JPSC_Economic Growth and Structure of the Economy of Jharkhand(झारखंड की अर्थव्यवस्था की आर्थिक संवृद्धि और संरचना)

Economic Growth and Structure of the Economy of Jharkhand(झारखंड की अर्थव्यवस्था की आर्थिक संवृद्धि और संरचना)

(एसडीसी तथा प्रति व्यक्ति एनसीडीपी में वृद्धि, झारखंड में कृषि और औद्योगिक वृद्धि)

झारखंड की आर्थिक संवृद्धि और संरचना

पिछले तीन वर्षों 2016-17 से 2018-19 के बीच राज्य की औसत वार्षिक विकास दर (AAGR) 8.2 प्रतिशत रही है। वित्तीय वर्ष 2018-19 में 6.7 प्रतिशत की दर से वृद्धि हुई थी। झारखंड के वास्तविक सकल राज्य घरेलू उत्पाद (GSDP) में 2011-12 के स्थिर मूल्य पर 6.8 प्रतिशत और प्रचलित मूल्य पर 10.4 प्रतिशत के विकास का अनुमान था। वर्ष 2011-12 से 2018-19 के बीच औसत विकास दर 5.8 प्रतिशत रहा है

वित्तीय वर्ष 2018-19 में झारखंड के वास्तविक GSDP और वास्तविक GSVA (Gross State Value Added) के स्थिर मूल्यों पर क्रमश: 221587 एवं 182893 होने का अनुमान था। इस वित्तीय वर्ष में वास्तविक और प्रचलित मूल्य (Nominal) पर प्रतिव्यक्ति GSDP के क्रमश: 59384 और 76806 रुपए होने का अनुमान था। इस प्रकार 2011-12 से 2018-19 तक GSDP और GSVA में क्रमश: 47 प्रतिशत और 40 प्रतिशत की वृद्धि तथा प्रति व्यक्ति आय में लगभग 32 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। MPI की गणना के अनुसार 2005-06 और 2015-16 के बीच झारखंड में गरीबी में तेजी से कमी आई है। इस अवधि में झारखंड की MPI में 7 प्रतिशत प्रति वर्ष की दर से कमी आई है और राज्य में गरीबों की संख्या 4.8 प्रतिशत की दर से कम हुई है। इन दस वर्षों में लगभग 72 लाख व्यक्ति गरीबी रेखा से ऊपर आये हैं। गरीबी के प्रभाव क्षेत्र में अंतर जिला असमानता अत्यधिक है। पूर्वी सिंहभूम, राँची, रामगढ़, धनबाद और बोकारो की 34 प्रतिशत जनसंख्या गरीबी रेखा के नीचे है, जबकि प. सिंहभूम, साहेबगंज और पाकुड़ की 60 प्रतिशत से अधिक जनसंख्या गरीबी रेखा के नीचे है। पूर्वी सिंहभूम में 25 प्रतिशत जबकि पाकुड़ में 66 प्रतिशत जनसंख्या गरीब है।

झारखंड के विभिन्न प्रक्षेत्रों में विकास की दर एक समान नहीं रही है। तृतीयक क्षेत्र सबसे तेजी से और प्राथमिक क्षेत्र में सबसे धीमी गति से विकास हुआ है। वित्तीय वर्ष 2018-19 में अर्थव्यवस्था में तृतीयक क्षेत्र का योगदान सर्वाधिक रहा। झारखंड की कुल अर्थव्यवस्था में इस क्षेत्र का योगदान 60.2 प्रतिशत था, जबकि प्राथमिक क्षेत्र का 20.2 प्रतिशत एवं द्वितीयक क्षेत्र का भी योगदान 19.6 प्रतिशत रहा था। वित्तीय वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 में सबसे तीन वृद्धि दर तृतीयक क्षेत्र का 8 प्रतिशत, द्वितीयक क्षेत्र का 4.8 प्रतिशत तथा प्राथमिक क्षेत्र का 3.8 प्रतिशत रहा।

2011-12 से 2018-19 के बीच औसत रूप से राज्य के सकल राज्य घरेलू उत्पाद (GSDP) में कृषि, वानिकी एवं मत्स्यन का योगदान 15.23 प्रतिशत, उद्योग का 40.87 प्रतिशत तथा सेवा क्षेत्र का 43.25 प्रतिशत रहा। 2011-12 में कृषि क्षेत्र का हिस्सा 16.05 प्रतिशत उद्योग का, 45.84 प्रतिशत तथा सेवा क्षेत्र का 38.54 प्रतिशत था।

वित्तीय वर्ष 2018-19 में सकल राज्य घरेलू उत्पाद में कृषि क्षेत्र का हिस्सा घटकर 15.23 प्रतिशत तथा सेवा क्षेत्र का बढ़कर 43.25 प्रतिशत हो गया। उद्योग क्षेत्र का हिस्सा 40.87 प्रतिशत था।

पिछले तीन वर्षों से मुद्रास्फीति दर नियंत्रण में रही है। वित्तीय वर्ष 2015-16 में औसत मुद्रास्फीति दर 5.3 प्रतिशत थी, जो 2017-18 में घटकर 3.9 प्रतिशत एवं वर्ष 2018-19 में केवल 3 प्रतिशत हो गई। राज्य का कुल व्यय वर्ष 2011-12 में लगभग 26082 करोड़ रुपए था, जो 2017-18 में बढ़कर 67705 करोड़ रुपए हो गया।

पिछले 6 वर्षों की अवधि में यह ढाई गुना बढ़ा है। राज्य की 2011-12 और 2017-18 के बीच औसत वार्षिक विकास दर पर 17 प्रतिशत बढ़ा है। वर्ष 2011-12 और 2017-18 के बीच राजस्व प्राप्ति में ढाई गुना जबकि पूँजीगत प्राप्ति में चार गुना की वृद्धि हुई है। वर्ष 2011-12 में राज्य की कुल प्राप्ति GSDP का 17 प्रतिशत था, वर्ष 2018-19 के बजट अनुमान में राजकोषीय घाटा 2.61 प्रतिशत था।

महिला सशक्तिकरण के लिए महिला किसान सशक्तिकरण परियोजना (MKSP), JSLPS के अंतर्गत स्वयं सहायता समूह और SBM ग्रामीण के अंतर्गत शौचालय निर्माण जैसी कई योजनाएँ कार्यान्वित की जा रही है। JSLPS के माध्यम से सखी मंडलों द्वारा झारखंड के आदिम जनजातीय समूह के परिवारों को प्रति परिवार 35 किलो चावल प्रति माह मुफ्त में दिया जा रहा है।

देश के प्रमुख राज्यों के निवल राज्य घरेलू उत्पाद (2011-12 के स्थिर मूल्यों पर)

राज्य

निवल राज्य घरेलू उत्पाद में वृद्धि

गुजरात

9.4

मिजोरम

9.2

त्रिपुरा

9.0

चण्डीगढ़

8.8

झारखंड

8.8

मध्य प्रदेश

7.1

बिहार

7.0

छत्तीसगढ़

6.6

उत्तर प्रदेश

5.8

पंजाब

5.5

गोवा

1.1


आय तथा प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि दर (भारत एवं झारखंड का तुलनात्मक)

वर्ष

आय में वृद्धि

प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि

 

झारखंड

भारत

झारखंड

भारत

2001-02 से 2004-05 (आधार वर्ष 1999-2000)

8.14

6.41

6.69

4.58

2005-06 से 2011-12 (आधार वर्ष 2004-05)

7.21

8.47

5.11

6.99

2012-13 से 2015-16 (आधार वर्ष 2011-12)

8.59

6.76

7.15

5.11

विकास दर में विभिन्न क्षेत्रों का योगदान एवं GSVA में औसत हिस्सा (2018-19)

क्र.म.

क्षेत्र एवं उप-क्षेत्र

वृद्धि दर में योगदान

GSVA में औसत हिस्सा

1

कृषि, वानिकी एवं मत्स्यन

8.4

14.06

1.1

फसल

4.8

7.91

1.2

पशुपालन

-0.1

2.70

1.3

वानिकी एवं संग्रहण

3.2

2.94

1.4

मत्स्यन

0.4

0.51

2

खनन एवं उत्खनन

11.8

10.39

I

प्राथमिक(1+2)

20.2

24.45

3

विनिर्माण

17.6

17.17

4

विद्युत, गैस, जल आपूर्ति

0.5

0.82

5

निर्माण

1.5

8.06

II

 द्वितीयक (3+4+5)

19.6

26.05

III

उद्योग(2+II)

31.4

34.93

6

व्यापार, रिपेयर, होटल एवं रेस्टोरेंट

22.4

14.80

6.1

व्यापार एवं रिपेयर सेवा

20.7

13.87

6.2

होटल एवं रेस्टोरेंट

1.7

0.93

7

परिवहन, भंडारण एवं संचार

13.4

9.01

7.1

रेलवे

4.8

2.72

7.2

सड़क

3.9

3.80

7.3

वायु परिवहन

0.3

0.06

7.4

आपातकालीन परिवहन सेवा

0.0

0.13

7.5

भंडारण

0.0

0.00

7.6

संचार एवं प्रसारण से संबंधित सेवा

4.3

2.30

8

वित्तीय सेवा

3.1

3.42

9

रियल एस्टेट, व्यावसायिक सेवा एवं स्वामित्व

12.8

10.13

10

लोक प्रशासन

-1.3

5.04

11

अन्य सेवाएं

9.8

7.09

iv

तृतीयक(6+7+8+9+10+11)

60.2

49.49

12

आधार मूल्य पर कुल GSVA

100.00

100.00

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