11th 4. निर्धनता Indian Economy JCERT/JAC Reference Book
11th 4. निर्धनता Indian Economy JCERT/JAC Reference Book
प्रस्तावना आजादी के सात दशक के बाद भी निर्धनता देश के लिए एक चुनौती
बनी हुई है। निर्धनता निवारण हमारी सभी पंचवर्षीय योजना में प्रमुख लक्ष्य रहा है।
परंतु इन प्रयासों के बावजूद हम इस समस्या से उबर नहीं पाएं हैं। विश्व की कुल निर्धन
आबादी का पांचवा हिस्सा भारत में निवास करता है। देश में 30 करोड़ से अधिक लोग निर्धन
हैं। निर्धनता क्या है? यद्यपि निर्धनता को परिभाषित करना एक कठिन कार्य है। इसके
अनेक आयाम हैं। अनेक सूचक है। लेकिन मोटे तौर पर यह कहा जा सकता है कि निर्धनता का
तात्पर्य उस अवस्था से है। 1. जब समाज का एक वर्ग अपने जीवन स्वास्थ्य तथा न्यूनतम बुनियादी
आवश्यकताओं को पूरा करने में असमर्थ है। 2. अर्थशास्त्री निर्धनों की पहचान उनके व्यवसाय तथा संपत्ति
के स्वामित्व के आधार पर करते हैं। 3. ग्रामीण निर्धन प्राय भूमिहीन कृषि श्रमिक होते हैं या
फिर बहुत ही छोटे किसान होते हैं। 4. निर्धन लोगों के पास परिसंपत्ति बहुत कम होती है। 5. कितने ही परिवारों को दो बार भोजन नहीं मिल पाता। 6. शहरी क्षेत्रों में अधिकांश निर्धन वही है जो गांव से
वैकल्पिक रोजगार की तलाश में शहर चले आये हैं। 7. रेहड़ी वाले, फेरीवाले…