12th Sanskrit 7. विक्रमस्यौदार्यम् JCERT/JAC Reference Book
12th Sanskrit 7. विक्रमस्यौदार्यम् JCERT/JAC Reference Book 7.
विक्रमस्यौदार्यम् अधिगम-प्रतिफलानि (1) विद्यार्थी सरल संस्कृत भाषया कक्षोपयोगीनि वाक्यानि
वक्तुं समर्थोऽस्ति (विद्यार्थी सरल संस्कृत भाषा में कक्षा उपयोगी वाक्यों को बोलने
में समर्थ होते हैं।) (2) अपठितं गद्यांशं पठित्वा तदाधारित प्रश्ना नामुतर प्रदाने
सक्षमः अस्ति। (अपठित गद्यांश पढ़कर उसपर आधारित प्रश्न के उत्तर देने में
समर्थ होते हैं।) (3) पाठे प्रयुक्तानां समासिकपदानां विग्रहं विगृहीतपदानां
समस्तपदानि लिखति । (पाठ में प्रयुक्त सामासिक पदों का विग्रह और विग्रह पदों
का समस्त पद लिखते हैं।) पाठपरिचयः- 'सिहासनद्वात्रिंशिका' कथा ग्रंथ विक्रमादित्य से संबंधित
है यह ग्रंथ 32 कहानियों का संग्रह है। इसके अलावा गद्यमय, पद्यमय, गद्य-पद्यमय। ये
केवल तीन पाठ मिलते हैं। मनोरंजकता और लोकप्रियता में यह अन्य ग्रंथों से बढ़कर है।
इसमें वर्णन किया गया है कि राजा भोज को विक्रमादित्य का भूमि में गड़ा हुआ सिंहासन
मिला। इसमें 32 पुत्तलियाँ लगी हुई थीं। राजा भोज उस सिंहासन पर बैठना तो पुत्तलियों
ने उन्हें रोका और राजा विक्रमादित्य के न्याय से संबंधित कहानियाँ सुनाई। प्रत्येक
पुतली ने विक्रमादित्य के ग…