जनसंख्या की संरचना : साक्षरता,शिक्षा (POPULATION COMPOSITION: LITERACY, EDUCATION)

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जनसंख्या की संरचना : साक्षरता,शिक्षा (POPULATION COMPOSITION: LITERACY, EDUCATION)
साक्षरता जनसंख्या का एक ऐसा सामाजिक पक्ष है जिसके आधार पर सामाजिक विकास का मापदण्ड निश्चित किया जा सकता है। यह किसी देश या प्रदेश की उन्नति का सूचक है। साक्षरता के विकास से मानव सीमित परिवेश से बाहर निकलकर अपने क्षेत्र की सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक प्रवृत्तियों से अन्योन्याश्रित सम्बन्ध स्थापित कर लेता है। साक्षरता देश के आर्थिक विकास, सामाजिक प्रगति तथा प्रजातन्त्र की सफलता के लिए अत्यन्त आवश्यक है। साक्षरता जनसंख्या के अन्य जनांकिकी विशेषताओं, जैसे-उत्पादन- दर, मृत्यु-दर, आर्थिक प्रतिरूप आदि को प्रभावित करती है। यूनाइटेड नेशन्स पॉपूलेशन कमीशन के अनुसार, "Literacy is the ability of a person to read and write with understanding a short simple statement of his everyday life." इस परिभाषा से स्पष्ट है कि लिखने-पढ़ने की समझ ही साक्षरता है। संयुक्त राष्ट्र संघ के जनसंख्या आयोग के अनुसार किसी भाषा के एक साधारण सन्देश को समझकर पढ़ एवं लिख सकने की क्षमता रखने वाले व्यक्ति को साक्षर कहा जाता है। भारतीय जनगणना में भी इसी आधार को माना गया है। साक्षरता को निर्धारित करने के लिए विभिन्न देश…