THE-HARROD-DOMAR-MODELS (हैरोड तथा डोमर के मॉडल )

THE-HARROD-DOMAR-MODELS (हैरोड तथा डोमर के मॉडल )
THE-HARROD-DOMAR-MODELS (हैरोड तथा डोमर के मॉडल )
कीन्स के बाद के अर्थशास्त्रियों ने सबसे महत्वपूर्ण कार्य जो किया, वह था कीन्स के विचारों को प्रावैगिक (Dynamic) स्वरूप प्रदान करना। कीन्स के उत्पादन रोजगार सिद्धान्त को दीर्घकालीन स्वरूप प्रदान करने का जिन अर्थशास्त्रियों ने प्रयास किया, उनमें प्रो. आर. एफ. हैरोड (R. E Harrod) और प्रो. ई. डी. डोमर (E. D. Domar) का योगदान सबसे अधिक एवं महत्वपूर्ण है। हैरोड-डोमर मॉडल का सामान्य कथन (General Concept of Harrod & Domar Models)— "प्रो. हैरोड व डोमर ने आर्थिक विकास के मॉडल विकसित देशों के लिए प्रस्तुत किये हैं। उन्होंने कहा कि स्थिर विकास की क्या आवश्यकता है ? इस प्रकार दोनों विकास मॉडलों में समानताएँ हैं। इतना ही नहीं, हैरोड-डोमर मॉडल यह भी स्पष्ट करता है कि अर्थव्यवस्था में पूर्ण रोजगार की दशा बनी रहे, इसके लिए किस दर से विकास हो एवं विकास दर को कैसे बढ़ाया जाये ?" अपने पूर्ववर्ती विचारकों की भाँति हैरोड एवं डोमर ने भी आर्थिक विकास की प्रक्रिया में विनियोग को प्रमुख स्थान दिया विशेष रूप से उसके दो तरफी या द्वैत प्रवृत्ति को। विनियोग जहाँ एक ओर आय में वृद्धि करता है, वहीं उत्पाद…