Many Government plus-2 schools without Principal for Decades

दशकों से बिना प्राचार्य के कई सरकारी प्लस-2 स्कूल
दशकों से बिना प्राचार्य के कई सरकारी प्लस-2 स्कूल
"नियुक्ति तो दूर, पद सृजन भी नहीं हुआ
राज्य के सरकारी प्लस टू स्कूल दशकों से बगैर प्राचार्य ही संचालित हो रहे हैं। प्रतिवर्ष इन स्कूलों में नामांकन भी बढ़ रहा है, इसलिए आवश्यक है कि नियमित प्राचार्य के माध्यम से सुचारु संचालन सुनिश्चित की जाये। नियमावली के अनुसार माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापक का, जबकि प्लस टू विद्यालयों में प्राचार्य का पद प्रावधानित है। 

झारखंड +2 शिक्षक संघ के संरक्षक सुनील कुमार ने कहा कि माध्यमिक विद्यालयों को मध्य विद्यालय से उत्क्रमित करने के क्रम में प्रधानाध्यापक का पद सृजित किया जाता है, उसी प्रकार प्लस टू विद्यालयों को माध्यमिक विद्यालय से उत्क्रमित करने के क्रम में भी नियमावली अनुसार प्राचार्य का पद सृजित किया जाना चाहिए, परंतु शिक्षा विभाग द्वारा ऐसा नहीं किया जाता है। संघ ने लगातार पद सृजन की मांग विभाग से की, पद सृजन का कार्य प्रारंभ हुए लगभग दो वर्ष होने को है, लेकिन अभी तक कार्य प्रगति पर है के आश्वासन के अतिरिक्त कुछ नहीं मिला है। 

झारखंड प्लस टू शिक्षक संघ के प्रांतीय अध्यक्ष योगेंद्र प्रसाद ठाकुर ने कहा कि झारखंड में केंद्रीय विद्यालय संगठन के तर्ज पर नियमावली बनाकर राज्य के प्लस टू विद्यालय को संचालित करने का निर्णय सरकार द्वारा लिया गया।

हाल ही में संशोधित नियमावली भी निर्गत की जा चुकी है, प्राचार्य पद सृजन को लेकर सारे नियम एवं केंद्रीय विद्यालय के रूप में स्पष्ट रूप से प्रत्यक्ष उदाहरण मौजूद हैं। बावजूद इसके +2 प्राचार्य पद सृजन प्रक्रिया को अनावश्यक रूप तकनीकी कारणों का हवाला देकर विभागों द्वारा पेचीदा बनाते हुए लंबित रखा गया है।

यह सौतेला व्यवहार सिर्फ प्लस टू विद्यालय के संचालन एवं इसके प्राचार्य पद सृजन को लेकर ही बार-बार होता आया है। राज्य में सरकारी शिक्षा की गुणवत्ता को दृष्टिगत रखते हुए, मुख्यमंत्री से +2 प्राचार्य पद सृजन व नियुक्ति पर शीघ्र संज्ञान लेने की मांग की है।
2017 में 280 स्कूलों को किया अपग्रेड : बता दें कि झारखंड गठन के बाद राज्य के हिस्से 59 प्लस टू विद्यालय आए। इन विद्यालयों में प्राचार्य व उप प्राचार्य के पद सृजित थे। इसके बाद 2007 में 171 हाई स्कूलों को अपग्रेड कर प्लस टू विद्यालय बनाया गया। ठीक दस वर्ष के बाद यानी 2017 में 280 राज्य के हाई स्कूलों को अपग्रेड कर प्लस टू किया गया। 

फिर 2022 में 125 हाइस्कूलों को अपग्रेड कर प्लस टू स्तरीय विद्यालय तो बना दिया गया लेकिन प्राचार्य या उप प्राचार्य का पद रिक्त छोड़ दिया गया।
राजेश शर्मा, प्रधान सचिव, स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग, झारखंड के अनुसार, "राज्य के सभी प्लस टू विद्यालयों में प्राचार्य व उप प्राचार्य के पदस्थापन का मामला प्रक्रियाधीन है। विभागीय स्तर पर कार्रवाई की जा रही है। जल्द ही राज्य के सभी प्लस टू विद्यालयों में पद सृजित कर नियुक्ति की जाएगी।"

إرسال تعليق

Hello Friends Please Post Kesi Lagi Jarur Bataye or Share Jurur Kare