नई व पुरानी पेंशन योजना का तुलनात्मक अध्ययन
2005 में बंद हुई थी पुरानी पेंशन
अप्रैल 2005 के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई की केंद्र सरकार ने नियुक्तियों के लिए पुरानी पेंशन को बंद कर दिया था। नई पेंशन योजना लागू की गई थी। केंद्र सरकार के बाद नई पेंशन योजना लागू करने में राज्य भी पीछे नहीं रहे। हालांकि, ये अनिवार्य नहीं था। यूनियन का मानना है कि उस वक्त कर्मचारी इस नई पेंशन योजना को समझ नहीं पाए, उन्हें ऐसा लगा था, जैसे यह योजना सेवानिवृत्ति के बाद उन्हें पुरानी पेंशन योजना से ज्यादा फायदा देगी, लेकिन ये भ्रम टूटा और पिछले कई सालों से नई पेंशन योजना का विरोध शुरू हो गया। आइये समझते हैं कि दोनों पेंशन स्कीम में आखिर अंतर क्या है..?
पुरानी पेंशन योजना (OPS)
1. OPS में पेंशन के लिए वेतन से कोई कटौती नहीं होती है।
2. OPS में GPF सुविधा उपलब्ध है।
3. OPS एक सुरक्षित पेंशन योजना है।
4. OPS में रिटायरमेंट के समय निश्चित पेंशन जो अंतिम मूल वेतन के 50% की गारंटी है।
5. OPS पर छह माह बाद मिलने वाला महंगाई भत्ता (DA) लागू होता है।
6. OPS के अंतर्गत प्राप्त पेंशन पर हर 10 वर्ष पश्चात वेतन आयोग का लाभ प्राप्त होता है।
7. OPS में रिटायरमेंट के समय 20 लाख तक की ग्रेज्युटी मिलती है।
8. OPS में सेवा के दौरान मृत्यु होने पर फैमिली पेंशन का प्रावधान है।
9. OPS में सरकार द्वारा ट्रेजरी के माध्यम से भुगतान किया जाता हैं ।
10. OPS में रिटायरमेंट पर GPF के व्याज पर किसी प्रकार का इनकम टैक्स नहीं लगता।
11. OPS में रिटायरमेंट के समय OPS फंड से किसी प्रकार का इन्वेस्ट पेंशन के लिए नहीं करना पड़ता।
12. OPS में 40% पेंशन कम्युटेशन का प्रावधान।
13. OPS में रिटायरमेंट के बाद मेडिकल फैसिलिटी उपलब्ध।
14. पुरानी पेंशन योजना (OPS)में कर्मचारी की सैलरी से किसी तरह की कटौती नहीं होती थी।
15. पुरानी पेंशन योजना में रिटायर्ड कर्मचारियों को सरकारी कोष से पेंशन का भुगतान किया जाता था।
16. पुरानी योजना में कर्मचारी की मौत पर उसके परिजनों को भी पेंशन मिलती थी। नई पेंशन स्कीम में भी कर्मचारी की मौत पर परिजनों को पेंशन मिलती है।
नई पेंशन योजना (NPS) = नो पेंशन योजना
1. NPS में पेंशन के लिए वेतन से 10% (Basic+DA) की कटौती होती है।
2. NPS में GPF सुविधा उपलब्ध नहीं है।
3. NPS शेयर बाजार आधारित असुरक्षित योजना है।
4. NPS में रिटायरमेंट के समय निश्चित पेंशन की गारंटी नहीं है, हो सकता है पूरा पैसा ही डूब जाये।
5. NPS में छह माह बाद मिलने वाला महंगाई भत्ता (DA) लागू नहीं होता है।
6. NPS के अंतर्गत प्राप्त पेंशन पर हर 10 वर्ष पश्चात वेतन आयोग का लाभ प्राप्त नहीं होता है।
7. NPS में रिटायरमेंट के समय ग्रेज्युटी का अस्थायी प्रावधान।
8. NPS में सेवा के दौरान मृत्यु होने पर फैमिली पेंशन का अस्थायी प्रावधान।
9. NPS में शेयर बाजार के आधार पर भुगतान किया जायेगा।
10. NPS में रिटायरमेंट पर शेयर बाजार के आधार पर जो धन मिलेगा उस पर इनकम टैक्स देना पड़ेगा।
11. NPS में रिटायरमेंट के समय NPS फंड से 40% इन्वेस्ट पेंशन के लिए करना पड़ेगा।
12. NPS में पेंशन कम्युटेशन का प्रावधान नहीं।
13. NPS में रिटायरमेंट के बाद मेडिकल फैसिलिटी का स्पष्ट प्रावधान नहीं।
14. वहीं नई पेंशन स्कीम में कर्मचारी की सैलरी से 10 फीसदी की कटौती की जाती है। साथ ही 14 फीसदी हिस्सा सरकार मिलाती है।
15. वहीं नई पेंशन योजना शेयर मार्केट बेस्ड है। इसका भुगतान बाजार पर निर्भर करता है।
16. लेकिन नई पेंशन योजना में जमा पैसा सरकार ले लेती है।
दिल्ली में आयोजित नीति आयोग की बैठक में प्रधानमंत्री के सामने NPS के तहत कटौती की गयी राशि को वापस लौटाने की मांग छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने की। इस बैठक में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सहित देश के लगभग सभी मुख्यमंत्री शामिल थे। बैठक में छत्तीसगढ़ के मुताबिक भूपेश बघेल ने OPS के मुद्दे को उठाते हुए कहा कि …
छत्तीसगढ़ ने पुरानी पेंशन बहाली की है, इस योजना के लागू होने के बाद OPS के तहत कर्मचारियों को लाभ दिया जा रहा है, ऐसे में NPS के तहत 2004 से कर्मचारियों की कटौती की गयी राशि केंद्र सरकार राज्य सरकार को तत्काल वापस करे, ताकि कर्मचारियो के लिए पुरानी पेंशन व्यवस्था को सुचारू किया जा सके
इस बैठक में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी मौजूद थे।
हेमंत सोरेन सरकार ने भी पुरानी पेंशन बहाली का ऐलान किया है, जिसे लेकर सरकार बड़ी तेजी से कदम भी बढ़ा रही है। 15 जुलाई को हुई कैबिनेट की बैठक में पुरानी पेंशन बहाली को लेकर सैद्धांतिक सहमति भी मिल चुकी है। साथ ही SOP का गठन भी किया गया है, जिसकी सलाह पर पुरानी पेंशन पर कैबिनेट की अंतिम मुहर लगेगी। पिछले दिनों SOP को लेकर जारी अधिसूचना राजपत्र में प्रकाशित होने के लिए भी भेजा गया है।
झारखंड में भी पुरानी पेंशन बहाली को लेकर सबसे ज्यादा अड़चनें NSDL में जमा NPS के तहत कटौती की गयी 17 हजार करोड़ से ज्यादा की राशि ही है। जिसका जिक्र पिछले दिनों झारखंड में पुरानी पेंशन बहाली के दौरान चर्चा में भी आया था, कहा गया था कि अधिकारी इसे लेकर सहमत नहीं थे। हालांकि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पुरानी पेंशन बहाली को लेकर पूरी तरह प्रतिबद्ध नजर आ रहे हैं, लिहाजा वो लगातार इस दिशा में आगे भी बढ़ रहे हैं।
झारखंड की बात करें तो झारखंड के कर्मचारियों का NPS के तहत 17 हजार 600 करोड़ रूपया केंद्र सरकार के पास जमा है। अगर वो राशि राज्य सरकार को लौटा दी जाती है, तो झारखंड में पुरानी पेंशन की राह और आसान हो सकती है। आज पहली बार प्रधानमंत्री के सामने NPS की तहत कटौती की गयी राशि को लौटाने की मांग मुख्यमंत्रियों की बैठक में रखी गयी है, जिसके बाद उम्मीदें काफी बढ़ी है कि इस दिशा में प्रधानमंत्री स्तर पर कुछ पहल हो। अगर NPS की तहत कटौती की गयी राशि NSDL से राज्यों को हस्तांतरित हो जाती है, तो पुरानी पेंशन लागू करने की दिशा में बढ़ रही राज्य सरकार के लिए पुरानी पेंशन बहाली की राह आसान हो जायेगी।
झारखंड सरकार के विभिन्न विभागों में 5 लाख 33 हजार 737 पद सृजित हैं, जिसमें वर्तमान में 1 लाख 83 हजार 16 पदों पर कार्यरत हैं। यदि ओल्ड पेंशन स्कीम लागू की जाती है तो 1 जनवरी 2004 के बाद सरकारी नौकरी करने वाले कर्मियों की पेंशन साल 2034 से पेंशन शुरू हो जायेगा। वर्तमान समय में इस योजना के शुरू होने से करीब एक लाख कर्मचारियों-पदाधिकारियों को लाभ मिलेगा। पुरानी पेंशन बहाली के बाद राज्य सरकार को अभी तत्काल खर्च का बोझ नहीं आना है। पुरानी पेंशन के लिए साल 2034 के बाद ही सेवानिवृत्त कर्मियों को लेकर खर्च आना है। इसलिए राज्य सरकार को कोई दिक्कत अभी नहीं है।
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दीपक कुमार मीडिया प्रभारी NMOPS Dumka
🙏🙏🙏
इस जानकारी को अधिक से अधिक कर्मचारियों तक पहुँचाकर मिशन की कामयाबी में भागीदार बनें।