माध्य विचलन कैसे निकालते हैं,विचलन से आप क्या समझते हैं,विचलन के विभिन्न प्रकारों की विवेचना करें,माध्य विचलन का सूत्र,माध्य विचलन की गणना
माध्य विचलन (Mean Deviation)
माध्य विचलन
श्रेणी के किसी माध्य (जैसे माध्य, माध्यिका, बहुलक) से ज्ञात किए गए मूल्यों का समां तर
माध्य है । माध्य विचलन किसी
श्रेणी के समस्त मूल्यों के विचलनों का माध्य है। माध्य निकालते समय (+) और (-) चिह्म पर ध्यान नहीं
दिया जाता है अर्थात सभी चि ह्मों को धनात्मक
मान लिया जाता है । जिस श्रेणी में
माध्य विचलन कम होगा, उस श्रेणी में अ प किरण भी कम होगा और जिस श्रेणी में
माध्य विचलन अधिक होगा, उस श्रेणी में अ प किरण
अधिक होगा । यही कारण है कि माध्य विचलन को औसत
विचलन समान्तर माध्य भी कहते हैं । माध्य विचलन के गुण (1) यह विचलन
पदमला के सभी मूल्यों पर आधारित होता है। इससे श्रेणी की बनावट की ठीक जानकारी प्राप्त
हो जाती है। (2) इसका माप सरल है। (3) यह केंद्रीय प्रवृत्ति के इर्द-गिर्द श्रेणी के
विचलनओं को बताता है। (4) यह अनुमान के अतिरिक्त वास्तविक माप पर आधारित है। (5) माध्य
विचलन पर चरम या अति सीमांत पदों का कम प्रभाव पड़ता है। (6) इसकी गणना करना सरल है और
यह आसानी से समझ में आ जाता है। (7) माध्य विचलन, मध्यक या बहुलक किसी भी माध्य से निकाला
जा सकता है। माध्य
विचलन के दोष (1) माध्य
विचलन में सभी पदों को धनात्मक मान ल…