Class 11 Sanskrit 8. कन्थामाणिक्यम् प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book) Class - 11 संस्कृत (Sanskrit) 8.
कन्थामाणिक्यम् स्मरणीयः तथ्यः यह पाठ प्रतिष्ठित संस्कृत साहित्यकार अभिराज राजेन्द्रमिश्र
के एकांकी-संग्रह रूपरुद्रीयम् से संकलित है। 'कन्थामाणिक्यम्' का अर्थ है- गुदड़ी का लाल ! उच्चन्यायालय के जाने-माने अधिवक्ता भवानीदत्त को गरीबों
की बस्ती से स्वभावतः चिढ़ है। वह नहीं चाहते कि उनका पुत्र सिन्धु गन्दी बस्ती की
ओर जाये, परन्तु संयोगवश सिन्धु का मित्र सोमधर उसी बस्ती में रहता है। एक दिन विद्यालय वाहन दुर्घटना में सिन्धु के आहत होने पर
वही सोमधर सिन्धु को रिक्शे पर बैठाकर घर लाता है। इधर सिन्धु के घर सब चिन्तित हैं
कि बच्चा अभी तक घर क्यों नहीं लौटा? विद्यालय में और कई जगह दूरभाष पर सम्पर्क किया
जाता है। भवानीदत्त स्वयं पता लगाने जाना ही चाहते हैं कि एक रिक्शा घर के प्रांगण
में आता है जिस पर सोमधर सिन्धु को गोद में सम्भाले बैठा दीखता है। सोमधर के इस सद्व्यवहार से भवानीदत्त की आँखें खुल जाती हैं।
वह उसे गुदड़ी का लाल मान लेते हैं और उसकी शिक्षा का सारा भार अपने ऊपर ले लेते हैं।
अब उन्हें गरीबो…