस ओजस्वी तथा राष्ट्रीय भावना से ओत-प्रोत
शतककाव्य का प्रणयन किया। इस रचना में महाकवि अरविन्द ने भारतमाता को महाकाली, महालक्ष्मी
एवं महासरस्वती के रूप में निरूपित किया है। जीवन के उत्तरार्ध में महर्षि अरविन्द
वेदों के व्याख्याता, महायोगी, महाकवि, परमराष्ट्रभक्त एवं महादार्शनिक के रूप में
विश्वमञ्च पर प्रतिष्ठित हुए। प्रस्तुत पाठ में भारतजननी परतन्त्रता एवं अज्ञानरूपी अन्धकार
के बन्धनों में जकड़ी, अवमानना ग्रस्त अपनी सन्ततियों को उनके स्वर्णिम…