जनसंख्या की संरचना : नगरीयकरण (POPULATION COMPOSITION: URBANIZATION)

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जनसंख्या की संरचना : नगरीयकरण (POPULATION COMPOSITION: URBANIZATION)
विश्व में नगरीयकरण (Urbanization in India) नगरीयकरण कोई नई प्रक्रिया या संकल्पना नहीं है बल्कि नगरीयकरण यह प्राचीन काल में भी थी परन्तु प्राचीन काल में ग्रामीण क्षेत्रों की अधिकता के कारण नगरीयकरण नहीं हो सका। परन्तु वर्तमान में नगरीयकरण की प्रक्रिया तीवगति से बढ़ती जा रही है। किसी प्रदेश की सम्पूर्ण जनसंख्या में नगरीय जनसंख्या के अनुपात को या इन अनुपात की वृद्धि की प्रक्रिया को नगरीकरण कहते हैं। वस्तुतः नगरीयकरण, नगरीय जनसंख्या के अधिक आनुपातिक वृद्धि को कहते है। किसी समय विशेष के संदर्भ में इन अनुपातों की मात्र का प्रतिशत या अन्य इकाइयों में ज्ञात कर सकते हैं। नगरीयकरण का प्रभाव, नगरीय वृद्धि पर, कुछ दशाओं को छोड़कर, सभी दशाओं में अनिवार्य है। पुनः नगरीयकरण पर नगरीय वृद्धि का प्रभाव पड़ना अनिवार्य भी नहीं है। प्रायः भौतिक नगरीयकरण और जनसंख्या वृद्धि के बिना ही नगरीय विस्तार हो जाता है जबकि कुछ नगरों में बिना किसी नगरीय विस्तार या फैलाव के ही जनसंख्या में वृद्धि दृष्टिगोचर होता है, इसलिए यदि एक दूसरे तथ्य को जनसंख्या के नगरीयकरण के स्थान पर भूमि या क्षेत्र के नगरीयकरण के रूप में देखते…