झारखण्ड शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद्, राँची
PROJECT RAIL (05.08.2025) GENERAL SCHOOL
कक्षा – 11 विषय - History
समय-1 घण्टा
पूर्णांक -20
सामान्य निर्देश :
1. इस प्रश्न-पत्र में कुल 12 प्रश्न हैं। सभी प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य हैं।
2. प्रश्न के प्रकार एवं अंक :
प्रश्न 1 से 6 - वस्तुनिष्ठ प्रश्न 6x1=6
प्रश्न 7 से 10 - लघु उत्तरीय प्रश्न 4x2 = 8
प्रश्न 11 एवं 12 - दीर्घ उत्तरीय प्रश्न 2x3=6
3. प्रश्न संख्या 1 से 6 बहुविकल्पीय प्रकार के हैं। 6 बहुविकल्पीय प्रश्नों में से 2 प्रश्न योग्यता आधारित प्रश्न हैं। प्रत्येक प्रश्न 1 अंक का है। बहुविकल्पीय प्रकार के प्रश्न 1 से 6 के लिए चार विकल्प दिए गए है, सही विकल्प (a, b, c, d) का चयन कर उत्तर पुस्तिका में लिखना हैं।
4. परीक्षा की समाप्ति से पहले किसी भी परीक्षार्थी को परीक्षा कक्ष से बाहर जाने की अनुमति नहीं होगी।
SECTION - A (6x1=6) (वस्तुनिष्ठ प्रश्न)
1. मेसोपोटामिया शब्द किस भाषा का है?
a) यूनानी
b) लैटिन
c) फ्रेंच
d) जर्मन
2. असुरबनीपाल कहाँ के शासक थे?
a) सुमेर
b) बेबीलोन
c) असीरिया
d) रोम
3. शहरी जीवन की शुरुआत कहाँ हुआ था?
a) मिस्र में
b) यूनान में
c) भारत में
d) मेसोपोटामिया में
4. रोम किस नदी के किनारे बसा हुआ है?
a) टाईवर नदी
b) नील नदी
c) राइन नदी
d) गंगा नदी
5. कुस्तुनतुनिया नगर की स्थापना किसने की थी?
a) जूलियस सीजर ने
b) आगस्टस ने
c) कांस्टेनटाइन ने
d) टिवेरियस ने
6. रोम और .के लोग आपस में प्रतिद्वंदी थे।
a) इराक
b) ईरान
c) इंग्लैंड
d) मिस्र
SECTION - B (2X4=8) VERY SHORT ANSWER QUESTION
7. मेसोपोटामिया सभ्यता क्यों प्रसिद्ध है?
उत्तर - मेसोपोटामिया की सभ्यता अपनी संपन्नता, शहरी जीवन,
समृद्ध साहित्य, गणित और खगोल विद्या के लिए प्रसिद्ध है।
8. लेखन कला का क्या महत्व है?
उत्तर - लेखन कला के विकास के परिणाम स्वरुप दस्तावेजों को
सुरक्षित रखना संभव हुआ । लेखन कला से लेन-देन का हिसाब रखने में काफी सुविधा हुई।
लेखन कला के विकास के परिणाम स्वरुप ज्ञान का प्रसार करने में सुविधा हुई ।
मेसोपोटामिया में गणित और खगोल शास्त्र का अन्य क्षेत्र की अपेक्षा पहले विकास हुआ
।
9. रोम के इतिहास की स्रोत सामग्री क्या है?
उत्तर - रोम के इतिहास के स्रोत सामग्री निम्नलिखित हैं-
क) पाठ्य सामग्री - इसमें तत्कालीन इतिहासकारों द्वारा लिखा गे उस काल का
इतिहास पात्र व्याख्यान, प्रवचन, कानून आदि शामिल है।
ख) प्रलेख या दस्तावेज-
इसमें मुख्य रूप से उत्कीर्ण अभिलेख, पैपाइरस पात्र पर लिखी गई पांडुलिपियाँ आदि
आती है।
ग) सामग्री विशेष- इसमें पुरातत्वविदों के द्वारा खोजी गई चीजें शामिल है।
जैसे-इमारतें, स्मारक, मिट्टी के बर्तन, सिक्के आदि ।
10. रोमन सम्राट आगस्टस द्वारा स्थापित राज्य
प्रिंसीपेट का वर्णन कीजिए।
उत्तर - प्रथम रोमन सम्राट आगस्टस ने 27 ई० पू० में
प्रिंसीपेट राज्य की स्थापना किया था । आगस्टस अपने राज्य का एक छत्र शासक था तथा
राज्य की सम्पूर्ण सत्ता उसके हाथ में केन्द्रित थी। उसने यह दर्शाने का प्रयास
किया कि वह केवल प्रमुख नागरिक (प्रिन्सेप्स) था। वे निरंकुश शासक नहीं था। ऐसा
उसने सीनेट का सम्मान प्रदान करने के लिए किया। उसने सीनेट को प्रभावहीन बनाने का
प्रयास किया ।
SECTION - C (3X2=6) SHORT ANSWER QUESTION
11. मेसोपोटामिया की सभ्यता, विश्व की सभ्यता
की देन है। स्पष्ट करें ।
उत्तर - मेसोपोटामिया की सभ्यता ने विश्व को बहुत कुछ दिया
है जो इस प्रकार है-
i) कुम्हार के पहिया का प्रयोग संभवतः मेसोपोटामिया वालों
ने ही संसार को सिखाया ।
ii) उन्होंने संसार को सबसे पहले लिखित कानून संहिता प्रदान
की।
iii) उन्होंने भवन निर्माण के क्षेत्र में सबसे पहले
मेहराब, गुम्बज और स्तंभों का प्रयोग किया ।
iv) उन्होंने सबसे पहले लिखित व्यापारिक समझौते किये और
सबसे पहले ऋण सम्बन्धी नियम बनाया ।
v) लेखन पद्धति का विकास संभवतः मेसोपोटामिया के लोगों ने
सबसे पहले किया । कलाकार लिपि का प्रयोग किया था ।
vi) उन्होंने सबसे पहले पुस्तकालय तथा विद्यालय खोले। गीत,
कविता, कहानियां तथ महाकाव्य की रचना की गई। गिल्गेमिश जैसे महाकाव्य की रचना ने
साहित्य को समृद्ध बनाया ।
vii) संभवतः रेखा गणित और बीजगणित का सर्वप्रथम विस्तार उन्होंने
ही किया। उन्होंने सर्वप्रथम 1 घंटे को 60 मिनट और 1 मिनट को 60 सेकेण्डों में बांटा।
एक वृत्त को 360 डिग्री में बांटने वाले भी पहले लोग वही थे।
viii) मेसोपोटामिया वाले सूर्य और चंद्रग्रहण के विषय में भविष्वाणी
करते थे। उन्हें चन्द्रमा के कृष्ण और शुक्ल पक्ष का भी ज्ञान था।
उपरोक्त तमाम बिन्दुओं के अध्ययन से यह बोल्कुल साफ़ हो जाती
है कि मेसोपोटामिया की सभ्यता ने संसार को अमूल्य भेंट दिया हैं।
12. रोम साम्राज्य के पतन के कौन-कौन से कारण
थे?
उत्तर - आगस्टस सीजर द्वारा स्थापित किया गया रोमन
साम्राज्य साढ़े चार शताब्दी तक पनपता रहा। परन्तु अनेक दोष आ जाने के कारण अंत
में इसका पतन हो गया। इस साम्राज्य के पतन के मुख्य कारण निम्नलिखित थे-
i) कमजोर और अयोग्य शासक-
रोमन साम्राज्य के बाद के शासक अयोग्य एवं कमजोर थे। यह लोग शासन - प्रशासन तथ प्रजा की भलाई के कार्य छोड़कर ऐशो आराम
में डूबे रहते थे, जिसके परिणाम स्वरुप रोमन साम्राज्य का पतन हुआ ।
ii) धन और ऐश्वर्य - आपार धन दौलत ने शासकों को विलाशी एवं अय्याशी बना दिया
था। अपने देश को बचाने की क्षमता नहीं बची थी।
iii) साम्राज्य की विशालता- तीन
महादेशों में फैला रोमन साम्राज्य काफी विशाल था। अयोग्य एवं कमजोर शासकों द्वारा
इस विशाल साम्राज्य को बचाया न जा सका ।
iv) दास प्रथा- दास प्रथा ने लोगों को आलसी और निकम्मा बना दिया था। शासकों को अपने बचने की
शक्ति नहीं थी। दास प्रथा के कारण आर्थिक स्थिति भी कमजोर हो गई थी।
v) सेना का कमजोर होना-
विशाल साम्राज्य में विशाल सेना की आवश्यकता थी परन्तु रोमन निवासी ऐशो आराम में
डूब गए और स्वयं सेना में भर्ती न होकर विदेशी सैनिकों पर निर्भर रहने लगे। जिससे
वह बाह्य आक्रमण का सामना नहीं कर सके ।
vi) राजधानी परिवर्तन- कांस्टेनटाइन ने अपनी राजधानी दूसरे जगह ले गया जहाँ से पूरे
साम्राज्य पर नियंत्रण रखना मुश्किल था । बर्बर जातियों के आक्रमण से साम्राज्य खंडित
हो गया ।
vii) बर्बर जातियों का आक्रमण- अंत में बर्बर जातियों के आक्रमण नै रोमन साम्राज्य को धराशायी
कर दिया ।
उपरोक्त तमाम कारणों ने मिलकर रोमन साम्राज्य के पतन में महत्वपूर्ण
भूमिका निभाई ।