8. सूचकांक INDEX NUMBER
बहुविकल्पीय प्रश्नोत्तरी
1. आधार वर्ष में सूचकांक का मूल्य
क्या होता है?
(a) 1
(b) 0
(c) 100
(d) इनमें से कोई नहीं
2. सूचकांक के सूत्र में P0
बताता है
(a) आधार वर्ष की कीमत
(b) चालू वर्ष की कीमत
(c) आधार वर्ष तथा चालू वर्ष की कीमत
(d) उपर्युक्त में से सभी
3. सूचकांक के सूत्र में q0
बताता है
(a) आधार वर्ष की मात्रा
(b) चालू वर्ष की मात्रा
(c) आधार वर्ष तथा चालू वर्ष की मात्रा
(d) उपर्युक्त में से सभी
4. सूचकांक है
(a) तुलना का आधार
(b) प्रतिशतों का औसत
(c) संख्या द्वारा प्रदर्शित मान
(d) उपर्युक्त सभी
5. सूचकांक को प्रदर्शित करते हैं
(a) B01
(b) C01
(c) P10
(d) P01
6. आधार वर्ष चुनने की समस्या
किसकी है ?
(a) सूचकांक
(b) माध्य
(c) माध्य विचलन
(d प्रमाप विचलन
7. सूचकांक की रचना करते समय आधार
वर्ष का चयन किसआधार पर किया जाता है?
(a) वर्ष में उत्पादन वृद्धि दर अधिक हो
(b) वर्ष में औद्योगिक उत्पादन वृद्धि अधिक हो
(c) वर्ष सामान्य वर्ष हो
(d वर्ष में राजनीतिक अस्थिरता रही हो
8. मदों के सापेक्षिक महत्व को
बताने वाले सूचकांक को क्या कहते हैं
(a) भारित सूचकांक
(b) सरल समूहित सूचकांक
(c) सरल मूल्यानुपातों का औसत
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं
9. सामान्यतः भारित सूचकांकों में
भार का सम्बन्ध
(a) आधार वर्ष से होता है
(b) वर्तमान वर्ष होता है
(c) आधार एवं वर्तमान वर्ष दोनों से होता है
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं
10. ऐसी वस्तु जिसका सूचकांक में
कम भार होता है, उसकी कीमत में परिवर्तन से सूचकांक में कैसा परिवर्तन होगा ?
(a) कम
(b) अनिश्चित
(c) अधिक
(d) इनमें से कोई नहीं
11. सैद्धांतिक रूप से सूचकांक के
निर्माण के लिए सबसे अच्छा माध्यम है
(a) गुणोत्तर माध्य
(b) हरात्मक माध्य
(c) अंकगणितीय माध्य
(d) उपर्युक्त सभी
12. सूचकांक के प्रकार है
(a) उपभोक्ता कीमत सूचकांक
(b) थोक कीमत सूचकांक
(c) औद्योगिक उत्पादन सूचकांक
(d) उपर्युक्त में से सभी
13. उपभोक्ता कीमत सूचकांक किस
कीमत में परिवर्तन को मापता है?
(a) खुदरा कीमत
(b) उत्पादकों की कीमत
(c) थोक कीमत
(d) इनमें से कोई नहीं
14. औद्योगिक श्रमिकों के लिए
उपभोक्ता कीमत सूचकांक में किस मद के लिए सर्वाधिक भार होता है?
(a) खाद्य-पदार्थ
(b) आवास
(c) कपड़े
(d) इनमें से कोई नहीं
15. सामान्यतः मुद्रा स्फीति के
गणना में किसका प्रयोग होता है?
(a) थोक कीमत सूचकांक
(b) उपभोक्ता कीमत सूचकांक
(c) उत्पादक कीमत सूचकांक
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं
16. लेस्पेयर ने किसे भार के रूप
में प्रयोग किया है?
(a) वर्तमान वर्ष की मात्रा
(b) आधार वर्ष की मात्रा
(c) वर्तमान वर्ष की कीमत
(d) आधार वर्ष की कीमत
17. पाशे ने किसे भार के रूप में
प्रयोग किया है?
(a) वर्तमान वर्ष की मात्रा
(b) आधार वर्ष की मात्रा
(c) वर्तमान वर्ष की कीमत
(d आधार वर्ष की कीमत
18. किसके सूत्र को सूचकांक का
आदर्श सूत्र माना जाता है ?
(a) पाशे
(b) लेस्पेयर
(c) फिशर
(d) उपरोक्त सभी
19. उपभोक्ता कीमत सूचकांक निर्माण
करने का सूत्र है
(a) `P_{01}=\frac{\Sigma P_1q_0}{\Sigma P_0q_0}\times100`
(b) `P_{01}=\frac{\Sigma P_1q_1}{\Sigma P_0q_1}\times100`
(c)P01=`\sqrt{\frac{\SigmaP_1q_0}{\SigmaP_0q_0}\times\frac{\SigmaP_1q_1}{\Sigma P_0q_1}}\times100`
(d) CPI `=\frac{\Sigma RW}{\Sigma W}`
20. पाशे का सूत्र है
(a) `P_{01}=\frac{\Sigma P_1q_0}{\Sigma P_0q_0}\times100`
(b) `P_{01}=\frac{\Sigma P_1q_1}{\Sigma P_0q_1}\times100`
(c)P01=`\sqrt{\frac{\SigmaP_1q_0}{\SigmaP_0q_0}\times\frac{\SigmaP_1q_1}{\Sigma P_0q_1}}\times100`
(d) CPI `=\frac{\Sigma RW}{\Sigma W}`
21. फिशर सूचकांक का सूत्र है
(a) `P_{01}=\frac{\Sigma P_1q_0}{\Sigma P_0q_0}\times100`
(b) `P_{01}=\frac{\Sigma P_1q_1}{\Sigma P_0q_1}\times100`
(c)P01=`\sqrt{\frac{\SigmaP_1q_0}{\SigmaP_0q_0}\times\frac{\SigmaP_1q_1}{\Sigma P_0q_1}}\times100`
(d) CPI `=\frac{\Sigma RW}{\Sigma W}`
22. सूचकांक .......... वायुमापक
यन्त्र होते हैं
(a) राजनैतिक
(b) सामाजिक
(c) आर्थिक
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं
23. लेस्पेयर का सूत्र है
(a) `P_{01}=\frac{\Sigma P_1q_0}{\Sigma P_0q_0}\times100`
(b) `P_{01}=\frac{\Sigma P_1q_1}{\Sigma P_0q_1}\times100`
(c)P01=`\sqrt{\frac{\SigmaP_1q_0}{\SigmaP_0q_0}\times\frac{\SigmaP_1q_1}{\Sigma P_0q_1}}\times100`
(d) CPI `=\frac{\Sigma RW}{\Sigma W}`
24. उपभोक्ता कीमत सूचकांक को किस
नाम से भी जाना जाता है ?
(a) जीवन निर्वाह लागत सूचकांक
(b) थोक कीमत सूचकांक
(c) औद्योगिक उत्पादन सूचकांक
(d) इनमें से कोई नहीं
25. भारित सूचकांक के आकलन में q0
प्रदर्शित करता है .......... वर्ष की मात्रा
(a) दस
(b) वर्तमान
(c) आधार
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं
26. सरकार को मजदूरी नीति बनाने में सहयोग करता
है
(a) आय सूचकांक
(b) थोक कीमत सूचकांक
(c) औद्योगिक सूचकांक
(d) जीवन निर्वाह सूचकांक
एनसीईआरटी प्रश्नों के हल
1. मदों के सापेक्षिक महत्व को बताने वाले
सूचकांक को
(a) भारित सूचकांक कहते हैं
(b) सरल समूहित सूचकांक कहते हैं
(c) सरल मूल्यानुपातों का औसत कहते हैं
2. अधिकांश भारित सूचकांकों में भार का संबंध,
(a) आधार वर्ष से होता है
(b) वर्तमान वर्ष से होता है
(c) आधार एवं वर्तमान वर्ष दोनों से होता है
3. ऐसी वस्तु जिसका सूचकांक में कम भार है, उसकी कीमत में
परिवर्तन से सूचकांक में कैसा परिवर्तन होगा
(a) कम
(b) अधिक
(c) अनिश्चित
4. कोई उपभोक्ता कीमत सूचकांक किस परिवर्तन को
मापता है
(a) खुदरा कीमत
(b) थोक कीमत
(c) उत्पादकों की कीमत
5. औद्योगिक श्रमिकों के लिए उपभोक्ता कीमत सूचकांक में किस
मद के लिए उच्चतम भार होता है
(a) खाद्य पदार्थ
(b) आवास
(c) कपड़े
6. सामान्यतः मुद्रा स्फीति के परिकलन में किसका प्रयोग
होता है
(a) थोक कीमत सूचकांक
(b) उपभोक्ता कीमत सूचकांक
(b) उत्पादक कीमत सूचकांक
प्रश्न 7. हमें सूचकांक की आवश्यकता क्यों होती है?
उत्तर : सूचकांक की आवश्यकता
सूचकांक की आवश्यकता अथवा महत्त्व को निम्न बिन्दुओं से स्पष्ट किया जा सकता
है।
(1) उपभोक्ता कीमत सूचकांक का महत्त्व- उपभोक्ता कीमत सूचकांक अथवा निर्वाह सूचकांक, मजदूरी
समझौता, आय नीति, कीमत नीति, किराया नियन्त्रण, कराधान तथा सामान्य आर्थिक नीतियों
के निर्माण में सहायक होते हैं। उपभोक्ता कीमत सूचकांकों की सहायता से समाज के
विभिन्न वर्गों के रहन-सहन के व्यय में होने वाले परिवर्तनों का पता चलता है।
(2) थोक कीमत सूचकांक का प्रयोग- थोक कीमत सूचकांक (PI) का प्रयोग समुच्चयों की कीमतों में
परिवर्तन जैसे कि राष्ट्रीय आय, पूँजी निर्माण आदि के परिवर्तनों के प्रभाव को
समाप्त करने के लिए किया जाता है। थोक कीमत सूचकांक (PI) का प्रयोग सामान्य रूप से
मुद्रा स्फीति दर को मापने के लिए किया जाता है।
(3) मुद्रा की क्रय शक्ति का मापन- मुद्रा की क्रय शक्ति में निरन्तर परिवर्तन होता रहता है
अर्थात् मुद्रा के मूल्य में कमी वृद्धि होती रहती है। मुद्रा का वास्तविक मूल्य
क्या है? इसकी जानकारी हमें सूचकांकों के द्वारा ही प्राप्त होती है।
(4) वास्तविक मजदूरी का मापन- मौद्रिक मजदूरी में समय-समय में परिवर्तन होता रहता है।
साथ ही कीमतों में भी परिवर्तन होता है। कीमतों में परिवर्तन क कारण वास्तविक
मजदूरी में क्या परिवर्तन होगा? इसका मापन सूचकांक के माध्यम से ही किया जा सकता
है।
(5) औद्योगिक उत्पादन सूचकांक का महत्त्व- औद्योगिक उत्पादन सूचकांक अनेक उद्योगों के औद्योगिक
उत्पादन के स्तर में परिवर्तन को मापता है। इसके अन्तर्गत सार्वजनिक तथा निजी
क्षेत्रक के उत्पादन शामिल होते हैं। औद्योगिक उत्पादन सूचकांक हमें औद्योगिक
क्षेत्र में उत्पादन में परिवर्तन के बारे में परिमाणात्मक अंक प्रदान करता है।
(6) मानव विकास सूचकांक का महत्व- इस सूचकांक का उपयोग एक देश के विकास के अध्ययन के लिए
किया जाता है।
(7) संवेदी सूचकांक का महत्त्व- संवेदी सूचकांक स्टॉक मार्केट में निवेशकों के लिए उपयोगी
मार्गदर्शक का काम करता है। यदि सूचकांक चढ़ता है तो निवेशक भावी अर्थव्यवस्था के
निष्पादन की दिशा में आशावादी होते हैं।
(8) तुलनात्मक अध्ययन में सहायक- सूचकांकों द्वारा तथ्यों में होने वाले सापेक्ष परिवर्तनों
का माप किया जाता है, निरपेक्ष परिवर्तनों का नहीं। इसके कारण समय व स्थान के आधार
पर घटनाओं की तुलना आसानी से की जा सकती है।
प्रश्न 8. आधार
अवधि के वांछित गुण क्या होते हैं?
उत्तर : आधार अवधि में निम्न वांछित गुण होने चाहिए।
1. आधार अवधि का चुनाव करते समय जहाँ तक संभव हो सके आधार अवधि
सामान्य वर्ष होनी चाहिए।
2. उस वर्ष का चुनाव नहीं करना चाहिए जिससे कोई प्राकृतिक आपदा,
युद्ध, आर्थिक संकट आदि हो।
3. आधार अवधि के लिए चरम मानों को नहीं चुना जाना चाहिए।
4. आधार अवधि अतीत से भी अधिक दूर नहीं होनी चाहिए।
5. किसी भी सूचकांक के आधार वर्ष को नियमित रूप से अध्ययन किया
जाना चाहिए तथा आवश्यक होने पर आधार वर्ष को परिवर्तित किया जाना चाहिए।
प्रश्न 9. भिन्न
उपभोक्ताओं के लिए भिन्न उपभोक्ता कीमत सूचकांकों की अनिवार्यता क्यों होती
उत्तर : भिन्न उपभोक्ताओं के लिए भिन्न उपभोक्ता कीमत सूचकांकों
की आवश्यकता होती है क्योंकि भिन्न भिन्न उपभोक्ता प्रायः भिन्न-भिन्न वस्तुओं का उपयोग
करते हैं अर्थात् विभिन्न उपभोक्ता समूहों के मद समान महत्त्व वाले नहीं होते हैं।
उदाहरण के लिए पेट्रोल की कीमतों में वृद्धि संभवतः एक निर्धन कृषि मजदूर को प्रत्यक्ष
रूप से प्रभावित नहीं करेगी जबकि एक बस के मालिक को यह प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करेगी।
अतः भिन्न-भिन्न उपभोक्ता कीमत सूचकांकों का प्रयोग किया जाता है।
प्रश्न 10. औद्योगिक
श्रमिकों के लिए उपभोक्ता कीमत सूचकांक क्या मापता है?
उत्तर : औद्योगिक श्रमिकों के लिए उपभोक्ता कीमत सूचकांक को सामान्य
मुद्रा स्फीति का उपयुक्त संकेतक माना जाता है, जो जन साधारण के जीवन निर्वाह पर कीमत
वृद्धि के सबसे उपयुक्त प्रभाव को दर्शाता है।
प्रश्न 11. कीमत सूचकांक तथा मात्रा सूचकांक में
क्या अन्तर है?
उत्तर : कीमत सूचकांक कुछ वस्तुओं की कीमतों का माप करता है जिससे उनकी
तुलना संभव हो पाती है जबकि मात्रा सूचकांक एक निश्चित समय में विभिन्न वस्तुओं की
भौतिक मात्राओं में होने वाले परिवर्तनों को ज्ञात करने के लिए बनाए जाते हैं, इनकी
रचना मात्राओं में वृद्धि या कमी को प्रदर्शित करने के लिए की जाती है।
प्रश्न 12. क्या
किसी भी तरह का कीमत परिवर्तन एक कीमत सूचकांक में प्रतिबिम्बित होता है?
उत्तर : किसी भी तरह का कीमत परिवर्तन एक कीमत सूचकांक में प्रतिबिम्बित
नहीं होता है। जैसे सरल समूहित कीमत सूचकांक वर्तमान अवधि तथा आधार अवधि में वस्तुओं
की कीमत को इंगित करता है। इस प्रकार के सूचकांकों का प्रयोग सीमित होता है क्योंकि
विभिन्न वस्तुओं के कीमतों के माप की इकाइयाँ समान नहीं होती हैं। यह अभारित सूचकांक है क्योंकि
इसमें मदों का सापेक्षिक महत्त्व उपयुक्त रूप से प्रतिबिम्बित नहीं होता है। अतः किसी
भी तरह का कीमत परिवर्तन एक कीमत सूचकांक में प्रतिबिम्बित नहीं होता है।
प्रश्न 13. क्या शहरी गैर शारीरिक कर्मचारियों
के लिए उपभोक्ता कीमत सूचकांक भारत के राष्ट्रपति के निर्वाह लागत में परिवर्तन का
प्रतिनिधित्व कर सकता है?
उत्तर : भारत में शहरी गैर शारीरिक कर्मचारियों के लिए उपभोक्ता कीमत
सूचकांक भारत के राष्ट्रपति के निर्वाह लागत में परिवर्तन का प्रतिनिधित्व नहीं कर
सकता क्योंकि राष्ट्रपति एक विशिष्ट व्यक्ति है।
प्रश्न 14. निम्नलिखित
सारणी को ध्यानपूर्वक पढ़िए एवं अपनी टिप्पणी कीजिए
उद्योग |
भार % में |
1996-1997 |
2003-2004 |
सामान्य |
100 |
130.8 |
189.0 |
सूचकांक |
10.73 |
118.2 |
146.9 |
खनन |
79.58 |
133.6 |
196.6 |
उत्खनन |
10.69 |
122.0 |
172.6 |
उत्तर : उपर्युक्त तालिका में विभिन्न उद्योगों का वर्ष 1996-97 तथा 2003-04 का औद्योगिक उत्पादन सूचकांक दर्शाया गया है। उपर्युक्त तालिका से स्पष्ट है कि विनिर्माण क्षेत्र की संवृद्धि दर सबसे अधिक है। वर्ष 1996-97 में इस क्षेत्र का औद्योगिक उत्पादन सूचकांक 133.6 तथा वर्ष 2003-04 में इस क्षेत्र का औद्योगिक उत्पादन सूचकांक 196.6 है।
इसी प्रकार खनन एवं उत्खनन क्षेत्र की संवृद्धि दर सबसे कम है।
वर्ष 1996-97 में इस क्षेत्र का औद्योगिक उत्पादन सूचकांक 118.2 है, वर्ष 2003-04 में
इस क्षेत्र का औद्योगिक उत्पादन सूचकांक 146:9 है। उपर्युक्त तालिका में विभिन्न उद्योगों
का भिन्नभिन्न भार दिया गया है जिसमें विनिर्माण उद्योग का भार सबसे अधिक एवं खनन एवं
उत्खनन उद्योग का भार सबसे कम है।
प्रश्न 15. अपने
परिवार में उपभोग की जाने वाली महत्त्वपूर्ण मदों की सूची बनाने का प्रयास कीजिए।
उत्तर : हमारे परिवार में उपभोग की जाने वाली महत्त्वपूर्ण मदों की सूची
निम्न प्रकार है
(1) खाद्य पदार्थ
(2) मकान
(3) वस्त्र
(4) बिजली
(5) रसोई का सामान
(6) पैट्रोल
(7) मनोरंजन
(8) शिक्षा
(9) स्वास्थ्य
(10) विविध व्यय।
प्रश्नोत्तर
प्र.1. मदों के सापेक्षिक महत्त्व को बढ़ाने वाले सूचकांक को
(क) भारित सूचकांक कहते हैं।
(ख)
सरल समूहित सूचकांक कहते हैं।
(ग) सरल मूल्यानुपातों का औसत कहते हैं।
प्र.2. अधिकांश भारित सूचकांकों में भार का संबंध
(क) आधार वर्ष से होता है।
(ख)
वर्तमान वर्ष से होता है।
(ग)
आधार एवं वर्तमान वर्ष दोनों से होता है।
प्र.3. ऐसी वस्तु जिसका सूचकांक में कम भार है, उसकी
कीमत में परिवर्तन से सूचकांक में कैसा परिवर्तन होगा?
(क) कम
(ख) अधिक
(ग) अनिश्चित
प्र.4. कोई उपभोक्ता कीमत सूचकांक किस परिवर्तन को
मापता है?
(क) खुदरा कीमत
(ख) थोक कीमत
(ग) उत्पादकों की कीमत
प्र.5. औद्योगिक श्रमिकों के लिए उपभोक्ता कीमत
सूचकांक में किस मद के लिए उच्चतम भार होता है?
(क) खाद्य-पदार्थ
(ख) आवास
(ग) कपड़े
प्र.6. सामान्यतः मुद्रास्फीति के परिकलन में किस का
प्रयोग होता है?
(क) थोक कीमत सूचकांक
(ख) उपभोक्ता कीमत सूचकांक
(ग) उत्पादक कीमत सूचकांक
प्र.7. हमें सूचकांक की आवश्यकता क्यों होती है?
उत्तर :
(क) उत्पादन के बारे में जानकारी- औद्योगिक तथा कृषि संबंधी उत्पादन सूचकांकों की सहायता से
यह भी पता चलता है। कि देश के औद्योगिक तथा कृषि क्षेत्रों में उत्पादन बढ़ रहा है
या कम हो रहा है। इसी जानकारी के आधार पर औद्योगिक तथा कृषि विकास संबंधी नीतियाँ
निर्धारित की जाती हैं।
(ख) सरकार के लाभ- सरकार सूचकांकों की सहायता से ही अपनी मौद्रिक तथा
राजकोषीय नीति का निर्धारण करती है। और देश के आर्थिक विकास के लिए ठोस कदम उठाती
है। अन्य शब्दों में, सरकार सूचकांकों की सहायता से निवेश, उत्पादन, आय, रोजगार,
व्यापार, कीमत-स्तर, उपभोग आदि क्रियाओं से संबंधित उचित नीति अपनाकर इनको बढ़ाने
का प्रयत्न करती है।
प्र.8. आधार अवधि के वांछित गुण क्या होते हैं?
उत्तर : दो अवधियों में से जिस अवधि के साथ तुलना की जाती है. उसे आधार अवधि
के रूप में जाना जाता है। आधार अवधि में सूचकांक का मान 100 होता है। एक आधार वर्ष
के वांछित गुण इस प्रकार हैं-
(क) यह एक सामान्य वर्ष होना चाहिए अर्थात् इस वर्ष में किसी प्रकार का युद्ध,
दंगे, प्राकृतिक आपदायें, आदि न हुये हों।
(ख) यह चालू वर्ष से बहुत नजदीक या बहुत दूर नहीं होना चाहिए।
(ग) यह एक निश्चित वर्ष भी हो सकता है तथा हर वर्ष बदला भी जा सकता है।
प्र.9. भिन्न उपभोक्ताओं के लिए भिन्न उपभोक्ता कीमत
सूचकांकों की अनिवार्यता क्यों होती है?
उत्तर : भारत में तीन उपभोक्ता कीमत सूचकांक बनाए जाते हैं।
(क) औद्योगिक श्रमिकों के लिए CPI (आधार रूप में 1982)
(ख) शहरी गैर-शारीरिक कर्मचारियों (वर्ष 1984-1985 आधार) के लिए CPI
(ग) कृषि श्रमिकों के लिए (वर्ष 1986-87 आधार) के लिए CPI
इनका नियमित रूप से हर महीने परिकलन होता है ताकि इन तीनों उपभोक्ताओं की
व्यापक श्रेणियों के जीवन निर्वाह पर, खुदरा कीमतों में आए परिवर्तनों के प्रभावों
का विश्लेषण किया जा सके औद्योगिक श्रमिकों तथा कृषि श्रमिकों के लिए CPI का
प्रकाशन श्रमिक केंद्र शिमला द्वारा किया जाता है। केंद्रीय सांख्यिकीय संगठन शहरी
गैर-शारीरिक कमचारियों के लिए CPI संख्याओं का प्रकाशन करता है। ऐसा इसलिए आवश्यक
है क्योंकि उनकी विशिष्ट उपभोक्ता टोकरी की वस्तुएँ असमान होती हैं।
प्र.10. औद्योगिक श्रमिकों के लिए उपभोक्ता कीमत
सूचकांक क्या मापता है?
उत्तर : औद्योगिक श्रमिकों के लिए उपभोक्ता कीमत सूचकांक को सामान्य मुद्रा
स्फीति का उपयुक्त संकेतक माना जाता है। जो जनसाधारण के जीवन निर्वाह पर कीमत
वृद्धि के सबसे उपयुक्त प्रभाव को दर्शाता है। निम्नलिखित वक्तव्य पर ध्यान दीजिए
की जनवरी 2005 में औद्योगिक श्रमिकों के लिए उपभोक्ता कीमत सूचकांक (CPI) 300
(1982 = 100) है। इस कथन का अभिप्राय यह है कि यदि एक औद्योगिक श्रमिक वस्तुओं की
विशेष टोकरी पर 1982 में 100 रु व्यय कर रहा था, तो उसे जनवरी 2005 में उसी प्रकार
की वस्तुओं की टोकरी खरीदने के लिए 300 रु की आवश्यकता है। यह आवश्यक नहीं है कि
वह टोकरी खरीदे बल्कि महत्त्वपूर्ण यह है कि उसके पास इसे खरीद पाने की क्षमता है
या नहीं।
प्र.11. कीमत सूचकांक तथा मात्रा सूचकांक में क्या अंतर है?
उत्तर : कीमत सूचकांक- जब दो अवधियों में हुए कीमत में परिवर्तन को ज्ञात करना
हो तो जिस सूचकांक का प्रयोग करते हैं, उसे कीमत सूचकांक कहते हैं।
मात्रा सूचकांक- जब दो अवधियों में हुए मात्रा में परिवर्तन को जानना हो तो जिस सूचकांक का प्रयोग करते हैं, उसे मात्रा सूचकांक कहते हैं।
सभी विधियों में p और q को अन्तः परिवर्तित करके कीमत सूचकांक की मात्रा
सूचकांक में बदला जा सकता है।
प्र.12. क्या किसी भी तरह का कीमत परिवर्तन एक कीमत
सूचकांक में प्रतिबिंबित होता है?
उत्तर : हाँ, किसी भी तरह का कीमत परिवर्तन एक कीमत सूचकांक में प्रतिबिंबित होता है।
कीमत सूचकांकों का यह सबसे बड़ा स्त्रोत है परंतु जब किसी प्राकृतिक आपदा या युद्ध
से अचानक कीमतें बढ़ जाएँ तो इनका प्रयोग करते हुए सांख्यिकी विदों को सचेत रहना
चाहिए।
प्र.13. क्या शहरी गैर-शारीरिक कर्मचारियों के लिए
उपभोक्ता कीमत सूचकांक भारत के राष्ट्रपति के निर्वाह लागत में परिवर्तन का
प्रतिनिधित्व कर सकता है?
उत्तर : हाँ, क्योंकि भारत में तीन उपभोक्ता कीमत सूचकांक बनाए जाते हैं।
(क) औद्योगिक श्रमिकों के लिए CPI (आधार वर्ष 1982)
(ख) शहरी गैर-शारीरिक कमर्चारियों के लिए CPI (आधार वर्ष 1984-85)
(ग) कृषि श्रमिकों के लिए CPI (आधार वर्ष 1986-87)
इनमें से राष्ट्रपति शहरी गैर-शारीरिक कर्मचारियों के लिए उपभोक्ता कीमत
सूचकांक में सम्मिलित किया जाएगा। अतः शहरी गैर-कर्मचारियों के लिए उपभोक्ता कीमत
सूचकांक भारत के राष्ट्रपति की निर्वाह लागत में परिवर्तन का प्रतिनिधित्व कर सकता
है।
प्र.14. नीचे एक औद्योगिक केंद्र के श्रमिकों द्वारा
1980 एवं 2005 के बीच निम्नलिखित मदों पर प्रतिव्यक्ति मासिक व्यय को दर्शाया गया
है। इन मदों का भार क्रमशः 75, 10, 5, 6 तथा 4 है। 1980 को आधार मानकर 2005 के
लिये जीवन निर्वाह लगत सूचकांक तैयार कीजिए।
मद |
वर्ष 1980 में कीमत |
वर्ष 2005 की कीमत |
खाद्य पदार्थ |
100 |
200 |
कपड़े |
20 |
25 |
ईंधन एवं बिजली |
15 |
20 |
मकान किराया |
30 |
40 |
विविध |
35 |
65 |
उत्तर : जीवन निर्वाह लागत सूचकांक का निर्माण
मद |
वर्ष 1980 में कीमत |
वर्ष 2005 की कीमत |
भारित (w) |
`R=\frac{P_1}{P_0}\times100` |
RW |
खाद्य पदार्थ |
100 |
200 |
75 |
200 |
15000 |
कपड़े |
20 |
25 |
10 |
125 |
1250 |
ईंधन एवं बिजली |
15 |
20 |
5 |
133.33 |
666.65 |
मकान किराया |
30 |
40 |
6 |
133.33 |
799.98 |
विविध |
35 |
65 |
4 |
185.71 |
742.84 |
|
|
|
ΣW=100 |
|
ΣRW=18459.47 |
2005 केलिए CPI = `=\frac{\Sigma RW}{\Sigma W}=\frac{18459.47}{100}=184.59`
प्र.15. निम्नलिखित सारणी को ध्यानपूर्वक पढिए एवं
अपनी टिप्पणी कीजिए।
उद्योग |
भार % में |
1996-97 |
2003-2004 |
सामान्य सूचकांक |
100 |
130.8 |
189.0 |
खनन एवं उत्खनन |
10.73 |
118.2 |
146.9 |
विनिर्माण |
79.58 |
133.6 |
196.6 |
विद्युत |
10.69 |
122.0 |
172.6 |
उत्तर : सामान्य सूचकांक औद्योगिक क्षेत्र की कुल मिलाकर बढ़ोतरी को दर्शा रहा
है। यह मुख्य औद्योगिक श्रेणियों के सूचकांकों को भी दर्शा रहा है। यह इसे भी
दर्शा रहा है कि विनिर्माण का सामान्य सूचकांक में अधिकतम हिस्सा है।
प्र.16. अपने परिवार में उपभोग की जाने वाली महत्त्वपूर्ण
मदों की सूची बनाने का प्रयास कीजिए।
उत्तर :
1. भोजन
2. वस्त्र
3. ईंधन
4. शिक्षा
5. स्वास्थ्य
6. आवास
प्र.17. यदि एक व्यक्ति का वेतन आधार वर्ष में 4,000 रुपये
प्रतिवर्ष था और उसका वर्तमान वर्ष में वेतन 6,000 रुपये है। उसके जीवन स्तर को
पहले जैसा ही बनाए रखने के लिये उसके वेतन में कितनी वृद्धि चाहिए, यदि उपभोक्ता
कीमत सूचकांक 400 हो।
उत्तर :
वर्ष |
वेतन |
CPI |
आधार वर्ष |
4000 |
100 |
वर्तमान वर्ष |
6000 |
400 |
जब आधार वर्ष का CPI 100 है और वर्तमान वर्ष का CPI 400 है तो उसका वेतन समान
जीवन-स्तर बनाए रखने 4000 × 400 / 100 = 16000 के लिये के बराबर होना चाहिए।
इसलिये उसे 10,000 रुपये की बढ़त मिलनी चाहिये।
प्र.18. जून 2005 में उपभोक्ता कीमत सूचकांक 125 था। खाद्य
सूचकांक 120 तथा अन्य मदों का सूचकांक 135 था। खाद्य पदार्थों को दिया जाने वाला
भार कुल भार का कितना प्रतिशत है?
उत्तर : मान लो कुल भार = 100 और
W1 और W2 खाद्य पदार्थों का भार और अन्य पदों का भार
है। इसलिए,
W1 + W2 = 100
CPI = 125
ΣR = 120W1 + 135W2
CPI `=\frac{\Sigma R}{\Sigma W}`
12500 = 120W1 + 135W2
इन समीकरणों के आधार उपर W1 = 66.66% और W2 = 33.33%
है।
इसका अर्थ है कि खाद्य पदार्थों को दिया जाने वाला भार कुल भार का 33.33%
प्रतिशत था।
प्र.19. किसी शहर में एक मध्यवर्गीय पारिवारिक बजट
में जाँच-पड़ताल से निम्नलिखित जानकारी प्राप्त होती है:
मदों पर व्यय |
खाद्य पदार्थ 35% |
ईंधन 10% |
कपड़ा 20% |
किराया 15% |
विविध 20% |
2004 में कीमत (रू.में) |
15020 |
250 |
750 |
300 |
400 |
1995 में कीमत (रू.में) |
1400 |
200 |
500 |
200 |
250 |
1995 की तुलना में 2004 में निर्वाह सूचकांक का माना क्या
होगा?
उत्तर : परिवार बजट विधि द्वारा जीवन निर्वाह लागत सूचकांक का निर्माण :
मदों पर व्यय |
भार (%) W |
कीमत 1995 (P0) |
कीमत 2004 (P1) |
कीमत अनुपात R |
भारित अनुपात (WR) |
खाद्य |
35 |
1400 |
1500 |
107.14 |
3749.9 |
ईंधन |
10 |
200 |
250 |
125 |
1250 |
कपडा |
20 |
500 |
750 |
150 |
3000 |
किराया |
15 |
200 |
300 |
150 |
2250 |
विविध |
20 |
250 |
400 |
160 |
3200 |
जीवन निर्वाह लागत सूचकांक 2004 का
CPI = `=\frac{\Sigma R}{\Sigma W}=\frac{13449.9}{100}=134.499`
अतः 195 की तुलना में 2004 में 34.499 की शुद्ध वृद्धि हुई है।
प्र.20. दो सप्ताह तक अपने परिवार के (प्रति इकाई)
दैनिक व्यय, खरीदी गई मात्रा और दैनिक खरीददारी को अभिलेखित कीजिए। कीमत में आए
परिवर्तन आपके परिवार को किस तरह से प्रभावित करते हैं?
उत्तर : अपने परिवार के सदस्य की मदद से आँकड़े एकत्रित कीजिए और इनसे अपने परिवार का
परिवार बजट विधि से ज्ञात कीजिए।
W = भार
मूल्य अनुपात `R=\frac{P_1}{P_0}\times100`for each item
CPI `=\frac{\Sigma R}{\Sigma W}`
कीमतें बढ़ी तो आपके परिवार की क्रय शक्ति कम हुई। कीमत कम हुई हो तो आपके
परिवार की क्रय शक्ति बढ़ेगी।
प्र.21. निम्नलिखित आँकड़े दिए गए हैं-
वर्ष |
औद्यौगिक श्रमिकों का CPI (1982=100) |
नगरीय गैर शारीरिक कर्मचारियों का CPI (1984- 85 =100) |
किसी श्रमिक का CPI (1986-87= 100) |
थोक मूल्य सूचकांक (1993-94=100) |
1995-96 |
313 |
257 |
234 |
121.6 |
1996-97 |
342 |
283 |
256 |
127.2 |
1997-98 |
366 |
302 |
264 |
132.8 |
1998-99 |
414 |
337 |
293 |
140.7 |
1999-00 |
428 |
352 |
306 |
145.3 |
2000-01 |
444 |
352 |
306 |
155.7 |
2001-02 |
463 |
390 |
309 |
161.3 |
2002-03 |
482 |
405 |
319 |
166.8 |
2003-04 |
500 |
420 |
331 |
175.9 |
स्रोतः आर्थिक सर्वेक्षण, भारत सरकार, 2004-05
(क) सूचकांकों के सापेक्षिक मानों पर टिप्पणी कीजिए।
(ख) क्या ये तुलना योग्य हैं?
उत्तर :
(क) सूचकांकों के सापेक्षिक मान लगातार बढ़ रहे हैं।
(ख) हाँ, ये तुलना योग्य हैं परंतु इनकी तुलना बहुत समय उपभोगी कार्य है।
पाठ का परिचय
सूचकांक की रचना की विधियां
A. सरल
विधि
1.
सरल सामूहिक
विधि
2.
सरल मूल्यानुपात की माध्य विधि
B. भारित
विधि
1. भारित मूल्यानुपातों की कीमत सूचकांक
2. भारित
सामूहिक विधि
a.
लेस्पेयर कीमत सूचकांक विधि
b.
पाशे कीमत सूचकांक विधि
c.
फिशर कीमत सूचकांक विधि
सूचकांक के प्रकार
1.
औद्योगिक कीमत सूचकांक
2.
थोक कीमत सूचकांक
3.
मानव विकास सूचकांक
4.
संवेदी सूचकांक
प्रस्तावना सूचकांक क्या है?
• सूचकांक एक सांख्यिकी उपकरण है
• यह एक प्रकार का औसत है
• एक समय अवधि में विभिन्न चरो के मूल्यों में होने वाले प्रतिशत परिवर्तन की
गणना है
• दो अवधियों के बीच तुलना होती है एक आधार वर्ष होती है एवं दूसरी वर्तमान
वर्ष ।
• जिस
अवधि के साथ वर्तमान वर्ष में होने वाले परिवर्तन की तुलना करनी है उससे आधार वर्ष
कहते हैं आधार वर्ष की कीमत को P0 एवं मात्रा को Q0 से दर्शाते
हैं
• सूचकांक
विभिन्न वस्तुओं की कीमत में परिवर्तन को तुलना योग्य बनाता है
• वर्तमान
वर्ष वह वर्ष है जिसमें होने वाले औसत परिवर्तन को मापा जाना है या जिसके लिए सूचकांक
तैयार करना है जिसकी तुलना आधार वर्ष से करनी है। वर्तमान वर्ष की कीमत को P1 एवं मात्रा
को Q1 से दर्शाते हैं
सूचकांक की उपयोगिता या लाभ
1.
सूचकांक को आर्थिक वायु मापक यंत्र
भी कहते हैं
2.
थोक कीमत सूचकांक, उपभोक्ता कीमत
सूचकांक तथा औद्योगिक उत्पादन सूचकांक का नीति निर्माण में व्यापक रूप से प्रयोग किया
जाता है
3.
इसकी सहायता से आर्थिक घटनाओं को
मापा जा सकता है
4.
सूचकांक मौद्रिक नीति निर्धारण का
भी आधार है
5.
मजदूरी में समायोजन में सहायक है
6.
कीमत स्तर या मुद्रा के मूल्य या
मुद्रास्फीति दर में परिवर्तन की जानकारी मिलती है
7.
उत्पादक एवं व्यापारी सूचकांक की
मदद से आर्थिक उतार-चढ़ाव का अनुमान लगा सकते हैं
8.
जीवन निर्वाह लागत में परिवर्तन
का ज्ञान इसी से होता है
9. संवेदी सूचकांक निवेशकों को निवेश संबंधी निर्णय लेने में सहायता करती है
8.3 सूचकांक
की रचना विधियां
8.3.1 सरल विधि
8.3.1
सरल सामूहिक विधि- इस विधि में सूचकांक ज्ञात करने के लिए
वर्तमान वर्ष के विभिन्न वस्तुओं के मूल्यों के योग को उन्हीं वस्तुओं के आधार वर्ष
के मूल्यों के योग से भाग देकर 100 से गुणा किया जाता है।
`P_{01}=\frac{\Sigma P_1}{\Sigma P_0}\times100`
जहां,
P1
= वर्तमान वर्ष के मूल्य
P0
= आधार वर्ष के मूल्य
Σ =
योग
उदाहरण-1
वस्तु |
आधार अवधि की कीमत (P0) |
वर्तमान अवधि की कीमत (P1) |
A |
2 |
4 |
B |
5 |
6 |
C |
4 |
5 |
D |
2 |
3 |
योग |
13 |
18 |
`P_{01}=\frac{\Sigma P_1}{\Sigma P_0}\times100`
`=\frac{18}{13}\times100=138.5`
अतः कीमतों में 38.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई है ऐसा कहा जा
सकता है। इस प्रकार के सूचकांकों का उपयोग सीमित होता है। क्योंकि विभिन्न वस्तुओं
की माप की इकाइयां एक समान नहीं होती है। सभी मदों को समान भार का माना जाना सही नहीं
है।
8.3.1 सरल मूल्यानुपात की माध्य विधि- इस विधि में सर्वप्रथम सभी वस्तुओं का मूल्यानुपात निकाला जाता है। मूल्यानुपात के लिए किसी वस्तु की वर्तमान वर्ष की कीमत को उसके आधार वर्ष की कीमत से भाग देकर 100 से गुणा करके प्राप्त करते हैं।
`R=\frac{P_1}{P_0}\times100`
सरल मूल्य अनुपात की माध्य विधि सूचकांक =
`P_{01}=\frac1n\Sigma\left[\frac{P_1}{P_0}\times100\right]`
`P_{01}=\frac{\Sigma R}n`
जहां,
R = मूल्यानुपात
P1
= वर्तमान वर्ष के मूल्य
P0
= आधार वर्ष के मूल्य
n = वस्तुओं की संख्या
उदाहरण 2
वस्तु |
आधार अवधि की कीमत (P0) |
वर्तमान अवधि की कीमत (P1) |
मूल्यानुपात (R) |
A |
2 |
4 |
200 |
B |
5 |
6 |
120 |
C |
4 |
5 |
125 |
D |
2 |
3 |
150 |
|
|
|
योग ΣR= 595 |
इस प्रकार कहा जा सकता है कीमतों में 48.8 प्रतिशत की वृद्धि
हुई है।
8.3.2 भारित विधि
भारित मूल्य अनुपातों का कीमत सूचकांक- इस विधि में वस्तुओं के मूल्यानुपातों को उनके भार से गुणाकर
के भार के योगफल से भाग देते हैं। वस्तुओं को भार उनकी मात्रा के आधार पर दिया जाता
है।
`P_{01}=\frac{\Sigma RW}{\Sigma W}`
`P_{01}=\Sigma\frac{P_1}{P_0}\times100`
W= P0q0
जहां,
P1
= वर्तमान वर्ष के मूल्य
P0
= आधार वर्ष के मूल्य
q0 = आधार वर्ष में वस्तुओं की मात्रा
R = मूल्यानुपात
W = भार
उदाहरण 3
वस्तु |
भार % में W |
आधार वर्ष की कीमत (P0) |
वर्तमान वर्ष की कीमत (P1) |
मूल्यानुपात (R) |
RW |
A |
40 |
2 |
4 |
200 |
8000 |
B |
50 |
5 |
6 |
120 |
3500 |
C |
20 |
4 |
5 |
125 |
2500 |
D |
10 |
2 |
3 |
150 |
1500 |
योग (Σ) 100 |
15600 |
भारित कीमत सूचकांक के अनुसार कीमतों में 56 प्रतिशत की वृद्धि
हुई है।
• 8.3.3 भारित सामूहित विधि-
• इसके अंतर्गत मदो के
सापेक्षिक महत्व को ध्यान में रखा जाता है।
• वस्तु की मात्रा के
आधार पर भार दिया जाता है।
• भार
वर्तमान वर्ष की मात्रा या आधार वर्ष की मात्रा या दोनों वर्षों की मात्रा के आधार
पर हो सकता है।
8.3.4 लेस्पेयर कीमत सूचकांक- जब आधार वर्ष की मात्रा को भार के रूप में प्रयोग किया जाता है तो इससे लेस्पेयर पर कीमत सूचकांक कहते हैं।
`P_{01}=\frac{\Sigma P_1q_0}{\Sigma P_0q_0}\times100`
8.3.4 पाशे कीमत सूचकांक-
जब
वर्तमान वर्ष की मात्रा को भार के रूप में प्रयोग किया जाता है तो इससे
पाशे कीमत
सूचकांक कहते हैं।
`P_{01}=\frac{\Sigma P_1q_1}{\Sigma P_0q_1}\times100`
8.3.6 फिशर कीमत सूचकांक- जब दोनों वर्षों की मात्रा को भार के रूप में प्रयोग किया जाता है तो इसे फिशर कीमत सूचकांक कहते हैं।
P01 =`\sqrt{\frac{\SigmaP_1q_0}{\SigmaP_0q_0}\times\frac{\SigmaP_1q_1}{\Sigma P_0q_1}}\times100`
जहां,
P1 = वर्तमान वर्ष के मूल्य
P0 = आधार वर्ष के मूल्य
q1 = वर्तमान वर्ष में वस्तुओं की मात्रा
q0 = आधार वर्ष में वस्तुओं की मात्रा
Σ = योग
उदाहरण 4
वस्तुएं |
2010(आधार वर्ष) |
2016(वर्तमान वर्ष) |
||
कीमत |
मात्रा |
कीमत |
मात्रा |
|
A |
5 |
60 |
6 |
100 |
B |
4 |
30 |
5 |
50 |
C |
3 |
40 |
3 |
60 |
D |
2 |
20 |
3 |
40 |
Ans-
वस्तुएं |
आधार
वर्ष 2010 |
चालू
वर्ष 2016 |
P0q0 |
P0q1 |
P1q0 |
P1q1 |
||
P0 |
q0 |
P1 |
q1 |
|||||
A |
5 |
60 |
6 |
100 |
300 |
500 |
360 |
600 |
B |
4 |
30 |
5 |
50 |
120 |
200 |
150 |
250 |
C |
3 |
40 |
3 |
60 |
120 |
180 |
120 |
180 |
D |
2 |
20 |
3 |
40 |
40 |
80 |
60 |
120 |
|
|
|
|
|
ΣP0q0=580 |
ΣP0q1=960 |
ΣP1q0=690 |
ΣP1q1=1150 |
फिशर कीमत सूचकांक को आदर्श कीमत सूचकांक भी कहा जाता
है क्योंकि
• इस विधि
में आधार वर्ष और वर्तमान वर्ष दोनों के मात्रा और कीमत को शामिल किया जाता है
• गुणोत्तर
माध्य पर आधारित है जो सबसे अच्छा माना जाता है।
8.4.1 सूचकांक के प्रकार
1. उपभोक्ता कीमत सूचकाक
2. थोक कीमत सूचकांक
3. संवेदी सूचकांक
4. मानव विकाश सूचकाक
5.
औद्योगिक उत्पादन सूचकांक
8.4.1. उपभोक्ता कीमत सूचकांक
• उपभोक्ता
कीमत सूचकांक (Consumer Price Index & CPI) को जीवन निर्वाह सूचकांक भी कहते
हैं।
• यह खुदरा
कीमतों में औसत परिवर्तन को मापता है।
• यह जीवन
निर्वाह की लागतों में परिवर्तन को मापता है तथा वेतन एवं मजदूरी में समायोजन की
आवश्यकता को व्यक्त करता है।
• भारत में
निम्न उपभोक्ता कीमत सूचकांक तैयार किए जाते हैं -
a. औद्योगिक श्रमिक के लिए उपभोक्ता कीमत सूचकांक
b. कृषि श्रमिकों के लिए अखिल भारतीय कीमत सूचकांक
c. ग्रामीण श्रमिकों के लिए अखिल भारतीय उपभोक्ता
कीमत सूचकांक
d. अखिल भारतीय ग्रामीण उपभोक्ता सूचकां
e. अखिल भारतीय शहरी उपभोक्ता कीमत सूचकांक
f. अखिल भारतीय संयुक्त उपभोक्ता कीमत सूचकांक
• भारतीय
रिजर्व बैंक अखिल भारतीय संयुक्त उपभोक्ता कीमत सूचकांक को कीमतों में परिवर्तन का
मुख्य मापक के रूप में प्रयोग करता है।
उपभोक्ता कीमत सूचकांक (CPI)
उदाहरण 5
सामूहिक व्यय विधि तथा पारिवारिक बजट विधि द्वारा जीवन-निर्वाह निर्देशांक
अतः जीवन निर्वाह की कीमत में 26.8 की कमी आई है।
8.4.2 थोक कीमत सूचकांक
• यह
सामान्य कीमत स्तर में परिवर्तन को मापता है।
• थोक स्तर
पर प्रचलित मूल्यों का प्रयोग होता है।
• वस्तुओं
की कीमत शामिल होती है।
• समग्र
वस्तु मुद्रास्फीति दर को सामान्यतः हेड लाइन मुद्रास्फीति कहा जाता है।
• खाद्य
वस्तुओं का भार अधिक होता है यह प्राथमिक एवं विनिर्मित खाद्य उत्पाद होते हैं।
• कुछ
अर्थशास्त्री विनिर्मित माल (खाद्य एवं इंधन को छोड़कर) पर जोर देते हैं इसके लिए
वह कोर मुद्रास्फीति का अध्ययन करते हैं।
8.4.3. औद्योगिक उत्पादन सूचकांक
• मात्राओं
में परिवर्तन को मापता है।
• आधार वर्ष
में परिवर्तन होता है क्योंकि कुछ वस्तुओं के उत्पादन बंद एवं नई वस्तु का उत्पादन
शुरू होता रहता है।
• यह मात्रा
मुल्यानुपातों के भारित अंकगणितीय माध्य होते हैं।
• यह
सूचकांक औद्योगिक क्षेत्रको एवं उपक्षेत्रको के लिए उपलब्ध होता है।
• प्रमुख
शाखाएं- खनन विनिर्माण एवं विद्युत
• कोर
उद्योग- कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस रिफाइनरी उत्पाद खाद, इस्पात, सीमेंट तथा
विद्युत पर भी कभी-कभी जोर दिया जाता है। कोर का भार 40.27 है।
8.4.4. मानव विकास सूचकांक
• इसका
उपयोग देश के विकास के स्तर का पता लगाने के लिए किया जाता है।
8.4.5. संवेदी सूचकांक
• सेंसेक्स
मुंबई स्टॉक एक्सचेंज का संवेदी सूचकांक का संक्षिप्त रूप है।
• भारतीय
स्टॉक मार्केट का यह मुख्य सूचकांक है।
• इसके
अंतर्गत 30 स्टॉक है
• यह
अर्थव्यवस्था के 30 क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करती है।
• संवेदी
सूचकांक का बढ़ना बाजार के ठीक होने का संकेत है यह बाजार में विश्वास को बढ़ाता
है।
8.4.5. सूचकांक निर्माण या रचना
में ध्यान देने योग्य बातें या सावधानी
• स्पष्ट
उद्देश्य
• सावधानीपूर्वक महत्वपूर्ण मदों का चयन
• आधार अवधि का चुनाव ऐसा हो जिसमें मदों के मान में स्थिरता हो
• आंकड़े
विश्वसनीय स्रोत से प्राप्त हो
• आधार अवधि अधिक पुराना ना हो जैसे 2020 की तुलना के लिए 2000 से अच्छा 2010 या 2015 की अवधि हो सकती है
JCERT/JAC REFERENCE BOOK
Group -A सांख्यिकी के सिद्धान्त
Group-B भारतीय अर्थव्यवस्था
JCERT/JAC प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)
विषय सूची
क्र०स० | अध्याय का नाम |
अर्थशास्त्र में सांख्यिकी | |
1. | |
2. | |
3. | |
4. | |
5. | |
6. | |
7. | |
8. | |
भारतीय अर्थव्यवस्था का विकास | |
1. | |
2. | |
3. | |
4. | |
5. | |
6. | |
7. | |
8. | |