Hicks Trade Cycle (हिक्स का व्यापार चक्र)
सामान्य संतुलन सिद्धांत तथा कल्याण सिद्धांत(संयुक्त रूप से) के लिए 1972 में उन्हें प्राप्त हुआ आर्थिक विज्ञान में नोबेल मेमोरियल पुरस्कार प्रो. जे. आर. हिक्स ने 1956 में प्रकाशित अपनी पुस्तक 'A
Contribution to the Theory of Trade Cycle' यह स्पष्ट किया है कि व्यापार चक्र गुणक
एवं त्वरक की परस्पर क्रिया के फलस्वरूप उत्पन्न होता है। प्रो . हिक्स के व्यापार चक्र के सिद्धांत के महत्वपूर्ण तत्व निम्नलिखित
हैः 1. विकास की आवश्यक दर: जब वास्तविक निवेश तथा वास्तविक बचत एक ही समान
दर से हो रही हो तो कहा जाता है कि अर्थव्यवस्था विकास की आवश्यक दर से वृद्धि कर रही
है। हिक्स के अनुसार गुणक-त्वरक क्रिया ही है जो विकास की आवश्यक दर के इर्द-गिर्द
आर्थिक उतार-चढ़ाव का मार्ग प्रशस्त करती है। 2. उपभोग फलन: वास्तविक उपभोग
व्यय निकट भूत में वास्तविक आय का फलन है। अर्थात उपभोग फलन C t = bY t-1
का रुप ले लेता है। 3. स्वायत्त निवेश : स्वतः विनियोग वह विनियोग है जो उत्पादन की मात्रा
में परिवर्तनो से स्वतंत्र होता है । 4. प्रेरित निवेश : प्ररित निवेश वह निवेश है जो उत्पादन की मात्रा में
परिवर्तनो के द्वारा प्…