THE-RICARDIAN-THEORY-OF-INCOME-DISTRIBUTION (आय वितरण का रिकार्डियन )

THE-RICARDIAN-THEORY-OF-INCOME-DISTRIBUTION (आय वितरण का रिकार्डियन )
THE-RICARDIAN-THEORY-OF-INCOME-DISTRIBUTION (आय वितरण का रिकार्डियन )
आय के साधनों में वितरण की समस्या में सर्वप्रथम रुचि रिकार्डो ने ली। रिकार्डो द्वारा वितरणात्मक हिस्सों के निर्धारण की समस्या में रुचि लेने का कारण यह था कि उनका यह विचार था कि सम्पूर्ण व्यवस्था के कार्यचालन को समझने की कुंजी वितरण सिद्धान्त में निहित है। रिकार्डो के सिद्धान्त में अर्थव्यवस्था को दो क्षेत्रों—कृषि व उद्योग में विभाजित किया गया है और इन क्षेत्रों में मिलने वाली कुल आय को लगान, मजदूरी और लाभ में विभक्त किया गया है। रिकार्डो के सिद्धान्त में कृषि क्षेत्र को महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है क्योंकि कृषि क्षेत्र में कार्यशील वितरणात्मक शक्तियाँ ही उद्योग में वितरणात्मक हिस्सों का निर्धारण करती हैं। मान्यताएँ (Assumptions)– रिकार्डो का सिद्धान्त निम्नलिखित मान्यताओं पर आधारित है 1. कृषि में क्रमागत उत्पादन ह्रास नियम लागू होता है जिसका आशय यह है कि जब भूमि पर अधिक श्रम प्रयोग किया जाता है तो श्रम के औसत और सीमान्त उत्पादनों में गिरावट आ जाती है। 2. माल्थस का जनसंख्या सिद्धान्त लागू होता है जिसके अनुसार मजदूरी दरों का न्यूनतम निर्वाह स्तर कम हो जाने पर जनसंख्या में वृद्धि होने लगती है …