Class XI भूगोल सेट -1 मॉडल प्रश्नपत्र 2021-22 Term-2

Class XI भूगोल सेट -1 मॉडल प्रश्नपत्र 2021-22 Term-2
झारखंड शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद्, राँची (झारखंड)

Jharkhand Council of Educational Research and Training, Ranchi

(Jharkhand)

द्वितीय सावधिक परीक्षा - 2021 2022

Second Terminal Examination - 2021-2022

मॉडल प्रश्नपत्र

Model Question Paper

सेट-1 (Set-1)

वर्ग- 11

विषयभूगोल

पूर्णांक-40

समय - 1:30 घंटे

सामान्यनिर्देश (General Instructions) -

 परीक्षार्थी यथासंभव अपने शब्दों में उत्तर दीजिए |

 कुल प्रश्नों की संख्या 19 है।

 प्रश्न संख्या 1 से प्रश्न संख्या 7 तक अति लघुत्तरीय प्रश्न हैं। इनमें से किन्हीं पाँच प्रश्नों के उत्तर अधिकतम एक वाक्य में दीजिए। प्रत्येक प्रश्न का मान 1 अंक निर्धारित है।

 प्रश्न संख्या 8 से प्रश्न संख्या 14 तक लघुत्तरीय प्रश्न हैं। इनमें से किन्हीं 5 प्रश्नों के उत्तर अधिकतम 50 शब्दों में दीजिए। प्रत्येक प्रश्न का मान 3 अंक निर्धारित है।

 प्रश्न संख्या 15 से प्रश्न संख्या 19 तक दीर्घ उत्तरीय प्रश्न हैं। इनमें से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर अधिकतम 150 शब्दों में दीजिए। प्रत्येक प्रश्न का मान 5 अंक निर्धारित है।

1. अरब सागर में गिरने वाली दो नदियों के नाम लिखें।

उत्तर (1) नर्मदा नदी ( 2 ) ताप्ती नदी

2. क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ा भारतीय राज्य कौन है।

उत्तर: राजस्थान

3. अपवाह तंत्र किसे कहते हैं?

उत्तर: जब कोई मुख्य नदी अपने सहायक नदियों के साथ उस क्षेत्र विशेष के वर्षा जल को लेकर प्रवाहित होते हुए सागर में मिल जाती है। उस पूरे क्षेत्र को उस नदी का अपवाह तंत्र या अपवाह द्रोणी कहते हैं। जैसे गंगा नदी अपवाह तंत्र, सिंधु नदी अपवाह तंत्र, स्वर्णरेखा नदी अपवाह तंत्र इत्यादि।

4. बांगर क्या है?

उत्तर: नदियों द्वारा निर्मित पुराने जलोढ़ मिट्टी को बांगर कहा जाता है। इसका निर्माण प्लिस्टोसीन काल में हुआ है।

5. भारत की अक्षांशीय एवं देशांतरीय विस्तार लिखें।

उत्तर: भारत का अक्षांशीय विस्तार :- 8° 4' उत्तरी से 37°6' उत्तरी अक्षांश तक।

भारत का देशांतरीय विस्तार :- 68°7' पूर्वी से 97°25' पूर्वी देशांतर तक।

6. सारगैसो सागर क्या है?

उत्तर: अटलांटिक महासागर में गल्फ स्ट्रीम, कनारी धारा और उत्तरी विषुवतीय धाराओं के बीच स्थित शांत एवं स्थिर जल क्षेत्र को सारगैसो सागर कहते हैं। इस सागर का नाम वहां पर पाए जाने वाले सारगैसम घास (पुर्तगाली भाषा) के कारण पड़ा है।

7. 'जल संभर' से आप क्या समझते हैं?

उत्तर: छोटे नदी के अपवाह क्षेत्र को जल संभर कहा जाता है। यह नदी द्रोणी की तुलना में बहुत छोटी होती है। वर्तमान समय में जल सभर पर अतिक्रमण होते जा रहा है, इसे बचाना अति आवश्यक है।

8. पृथ्वी को नीला ग्रह क्यों कहा जाता है?

उत्तर: जल, संपूर्ण सौरमंडल में केवल पृथ्वी पर पाया जाता है। जल द्वारा ही यहां पर जीवन सम्भव हुआ है। पृथ्वी की सतह का 71% भाग जल से ढका है इस कारण बाहरी स्थान से यह नीला दिखाई पड़ता है, इसलिए पृथ्वी को नीला ग्रह कहा जाता है।

9. पारिस्थितिकी से आप क्या समझते हैं?

उत्तर: जीव और पर्यावरण के बीच के पारस्परिक संबंधों को पारिस्थितिकी कहा जाता है। Ecology (पारिस्थितिकी) शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग अर्नेस्ट हैकल ने किया था।

पारिस्थितिकी के दो महत्वपूर्ण घटक हैं:-

(A) जैविक घटक:- इसके अंतर्गत निम्न आते है:-

(a) जीव समुदाय (b) वनस्पति समुदाय (c) सूक्ष्मजीव (d) मनुष्य

(B) अजैविक घटक:- इसके अंतर्गत निम्न आते हैं:-

(a) प्रकाश (b) ताप (c) आर्द्रता (d) हवा (e) स्थलाकृति (f) मिट्टी

10. जैवमंडल से आपका क्या तात्पर्य है?

उत्तर: स्थलमंडल, जलमंडल, और वायुमंडल का सम्मिलित रूप जहां जीव जंतु निवास करते हैं उसे जैवमंडल कहते हैं। जैवमंडल के मूल घटक जैविक घटक, अजैविक घटक एवं ऊर्जा घटक हैं।

11. नदियों के किन्ही पांच महत्व को लिखे।

उत्तर: भारत में नदियों तथा उनके सहायक नदियों (लंबाई 1.6 KM) से अधिक की कुल संख्या 10360 है, अर्थात भारत नदियों के रूप में एक समृद्ध देश है।

नदियों का महत्व:- भारत में नदियों के पांच प्रमुख महत्व निम्न है:-

(A) सभ्यता का विकास (हड़प्पा सभ्यता) ।

(B) पेयजल की आपूर्ति।

(C) मछली पालन |

(D) जल विद्युत का उत्पादन।

(E) सिंचाई की सुविधा।

(F) नौ परिवहन की सुविधा।

(G) जलोढ़ मृदा का निर्माण ।

(H) भूमिगत जल का पुनर्भरण

(I) धार्मिक दृष्टि से पवित्र स्नान ।

12. बांगर एवं खादर में अंतर स्पष्ट करें।

उत्तर:

क्र०सं०

आधार

बांगर

खादर

1

काल

इसका निर्माण प्लिस्टोसीन काल में हुआ है।

इसका निर्माण प्लिस्टोसीन से वर्तमान तक जारी है।

2

समय

पुराने जलोढ़ मिट्टा को बांगर कहा जाता है।

नवीन जलोढ़ मिट्टी को खादर कहा जाता है।

3

बाढ़

यहां तक बाढ़ का पानी नहीं पहुंच पाता है।

यहां प्रत्येक वर्ष बाढ़ का पानी पहुंच जाता है।

4

उपजाऊपन

तुलनात्मक रूप से कम उपजाऊ होता है।

यह बहुत ही उपजाऊ होता है।

13. समुद्री जल की लवणता से आप क्या समझते हैं ?

उत्तर: समुद्र में जल का भार तथा उसमें खुले हुए पदार्थों के भार के अनुपात को लवणता कहते है। साधारण शब्दों में समुद्र के जल में घुले नमक की मात्रा को लवणता कहते हैं। इसे प्रति 1000 ग्राम जल में उपस्थित लवण की मात्रा ( /००) के रूप में दर्शाया जाता है। समुद्र के जल का औसत लवणता 33°/०० से 37°/०० के बीच पाई जाती है। विश्व का सबसे अधिक लवणता टर्की के वान झील का है, जिसकी लवणता 330°/०० है।

14. बायोम क्या है?

उत्तर: पृथ्वी का वैसा भू-भाग जहां के समस्त वनस्पतियों एवं जीव जंतु की समान विशेषताएं प्रायः एक समान होती है, उसे बायोम कहा जाता है। जलवायु के आधार पर बायोम को तीन वर्गों में बांटा जाता है :-

(A) टुण्ड्रा बायोम

(B) शीतोष्ण कटिबंधीय बायोम

(C) उष्णकटिबंधीय बायोम

इसे वनस्पति के आधार पर उपवर्गों में विभाजित किया जाता है। जैसे सवाना बायोम, मानसून बायोम इत्यादि

15. पारिस्थितिकी संतुलन क्या है? इसके असंतुलन को रोकने के महत्वपूर्ण उपायों की चर्चा करें।

उत्तर: जीव और पर्यावरण के बीच के पारस्परिक संबंधों को पारिस्थितिकी कहा जाता है। Ecology (पारिस्थितिकी) शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग अर्नेस्ट हैकल ने किया था, जबकि Ecosystem (पारिस्थितिक तंत्र) शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग ए० सी० टान्सले किया था।

पारिस्थितिकी संतुलन :- पर्यावरण में विभिन्न प्रकार के जीव-जंतु, पेड़-पौधे एवं मनुष्य के आपस में प्रतिस्पर्धा एवं सहयोग को पारिस्थितिकी संतुलन कहा जाता है। प्राकृतिक पारिस्थितिक तंत्र में स्वतः नियंत्रण की क्रियाविधि पाई जाती है। जिसे होमियोस्टेटिक क्रियाविधि कहते हैं। अर्थात पारिस्थितिकी स्वयं परिवर्तन करके पुनः स्थापित हो जाती है।

पारिस्थितिक असंतुलन के कारण:- मनुष्य अपने सर्वांगीण विकास के लिए प्रकृति में इतने छेड़छाड़ किए हैं कि अब पारिस्थितिक असंतुलन उत्पन्न हो गया है। इसके असंतुलन के प्रमुख कारण निम्न है-

(A) बढ़ती हुई जनसंख्या

(B) संसाधनों का अति दोहन ।

(C) जंगलों की कटाई ।

(D) कीटनाशक एवं उर्वरक का अत्यधिक प्रयोग।

(E) औद्योगीकरण

(F) नगरीकरण

(G) आधुनिकीकरण

(H) प्राकृतिक आपदा

(I) सहविलुप्तता

पारिस्थितिक असंतुलन के नियंत्रण के उपाय:- प्राकृतिक कारणों से हुए असंतुलन को पारिस्थितिकी तंत्र अन्य भाग में परिवर्तन करके संतुलन कर लेती है, लेकिन मानव द्वारा इतना व्यापक परिवर्तन कर दिया है कि यह प्रदूषण का रूप ले लिया है। इसके असंतुलन को रोकने के महत्वपूर्ण उपाय निम्न है:-

(A) जीव जंतु एवं पेड़ पौधों का संरक्षण |

(B) जैव विविधता वाले क्षेत्र में प्रतिबंध

(C) वन लकड़ी एवं वन जीव के स्थानीय एवं अंतरराष्ट्रीय व्यापार पर प्रतिबंध |

(D) जीव जंतु एवं पेड़ पौधों के मूल आवास का संरक्षण एवं प्रतिबंध

(E) वन एवं वन्य जीव संरक्षण के कानून का कड़ाई से पालन ।

(F) वृक्षारोपण

(G) जैविक कृषि

(H) जनसंख्या नियंत्रण

(I) प्रदूषण रहित उद्योग की स्थापना

(J) आम नागरिकों को पारिस्थितिकी तंत्र के संरक्षण के प्रति जागरूकता।

16. भारत के प्रमुख भौतिक विभागों के नाम लिखें और इनमें से किसी एक का विस्तृत वर्णन करें।

उत्तर: भारत एशिया महादेश में स्थित है। इसका विस्तार 8° 4' उत्तरी अक्षांश से 37°6' उत्तरी अक्षांश तक तथा 68°7' पूर्वी देशांतर से 97°25' पूर्वी देशांतर तक है, यह लगभग 3287263 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में फैला हुआ है। भारत की प्रमुख भूआकृति निम्न है:-

1. हिमालय का पर्वतीय प्रदेश

2. उतरी मैदान

3. प्रायद्वीपीय पठार

4. भारतीय मरुभूमि

5. समुद्र तटीय मैदान

6. द्वीप समूह

समुंद्र तटीय मैदान: भारत का प्रायद्वीपीय पठार पूरब और पश्चिम में पतले समुंद्र तटीय मैदान से घिरा है। पश्चिम तटीय मैदान एक पतली पट्टी है जो अरबसागर के साथ-साथ फैला हुआ है तथा इसके पूरब में पूर्वी घाट अवस्थित है। इस पश्चिमी तटीय मैदान का उतरी भाग कोंकण ( मुम्बई से गोवा) कहलाता है। मध्यवर्ती भाग कन्नड़ तथा दक्षिणी भाग मालावार तट कहलाता है। बंगाल की खाड़ी के साथ विस्तृत मैदान चौड़ा एवं समतल है। उतरी भाग में इसे उतरी सरकार कहा जाता है जबकी दक्षिणी भाग को कोरोमण्डल तट के नाम से जाना जाता है।

17. मृदा अपरदन क्या है? इसके रोकथाम के उपाय बताएं।

उत्तर: मिट्टी का कटाव मृदा अपरदन कहलाता है, अर्थात मिट्टी के ऊपरी परत का हटना या मिट्टी के उर्वरा शक्ति में कमी होने मृदा अपरदन कहते हैं। वर्तमान समय में मिट्टी के ऊपरी परत के कटाव के साथ-साथ मृदा प्रदूषण भी एक गंभीर समस्या बन गई है। जिसका कुप्रभाव कृषि उत्पादन के साथ-साथ पर्यावरण असंतुलन पर भी पड़ रहा है।

मृदा अपरदन के रोकथाम के उपाय:- मृदा अपरदन के रोकथाम के लिए निम्न उपायों को करना अति आवश्यक है :-

(A) पर्वतीय एवं पठारी क्षेत्र में सीढ़ीनुमा खेती।

(B) वृक्षारोपण।

( C ) अति चारण से बचाव।

(D) समुच्चय जुताई ।

(E) 15 से 20% ढाल प्रवणता पर भूमि उपयोग नहीं करना ।

(F) स्थानांतरित कृषि पर प्रतिबंध ।

(G) सामाजिक वानिकी कार्यक्रम |

(H) मरुस्थलीय प्रदेशों में वृक्षों की रक्षा मेखला लगाकर ।

(I) कृषि अनुत्पादक भूमि पर चारागाह का निर्माण करके।

(J) भूमि उपयोग के समन्वित योजना बनाकर।

(K) मिश्रित कृषि एवं बहु फसलें कृषि को बढ़ावा देकर।

(L) भारत सरकार के केंद्रीय मृदा संरक्षण बोर्ड के सलाह मानकर।

(M) आम नागरिकों को जागरूक बनाकर।

(N) समय-समय पर मिट्टी की जांच करा कर ।

18. उत्तर भारतीय नदियों की महत्वपूर्ण विशेषताएं क्या है? ये प्रायद्वीपीय नदियों से किस प्रकार भिन्न है?

उत्तर: भारतीय नदियां का उद्गम हिमालय पर्वत माला से है। ये नदियां सालों भर प्रवाहित होती है। इन नदियों का निर्माण हिमालय के निर्माण से पूर्व हुआ माना जाता है।

उत्तर भारत की नदियां और प्रायद्वीपीय भारत की नदियां निम्न प्रकार से भिन्न-

क्र० सं०

आधार

उत्तर भारतीय नदियाँ

प्रायद्वीपीय नदियाँ

1

उद्गम स्थल

हिमालय पर्वत से निकलती है

अरावली, पश्चिमी घाट या सतपुड़ा, महादेव, मैकाल श्रेणी से निकलती है।

2

प्रवाह मौसम

सदावाहिनी अर्थात सालों भर प्रवाहित होती है।

मौसमी अर्थात वर्षा ऋतु में प्रवाहित होती है।

3

जल प्राप्ति स्रोत

इन नदियों को जल हिम और वर्षा दोनों से प्राप्त होता है।

इन नदियों को केवल वर्षा से जल प्राप्त होता है।

4

जल ग्रहण क्षेत्र

बहुत बड़ी अपवाह द्रोणी है।

अपेक्षाकृत छोटी अपवाह द्रोणी है।

5

अवस्था

यह युवा अवस्था में है।

यह प्रौढ़ अवस्था है।

6

प्रमुख नदियाँ

गंगा, सिंधु, ब्रह्मपुत्र इत्यादि

गोदावरी, महानदी, कृष्णा, कावेरी, नर्मदा इत्यादि

 
19. भारत के मानचित्र में निम्नलिखित को दर्शाइए:

क. नर्मदा एवं ताप्ती नदियां ।

ख. कोरोमंडल तट ।

ग. चिल्का झील।

घ. लक्षदीप।

ड. अंडमान निकोबार द्वीप समूह ।

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