JPSC_Financial_and_Banking_Sector_Reforms (वित्तीय और बैंकिंग क्षेत्र सुधार)
Financial and Banking Sector Reforms (वित्तीय और बैंकिंग क्षेत्र सुधार)
( आर्थिक सुधार और ग्रामीण बैंकिंग का ग्रामीण साख पर प्रभाव, ग्रामीण
साख के श्रोत और समस्याएँ ) आज
के परिदृश्य में हम जिस अर्थ में बैंकिंग शब्द का प्रयोग करते हैं उसकी उत्पत्ति
पश्चिमी दुनिया में हुई थी और भारत का इससे परिचय ब्रिटिश शासकों ने 17वीं शताब्दी
में करवाया था। तबसे बहुत कुछ हो चुका है और आज भारतीय बैंकों को विकासशील दुनिया
के सबसे अच्छे बैंकों में गिना जाता है और दुनिया के सबसे अच्छे बैंकों के रूप में
उभरने की कोशिश जारी है। एनबीएफसी (NBFCs) बैंक
एक वित्तीय संस्था है, जिसका प्राथमिक काम उसके खातों में जमा पैसों का इस्तेमाल
करना और ऋण देना है। इनके जमा और ऋण काफी विभेदीकृत प्रकृति के होते हैं। बैंकों
का विनियमन RBI (भारतीय रिजर्व बैंक) करता है। वित्तीय संस्थाओं की दूसरी श्रेणी
गैर-बैंक (नॉन-बैंक) का काम करीब-करीब एक जैसा ही होता है लेकिन मुख्य अंतर यह है
कि गैर-बैंक अपने यहां पैसे जमा करने वालों को खाते से पैसे निकालने नहीं देते। एनबीएफसी
(नॉन-बैंकिंग फायनांशियल कंपनी) भारतीय वित्तीय व्यवस्था में एक महत्वपूर्ण
सेगमेंट के तौर पर तेजी से उभर रही है। ये अलग-अलग संस्थाओं का एक समूह (वा…