लुईस का आर्थिक विकास का मॉडल (Lewis's Model of Economic Development)
लुईस का आर्थिक विकास का मॉडल (Lewis's Model of Economic Development)
1979
में सर डब्ल्यू आर्थर लुईस ( Sir W. Arthur Lewis ) को संयुक्त रूप से विकासशील देशों
को प्रभावित करने वाली आर्थिक शक्तियों का मॉडल बनाने के लिए अर्थशास्त्र में नोबेल
मेमोरियल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. प्रो. आर्थर लेविस ने अपने विकास मॉडल Economic Development with Unlimited
Supplies of Labour (May 1954) में वृद्धि को पूँजीपति वर्ग की आय में होने
वाले परिवर्तन के सन्दर्भ में स्पष्ट किया । यह मानते हुए कि
अतिरेक भ्रम की पूर्ति असीमित होती है उन्होंने निष्कर्ष दिया कि उपक्रमी द्वारा
उत्पादन में वृद्धि बिना मजदूरी में वृद्धि या लाभों में कमी किए की जा सकती है ।
समाज में पूँजीपति की बचत एवं विनियोग करने की सीमान्त प्रवृति सर्वाधिक होती है ।
अत: पूँजीवादी क्षेत्र के बढ़ने के अनुपात में ही अर्थव्यवस्था में वृद्धि होती है
तथा सकल राष्ट्रीय उत्पादन एवं लाभ में वृद्धि होती है । दो क्षेत्र (Two Sectors): प्रो. आर्थर लेविस के अनुसार एक अर्थव्यवस्था के दो क्षेत्र है: (1)
घरेलू क्षेत्र, (2)
विनिमय क्षेत्र । आर्थिक
विकास के प्रारम्भ होने पर घरेलू क्षेत्र संकुचित होता है तथा विनिमय क्षेत्र
विस्तार …