Class XII (History) 6. Bhakti-Sufi Traditions: Changes in Religious Beliefs and Shraddha Texts

6. भक्ति-सूफी परंपराएँ : धार्मिक विश्वासों में बदलाव और श्रद्धा ग्रंथ
Class XII (History) 6. Bhakti-Sufi Traditions: Changes in Religious Beliefs and Shraddha Texts
6. भक्ति-सूफी परंपराएँ : धार्मिक विश्वासों में बदलाव और श्रद्धा ग्रंथ उत्तर दीजिए (लगभग 100-150 शब्दों में) प्रश्न 1. उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए कि सम्प्रदाय के समन्वय से इतिहासकार क्या अर्थ निकालते हैं ? उत्तर: सम्प्रदाय में समन्वय का अर्थ दो भिन्न मत अथवा संस्थाओं के मध्य एक-दूसरे के विचारों, विश्वासों, प्रतीकों तथा परम्पराओं को आदर तथा सम्मान देने से है। इस काल में यह तत्व इतिहासकारों के मध्य अध्ययन का मुख्य विषय रहा। वे इतिहासकार जो सम्प्रदाय को समझने का प्रयास करते हैं, उनका कहना है कि यहाँ कम से कम दो प्रक्रियाएँ अथवा परम्पराएँ गतिमान थीं, ये दोनों प्रक्रियाएँ निम्नलिखित हैं .'प्रथम प्रक्रिया ब्राह्मणवादी व्यवस्था से सम्बन्धित थी जिसका प्रसार पौराणिक ग्रन्थों की रचना, उनका संकलन तथा परिरक्षण द्वारा हुआ। ये पौराणिक साहित्य संस्कृत छन्दों में थे; जो वैदिक विद्या से विहीन स्त्रियों तथा शूद्रों के लिये भी शिक्षायोग्य तथा ग्राह्य थे। द्वितीय प्रक्रिया थी-शूद्रों, स्त्रियों तथा अन्य सामाजिक वर्गों की आस्थाओं तथा आचरणों को ब्राह्मणों द्वारा स्वीकृत किया जाना तथा उसे एक नवीन स्वरूप प्रदान…