JAC, INTERMEDIATE ANNUAL EXAM-2026
MODEL QUESTION PAPER SET-1 (2025-26)
सामान्य
निर्देश
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इस प्रश्न पुस्तिका में दो भाग A तथा B है।
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भाग A में 25 बहुविकल्पीय प्रश्न है जो एक अंक स्तरीय
हैं।
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भाग B में खंड A, B तथा C हैं।
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खंड A अति लघु उत्तरीय प्रश्न है जो एक अंक स्तरीय हैं।
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खंड B लघु उत्तरीय प्रश्न है जो तीन अंक स्तरीय हैं।
*
खंड C दीर्घ उत्तरीय प्रश्न है जो पांच अंक स्तरीय हैं
भाग - A बहुविकल्पीय प्रश्न । 1*25
1. भूगोल (Geography) शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग किसने किया
A.
अरस्तू
B.
फ्रेडरिक रेटजेल
C. इरेटास्थनीज
D.
चार्ल्स डार्विन
2. जियोग्राफिया जेनरेलिस पुस्तक के लेखक कौन हैं ?
A.
बकल
B.
डार्विन
C.
रेटजेल
D बर्नहार्ड वारेनियस
3. सर्वाधिक लिंगानुपात वाला देश है-
A.
चीन
B लाटविया
C.
कनाडा
D.
फ्रांस
4. निम्न में कौन सा आयु वर्ग कार्यशील जनसंख्या के अंतर्गत आता है?
A.
0 से 14 वर्ष
B. 15 से 59 वर्ष
C.
60 से 80 वर्ष
D.
इनमें से कोई नहीं
5. निम्न में कौन एकल कृषि नहीं है-
A.
डेयरी कृषि
B. मिश्रित कृषि।
C.
रोपण कृषि।
D.
वाणिज्य अनाज कृषि
6.. बुशमैन कहां के निवासी हैं
A.
कनाडा।
B.
कांगो।
C.
इक्वेडोर।
D. कालाहारी
7. जर्मनी का रूर क्षेत्र किस लिए प्रसिद्ध है?
A. कोयला
B.
तांबा
C.
चूनापत्थर
D.
पेट्रोलियम
8. निम्न में कौन सा चतुर्थक क्रियाकलाप के घटक है
A..
कृषि एवं खनन
B.
उद्योग एवं विनिर्माण
C. शिक्षा, सूचना, शोध प्रबंध
D.
व्यापार एवं वाणिज्य
9. कील नहर स्थित है
A.
ब्रिटेन में
B. जर्मनी में
C.
बेल्जियम में
D.
रूस में
10. सड़कों की सर्वाधिक लंबाई किस देश में है?
A.
चीन
B.
भारत
C.
फ्रांस
D. संयुक्त राज्य अमेरिका
11.2011 में भारत की जनसंख्या कितनी थी?
A.102.8
करोड़।
B.128.7
करोड़।
C.118.2
करोड़
D.121.2 करोड़
12. निम्न में कौन सा नगर नदी तट पर अवस्थित नहीं है?
A.
आगरा
B. भोपाल
C.
पटना
D.
कोलकाता
13. किसी झील के किनारे बसा गांव किस प्रतिरूप में आएगा?
A.
रेखीय
B. वृताकार
C.
नाभिक
D.
तारा
14. झूमिंग कृषि कहां की जाती है?
A.
उत्तर प्रदेश
B.
पंजाब
C.
बिहार
D. असम
15. निम्न में प्राचीन शहर कौन सा है?
A. पटना
B.
रांची
C.
मुंबई
D.
दुर्गापुर
16. भारत की सर्वाधिक प्रदूषित नदी कौन है?
A.
गंगा
B. यमुना
C.
नर्मदा
D.
गोदावरी
17. निम्न में कौन लौह धात्विक खनिज है?
A.
तांबा
B. मैंगनीज
C.
बॉक्साइट
D.
चांदी
18. भारत का सबसे पुराना तेल क्षेत्र कौन सा है?
A. डिगबोई
B.
अंकलेश्वर
C.
बॉम्बेहाई
D.
अहमदाबाद
19. नेवेली कोयला क्षेत्र किस राज्य में है?
A.
महाराष्ट्र
B.
गुजरात
C. तमिलनाडु
D.
झारखंड
20. प्रथम पंचवर्षीय योजना की अवधि थी-
A. 1951 से 1956
B.
1956 से 1961
C.
1947 से 1952
D.1950
से 1955
21. सीमा सड़क संगठन कब बनाया गया?
Α.
1950
Β.1960
C.1970
D.1980
22. भारत की पहली रेलगाड़ी किस वर्ष चली थी?
A.1850
B.1851
C.1852
D.1853
23. निम्न में कौन अम्ल वर्षा का एक प्रमुख कारण है?
A.
जल प्रदूषण
B. वायु प्रदूषण
C.
ध्वनि प्रदूषण
D.
भूमि प्रदूषण
24. औद्योगीकरण से कौन सा प्रदूषण होता है?
A.
जल प्रदूषण
B.
वायु प्रदूषण
C.
भूमि प्रदूषण।
D. इनमें से सभी
25. स्वर्णिम चतुर्भुज सड़क परियोजना की लंबाई कितनी है?
A. 5804 किलोमीटर
B.
5640 किलोमीटर
C.
5846 किलोमीटर
D.
4658 किलोमीटर
खंड-A भाग B
अति लघुउत्तरीय प्रश्न 01 अंकस्तरीय
किन्ही
सात प्रश्नों के उत्तर दें।
26. "मानव भूतल की उपज है" यह कथन किसका है?
उत्तर - एलेन चर्चिल सेम्पल
27. प्राथमिक क्रियाकलाप को परिभाषित करें।
उत्तर - उत्तर- प्राथमिक अथवा प्रारम्भिक व्यवसाय वे हैं
जिनके द्वारा मानव प्राकृतिक संसाधनों का प्रत्यक्ष उपयोग करता है। प्राथमिक
क्रियाएँ प्रत्यक्ष रूप से पर्यावरण पर निर्भर होती हैं।
प्राथमिक क्रियाओं के अन्तर्गत आखेट व भोजन संग्रह,
पशुचारण, मछली पकड़ना, वनों से लकड़ी काटना, कृषि व खनन कार्य प्रमुख रूप से
सम्मिलित होते हैं।
28. भूमध्यसागरीय सागर के कृषि के दो मुख्य फसलों के नाम लिखें।
उत्तर - अंगूर और जैतून
29. प्रवास के एक अपकर्ष कारक लिखें।
उत्तर - बेहतर नौकरी के अवसर, अच्छी शिक्षा, बेहतर जीवन
स्तर, स्वास्थ्य सुविधाएं और सुरक्षा।
30. प्रशासनिक शहर किसे कहते हैं?
उत्तर - वे नगर जिनमें राष्ट्रीय सरकारों के प्रशासनिक
विभागों के मुख्यालय हों उनको प्रशासनिक नगर कहा जाता है।
31. भूमध्यसागरीय कृषि के दो फसलों के नाम लिखें।
उत्तर - भूमध्यसागरीय कृषि में मुख्यतः, बाग, अंगूर, अनाज,
सब्जी की खेती की जाती है।
32. बाढ़ क्या है?
उत्तर - बाढ़ का अर्थ है 'बहना' अर्थात् अत्यधिक बारिश होने
के कारण जब नदियों, तालाब, झील, तथा समुद्र के जलस्तर में वृद्धि हो जाती है, वही
स्थिति को बाढ़ कहते है।
33. पर्यटन क्या है?
उत्तर - पर्यटन एक ऐसी यात्रा है जो व्यापार की बजाय
आमोद-प्रमोद के उद्देश्यों को दृष्टिगत रखते हुए की जाती है।
34. किन्ही दो पेय फसलों के नाम लिखें।
उत्तर - चाय और कॉफी
खंड- B लघु उत्तरीय प्रश्न 03 अंक स्तरीय
किन्हीं
6 प्रश्नों के उत्तर दें।
35. चलवासी पशुचारण का वर्णन करें।
उत्तर - चलवासी
पशुचारण सहारा के अर्द्ध-शुष्क और शुष्क प्रदेशों में, मध्य एशिया और भारत के कुछ भागों
जैसे राजस्थान तथा जम्मू और कश्मीर में प्रचलित है। इस प्रकार की कृषि में पशुचारक
अपने पशुओं के साथ-साथ चारे और पानी के लिए एक स्थान से दूसरे स्थान पर निश्चित मार्गों
से घूमते हैं। पशुचारक मुख्यतः भेड़, ऊँट, मवेशी, याक और बकरियाँ पालते हैं। ये पशुचारकों
और उनके परिवारों के लिए दूध, मांस, ऊन, खाल और अन्य उत्पाद उपलब्ध कराते हैं।
36. नव नियतिवाद से आप क्या समझते हैं?
उत्तर - नवनियतिवाद की संकल्पना में यह बताया गया कि प्रकृति एवं
मानव दोनों श्रेष्ठ है और दोनों ही एक-दूसरे के पूरक है। मानव के बिना प्रकृति
अपने आप में अर्थहीन है जबकि प्रकृति के बिना मानव का अस्तित्व संभव नहीं है।
37. पाइपलाइन परिवहन के लाभ लिखें?
उत्तर - पाइप लाइनों द्वारा जल, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस आदि तरल
एवं प्रवाही पदार्थों का लम्बी दूरी तक परिवहन अत्यधिक सुविधापूर्वक एवं सक्षम ढंग
से किया जाता है।
38. जल प्रदूषण का मानव स्वास्थ्य पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर- जल प्रदूषण का सर्वाधिक प्रभाव मानव पर ही पड़ता है।
प्रदूषित जल के कारण विभिन्न संक्रामक रोग तथा अन्य खतरनाक रोग; यथा- हैजा, आंतों
के कृमि, पीलिया, अतिसार, मियादी बुखार, पेचिस आदि हो जाते हैं। हमारे देश में
होने वाले संचारी रोगों में लगभग 25 प्रतिशत रोग जलजनित होते हैं।
39. कुटीर एवं लघु उद्योग में अंतर स्पष्ट करें।
उत्तर - कुटीर एवं लघु उद्योगों में निम्नलिखित अंतर है
|
कुटीर उद्योग |
लघु उद्योग |
|
1.
कुटीर उद्योग में दस्तकार स्वयं
व उसके परिवार के सदस्य कार्य करते हैं। |
1.
लघु उद्योग में मजदूर लगाए जाते
हैं तथा मशीनों को चलाने के लिए ऊर्जा का प्रयोग किया जाता है। |
|
2.
अधिकांश उत्पादन घर में ही खप
जाता है तथा बहुत कम अधिशेष बचता है। |
2.
समस्त उत्पादन बाजार में बेचा जाता है। |
|
3.
कुटीर उद्योगों में स्थानीय कच्चे माल का प्रयोग किया जाता है। |
3.
लघु उद्योगों में स्थानीय कच्चे माल के कम पड़ने पर वह बाहर से मंगाया जाता है। |
|
4.
जो थोड़ा-बहुत अधिशेष बचता है वह स्थानीय बाजार में बेचा जाता है। |
4.
लघु उद्योगों का उत्पाद स्थानीय बाजार के साथ-साथ दूर-दराज के बाजारों में भी बेचा
जाता है। |
40. आधारभूत उद्योग को उदाहरण सहित समझाएं।
उत्तर - आधारभूत उद्योग वह होते हैं जिनका उत्पाद अन्य उद्योगों के
लिए कच्चा माल प्रदान करता है।
मुख्य उदाहरण: लोहा और इस्पात उद्योग, पेट्रोलियम रिफाइनरी,
रसायन उद्योग, सीमेंट उद्योग। ये उद्योग देश की आर्थिक और औद्योगिक विकास की नींव
होते हैं।
41. अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के प्रमुख आधार क्या है?
उत्तर - अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के प्रमुख आधार निम्नलिखित हैं:
1. संसाधनों
का असमान वितरण: विभिन्न देशों में प्राकृतिक संसाधनों का वितरण समान नहीं होता।
जैसे मध्य पूर्व के देश तेल के लिए प्रसिद्ध हैं, जबकि जापान जैसे देश प्राकृतिक
संसाधनों की कमी रखते हैं। इसलिए देशों के बीच वस्तुओं और सेवाओं का व्यापार होता
है।
2. विशेषज्ञता
और दक्षता: विभिन्न देश कुछ उत्पादों या सेवाओं में विशेषज्ञ होते हैं। उदाहरण के
लिए, भारत सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में दक्ष है जबकि जर्मनी मशीनरी निर्माण
में माहिर है। इस विशेषज्ञता के कारण देशों के बीच व्यापार होता है।
3. आर्थिक
लाभ: अंतर्राष्ट्रीय व्यापार से देशों को लागत में कमी और अधिक लाभ मिलता है।
उदाहरण के लिए, भारत सस्ते कपड़े का उत्पादन करके उसे अन्य देशों में निर्यात करता
है।
4. विविधता
और प्रतिस्पर्धा: व्यापार से उपभोक्ताओं को विभिन्न विकल्प मिलते हैं, जिससे
प्रतिस्पर्धा बढ़ती है और उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार आता है।
42. वर्षा जल संग्रहण की आवश्यकता क्यों है?
उत्तर - वर्षा जल संग्रहण से आशय वर्षा जल संग्रहण
वह तकनीक है जिसके द्वारा धरातल अथवा भूमिगत जलभृत में वर्षा जल एकत्रित एवं संगृहीत
किया जाता है अर्थात् वर्षा जल संग्रहण का तात्पर्य भूमिगत जल की क्षमता को बढ़ाना
है। वर्षा का जल जहाँ गिरता है, वहीं उसका उपयोग करना वर्षा जल संग्रहण कहलाता है।
भारत में वर्षा जल संग्रहण की आवश्यकता-
भारत में वर्षा जल संग्रहण की आवश्यकता निम्न कारणों से है-
(i) वर्षा जल संग्रहण धरातलीय व भूमिगत
जल की उपलब्धता में वृद्धि कर भूमिगत जल के स्तर को बढ़ाना है साथ ही इससे भूमिगत जल
ऊर्जा में बचत होती है।
(ii) फ्लोराइड और नाइट्रेटस जैसे संदूषकों
को कम करके अवमिश्रण भूमिगत जल की गुणवत्ता को बढ़ाता है।
(iii) मृदा अपरदन तथा बाढ़ों को नियन्त्रित
करने में सहयोग मिलता है।
(iv) वर्षा जल संग्रहण विधि को जलभृतों
के पुनर्भरण के लिए उपयोग किया जाता है तो इससे तटीय क्षेत्रों में सागर के लवणीय जल
का प्रवेश रुक जाता है।
(v) वर्षा जल संग्रहण घरेलू उपयोग के
लिए भूमिगत जल पर मानवीय समुदाय की निर्भरता को कम करता है।
(vi) भारत के अधिकांश नगरों में जल
की माँग जल की आपूर्ति की तुलना में काफी बढ़ चुकी है। वर्षा जल संग्रहण से नगरों में
जल की बढ़ती माँग को काफी सीमा तक पूरा किया जा सकता है।
खंड- C दीर्घ उत्तरीय प्रश्न 05 अंक स्तरीय
किन्ही
चार प्रश्नों के उत्तर दें
43. ऊर्जा के परंपरागत स्रोतों का वर्णन करें।
उत्तर - जिन स्रोतों का उपयोग मनुष्य अपनी ऊर्जा
की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए लंबे समय से करता चला आ रहा है।
• इन स्रोतों का भंडार सीमित है तथा ये
अनवीकरणीय ऊर्जा स्रोत हैं।
• इन ऊर्जा स्रोतों के उपयोग से प्रदूषण
होता है।
• कोयला, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस आदि
परंपरागत ऊर्जा स्रोत के उदाहरण हैं।
44. गेहूं अथवा कॉफी उत्पादन के लिए आवश्यक अनुकूल दशाओं का वर्णन करें।
उत्तर -
गेहूं उत्पादन
गेहूँ की खेती के लिए आवश्यक भौगोलिक दशाएँ हैं :
(i) बोने के समय वायुमंडलीय तापमान कम होना चाहिए। उस समय
का तापमान लगभग 15°C से 18°C तक रहना चाहिए अधिक तापमान रहने के कारण इसके नाजुक
पौधे सूर्य की तीव्र धूप से सूख जाते हैं।
(ii) वार्षिक वर्षा 50-75 सेमी. की आवश्यकता पड़ती है। कम
वर्षा वाले क्षेत्रों में जहाँ सिंचाई की सुविधा है वहाँ गेहूँ की खेती की जाती
है।
(iii) गेहूँ की खेती के लिए उपजाऊ दोमट मिट्टी की आवश्यकता
होती है। (iv) गेहूँ की फसल पकते समय सूर्य की खिली धूप की आवश्यकता होती है। (v)
गेहूँ की खेती के लिए समुचित उर्वरक की आवश्यकता होती है।
(vi) बोने एवं फसल की कटाई से लेकर दौनी करने में कृषि
यंत्रों का उपयोग किया जाता है।
गेहूँ के प्रमुख उत्पादक क्षेत्र- (क) पंजाब, (ख) हरियाणा,
(ग) उत्तर प्रदेश, (घ) बिहार ।
कॉफी उत्पादन
भारत में कहवा की खेती का विधिवत् आरम्भ 1830 ई० से हुआ था।
इसका प्रथम बाग मैसूर राज्य (अब कर्नाटक) में लगाया गया था। आवश्यक भौगोलिक दशाएँ
– कहवा की खेती के लिए आवश्यक भौगोलिक दशाएँ निम्नलिखित होती हैं
1. तापमान – कहवा के उत्पादन के लिए औसत वार्षिक तापमान 15°
से 18° सेग्रे आवश्यक होता है। कहवे का पौधा अधिक धूप को सहन नहीं कर पाता। इसी
कारण इसे छायादार वृक्षों के साथ उगाया जाता है।
2. वर्षा – कहवे के लिए 150 से 200 सेमी वर्षा पर्याप्त
रहती है। जिन क्षेत्रों में वर्षा का वितरण समान होता है, वहाँ 300 सेमी वर्षा
पर्याप्त रहती है। सामान्यतया इसकी खेती 900 मीटर से 1,800 मीटर की ऊँचाई वाले
भागों में छायादार वृक्षों के साथ की जाती है। इसके लिए वनों से साफ की गयी भूमि
अधिक उपयुक्त रहती है, क्योंकि इसमें उपजाऊ तत्त्व अधिक मिले रहते हैं।
3. मिट्टी – कहवे के लिए दोमट एवं ज्वालामुखी उद्गार से
निकली लावा से निर्मित मिट्टी अधिक उपयुक्त रहती हैं, जिनमें क्रमशः जीवांश एवं
लोहांश मिले होते हैं। कर्नाटक, तमिलनाडु एवं केरल राज्यों की लैटेराइट मिट्टियों
में कहवे का उत्पादन किया जाता है।
4. मानवीय श्रम – कहवे के पौधों को लगाने, निराई-गुड़ाई
करने, बीज तोड़ने, सुखाने, पीसने आदि कार्यों के लिए पर्याप्त संख्या में सस्ते
एवं कुशल श्रमिकों की आबश्यकता पड़ती है। इन कार्यों के लिए बच्चे एवं स्त्रियाँ
श्रमिक अधिक उपयुक्त रहते हैं।
उत्पादक क्षेत्र – भारत के प्रमुख कहवा उत्पादक राज्य
कर्नाटक, तमिलनाडु व केरल हैं। आन्ध्र प्रदेश में भी विगत वर्षों में कहवे के
बागान लगाये गये हैं।
• कर्नाटक – देश में सर्वप्रथम कहवा उत्पादन इसी राज्य में
हुआ था। कुर्ग, चिकमगलूर, हसन, शिमोगा, दक्षिणी कर्नाटक प्रमुख उत्पादक जिले हैं।
कर्नाटक का देश के कहवा उत्पादन में प्रथम स्थान है। देश के कुल उत्पादन का 56%
भाग यहीं पैदा होता है।
• केरल – यहाँ वायनाद, इदुकी, कोट्टायम अर्नाकुलम, पालघाट,
क्विलोन, अलप्पी प्रमुख कहवा उत्पादक जिले हैं। तमिलनाडु – यहाँ मदुरै,
तिरुनेलवेली, नीलगिरि, कोयम्बटूर, सलेम प्रमुख कहवा उत्पादक जिले हैं।
• आन्ध्र प्रदेश – यहाँ का विशाखापत्तनम् जिला मुख्य कहवा
उत्पादक स्थान है।
45. देश के आर्थिक विकास में रेल परिवहन के महत्व का वर्णन करें।
उत्तर - भारतीय रेलों का महत्व यातायात के विभिन्न साधनों में रेलों
का महत्व सर्वाधिक है। इसको निम्न प्रकार समझा जा सकता है-
(1) अधिकांश रेलमार्ग उन क्षेत्रों में बनाये गये हैं जो
बहुत उपजाऊ और घने बसे हैं क्योंकि ऐसे ही क्षेत्रों में यात्री और माल ढोने को
मिलता है। इसी कारण रेलों का विस्तार विशाल मैदान में अधिक मिलता है।
(2) रेलें देश के समुद्रतटीय बन्दरगाहों को भीतरी औद्योगिक
व व्यापारिक नगरों से जोड़ती हैं। विदेशों से आयातित माल भीतरी भागों में वितरण
करने तथा विदेशों को माल निर्यात करने में सहयोग देती हैं। कच्चा माल क्षेत्रों,
कारखानों व बाजार क्षेत्रों को परस्पर जोड़ती हैं।
(3) रेलों ने देश में छुआछूत, प्रादेशिक और साम्प्रदायिक
भावनाओं और सामाजिक संगठन पर प्रभाव डाला है। इनके कारण लोगों में गतिशीलता,
भ्रमणप्रियता और मनोरंजन की भावनायें बढ़ गई हैं।
(4) रेलों ने देश के सुदूर क्षेत्रों को एक-दूसरे के पड़ौस
में लाकर बिठा दिया है।
(5) रेलों के कारण अकाल के भयानक परिणामों से छुटकारा मिला
है।
(6) रेलें बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों या दैवी विपत्ति के समय माल
व अनाज पहुँचाने में भारी मदद करती हैं।
(7) किसानों को उन्नत बीजों, खाद एवं उन्नत कृषि यन्त्रों
की प्राप्ति होने लगी है। उनकी उपज दूर-दूर की मण्डियों में पहुँचने लगी है। कृषि
का रूप व्यापारिक होता जा रहा है।
(8) औद्योगिक उत्पादन के लिए आवश्यक कच्चा माल, कोयला,
खनिज, तेल, श्रम आदि को जुटाने में रेलों का बहुत बड़ा योगदान है।
(9) अन्य सभी प्रचलित व विस्तृत साधनों में रेलें सबसे
सस्ते यातायात साधन हैं। भारत में यात्री किराया एशिया के देशों में सबसे कम है।
(10) शीघ्र खराब होने वाली वस्तुओं का उत्पादन बढ़ गया है,
क्योंकि रेलों द्वारा उन्हें कम समय में ही इच्छित स्थानों पर ले जाया जाता है।
(11) रेलमार्गों ने अनेक नई बस्तियों को जन्म दिया है तथा
अनेक रेल बस्तियाँ नगर व महानगर के रूप में विकसित हो गई हैं।
(12) भारत जैसे विशाल देश का सुदृढ़ प्रशासन एवं सुरक्षा
रेलों द्वारा ही सम्भव हो सका है। भारतीय रेल का एशिया में प्रथम एवं विश्व में
दूसरा स्थान है। 1950-51 में रेलमार्ग 53,596 किमी. था जो 31 मार्च, 2005 को बढ़कर
63,500 किमी. और 31 मार्च, 2015 को 66,000 किमी. हो गया है। इसमें विद्युत्
रेलमार्ग 22,200 किलोमीटर है।
46. खनिज एवं ऊर्जा संरक्षण के उपाय लिखें।
उत्तर - खनिज संरक्षण : खनिजों का मितव्ययीतपूर्ण और सुनियोजित
उपयोग अर्थात् खनिज संरक्षण ।
खनिज संरक्षण के उपाय:
उचित टेक्नोलॉजी का उपयोग: खनिज प्राप्त करने के लिए उचित
टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जाये तो ही खनिजों का बिगाड़ रोक सकते है ।
पुन: चक्र: लोहा, तांबा, एल्युमिनियम, कलई के अनुपयोगी
वस्तुओं का दुबारा से उपयोग में लेना चाहिए ।
खनिजों का वैकल्पिक उपयोग: कम मात्रावाले खनिजों के विकल्प
खोजने चाहिए । विद्युत के स्थान पर सौर ऊर्जा का उपयोग, ताँबे के स्थान पर
एल्युमिनियम का उपयोग, पैट्रोल के स्थान पर CNG का उपयोग करना चाहिए ।
बिन परंपरागत साधनों का उपयोग: जल, सौर, पवन, बायोगैस जैसे
बिन परंपरागत स्रोतों का उपयोग करना चाहिए ।
स्थाई विकास: पर्यावरण की गुणवत्ता बनाए रखकर भविष्य की
पीढ़ी को शुद्ध पर्यावरण की भेट देना । प्रदूषण मुक्त पर्यावरण के प्रयत्न करना ।
खनिजों के अनुमानित भण्डार निश्चित हो उसके बाद उसका
आयोजनपूर्वक उपयोग हो तो उसका लंबे समय तक उपयोग हो सकता है । जो खनिज अधिक है
उनका बारंबार और भरपूर उपयोग करना चाहिए।
ऊर्जा संरक्षण के उपाय –
• मोटरसाइकिल, स्कूटी या कार का प्रयोग तभी करें जब बहुत
आवश्यक हो।
• जब आवश्यकता न हो तो पंखे, बल्ब व अन्य विद्युत उपकरणों
के स्विच को बन्द कर दें।
• जहाँ तक सम्भव हो, थोड़ी दूर जाने के लिए पैदल चलें या
साइकिल से जाएँ। ऐसा करना स्वास्थ्य के लिए भी हितकर है।
• यदि सम्भव हो तो सोलर कुकर, सोलर लालटेन व सोलर पम्प आदि
का प्रयोग करें।
• सामान्य बिजली के बल्बों के स्थान पर सी०एफ०एल० (Compact
Fluorescent Lamp) अथवा ” एल०ई०डी० (Light Emitting Diode) का उपयोग करने से
अपेक्षाकृत अधिक प्रकाश मिलता है और ऊर्जा की बचत होती है।
• भोजन बनाने से पहले दाल, चावल आदि पदार्थों को कुछ समय तक
भिगोकर रखना चाहिए एवं ढककर पकाना चाहिए।
47. ध्वनि प्रदूषण के स्रोतों एवं इसके दुष्प्रभाव का वर्णन करें।
उत्तर - विश्व स्वास्थ्य से के अनुसार अवांछित
और अप्रिय आवाज ही शोर है जो मानव के दिन-प्रतिदिन के क्रिया-कलापों होता है।
राय के अनुसार, "अनिच्छित ध्वनि
जो मानवीय सुविधा, स्वास्थ्य एवं गतिशीलता में व्यवा करती है, उसे ध्वनि प्रदूषण कहा
जाता है।"
ध्वनि प्रदूषण के स्रोत - ध्वनि प्रदूषण
के निम्न दो स्रोत हैं-
(1) प्राकृतिक एवं (2) मानवीय।
प्राकृतिक स्रोतों के अन्तर्गत बादलों
की गरज (गरगराहट), बिजली की कड़क, तीव्र हवाएँ. झंझावात, तड़ित झंझा, टॉरनेडो, उच्च
जलप्रपात, ज्वालामुखी, भूकम्प, उच्च तीव्रता वाली वर्षा, सा आदि हैं।
मानवीय स्रोतों अधिक खतरनाक हैं जिनका
विवरण नीचे दिया जा रहा है-
(1) यातायात वाहन - वर्तमान समय में
बढ़ते यातायात के साधन ध्वनि प्रदूषण के प्रमुख स्कूटर, मोटर साइकिल, कार, ट्रक, रेल,
हवाई जहाज तथा जेट आदि सभी ध्वनि प्रदूषण उत्पन्न मोटर साइकिल तथा स्कूटर से 80 से
110 डेसीबल, रेल से 90-110 डेसीबल तथा हवाई जहाज से 140 डेसीबल ध्वनि उत्पन्न होती
है। बस स्टेण्ड, रेलवे स्टेशन तथा हवाई अड्डा आदि पर ध् बहुत रहता है।
(2) मनोरंजन स्थल-प्रायः मनोरंजन के
सभी स्थलों पर ध्वनि प्रदूषण होता है। सिनेमाघर, नाचघर, होटल इत्यादि में ध्वनि प्रदूषण
होता है। इन सभी स्थानों पर संवाद, संगीत तथा गीत इतः बजाए एवं गाए जाते हैं कि वहाँ
ठहरना मुश्किल हो जाता है।
वर्तमान समय में रॉक संगीत, पॉप संगीत
ध्वनि प्रदूषण को बढ़ाने में अग्रणी होते जा र सुनने से मस्तिष्क में तनाव बढ़ने लगता
है।
(3) शिक्षण संस्थाएँ छात्र-छात्राओं
की बढ़ती जनसंख्या के कारण उनका जमाव शिक्षण में भी अधिक होता है अतः सभी शिक्षण संस्थाएँ
प्रदूषण के केन्द्र बनते जा रहे हैं। यहाँ तेजी से पर 80 से 90 डेसीबल (डी. बी.) ध्वनि
प्रदूषण होता है। इन संस्थाओं में घण्टे बजना, साइरन सामान्य बात है। साइरन बजने से
140 से 150 डेसीबल तक ध्वनि प्रदूषण होता है।
शिक्षण संस्थाओं में होने वाले चुनाव,
स्नेह सम्मेलन एवं अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों के ध्वनि प्रदूषण होता है। इन आयोजनों
पर लाउडस्पीकर तथा अन्य ध्वनि प्रदूषणकारी उपयोग में ला
(4) घरेलू ध्वनि प्रदूषण घरों में भी
ध्वनि प्रदूषण होता है। घरों में तेजी से रेडियो एवं चलाना, फोन का आना तथा उस पर बात
करना, प्रेशर कुकर, कपड़े धोने की मशीन तथा मसाले मशीन आदि भी ध्वनि प्रदूषण उत्पन्न
करते हैं। सामान्य बातचीत में 60 डेसीबल तथा टेलीफोन एवं कपड़े धोने की मशीन से 70
डेसीबल ध्वनि प्रदूषण होता है। जब तेजी से किवाड़ बन्द कि या कोई सामान तेजी से गिरता
है तो उससे भी ध्वनि प्रदूषण उत्पन्न होता है। घरों में जनरेटरों से भी ध्वनि प्रदूषण
होता है।
ध्वनि प्रदूषण का प्रभाव
मानव के लिए उपयोगी समस्त सहायक उपकरण
या वाहन आदि ध्वनि प्रदूषण उत्पन्न करते हैं जिससे मानव जीवन खतरे में पड़ जाता है।
इसका प्रभाव निम्न प्रकार से पड़ता है-
(1) अप्रत्याशित ध्वनि प्रदूषण के कारण
निद्रा में व्यवधान पड़ता है। वैज्ञानिकों ने प्रयोगों द्वारा सिद्ध किया कि 30 डेसीबल
के शोर से निद्रा टल जाती है। 75 डेसीबल की ध्वनि से टेलीफोन वार्ता प्रभावित होती
है तथा 90 डेसीबल से अधिक ध्वनि से स्वाभाविक निद्रा में लीन व्यक्ति जाग जाता है।
(2) ध्वनि प्रदूषण से बहरापन बढ़ता
है। इससे बोलने में व्यवधान पड़ता है तथा चिड़चिड़ापन होता है। अधिक चिड़चिड़ेपन के
कारण मानसिक विकृतियाँ उत्पन्न होती हैं।
(3) श्रवण सम्बन्धी प्रभावों में श्रवण
क्रियाविधि में होने वाली कमियों को सम्मिलित किया जाता है। परीक्षणों द्वारा पाया
गया कि अधिक देर तक उच्च तीव्रता वाली ध्वनि सुनने से कान के परदे फट जाते हैं। 90
डेसीबल से अधिक ध्वनि लोगों की श्रवण-शक्ति को क्षीण कर देती है।
(4) ध्वनि प्रदूषण से मनोवैज्ञानिक
प्रभाव भी पड़ते हैं। अधिक ध्वनि प्रदूषण के कारण मानव तथा जानवरों में अनेक प्रकार
के आचार-व्यवहार सम्बन्धी परिवर्तन देखे गए है। अनावश्यक झुंझलाहट एवं चिड़चिड़ेपन
के कारण कार्यक्षमता का ह्रास होता है।
(5) ध्वनि प्रदूषण के कारण हृदय रोग
भी हो जाता है। ध्वनि के कारण आमाशय में अम्ल स्रावण घट जाता है जिससे पाचन क्रिया
पर विपरीत असर पड़ता है। इससे मानवीय चिन्तन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। ध्वनि प्रदूषण
के कारण ही उत्तेजना, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, आँखों में तनाव, माँसपेशियों में खिचाव,
पाचन तन्य में अव्यवस्था, मानसिक तनाव, श्वेत कोशिकाओं का कम होना, रक्त में कोलेस्ट्रोल
का बढ़ना तथा गैस्ट्रिक अल्सर पैदा होते हैं।
(6) ध्वनि प्रदूषित पर्यावरण में कार्य
करने से व्यक्ति में चिड़चिड़ापन बढ़ता है तथा थकान जल्दी आ जाती है जिससे कारखानों
में कार्य करने वाले व्यक्तियों के कारण कई बार दुर्घटनाएँ भी हो जाती हैं।
(7) ध्वनि प्रदूषण के कारण वन्य जीवों
की प्रजनन क्षमता कम हो जाती है। जिन अभयारण्यों के समीप ध्वनि अधिक होती है, वहाँ
पक्षी आना बन्द कर देते हैं।
(8) ध्वनि प्रदूषण का प्रभाव इमारतों
तथा प्राचीन स्मारकों पर भी देखा गया है। जब अधिक ध्वनि के कारण कम्पन उत्पन्न होता
है तो इमारतें कमजोर हो जाती है। मध्य प्रदेश में खजुराहो में स्थित मन्दिरों में दरारें
वहाँ बोइंग विमान के कारण बतायी जाती हैं।
स्पष्ट है कि ध्वनि प्रदूषण का प्रभाव
विभिन्न रूपों में देखा जा सकता है। ध्वनि के प्रभावों हुए डॉ. सैमुअल रोजन नामक वैज्ञानिक
ने कहा कि "आप चाहे शोर (ध्वनि) को क्षमा कर आपकी धमनियाँ नहीं करेंगी।"
48. दिए गए विश्व मानचित्र पर निम्न को दर्शाएं
(क)
सिंगापुर।
(ख)
मेक्सिको की खाड़ी।
(ग)
मालागासी
(घ)
लाटविया
(इ)
ग्रीनलैंड
इसका ग्राप Model Set-4 के अन्तिम में दिया है।
MODEL QUESTION PAPER SET-2
भाग - A बहुविकल्पीय प्रश्न 1x25=25
1. मानव भूगोल के जनक कौन हैं ?
A. हंबोल्ट
B. फ्रेडरिक रेटजेल
C. ब्लाश
D. जीन बुंश
2. संभववाद शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग किसने
किया ?
A. लूसियान फेब्रे
B. ब्लाश
C. ई० सी० सेम्पल
D. हम्बोल्ट
3. निम्नलिखित में कौन सा प्रतिकर्ष कारक है
?
A. जलाभाव
B. बेरोजगारी
C. महामारियां
D इनमें से सभी
4. विश्व की 90% जनसंख्या कितने प्रतिशत स्थल
भाग पर निवास करती है ?
Α. 20%.
В. 10%
C. 15%
D. 40%
5. मानव विकास के प्रमुख तत्व हैं।
A. स्वस्थ जीव
B. शिक्षा
C. संसाधनों तक पहुंच
D. इनमें सभी
6. इनमें से किस प्रकार की कृषि में खट्टे
रसदार फलों की कृषि की जाती है ?
A. ट्रक कृषि
B. भूमध्यसागरीय कृषि
C. मिश्रित कृषि
D. रोपण कृषि
7. ब्राजील में कॉफी बागान को क्या कहा जाता
है ?
A. लदांग
B. एजेंडा
C. फजेंडा
D. मिल्पा
8. पेट्रोकेमिकल उद्योग में अग्रणी देश का
नाम है।
A. जापान
B. संयुक्त राज्य अमेरिका
C. चीन
D. भारत
9. चिकित्सा पर्यटन है ?
A. मनोरंजन हेतु पर्यटन
B. रोजगार हेतु पर्यटन
C. चिकित्सा हेतु पर्यटन
D. उपरोक्त में से कोई नहीं
10. किस देश में रेल मार्ग का जाल का सघनतम
घनत्व पाया जाता है ?
A. ब्राज़ील
B. संयुक्त राज्य अमेरिका
C. कनाडा
D. रूस
11. मानक रेल लाइन की चौड़ाई कितनी होती है ?
A. 1.44 मीटर
B.
1.5 मीटर
C.
2 मीटर
D.
1.3 मीटर
12. विश्व व्यापार संगठन का मुख्यालय कहां है ?
A. जेनेवा
B.
जकार्ता
C.
वियना
D.
मान्टेविडियो
13. भारत में सर्वाधिक जनघनत्व वाला राज्य कौन है ?
A.
पश्चिम बंगाल
B. बिहार
C.
उत्तर प्रदेश
D.
महाराष्ट्र
14. भारत में विश्व की कुल कितना प्रतिशत जनसंख्या निवास करती है ?
A. 17.64 प्रतिशत
B.
17 प्रतिशत
C.
15.64 प्रतिशत
D.
26.25 प्रतिशत
15. इनमें से कौन औद्योगिक नगर नहीं है ?
A.
दुर्गापुर
B.
जमशेदपुर
C. रुड़की
D.
बोकारो
16. सिंचित क्षेत्र में भू निम्नीकरण का कौन सा प्रकार है ?
A.
अवनलिका अपरदन
B.
वायु अपरदन
C. मृदा लवणता
D.
भूमि पर सिल्ट का जमाव
17. चावल उत्पादन में अग्रणी राज्य कौन है ?
A.
उत्तर प्रदेश
B. पश्चिम बंगाल
C.
बिहार
D.
हरियाणा
18. नीरू मिरू या जल और आप परियोजना भारत में कौन सा राज्य में चलाया
जा रहा है ?
A. आंध्र प्रदेश
B.
कर्नाटक
C.
छत्तीसगढ़
D.
उड़ीसा
19. मुंबई हाई क्यों प्रसिद्ध है ?
A.
कोयला
B. खनिज तेल
C.
मैंगनीज
D.
तांबा
20. रावतभाटा परमाणु ऊर्जा संयंत्र किस राज्य में है ?
A.
उत्तर प्रदेश
B.
कर्नाटक
C.
गुजरात
D.
महाराष्ट्र
उत्तर: रावतभाटा परमाणु ऊर्जा संयंत्र राजस्थान राज्य में है
21. उद्योगों की जननी किस खनिज को कहा जाता है ?
A.
कोयला
B. लौह अयस्क
C.
मैंगनीज
D.
तांबा
22. नीति आयोग की स्थापना कब की गई ?
A.1
जनवरी 2010
B. 1 जनवरी 2015
C.
1 जनवरी 2018
D.
1 जनवरी 2020
23. कोंकण रेल किन राज्यों से गुजरती है ?
A.
महाराष्ट्र-कर्नाटक केरल
B.
महाराष्ट्र-केरल -गोवा
C. महाराष्ट्र-गोवा-कर्नाटक
D.
महाराष्ट्र गोवा-कर्नाटक केरल
24. पारादीप बंदरगाह किस राज्य में है ?
A.
आंध्र प्रदेश
B. उड़ीसा
C.
तमिलनाडु
D.
केरल
25. मृदा अपरदन का मुख्य कारण क्या है ?
A.
वन विनाश
B.
पशुचारण
C.
खनन
D. इनमें से सभी
खंड-A भाग B
अति लघुउत्तरीय प्रश्न 01 अंकस्तरीय
किन्ही
सात प्रश्नों के उत्तर दें।
26. पर्यावरण निश्चयवाद (नियतिवाद) क्या है?
उत्तर- प्रकृति के अनुसार अपने को
ढालने की कोशिश करना ही पर्यावरण निश्चयवाद कहलाता है।
27. जनसंख्या वृद्धि क्या है ?
उत्तर- दो समय अंतरालों के बीच जनसंख्या
में हुए परिवर्तन को जनसंख्या वृद्धि कहते हैं।
28. मानव विकास क्या है ?
उत्तर- ऐसा विकास जो लोगों के विकल्पों
में वृद्धि करता है और उनके जीवन स्तर में सुधार लाता है, मानव विकास कहलाता है।
29. खनन से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर- भूगर्भ से प्राकृतिक अवस्था
में स्थित खनिजों को खुदाई करके प्राप्त करने की प्रक्रिया खनन कहलाती है।
30. भारत के पश्चिमी तट पर स्थित प्रमुख पत्तन कौन से हैं?
उत्तर-
- कांडला पत्तन (गुजरात)
- मुंबई पत्तन (महाराष्ट्र)
- जवाहरलाल नेहरू पत्तन (न्हावा शेवा) (महाराष्ट्र)
- मोरमुगाओ पत्तन (गोवा)
- न्यू मंगलौर पत्तन (कर्नाटक)
- कोचीन (कोच्चि) पत्तन (केरल)
31. झारखंड में लौह अयस्क की प्रमुख क्षेत्रों का नाम लिखें ?
उत्तर- झारखंड के पूर्वी एवं पश्चिमी
सिंहभूम जिले में नोआमुंडी तथा गोवा खानों से लौह अयस्क निकाला जाता है।
32. इंटरनेट क्या है ?
उत्तर- इंटरनेट कंप्यूटर का एक विश्वव्यापी
नेटवर्क है जो संपूर्ण देश अथवा महादेशों के पार फैला होता है यह लाखों उद्यमी, सरकारी
एजेंसियां शैक्षणिक संस्थानों एवं व्यक्तियों को परस्पर जोड़ता है।
33. खरीफ फसलों के नाम लिखें ?
उत्तर- खरीफ फसल भारत में दक्षिण पश्चिम
मानसून के आरंभ के साथ बोयी जाने वाली एवं शरद ऋतु में काटी जाने वाली फसल है। जैसे
चावल, बाजरा, जूट, गन्ना कपास आदि प्रमुख खरीफ फसलें हैं।
34. भारत में सर्वाधिक जनसंख्या किन राज्यों में केंद्रित है ?
उत्तर-
|
क्रम |
राज्य |
जनसंख्या (2011 जनगणना) |
|
1 |
उत्तर प्रदेश |
19,98,12,341 |
|
2 |
महाराष्ट्र |
11,23,74,333 |
|
3 |
बिहार |
10,40,99,452 |
|
4 |
पश्चिम बंगाल |
9,12,76,115 |
|
5 |
मध्य प्रदेश |
7,26,26,809 |
खंड- B लघु उत्तरीय प्रश्न 03 अंक स्तरीय
किन्हीं
6 प्रश्नों के उत्तर दें।
35. मृदा ह्रास क्या है ? इसके लिए उत्तरदायी तीन कारकों को लिखें ।
उत्तर- मृदा द्वास का अर्थ है मृदा की उपजाऊ सतह का कटाव या उसकी क्षरण
की प्रक्रिया, जिसमें मिट्टी के कण हवा, पानी या मानवीय गतिविधियों से बह या इट जाते
हैं, जिससे भूमि की उपजाऊ शक्ति कम हो जाती है।
इसके लिए उत्तरदायी तीन प्रमुख कारक
निम्नलिखित हैं
1 वनों की कटाई
2. अत्यधिक चराई
3. त्रुटिपूर्ण कृषि पद्धतियाँ
36. भूमध्यसागरी कृषि की तीन विशेषताएं लिखें ?
उत्तर- ⦁ भूमध्यसागरीय कृषि अति विशिष्ट प्रकार
की कृषि है।
⦁ अंगूर की कृषि इस कृषि की प्रमुख विशेषता है।
⦁ यह कृषि मुख्यतः यहाँ की लम्बी ग्रीष्म ऋतु, शीतकालीन वर्षा
और शुष्क एवं अकालग्रस्त अवधि में कृत्रिम सिंचाई द्वारा प्रभावित रहती है।
⦁ शीत ऋतु में जब यूरोप और संयुक्त राज्य अमेरिका में फलों एवं
सब्जियों की माँग होती है तब उनकी पूर्ति इसी क्षेत्र से की जाती है।
37. सड़क परिवहन रेल परिवहन की अपेक्षा अत्यधिक महत्वपूर्ण है कैसे
स्पष्ट करें ?
उत्तर-(i) सड़कों के लिए रेलवे की अपेक्षा पूँजी निवेश की आवश्यकता
कम होती है।
(ii) इनका निर्माण बहुत ऊँचे स्थानों
या किसी भी स्थान पर किया जा सकता है।
(iii) सड़क परिवहन सुविधाजनक तथा साधारण
व्यक्ति की पहुँच के अन्दर होता है तथा 24 घंटे उपलब्ध होता है।
(iv) इसकी देखभाल की लागत कम आती है।
(v) इसके माध्यम से ही कृषि का विकास
होता है।
(vi) सड़क परिवहन में वैयक्तिक सेवा
प्रदान करने का विशेष गुण होता है।
(vii) सड़कें शीघ्र नष्ट होने वाली
वस्तुओं, जैसे दूध और सब्जियों आदि को विभिन्न क्षेत्रों में ढोने की सुविधा प्रदान
करती हैं। इससे उत्पादन में बढ़ोतरी होती है तथा साथ ही किसानों का ज्ञान भी बढ़ता
है।
38. सूखा संभावित क्षेत्र विकास कार्यक्रम की प्रमुख तीन विशेषताएं
लिखें ?
उत्तर- सूखा संभावित क्षेत्र विकास कार्यक्रम (DPAP) की तीन प्रमुख
विशेषताएं हैं:
1. सूखे के प्रभाव को कम करना
2. पारिस्थितिक संतुलन बहाल करना
3. सूखा प्रवण क्षेत्रों में लोगों के लिए रोजगार और बुनियादी ढांचा
विकसित करना।
39. वृद्धि और विकास में अंतर स्पष्ट करें ?
उत्तर- वृद्धि और विकास के बीच मुख्य अंतर
|
वृद्धि |
विकास |
|
1.वृद्धि से आशय शारीरिक एवं व्यवहारिक बदलावों से है। |
1.विकास से आशय शरीर के विभिन्न शारीरिक, मानसिक तथा व्यवहारिक
संगठन से होता है। |
|
2.वृद्धि का संबंध शारीरिक तथा मानसिक परिपक्वता से होता है। |
2.विकास वातावरण से भी संबंधित होता है। |
|
3.वृद्धि किसी विशेष पक्ष अथवा आंशिक स्वरूप को ही करती है। |
3.विकास प्राणी में होने वाले कुल परिवर्तनों का योग होता
है। |
|
4.वृद्धि निश्चित आयु के बाद रुक जाती है। |
4.विकास जीवन-पर्यंत निरंतर चलता ही रहता है। |
|
5.वृद्धि में व्यक्तिगत भेद होते हैं।सभी बालकों की वृद्धि
असमान होती है। |
5.विकास में समानता पाई जाती है, किंतु इसकी दर,सीमा आदि में
अवश्य अंतर पाया जाता है। |
|
6.वृद्धि का मापन उचित होता है।जैसे– शरीर की लंबाई व भार
की वृद्धि को मापा जा सकता है। |
6.विकास के बदलावों को होते हुए देखा जा सकता है। जैसे– आंतरिक
बदलावों एवं योग्यताओं को मात्र अवलोकित कर सकते हैं। |
40. तृतीयक क्रियाकलाप से क्या समझते हैं ?
उत्तर- इस आर्थिक गतिविधि के अंतर्गत वस्तुओं का उत्पादन नहीं होता
बल्कि अमूर्त सेवाएं प्रदान की जाती है। तृतीयक क्रियाकलाप के अंतर्गत व्यापार वाणिज्य,
परिवहन संचार तथा विभिन्न व्यक्तिगत व व्यवसायिक सेवाओं से संबंधी गतिविधियों को सम्मिलित
किया जाता है।
41. विनिर्माण उद्योग पर टिप्पणी लिखें ?
उत्तर-
विनिर्माण, किसी भी वस्तु का उत्पादन है। विनिर्माण का शाब्दिक अर्थ है 'हाथ से बनाना
फिर भी इसमें यंत्रों द्वारा बनाया गया सामान भी शामिल किया जाता है। हस्तशिल्प कार्य
से लेकर लोहे तथा इस्पात को गढ़ना या बनाना, प्लास्टिक के खिलौने बनाना, कम्प्यूटर
के अति सूक्ष्म घटकों को जोड़ना तथा अंतरिक्ष यान निर्माण इत्यादि सभी प्रकार के उत्पादन
को निर्माण के अंतर्गत ही माना जाता है। विनिर्माण की सभी प्रक्रियाओं में कुछ साधारण
विशेषताएँ होती हैं, जैसे शक्ति का उपयोग एक ही प्रकार की वस्तुओं का बड़ा उत्पादन
तथा कारखानों में विशिष्ट रमिक जो मानक वस्तुओं का उत्पादन करते हैं। विनिर्माण आधुनिक
शक्ति के साधन तथा मशीनरी के द्वारा या पुराने साधनों द्वारा किया जाता है। तृतीय विश्व
के अधिकतर देशों में विनिर्माण को अब भी शाब्दिक अर्थों में प्रयोग किया जाता है।
42. स्वर्णिम चतुर्भुज महामार्ग क्या है? इसके तीन विशेषताओं को लिखें
।
उत्तर- स्वर्णिम
चतुर्भुज महामार्ग देश के चार विशाल महानगरों दिल्ली- मुंबई-चेन्नई- कोलकाता को जोड़ने
वाली प्रमुख सड़क परियोजना है। इसकी लंबाई 5846 किलोमीटर 4/6 लेन वाली है। इसकी चार
मुख्य विशेषताएं इस प्रकार है:
*
'स्वर्णिम चतुर्भुज महामागों के पूरा हो जाने के बाद शहरों के बीच यात्रा के दौरान
लगने वाली समय तथा इनके बीच की दूरी काफ़ी कम हो गई।
*
वाहनों की तीव्र तथा अवरोध मुक्त गतिविधि ईंधन की बचत करती है। ये महामार्ग देश के
विभिन्न भागों तक वस्तुओं को सहज परिवहन में मदद करते हैं।
*
स्वर्णिम चतुर्भुज का निर्माण सड़क परिवहन प्रणाली के तथा लिए वरदान है।
खंड- C दीर्घ उत्तरीय प्रश्न 05 अंक स्तरीय
किन्ही
चार प्रश्नों के उत्तर दें
43. गैर परंपरागत ऊर्जा स्रोतों का वर्णन करें ?
उत्तर- सूर्य की रोशनी, जल तरंगे/लहरें,
पवन, भूतापीय ऊर्जा, ऊर्जा के गैर परंपरागत स्रोत हैं। गैर परंपरागत स्रोत सस्ते होते
हैं तथा आसानी से तैयार किये जा सकते है। ये प्रदूषण मुक्त होते हैं, क्योंकि इनका
प्रयोग करने पर यह धुआँ या राख नहीं छोड़ते। इनका कोई पर्यावरणिक नुकसान नहीं है।
•
सौर ऊर्जा : भारत उष्णकटिबंधीय देश है, अतः देश के
उत्तर- पूर्वी भागों को छोड़कर, अन्य सभी भागों में सूर्य की रोशनी प्रचुर मात्रा में
उपलब्ध है। सौर ऊर्जा का प्रयोग खाना पकाने तथा जल गर्म करने के लिए किया जाता है।
सौर कुकर, जल पंप, सड़क की लाइटें, टेलीफोन आदि सौर ऊर्जा द्वारा संचालित किए जा रहे
हैं।
•
पवन ऊर्जा : तमिलनाडु, गुजरात, महाराष्ट्र, उड़ीसा,
पवन ऊर्जा का प्रयोग कर रहे हैं। पवन जनित, पवन चक्कियाँ, बैटरी चार्जिंग प्रणाली बनाने
के प्रयास किए जा रहे हैं। 10 मेगावाट का एशिया का सबसे बड़ा पवन रूप गुजरात के खंभात
में शुरू किया गया। पीने के पानी तथा सिंचाई के लिए कई पवन पंप लगाए गए हैं।
•
भूतापीय ऊर्जा : मनिकरन (हिमाचल प्रदेश) में भूतापीय ऊर्जा
पर आधारित कोल्ड स्टोरेज इकाई तथा 5 किलोवाट शक्ति वाले संयंत्र से संबंधित विकास की
गतिविधियाँ पूर्ण प्रगति पर हैं।
•
बायो गैस : यह ग्रामीण क्षेत्रों में ऊर्जा के नवीनीकृत
स्रोत का अत्यधिक महत्त्वपूर्ण स्रोत है। बायोगैस का उप-उत्पाद होने के कारण यह समृद्ध
उर्वरक उत्पन्न करता है। इसे खाना पकाने के ईंधन के रूप में तथा लाइट जलाने व ऊर्जा
उत्पन्न करने के लिए प्रयोग किया जाता है।
44. भारत में कृषि की प्रमुख समस्याओं एवं कृषि के विकास में हरित क्रांति
की भूमिका का वर्णन करें ?
उत्तर- भारतीय कृषि की प्रमुख समस्याएँ
क)
अनियमित मानसून पर निर्भरता
ख)
निम्न उत्पादकता
ग)
वित्तीय संसाधनों की बाधाएँ तथा ऋणग्रस्तता
घ)
भूमि सुधारों की कमी
ङ)
छोटे खेत तथा विखंडित जोतें
च)
अत्याधिक रसायनों व उर्वरकों का प्रयोग
छ)
सिंचाई साधनों की कमी।
भारत
में 1960 के दशक में खाद्यान फसलों के उत्पादन में वृद्धि करने के लिए अधिक उत्पादन
देने वाली नई किस्मों के बीज किसानों को उपलब्ध कराये गये। किसानों को अन्य कृषि निवेश
भी उपलब्ध कराये गए, जिसे पैकेज प्रौद्योगिकी के नाम से जाना जाता है। जिसके फलस्वरूप
पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, गुजरात, राज्यों में खाद्यान्नों में
अभूतपूर्व वृद्धि हुई। इसे हरित क्रान्ति के नाम से जाना जाता है। हरित क्रान्ति की
निम्नलिखित विशेषताएं है:
क)
उन्नत किस्म के बीज
ख)
सिंचाई की सुविधा
ग)
रासायनिक उर्वरक
घ)
कीटनाशक दवाईयां
ङ)
कृषि मशीनें
45. उद्योगों के स्थानीयकरण को प्रभावित करने वाले कारकों की व्याख्या
करें ?
उत्तर- वे कारक जो किसी उद्योग की
स्थापना में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं उन्हें स्थानीयकरण के कारकों के रूप
में जाना जाता है।
उद्योगों
के स्थानीयकरण के प्रमुख कारक निम्नलिखित हैं -
1.
कच्चा मालः कच्चा माल किसी उद्योग का आधार है। कच्चा माल
सुगमतापूर्वक पर्याप्त तथा सस्ते दर पर उपलब्ध होना चाहिए। जिन उद्योगों में प्रयुक्त
कच्चा माल भारी, सस्ता तथा निर्माण के दौरान वजन कम हो जाता है, वे उद्योग कच्चे माल
के स्त्रोत के समीप अवस्थित होते हैं। इसी प्रकार जल्दी खराब होने वाली वस्तुओं से
सम्बन्धित उद्योग फल, सब्जी दूध, मछली आदि कच्चे मालों के स्त्रोत के समीप ही स्थापित
होते हैं। गैर-ह्रास मूल को उद्योग जैसे सूती वस्त्र उद्योग इनके कच्चे माल के स्त्रोत
अथवा बाजार कहीं भी स्थापित किये जा सकते हैं। इससे परिवहन व्यय में कोई अन्तर नहीं
आता है।
2.
शक्ति के साधनः कोयला, पेट्रोलियम, जल विद्युत, प्राकृतिक
गैस वे परमाणु ऊर्जा प्रमुख शक्ति संसाधन हैं। लौह-इस्पात उद्योग कोयले की खदानों के
समीप स्थापित होते हैं। एल्युमिनियम उद्योग सस्ते जल विद्युत उत्पादक क्षेत्रों में
स्थापित होते हैं। जल विद्युत तारों से सम्प्रेषण व पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस में
पाइपलाइन सुविधाजनक है। अतएव उद्योगों में विकेन्द्रीकरण की प्रवृत्ति बढ़ रही है।
3.
परिवहन व संचार के साधनंः परिवहन लागत का औद्योगिक इकाई
की अवस्थिति में महत्वपूर्ण स्थान होता है। संचार साधनों का महत्त्व भी औद्योगिक विकास
में सहायक है। अतएव इनकी सुलभता औद्योगीकरण को प्रभावित करती है।
4.
बाजारः बाजार उद्योगों के स्थानीयकरण का प्रमुख कारक
है। अधिक क्रय शक्ति तथा सघन आबादी उद्योगों के लिए। वृहद् बाजार उपलब्ध कराती हैं।
5.
कुशल श्रमिकः यद्यपि वर्तमान समय में मशीनीकरण का बोलबाला
है किन्तु उद्योगों में कुशल श्रमिकों की प्राप्ति उनकै स्थानीयकरण को प्रभावित करती
है।
6.
पूँजी: पूँजी उद्योगों की स्थापना में एक महत्वपूर्ण
कारक है। विकासशील देशों में पूँजी की कमी के कारण आशातीत औद्योगिक विकास नहीं हो पाया
है।
7.
जलापूर्तिः कुछ ऐसे उद्योग हैं जिनमें जल की पर्याप्त आवश्यकता
होती है। जैसे-कागज उद्योग, चमड़ा उद्योग आदि। ऐसे उद्योग किसी स्थायी जल स्त्रोत के
समीप ही स्थापित किये जाते हैं।
8.
जलवायुः उपयुक्त एवं स्वास्थ्यप्रद जलवायु श्रमिकों
की कार्यक्षमता बढ़ाती है। इसके अलावा कुछ उद्योग ऐसे हैं। जिनके लिए विशिष्ट जलवायु
आवश्यक होती है। जैसे-वस्त्र उद्योग के लिए आर्द्र जलवायु व सिनेमाउद्योग के लिए स्वच्छ,
आकाश व सूर्यप्रकाश वाली जलवायु आदि।
9.
उच्च तकनीकीः उच्च तकनीकी के द्वारा विनिर्माण की गुणवत्ता
को नियंत्रित करने, अपशिष्टों के निस्तारण व प्रदूषण बचाव सम्भव है। अतः इसका अहम्
योगदान रहता है। इन सभी कारकों के अलावा सरकारी नीतियाँ, सस्ती भूमि, राजनीतिक स्थिरता,
बैंकिंग व बीमा सम्बन्धी सुविधाएँ भी। उद्योगों के स्थानीयकरण में महत्वपूर्ण भूमिका
निभाने वाले कारक हैं।
46. अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में भारत के बदलते स्वरूप पर एक टिप्पणी
लिखें ?
उत्तर- भारत
का अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पिछले कुछ दशकों में व्यापक रूप से विकसित और बदल गया है।
1950-51 में भारत का कुल विदेशी व्यापार लगभग 1,214 करोड़ रुपये था, जो 2016-17 में
44.30 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया। निर्यात और आयात दोनों में भारी वृद्धि हुई है,
लेकिन आयात की वृद्धि निर्यात से तेज रही है।
भारत के व्यापार में वस्तुओं की संरचना
में भी बड़े बदलाव हुए हैं। कृषि और संबद्ध उत्पादों की हिस्सेदारी कम हुई है, जबकि
पेट्रोलियम, कच्चे उत्पादों, इंजीनियरिंग वस्तुओं, फार्मास्यूटिकल्स, और आईटी-सक्षम
सेवाओं जैसे क्षेत्रों की हिस्सेदारी बढ़ी है। यह संकेत है कि भारत ने कच्चे माल से
उन्नत वस्तुओं और सेवा निर्यात की ओर अपना ध्यान केंद्रित किया है।
भारत ने अपनी व्यापार नीतियों को उदार
बनाया है, जिससे विदेशी निवेश में वृद्धि हुई और वैश्विक बाजारों तक पहुंच बेहतर हुई
है। यह वैश्विक आर्थिक एकीकरण के प्रति भारत के रुख को दर्शाता है। इसके तहत भारत ने
कई द्विपक्षीय और क्षेत्रीय व्यापार समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं, जैसे कि आसियान,
जापान, और दक्षिण कोरिया के साथ।
हाल ही में, व्यापार में विविधीकरण
हुआ है। अमेरिका में बढ़े आयात शुल्क के बाद भारतीय निर्यातक नए बाजारों, विशेषकर एशियाई,
यूरोपीय, और मध्य पूर्व के देशों की ओर बढ़े हैं। इससे भारत का वैश्विक निर्यात बास्केट
व्यापक हुआ है, और विभिन्न क्षेत्रों और बाजारों में प्रतिस्पर्धा बढ़ी है।
डिजिटल अवसंरचना ने भी भारत के अंतर्राष्ट्रीय
व्यापार को बदल दिया है, जिसमें यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) का अंतरराष्ट्रीय
स्तर पर उपयोग बढ़ रहा है। इसके साथ ही, भारत रुपया के अंतर्राष्ट्रीयकरण की दिशा में
कदम बढ़ा रहा है, जिससे व्यापार में रूपे का इस्तेमाल भी बढ़ा है।
इस प्रकार, भारत का अंतर्राष्ट्रीय
व्यापार अब विनिर्माण, तकनीकी सेवाओं, और डिजिटल भुगतान प्रौद्योगिकी के माध्यम से
अधिक प्रतिस्पर्धी, व्यापक और वैश्विक रूप से समेकित होता जा रहा है। यह बदलता स्वरूप
भारत को विश्व व्यापार में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी के रूप में स्थापित कर रहा है।
इस से स्पष्ट होता है कि भारत की अर्थव्यवस्था
और व्यापार नीति में आए बदलावों के कारण, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में भारत के स्वरूप
में गतिशीलता और विविधता आई है, जो देश की आर्थिक प्रगति और वैश्विक सम्बद्धता को प्रदर्शित
करता है।
47. भारत में गंदी बस्तियों की समस्याओं का वर्णन करें ?
उत्तर- गंदी
बस्तियों सामान्यतया नगर के ऐसे क्षेत्र के रूप में होती हैं जहाँ मकान निवास की दृष्टि
से इतने अधिक अनुपयुक्त होते हैं कि वे मानवीय स्वास्थ्य तथा समाज के नैतिक मूल्यों
के लिए खतरा बन जाते हैं। गंदी बस्तियों में वे लोग निवास करते हैं जो ग्रामीण क्षेत्रों
से नगरीय क्षेत्रों में रोजगार की तलाश में आते हैं तथा कम आमदनी होने के कारण अच्छे
आवासों में नहीं रह पाते।
गंदी बस्तियों में सामान्य रूप से निम्नलिखित समस्याएँ देखने
को मिलती हैं।
1. गंदी बस्तियाँ न्यूनतम वांछित आवासीय क्षेत्र होते हैं
जहाँ जीर्ण-शीर्ण मकान, स्वास्थ्य की निम्न सुविधाएँ, खुली हवा तथा प्रकाश का अभाव
जैसी समस्याएँ मिलती हैं।
2. इन बस्तियों में शुद्ध पेयजल का अभाव तथा शौचालयों की
कमी देखने को मिलती है। मुंबई की धारावी नामक गंदी बस्ती में 1440 व्यक्तियों पर मात्र
एक शौचालय की उपलब्धता है।
3. गंदी बस्तियों में बहुत अधिक भीड़-भाड़ मिलती है साथ ही
इनमें बहुत पतली व सँकरी गलियाँ मिलती हैं। मुंबई की धारावी गंदी बस्ती में कुछ गलियाँ
तथा पगडंडियाँ इतनी संकरी हैं कि वहाँ से एक साइकिल को निकालना भी कठिन है।
4. इन बस्तियों में जनसंख्या घनत्व बहुत अधिक मिलता है, सामान्यतया
एक कमरे में पूरा परिवार रहता है। कई बार तो यहाँ एक कमरे में 10-12 व्यक्ति रहते हुए
देखे जा सकते हैं।
5. इन आवासीय क्षेत्रों में घटिया निर्माण सामग्री से निर्मित
मकान मिलते हैं जो आग जैसे गंभीर खतरों के जोखिम से युक्त होते हैं।
6. सफाई व्यवस्था अति निम्नस्तरीय तथा जगह-जगह छितराया हुआ
कूड़ा-कचरा तथा गंदे पानी के गड्ढे देखे जा सकते हैं जो मानव स्वास्थ्य के लिए गम्भीर
खतरा हैं।
7. इन गंदी बस्तियों में निवासित अधिकांश व्यक्ति कम वेतन
पर अधिक जोखिम भरे कार्य करते हैं, जिसके कारण कुपोषण तथा विभिन्न बीमारियों से पीड़ित
व्यक्तियों की पर्याप्त संख्या यहाँ मिलती है।
8. गंदी बस्तियों के निवासियों के अधिकांश बच्चे स्कूली शिक्षा
से वंचित इसलिए रह जाते हैं कि यहाँ के लोग अपने बच्चों के लिए स्कूली शिक्षा पर होने
वाले खर्च को सहन नहीं कर पाते।
9. नशीली दवाओं, शराब, गुंडागर्दी, जुआ, वेश्यावृत्ति तथा
अपराध जैसी सामाजिक बुराइयाँ भी यहाँ प्रमुखता से देखने को मिलती हैं।
48. दिए गए विश्व के मानचित्र पर निम्नलिखित को दिखाइए -
(a)
स्वेज नहर
(b)
मेडागास्कर
(c)
कनाड
(d)
रूस
(e)
लंदन
इसका ग्राप Model Set-4 के अन्तिम में दिया है।
MODEL QUESTION PAPER SET-3
भाग - A बहुविकल्पीय प्रश्न 1x25=25
1. निम्नलिखित में से कौन-सा एक भौगोलिक सूचना
का स्त्रोत नहीं है ?
A. यात्रियों का विवरण
C.
चंद्रमा से चट्टानी पदार्थों के नमूने
B.
प्राचीन मान
D. प्राचीन महाकाव्य
2. "मानव भूगोल मानव समाज तथा धरातल के बीच संबंधों का संश्लेषित
अध्ययन है"? यह कथन किसका है?
A.
कुमारी एलन सैंपल
B.
चार्ल्स डार्विन
C.
विडाल डी ला ब्लांश
D. फ्रेडरिक रेटजेल
3. निम्नलिखित में से किस महाद्वीप में जनसंख्या वृद्धि सर्वाधिक है
?
A. अफ्रीका
B.
एशिया
C.
दक्षिण अमेरिका
D.
उत्तर अमेरिका
4. 100% शहरी जनसंख्या वाले देश का नाम है ?
A. सिंगापुर
B.
थाईलैण्ड
C.
जापान
D.
इंडोनेशिया
5. मानव विकास की अवधारणा निम्नलिखित में से किस विद्वान की देन है
?
A.
प्रो० अमर्त्य सेन
B. डॉ महबूब उल हक
C.
ऐलन, सी सेम्पल
D.
रेटजेल
6. निम्न में से कौन रोपण फसल नहीं है ?
A.
कॉफी
B.
गन्ना
C. गेहूँ
D.
रबर
7. पम्पास घास के मैदान पाये जाते हैं
A.
अफ्रीका
B.
उत्तरी अमेरिका
C. दक्षिण अमेरिका
D.
ऑस्ट्रेलिया
8. निम्न में से कौन एक उपभोक्ता उद्योग है ?
A.
सीमेंट
B.
पेट्रोलियम
C. चीनी
D.
लौह इस्पात
9. निम्नलिखित में से कौन सी एक तृतीयक क्रियाकलाप है ?
A.
खेती
B.
बुनाई
C. व्यापार
D.
आखेट
10. वृहद ट्रक मार्ग जाता है ?
A.
भूमध्य सागर और हिंद महासागर
B. उत्तरी अटलांटिक महासागर
C.
दक्षिण अटलांटिक महासागर
D.
हिंद महासागर से होकर
11. पनामा नहर जोड़ती है ?
A. अटलांटिक महासागर को प्रशांत महासागर से
B.
हिंद महासागर को प्रशान्त महासागर से
C.
लाल सागर को काला सागर से
D.
इनमें से कोई नहीं
12. स्वेज नहर किस देश में है ?
A. मिस्त्र
B.
फ्रास
C.
इटली
D.
अफ्रीका
13. विश्व व्यापार संगठन कब अस्तित्व में आया ?
A. 1995 ई०
B.
1998 ई०
C.
1990 ई०
D.
1992 ई०
14. भारत में पहली जनगणना कब हुई थी ?
A.
1772
B. 1872
C.
1901
D.
1921
15. भारत का विशालतम भाषायी समूह निम्न में से है?
A.
चिनी-तिब्बती
B. भारतीय-आर्य
C.
ऑस्ट्रिक
D.
द्रविड़
16. भारत की कितनी % जनसंख्या गाँव में निवास करती है ?
A.
50.40%
B.
62%
C. 68.2%
D.
64%
17. भारत में हरित क्रांति कब शुरू हुई थी ?
A.
1950 के दशक में
B. 1960 के दशक में
C.
1970 के दशक में
D.
1980 के दशक में
18. निम्नलिखित में से कौन सा क्षेत्र धान का कटोरा कहलाता है ?
A. कृष्णा-गोदावरी डेल्टाय क्षेत्र
B.
गंगा-सिंधु का मैदान क्षेत्र
C.
उत्तर-पूर्वी क्षेत्र
D.
केरल तथा तमिलनाडु क्षेत्र
19. जल किस प्रकार का संसाधन है ?
A.
अनवीकरणीय संसाधन
B.
अजैव संसाधन
C. चक्रीय संसाधन
D.
जैव संसाधन
20. हीराकुंड बाँध किस नदी पर है ?
A. महानदी
B.
कृष्णा
C.
कावेरी
D.
ताप्ती
21. खेतड़ी क्यों प्रसिद्ध हैं ?
A.
निकेल
B. ताम्बा
C.
बॉक्साइट
D.
लौह अयस्क
22. शिवसमुन्द्रम जल विद्युत परियोजना किस राज्य में स्थित है ?
A.
महाराष्ट्र
B. कर्नाटक
C.
तमिलनाडु
D.
आंध्र-प्रदेश
23. कोडरमा किस खनिज के लिए प्रसिद्ध है ?
A.
ताम्बा
B.
लौह अयस्क
C.
बॉक्साइट
D. अभ्रख
24. पर्वतीय क्षेत्र विकास कार्यक्रम किस पंचवर्षीय योजना में लागू
की गई ?
A.
दूवितीय
B.
तृतीय
C.
चतुर्थ
D. पंचम
25. भारत में विश्व की सर्वोच्च सड़क कहाँ है ?
A.
लेह- श्रीनगर
B. लेह-मनाली
C.
श्रीनगर-जम्मू
D.
चंडीगढ़-मनाली
खंड-A भाग B
अति लघुउत्तरीय प्रश्न 01 अंकस्तरीय
किन्ही
सात प्रश्नों के उत्तर दें।
26. भूगोल की दो शाखाओं के नाम लिखें ?
उत्तर-
भूगोल की दो मुख्य शाखाएं हैं- भौतिक भूगोल एवं मानव भूगोल ।
27. जनांकिकीय संक्रमण सिद्धान्त का उपयोग क्या है ?
उत्तर-
किसी क्षेत्र की जनसंख्या के वर्णन तथा भविष्य की जनसंख्या के पूर्वानुमान के लिए किया
जा सकता है।
28. मनुष्य की मूलभूत आवश्यकता क्या है ?
उत्तर-
वैसी आवश्यकताएं जिसके बिना मानव का जीवन संभव नहीं है। जैसे:- भोजन, वस्त्र, आवास,
पेयजल, शिक्षा एवं स्वास्थ्य आदि।
29. आखेट से आप क्या समझते है ?
उत्तर-
परंपरागत शैली से अर्थात पत्थर तथा लकड़ी से निर्मित औजारों एवं तीरों का उपयोग कर
जंगली पशुओं तथा मछलियों का शिकार करना।
30. ट्रक फार्मिंग क्या है ?
उत्तर-
नगरों के आसपास सब्जियों की खेती करना ट्रक फार्मिंग कहलाता है क्योंकि सब्जियों को
फार्म से बाजार तक ले जाने में ट्रक की सहायता ली जाती है, एवं एक ही रात सब्जियों
को ट्रक की सहायता से बाजार तक पहुंचाया जाता है।
31. राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 07 किन दो स्थानों को जोड़ती है ?
उत्तर-
राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 7 (NH7) वाराणसी को कन्याकुमारी से जोड़ता है, तथा भारत
का यह सबसे लंबा राजमार्ग है।
32. भारत में पर्याप्त मात्रा में पाये जाने वाले दो परमाणु खनिज के
नाम लिखें ।
उत्तर-
यूरेनियम और धोरियम ।
33. पश्चिम बंगाल में चावल की कितनी फसले उगाई जाती है ?
उत्तर-
पश्चिम बंगाल में चावल की तीन फसले उगाई जाती हैं औँस, अमन तथा बोरों।
34. सघन या एकत्रित बस्तियों से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर-
जिन अधिवासो में बस्तियों के घर आस-पास परस्पर सटे हुए होते हैं उन्हें सघन या एकत्रित
बस्तियां कहा जाता है।
खंड- B लघु उत्तरीय प्रश्न 03 अंक स्तरीय
किन्हीं
6 प्रश्नों के उत्तर दें।
35. भारत के विदेशी व्यापार की तीन प्रमुख विशेषताओं को लिखें।
उत्तर-
भारत के विदेशी व्यापार की प्रमुख विशेषताएँ:
- भारत
का कुल विदेशी व्यापार निरन्तर बढ़ रहा है।
- भारत
का अधिकांश विदेशी व्यापार समुद्री एवं वायु मार्गों द्वारा होता है।
- भारत
में विदेशी व्यापार घाटा तेजी से बढ़ रहा है।
- विश्व
व्यापार में भारत के विदेशी व्यापार का योगदान केवल 1% है।
36. भारत में रेलतंत्र के असमान विकास क्यों है? इसके कारण स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
भारत में असमान रेलतंत्र के विकास के कारण इस प्रकार हैं : . उत्तरी मैदानों में समतल
भूमि के साथ उच्च जनसंख्या घनत्व व उच्च कृषीय तथा औद्योगिक क्षेत्रों में, रेलवे के
विकास के लिए अत्यधिक उपयुक्त स्थितियाँ हैं। फलस्वरुप रेलवे का विकास अधिक हुआ हैं
। पर्वतीय, वन एवं बर्फीले क्षेत्रों में रेल तंत्र का विकास कम पाया जाता है।
37. प्रदूषण प्रदूषक के तीन अंतर को लिखे।
उत्तर-
प्रदूषण और प्रदूषण को में निम्नलिखित अंतर है:
|
प्रदूषण |
प्रदूषक |
|
प्रदूषण
का तात्पर्य मानव गतिविधियों द्वारा पर्यावरण का दूषित होना है। |
यह
ऊर्जा या पदार्थ का एक रूप है जो इकोसिस्टम के प्राकृतिक संतुलन को घटाता तथा प्रदूषित
करता है। |
|
प्रदूषण,
अपशिष्ट उत्पादों के निपटारे के द्वारा हो सकता है। |
यह
गैसीय द्रवीय तथा ठोस स्थिति में हो सकता है। |
|
प्रदूषण
के कई प्रकार हो सकते हैं, जैसे कि वायु, जल, भूमि, ध्वनि प्रदूषण आदि । |
प्रदूषकों
की विद्यमान मात्रा के आधार पर उच्च प्रदूषण का वर्गीकरण किया जाता है। |
38. भारत में विकास की प्रादेशिक विषमताओं की प्रमुख तीन विशेषताओं
का विवरण लिखिए।
उत्तर-
भारत के विकास में स्पष्ट प्रादेशिक भिन्नता दिखाई देती है जिनमें से कुछ निम्न है-
● भारत के आंतरिक प्रदेश पटिया प्रदेशों की तुलना
में कम विकसित है।
● देश के व्यापारिक कृषि प्रधान प्रदेशों में विकास
का स्तर जीवन निर्वाह कृषि क्षेत्रों की तुलना में कहीं अधिक है।
● देश के जनजातीय प्रधान प्रदेशों में विकास आज भी
निम्न स्तर पर बना हुआ है।
● पर्वतीय पठारी एवं भार्गव प्रदेश अन्य क्षेत्रों
की तुलना में पिछड़े हुए हैं।
39. घात्विक और अघात्विक खनिजों के मुख्य तीन अंतर लिखे ?
उत्तर-
घात्विक (धात्विक) और अघात्विक (अधात्विक) खनिजों के मुख्य तीन अंतर निम्नलिखित हैं:
1.
धात्विक खनिजों को गलाने पर धातु प्राप्त होती है, जबकि अघात्विक खनिजों को गलाने पर
धातु प्राप्त नहीं होती ।
2.
धात्विक खनिज सामान्यत: कठोर और चमकीले होते हैं, जबकि अघात्विक खनिजों में यह विशेषता
नहीं पाई जाती सामान्यत: भुरभुरे या कम कठोर होते हैं ।
3.
धात्विक खनिजों को पीटकर तार या चादर बनाया जा सकता है (धात्विकता गुण), जबकि अघात्विक
खनिजों को पीटने पर वे चूर-चूर हो जाते हैं अर्थात इनमें धात्विक लचक नहीं होती ।
40. एशिया महादेश में जनसंख्या के उच्च घनत्व होने के कारण क्या है?
तीन प्रमुख कारणो को लिखे ।
उत्तर-
एशिया महादेश में जनसंख्या के उच्च घनत्व के तीन प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं:
1.
अनुकूल भौगोलिक और जलवायु स्थितियाँ: एशिया
के बड़े हिस्से, विशेष रूप से दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया में, विशाल और उपजाऊ नदी
घाटियाँ (जैसे गंगा-ब्रह्मपुत्र, यांग्त्ज़ी, मेकांग) हैं। मानसूनी जलवायु कृषि के
लिए, विशेषकर चावल जैसी फसलों के लिए, प्रचुर मात्रा में पानी उपलब्ध कराती है, जो
घनी आबादी का भरण-पोषण कर सकती है।
2.
ऐतिहासिक एवं प्राचीन सभ्यताएँ: एशिया दुनिया की कई
सबसे पुरानी सभ्यताओं (जैसे सिंधु घाटी, मेसोपोटामिया, चीनी सभ्यता) का घर रहा है।
इन क्षेत्रों में हजारों वर्षों से मानव बसावट का लंबा इतिहास है, जिससे समय के साथ
जनसंख्या लगातार बढ़ती रही है।
3.
सामाजिक-आर्थिक और जनसांख्यिकीय कारक: ऐतिहासिक
रूप से, कई एशियाई समाज कृषि प्रधान रहे हैं, जहाँ बड़े परिवारों को श्रम के लिए एक
संपत्ति माना जाता था। 20वीं शताब्दी में, बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं, स्वच्छता और खाद्य
सुरक्षा (हरित क्रांति) के कारण मृत्यु दर में तेजी से कमी आई, जबकि जन्म दर तुलनात्मक
रूप से ऊँची बनी रही। इस "जनसांख्यिकीय संक्रमण" ने जनसंख्या में तीव्र वृद्धि
की।
41. आदिम कालीन निर्वाह कृषि की तीन विशेषताओं को लिखें।
उत्तर-
आदिमकालीन निर्वाह कृषि के अंतर्गत कृषक अपने व अपने परिवार के भरण पोषण के लिए उत्पादन
करता है। इसमें फसलों के उत्पादन बिक्री के लिए नहीं होते। यह कृषि का प्राचीनतम रूप
है, जिसे स्थानांतरी कृषि भी कहते हैं, जिसमें खेत स्थाई नहीं होते। खेतों के आकार
छोटे-छोटे होते हैं। इस कृषि की पद्धति में किसान एक क्षेत्र के जंगल या वनस्पतियों
को काटकर या जलाकर साफ करता है और खेती कार्य प्रारंभ करता है परंतु खेत का उपजाऊपन
समाप्त होने पर उस स्थान को छोड़कर कृषि भूमि तैयार की जाती है। कृषि हेतु औजार पारम्परिक
होते हैं, जैसे लकड़ी, कुदाली एवं फावड़े । आदिम कालीन निर्वाह कृषि के मुख्य उष्णकटिबंधीय
क्षेत्र जहाँ आदिम जाति के लोग यह कृषि करते हैं-
(क)
अफ्रीका
(ख)
उष्णकटिबंधीय दक्षिण व मध्य अमेरिका दक्षिण पूर्वी एशिया
42. संचार सेवाएं क्या है? यह किस प्रकार पूरे विश्व को प्रभावित कर
रहा है?
उत्तर-
सूचनाओं तथा विचारों को लिखित, शाब्दिक अथवा श्रव्य दृश्य रूप में प्राप्तकर्ता तक
भेजने की प्रक्रिया संचार कहलाता है तथा इस प्रक्रिया में जिन साधनों का प्रयोग किया
जाता है उन्हें संचार माध्यम कहा जाता है जैसे डाक समाचार पत्र पत्रिका मोबाइल दूरभाष
फैक्स रेडियो इंटरनेट टेलीविजन आदि संचार के माध्यम है ।
विश्व
में संचार माध्यमों के तीव्र विकास ने वाणिज्य और व्यापारिक क्षेत्रों की गतिशीलता
और उत्पादकता को बढ़ा दिया है। संचार एवं परिवहन साधनों के विकास नहीं आज पूरे विश्व
को एक वैश्विक ग्राम का रूप दे दिया है।
खंड- C दीर्घ उत्तरीय प्रश्न 05 अंक स्तरीय
किन्ही
चार प्रश्नों के उत्तर दें
43. भारत में जल प्रदूषण की प्रवृति का वर्णन
कीजिए।
उत्तर-
भारत में तीव्र गति से जनसंख्या वृद्धि हो रही है तथा बढ़ते औद्योगीकरण के कारण जल प्रदूषण
की समस्या गम्भीर रूप धारण कर चुकी है। भारत जल प्रदूषण की प्रवृत्ति को निम्न बिंदुओं
से स्पष्ट किया जा सकता है:-
(क)
भारत में नदियों के किनारे बसे सभी नगर व महानगर अपने यहाँ के सीवेज को इन नदियों में
बिना किसी प्रतिबंध के डाल रहे हैं।
(ख)
नदियों के समीप अवस्थित उद्योग भी अपने औद्योगिक कचरे तथा प्रदूषित अपशिष्ट जल को इन
नदियों के प्रवाहित जल में डाल रहे हैं।
(ग)
उद्योगों में चमड़ा, लुगदी कागज, वस्त्र तथा रसायन उद्योगों के औद्योगिक अपशिष्ट नदियों
के जल को गंभीर रूप से प्रदूषित कर रहे हैं।
(घ)
भारत के कृषि क्षेत्रों में कृषि उत्पादन में सतत वृद्धि के उद्देश्य से रासायनिक उर्वरकों,
कीटनाशकों तथा खरपतवार नाशकों का प्रयोग दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। इन खतरनाक रसायनों
का कुछ भाग वर्षा जल के साथ घुल कर नदियों या जलाशयों के जल में मिलकर उसे प्रदूषित
कर देता है जबकि कुछ भाग भूमिगत जल स्रोतों से मिलकर भी इसे प्रदूषित कर देता है।
(ड.)
भारत की प्रमुख नदियों में शव दहन के पश्चात राख को नदी जल में विसर्जित करने में भी
नदियों का जल प्रदूषित होता है। दुर्गा पूजा तथा गणेश उत्सव जैसे धार्मिक पर्वों पर
विषैले रसायनों से रंगी मूर्तियों का विसर्जन नदियों में किया जाता है। नदियों के किनारे
पर बसे नगरों में आयोजित धार्मिक मेले तथा सांस्कृतिक उत्सव भी नदियों के जल को प्रदूषित
करते हैं।
(च)
प्रदूषित जल पीने से डायरिया, आँतों के कृमि तथा हेपेटाइटिस जैसी बीमारियां होती हैं।
भारत में केवल कुछ ही क्षेत्र ऐसे हैं जहाँ पीने का स्वच्छ पानी पर्याप्त मात्रा में
उपलब्ध है। इसी कारण भारत की एक बड़ी जनसंख्या जल जनित बीमारियों से पीड़ित रहती है।
(छ)
विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट यह स्पष्ट करती है कि भारत की कुल जनसंख्या का
लगभग 25 प्रतिशत भाग जल जनित बीमारियों से ग्रस्त है।
44. जनसंख्या के वितरण एवं घनत्व को प्रभावित
करने वाले प्रमुख कारकों की समीक्षा कीजिए।
उत्तर-
जनसंख्या के असमान वितरण और घनत्व को प्रभावित करने वाले कारक निम्नलिखित हैं.
भौतिक
कारक
(क)
जल की उपलब्धता : जल जीवन का सर्वाधिक महत्वपूर्ण आवश्यकता
है। मानव के विभिन्न क्रियाओं में जल की आवश्यकता पड़ती है। अतः जिन क्षेत्रों में
जल आसानी से उपलब्ध होते हैं, उन क्षेत्रों में लोगों का घना बसाव पाया जाता है। प्राचीन
काल से ही नदी घाटियों में सघन बसाव मिलते हैं।
(ख)
भू-आकृति:- हमारे पृथ्वी के धरातल पर पर्वत, पठार, मैदान
पाए जाते हैं। पर्वत एवं पठारी क्षेत्रों में अपेक्षाकृत बस्तियां परिवहन आदि संरचनाओं
में दिक्कते होती है। कृषि कार्यों में भी मुश्किल होती है। अतः मैदानी क्षेत्रों में
कृषि उत्पादन, सड़क निर्माण, बस्तियों के निर्माण में आसान होता है, फलस्वरूप मैदानी
क्षेत्रों में घना बसाव पाये जाते हैं।
(ग)
जलवायु विषम जलवायु अर्थात अत्यधिक ठंड एवं अत्यधिक
गर्म दोनों ही क्षेत्रों में निवास करना अत्यंत कठिन है। कृषि एवं वानिकी में भी बहुत
मुश्किल होती है। फलस्वरूप ध्रुवीय क्षेत्रों एवं विषुवत रेखीय प्रदेश दोनों में जनसंख्या
का बसाव निम्न है। समकारी जलवायु क्षेत्रों में अर्थात मध्य अक्षांशीय क्षेत्रों में
घना बसाव पाया जाता है।
(घ)
मृदा मिट्टी उपजाऊ मिट्टी वाले क्षेत्रों में फसल
की / : अधिक उत्पादकता लोगों को आकर्षित करती है। किसान कृषि कार्य के लिए उपजाऊ समतल
मैदानी क्षेत्रों में सघन बसे होते हैं। उदाहरण: नदी घाटी क्षेत्र, भारत में गंगा का
मैदान ।
(ड)
खनिज पदार्थ विषम जलवायु वाली परिस्थितियों में भी
उपयोगी खनिजों के मिल जाने पर मनुष्य वहां रहने के लिए उपाय ढूंढ लेता है जैसे सऊदी
अरब के भीष्ण गर्मी वाले क्षेत्र में खनिज तेल क्षेत्र और अलास्का के बर्फीले क्षेत्रों
में सोने तथा तेल के लिए मनुष्य ने बस्तियां बसा ली है।
आर्थिक
कारक:
(क)
खनिज :- धरातल के जिन भागों में खनिजों का भंडार
है, उन क्षेत्रों में खनन और औद्योगिक कार्य प्रारंभ हो जाते हैं। यहाँ रोजगार की तलाश
में बहुत से लोग आकर काम करने लगते हैं, फलस्वरूप वह क्षेत्र सघन बसाव का बन जाता है।
भारत का छोटानागपुर पठारी क्षेत्र, अफ्रीका का कटंगा, जांबिया तांबा पेटी क्षेत्र इसका
अच्छा उदाहरण है।
(ख
) नगरीकरण :- नगरीय क्षेत्रों में रोजगार के बेहतर विकल्प,
शिक्षा, चिकित्सा, परिवहन, संचार की अच्छी सुविधा लोगों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं।
अतः ग्रामीण क्षेत्रों से आकर नगरों में लोग बसना अधिक पसंद करते हैं। अत: नगरीय क्षेत्र
सघन हो जाते हैं।
(ग)
औद्योगीकरण :- औद्योगिक क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़
जाते हैं। इन क्षेत्रों में बहुत से कार्यकर्ता आकर बस जाते हैं। उद्योग और कार्यकर्ता
को सेवा उपलब्ध कराने वाले दुकानदार, बैंककर्मी, व्यवसायी आदि भी यहाँ आकर बसने लगते
हैं, फलस्वरूप यह सघन बसा क्षेत्र बन जाता है।
सामाजिक
एवं सांस्कृतिक कारक:
(क)
धार्मिक एवं सांस्कृतिक स्थल :- धार्मिक एवं सांस्कृतिक
स्थल लोगों को आकर्षित करते हैं। इन क्षेत्रों में वे शांति एवं आनंद महसूस करते हैं।
(ख)
सामाजिक एवं राजनीतिक सुरक्षा :- जिन क्षेत्रों में सामाजिक
एवं राजनीतिक सुरक्षा सुनिश्चित होती है वहाँ जनसंख्या घनत्व अधिक पाया जाता है।
(ग)
सामाजिक एवं राजनीतिक स्थिति :- सामाजिक एवं राजनीतिक अशांति
वाले क्षेत्रों से लोग पलायन करने लगते हैं। फलस्वरूप वहाँ निम्न बसाव पाया जाता है।
उपयुक्त
कारकों से विश्व की जनसंख्या घनत्व एवं वितरण प्रभावित होती है।
45. चलवासी पशुचारण और वाणिज्य पशुधन पालन
में अंतर बताइए ।
उत्तर-
चलवासी पशुचारण एवं वाणिज्य पशुधन पालन में निम्नलिखित अंतर है:-
|
चलवासी
पशुचारण |
वाणिज्य
पशुधन पालन |
|
1.
अर्थ : चलवासी पशुचारण में पशुपालक समुदाय चारे एवं जल की खोज में एक स्थान से दूसरे
स्थान पर घूमते रहते हैं। |
1.
जबकि वाणिज्य पशुधन पालन एक निश्चित स्थान पर विस्तृत फार्म पर किया जाता है और उनके
चारे की व्यवस्था स्थानीय रूप से की जाती है। |
|
2.
पूंजी : इसमें अधिक पूंजी की आवश्यकता नहीं ही पशुओं को प्राकृतिक परिवेश में पाला
जाता है। |
2.
जबकि चलवासी पशुचारण की अपेक्षा वाणिज्य पशुधन पालन अधिक व्यवस्थित एवं पूँजी प्रधान
है। |
|
3.
पशुओं की देखभाल : पशु प्राकृतिक रूप से बड़े होते हैं और उनकी विशेष देखभाल की आवश्यकता
नहीं होती है। |
3.
वाणिज्य पशुधन पालन में पशुओं की देखभाल वैज्ञानिक तरीके से किया जाता है, अर्थात
पशुपालन के लिए विशेष देखभाल की आवश्यकता होती है। |
|
4.
पशुओं के प्रकार : चलवासी पशुपालक एक ही समय में विभिन्न प्रकार के पशु रखते है।
जैसे भेड़-बकरी, ऊंट आदि |
4.
पशुओं के प्रकार- इसमें उसी विशेष पशु को पाला जाता है। जिसके लिए वह क्षेत्र अत्यधिक
अनुकूल होता है। |
|
5.
पशुओं के प्रजनन, जनांकिकी सुधार बीमारियों पर नियंत्रण तथा स्वास्थ्य पर कोई विशेष
ध्यान नहीं दिया जाता है। |
5.
जबकि इसमें पशुओं के प्रजनन, जनांकिकी सुधार, बीमारियों पर नियंत्रण तथा स्वास्थ्य
पर विशेष ध्यान दिया जाता है। |
|
6.
क्षेत्र : यह पुरानी दुनिया तक ही सीमित हैं। इसके तीन प्रमुख क्षेत्र हैं :- उत्तरी
अफ्रीका के एटलांटिक तट से अरब प्रायद्वीप होते हुए मंगोलिया एवं मध्य चीन, यूरोप
व एशिया के टुंड्रा प्रदेश, दक्षिण पश्चिम अफ्रीका एवं मेडागास्कर द्वीपा |
6.
क्षेत्र: यह मुख्यतः नई दुनिया में प्रचलित है। विश्व में न्यूजीलैंड, आस्ट्रेलिया,
अर्जेंटाइना, पुरुग्वे, संयुक्त राज्य अमेरिका में वाणिज्य पशुधन पालन किया जाता
है। |
46. ग्रामीण अधिवासों के प्रमुख प्रतिरूपों
का वर्णन करे।
उत्तर-
ग्रामीण अधिवासों के प्रमुख प्रतिरूप मुख्यतः भौगोलिक, सामाजिक और आर्थिक कारकों पर
निर्भर करते हैं और ये प्रतिरूप ग्रामीण क्षेत्रों में मकानों के विन्यास एवं उनका
आपसी संबंध दर्शाते हैं.
ग्रामीण
अधिवास प्रतिरूप के प्रकार
रेखीय
: जब घर या बस्तियाँ सड़क, रेलवे लाइन, नदी या
नहर के किनारे स्थित होती हैं तो उनका प्रतिरूप रेखीय होता है. दोनों ओर मकान एक लंबी
रेखा में बने होते हैं. यह प्रतिरूप सामान्यतः घाटी वाले क्षेत्रों, मध्य हिमालय, तथा
नदी किनारे के मैदानी क्षेत्रों में मिलता है.
आयताकार
: मैदानी क्षेत्रों में जहां सड़कें एक-दूसरे को समकोण पर काटती हैं, वहाँ आयताकार
प्रतिरूप मिलता है. यहाँ मकान चौक आकार में बने होते हैं और सड़कें एक-दूसरे के समानांतर
होती हैं. नियोजित गाँवों में इसे देखा जा सकता है.
वृत्ताकार
: झील, तालाब या किसी केन्द्रीय स्थल के चारों
ओर मकान गोल घेरे में बने होते हैं. इस प्रतिरूप में मध्य भाग खुला रहता है ताकि जानवरों
या वस्तुओं की सुरक्षा हो सके.
तारा/क्रॉस/टी-आकार
: जहाँ सड़कों का जंक्शन (T या Y) होता है, वहाँ मकान और गाँव इन आकृतियों में विकसित
हो जाते हैं. दो या तीन सड़कों के मिलने पर "Y" या "T" आकार के
गाँव बनते हैं.
दोहरा
गाँव : नदी के दोनों किनारों पर या पुल/नौका की वजह
से विकसित दोहरी बस्तियाँ मिलती हैं.
47. विश्व के प्रमुख अंतरमहाद्वीपीय रेलमार्गो
के नाम लिखकर किसी एक का वर्णन कीजिए ?
उत्तर-
विश्व के प्रमुख अंतरमहाद्वीपीय रेलमार्गों के नाम हैं:
1.
ट्रांस-साइबेरियन रेलवे
2.
ट्रांस-कनाडा रेलवे
3.
ट्रांस-अमेरिकन रेलवे या यूनियन पैसिफिक रेलवे
4.
ट्रांस ऑस्ट्रेलिया रेलवे
5.
ओरिएंट एक्सप्रेस रेलवे
ट्रांस-साइबेरियन
रेलवे - ट्रांस-साइबेरियन
रेलवे विश्व का सबसे लंबा और प्रमुख अंतरमहाद्वीपीय रेलमार्ग है। यह रूस के मास्को
से शुरू होकर पूर्वी रूस के व्लादिवोस्तोक तक लगभग 9289 किमी की दूरी तय करता है। इस
रेलवे का निर्माण 1891 से 1916 के बीच रूसी साम्राज्य के समय किया गया था। यह रेलवे
यूरोप और एशिया के बीच एक प्रभावशाली संपर्क स्थापित करता है और आठ समय क्षेत्रों को
पार करता है। इसके मार्ग में मास्को, येकातेरिनबर्ग (यूराल पर्वत के पास), नोवोसिबिर्स्क,
इर्कुत्स्क, उलान-उडे, खाबरोवस्क, और अंततः व्लादिवोस्तोक जैसे प्रमुख शहर आते हैं।
इस रेलमार्ग की वजह से साइबेरिया और पूर्वी रूस के आर्थिक विकास को बहुत बढ़ावा मिला
है। यह अभी भी विस्तारित किया जा रहा है और रूस के पड़ोसी देशों से भी जुड़ रहा है।
इसकी यात्रा पूरी करने में आमतौर पर सात दिन लगते हैं।
48. दिए गए विश्व के मानचित्र पर निम्नलिखित को दिखाइए -
A. बंगाल की खाड़ी
B.
लाल सागर
C.
मेक्सिको की खाड़ी
D.
कैस्पियन सागर
E. प्रशान्त महासागर
इसका ग्राप Model Set-4 के अन्तिम में दिया है।
MODEL QUESTION PAPER SET-4
भाग - A बहुविकल्पीय प्रश्न 1x25=25
1. एंथ्रोपोज्योग्राफी नामक पुस्तक किसने लिखी ?
A.
कुमारी एलन सैंपल
B.
विडाल डी ला ब्लाश
C.
चार्ल्स डार्विन
D. फ्रेडिरिक रेटजोल
2. फ्रेडिरिक रेटजेल किस देश के निवासी थे ?
A.
स्पेन
B.
फ्रांस
C. जर्मनी
D.
ब्रिटेन
3. निम्नलिखित में से कौन सा एक विरल जनसंख्या वाला क्षेत्र नहीं है
?
A.
अटाकामा
B.
भूमध्य रेखिय प्रदेश
C. दक्षिण पूर्व एशिया
D.
ध्रुवीय प्रदेश
4. इनमें से कौन जनसंख्या वितरण को प्रभावित करने वाले भौतिक कारक नहीं
है ?
A.
भू-आकृति
B.
मृदा
C. खनिज
D.
जलवायु
5. मानव विकास सूचकांक में प्रथम स्थान पर कौन सा देश है ?
A.
अमेरिका
B.
जर्मनी
C.
जापान
D. नॉर्वे
6. इनमें से प्राथमिक क्रियाकलाप कौन सा है ?
A. कृषि
B.
व्यापार
C.
बुनाई
D.
उद्योग
7. जापान का डेट्रॉइट किसे कहते हैं ?
A.
टोक्यो
B. नागोया
C.
नागासाकी
D.
ओसाका
8. बिग इंच पाइपलाइन के द्वारा क्या परिवहन किया जाता है ?
A.
दूध
B.
जल
C.
गैस
D. पेट्रोलियम
9. स्वेज नहर का निर्माण कब हुआ था ?
A.
1914
B. 1869
C.
1969
D.
1900
10. विश्व का संघनतम रेल मार्ग किस महाद्वीप में पाया जाता है ?
A. यूरोप
B.
एशिया
C.
अफ्रीका
D.
ऑस्ट्रेलिया
11. सार्क का मुख्यालय कहां है ?
A.
नई दिल्ली
B. काठमांडू
C.
इस्लामाबाद
D.
कोलंबो
12. भारत में पहली संपूर्ण जनगणना कब हुई थी ?
A. 1881
B.
1891
C.
2001
D.
2011
13. निम्न में कौन सा भू उपयोग संवर्ग नही है?
A.
परती भूमि
B. सीमांत भूमि
C.
निवल बोया क्षेत्र
D.
कृषि योग्य व्यर्थ भूमि
14. शुष्क कृषि में निम्न में कौन सी फसल नहीं बोई जाती है ?
A.
रागी
B.
मूंगफली
C.
ज्वार
D. गन्ना
15. रबी फसल ऋतु की समय अवधि क्या है ?
A. अक्टूबर से मार्च
B.
जून से सितंबर
C.
अप्रैल से जून
D.
इनमें से कोई नहीं
16. अंकलेश्वर तेल क्षेत्र किस राज्य में है ?
A. गुजरात
B.
आंध्र प्रदेश
C.
राजस्थान
D.
झारखंड
17. निम्न में से कौन घात्विक खनिज है ?
A.
अभ्रक
B. तांबा
C.
ग्रेफाइट
D.
चूना पत्थर
18. झरिया किस लिए प्रसिद्ध है ?
A.
लोहा
B. कोयला
C.
तांबा
D.
बॉक्साइट
19. निम्न में से कौन ऊर्जा के परंपरागत स्त्रोत है ?
A.
सौर ऊर्जा
B.
पवन ऊर्जा
C.
ज्वारीय ऊर्जा
D. इनमें से कोई नही
20. निम्न में से कौन कोयला का सर्वेत्तम किस्म है ?
A. एन्ग्रासाइट
B.
बिटुिमिनस
C.
लिग्नाइट
D.
पीट
21. बॉक्साइट से कौन सी धातु प्राप्त की जाती है ?
A.
लोहा
B. अल्युमिनियम
C.
तांबा
D.
यूरेनियम
22. भारत में वायु परिवहन की शुरूआत कब हुई ?
A. 1911
B.
1915
C.
1921
D.
1925
23. पूर्व मध्य रेलवे का मुख्यालय कहां है ?
A.
गोरखपुर
B.
भुवनेश्वर
C. हाजीपुर
D.
कोलकाता
24. धारावी बस्ती कहां स्थित है ?
A. मुबंई
B.
कोलकाता
C.
दिल्ली
D.
चेन्नई
25. भारत के आयात व्यापार में सर्वाधिक हिस्सेदारी किसकी है ?
A.
अलौह धातु
B. पेट्रोलियम
C.
दवाई
D.
रसायन
खंड-A भाग B
अति लघुउत्तरीय प्रश्न 01 अंकस्तरीय
किन्ही
सात प्रश्नों के उत्तर दें।
26. किस विद्ववान को आधुनिक मानव भूगोल का जनक माना जाता है ?
उत्तर-
जर्मन विद्वान फ्रेडरिक रैटजेल को आधुनिक मानव भूगोल का जनक कहा जाता है।
27. चतुर्थ क्रियाकलाप का एक उदाहरण लिखें ?
उत्तर-
चतुर्थ क्रियाकलाप अनुसंधान और विकास पर केंद्रित होते हैं। यह एक ज्ञानोमुख सेवा क्षेत्र
है जिसमें सूचनाओं का संग्रहण, उत्पादन और प्रकीर्णन आदि कार्य सम्मिलित होते हैं।
28. सशक्तिकरण क्या है ?
उत्तर-
अपने विकल्पों को चुनने के लिए शक्ति प्राप्त करना सशक्तिकरण कहलाता है।
29. जनसंख्या शून्य क्षेत्र किसे कहते हैं ?
उत्तर-
विश्व के जिन क्षेत्रों में जनसंख्या बहुत कम अति विरल. पा अनुपस्थित हैं, उन्हें जन
शून्य क्षेत्र कहते हैं।
30. बॉक्साइट के प्रमुख उपयोग क्या है ?
उत्तर-
बॉक्साइट एक ऐसा कच्चा पदार्थ है जिससे ऐलुमीनियम बनाया जाता है।
31. भारत में सेंट्रल रेलवे का मुख्यालय कहां स्थित है ?
उत्तर-
सेंट्रल रेलवे का मुख्यालय मुंबई में स्थित है।
32. सहकारी कृषि क्या है ?
उत्तर-
किसानों का एक समूह कृषि से अधिक लाभ कमाने के लिए स्वेच्छा से एक सहकारी संस्था बनाकर
कृषि कार्य करते हैं, इसे सहकारी कृषि कहते हैं।
33. जनसंख्या संघटन का क्या अर्थ है ?
उत्तर-
जनसंख्या को आयु, लिंग, निवास स्थान, शिक्षा, जाति, भाषा, धर्म, जीवन प्रत्याशा आदि
के आधार पर वर्गीकृत कर उनकी विशेषताओं का अध्ययन करना ही जनसंख्या संघटन कहलाता है।
34. उठावास किसे कहा जाता है ?
उत्तर-
उठावास एक व्यक्ति या समूह का अपने मूल स्थान को छोड़कर किसी दूसरे स्थान पर जाने को
कहते हैं। यह प्रवास का एक रूप है, जो लोगों के एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में
जाने की प्रक्रिया है।
खंड- B लघु उत्तरीय प्रश्न 03 अंक स्तरीय
किन्हीं
6 प्रश्नों के उत्तर दें।
35. वैश्विक गांव क्या है ?
उत्तर - 'वैश्विक गाँव' शब्द का अर्थ है प्रौद्योगिकी, संचार और परिवहन में
प्रगति के कारण दुनिया का आपस में जुड़ा और एक-दूसरे पर निर्भर होना, जिससे
विभिन्न संस्कृतियों के लोगों के लिए आपस में बातचीत करना और विचारों का
आदान-प्रदान करना आसान हो गया है।
36. जल परिवहन के तीन लाभों को लिखें ?
उत्तर-
जल परिवहन के प्रमुख लाभ निम्नवत् हैं:
1. जल परिवहन के लिए मार्गों का निर्माण नहीं करना पड़ता है इसी कारण जल
मार्गों के निर्माण एवं रखरखाव पर किसी प्रकार का कोई व्यय नहीं करना पड़ता।
2. जल परिवहन अन्य परिवहनों की तुलना में सस्ता होता है। क्योंकि जल का घर्षण
स्थल की अपेक्षा बहुत कम होता है।
3. जल परिवहन की ऊर्जा लागत अन्य परिवहनों की तुलना में कम होती है।
4. जल परिवहन में छोटे आकार से लेकर बहुत बड़े आकार के जलयानों का संचालन किया
जा सकता है।
37. अंतर्राष्ट्रीय व्यापार की आवश्यकता क्यों है ?
उत्तर-
अंतरराष्ट्रीय व्यापार की आवश्यकता के निम्न कारण हैं-
*
विश्व में विभिन्न देशों के बीच प्राकृतिक संसाधनों का असमान वितरण मिलता है, जो अंतरराष्ट्रीय
व्यापार को आवश्यक बनाता है।
*
अलग-अलग देशों में उत्पादन के विभिन्न कारक जैसे- पूंजी, प्रौद्योगिकी, कच्चे माल की
उपलब्धता, सस्ते एवं कुशल श्रमिकों की उपलब्धता आदि में अंतर दिखाई देती है। जो स्थान
विशेष को वस्तु विशेष के उत्पादन हेतु अनुकूल बनाता है, जिससे वे कम लागत पर वस्तुओं
का उत्पादन कर पाते हैं और अंतरराष्ट्रीय व्यापार को बढ़ावा मिलता है।
38. ग्रामीण बस्तियों की तीन प्रमुख समस्याओं का उल्लेख करें ?
उत्तर-
: ग्रामीण बस्तियों की मुख्य समस्याएँ गरीबी, बेरोजगारी, शिक्षा, स्वास्थ्य, पीने का
पानी, स्वच्छता तथा सफाई आदि जैसी आधुनिक सुविधाओं की कमी है। विकासशील देशों में रहने
वाले अधिकतर ग्रामीण निवासी कृषि करते हैं जो एक मौसमी प्रक्रिया है। बुआई और कटाई
की अवधि के अतिरिक्त वे वर्ष के बाकी समय बिना किसी लाभदायक व्यवसाय के गुजारते हैं।
फसल खराब होने के कारण होने वाली कुपोषण तथा भुखमरी एक प्राकृतिक परिणाम है।
39. भारत के तीन प्रमुख फसल ऋतुए कौन-कौन सी है ?
उत्तर-
भारत में निम्नलिखित तीन कृषि ऋतु होती है :-
क.
खरीफ ऋतु यह ऋतु जून माह में प्रारम्भ होकर सितम्बर माह
तक रहती है। इस ऋतु में चावल, कपास, जूट, ज्वार, बाजरा व अरहर आदि की कृषि की जाती
है। खरीफ की फसल दक्षिण-पश्चिम मानसून के साथ संबंध है। दक्षिण- पश्चिम मानसून के साथ
चावल की फसल शुरू होती है।
ख.
रबी ऋतु: रबी की ऋतु अक्टूबर-नवम्बर में शरद ऋतु से
प्रारम्भ होती है। गेहूँ चना, तोराई, सरसो, जौ आदि फसलों की कृषि इसके अन्तर्गत की
जाती है।
ग.
जायद ऋतु जायद एक अल्पकालिक ग्रीष्मकालीन फसल ऋतु हैं
जो रबी की कटाई के बाद प्रारम्भ होती है। इस ऋतु में तरबूज, खीरा, सब्जियां व चारे
की फसलों की कृषि होती है।
40. मानव के प्रकृतिकरण से आप क्या समझते हैं?
उत्तर-
मनुष्य के प्राकृतिककरण का अर्थ है मनुष्य और प्रकृति के बीच पूर्ण सामंजस्य; मनुष्य
अपने आप को प्राकृतिक वातावरण के अनुकूल बनाते हैं और जीने के लिए प्राकृतिक नियम का
पालन करते हैं। पहले, जब तकनीकी विकास का स्तर बहुत ही निम्न स्तर का था, तब प्राकृतिक
मनुष्य थे, जो प्रकृति को सुनते थे, उसके कोप से डरते थे और उसकी पूजा करते थे।
मानव
के आदिम समाज प्राकृतिक पर्यावरण के साथ पूर्ण सामंजस्य में रहते थे।
उदाहरण
के लिए- मध्य भारत की जनजातियाँ मानव के प्राकृतिककरण
का एक उदाहरण हैं क्योंकि वे महुआ के पेड़ के फूल, घास के पत्ते, और जंगल में उपलब्ध
खाद्य पौधों की जड़ों को खाते थे। वे पलाश और साल के पेड़ों को आश्रय के लिए इस्तेमाल
करते थे। उन्होंने बीमारी को दूर करने के लिए वहां उपलब्ध जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल
किया। वे उनके प्रति इतने दयालु होने के लिए प्रकृति (जंगल) की पूजा करते हैं।
41. खनन किसे कहते हैं? खनन को प्रभावित करने वाले दो कारकों का वर्णन
करें ?
उत्तर-
भूगर्भ से प्राकृतिक अवस्था में स्थित खनिजों को खुदाई करके
प्राप्त करने की प्रक्रिया खनन कहलाती है।
खनन
कार्य को प्रभावित करने वाले कारक :-
(क)
भौतिक कारक- इनमें खनिज पदार्थों के आकार, श्रेणी एवं
उपस्थिति की अवस्था को सम्मिलित किया जाता है। खनिजों की अधिक गहराई, खनिजों में धातु
की मात्रा का कम प्रतिशत तथा उपभोग के स्थानों से अधिक दूरी, खनिजों के खनन के व्यय
को बढा देती है।
(ख)
आर्थिक कारक- इसमें खनिजों की मांग, विद्यमान तकनीकी
ज्ञान एवं उसका उपयोग, पूंजी की उपलब्धता, यातायात व श्रम पर होने वाला व्यय आदि सम्मिलित
किया जाता है।
42. विश्व में उच्च जनसंख्या घनत्व वाले अनेक क्षेत्र है। ऐसा क्यों
है ?
उत्तर-
विश्व के अनेक क्षेत्रों में जनसंख्या घनत्व को प्रभावित करने वाले भौगोलिक, आर्थिक,
सामाजिक एवं सांस्कृतिक कारक अनुकूल पाए जाते हैं। उन क्षेत्रों में उच्च जनसंख्या
घनत्व पाए जाते हैं। उदाहरण दक्षिण, दक्षिणपूर्वी एवं पूर्वी एशिया के भाग ।
खंड- C दीर्घ उत्तरीय प्रश्न 05 अंक स्तरीय
किन्ही
चार प्रश्नों के उत्तर दें
43. भारत में नगरीकरण के कारण उत्पन्न हुई
पर्यावरणीय समस्याओं के बारे में लिखिए।
उत्तर - शहरी क्षेत्रों में जनसंख्या घनत्व बढ़ने से प्रदूषण बढ़ता है, और
अनियोजित विकास के कारण झुग्गी-बस्तियाँ, यातायात की भीड़ और खुली जगहों की कमी
जैसी समस्याएं पैदा होती हैं।
भारत में नगरीकरण से उत्पन्न पर्यावरण संबंधी समस्याएं
1. वायु प्रदूषण: औद्योगिक उत्सर्जन, वाहनों के धुएं और बिजली उत्पादन
से वायु प्रदूषण बढ़ता है। इससे वायु की गुणवत्ता खराब होती है और शहरी ताप द्वीप
(Urban Heat Island) जैसी समस्याएं पैदा होती हैं।
2. जल प्रदूषण: औद्योगिक और घरेलू अपशिष्टों के सीधे जलस्रोतों में
छोड़े जाने से जल प्रदूषण होता है।
3. ध्वनि प्रदूषण: शहरी क्षेत्रों में यातायात, निर्माण कार्य,
औद्योगिक मशीनरी, लाउडस्पीकर और हॉर्न के कारण ध्वनि प्रदूषण एक गंभीर समस्या है।
4. ठोस अपशिष्ट प्रबंधन: शहरीकरण से उत्पन्न होने वाले ठोस
कचरे का प्रबंधन एक बड़ी चुनौती है, क्योंकि कचरा निपटान के लिए पर्याप्त स्थान और
सही तरीका उपलब्ध नहीं है।
5. प्राकृतिक संसाधनों का अत्यधिक दोहन: शहरी क्षेत्रों में पानी, ऊर्जा, जीवाश्म
ईंधन और अन्य प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग बहुत अधिक होता है। इसके परिणामस्वरूप पीने
के पानी की कमी और बिजली कटौती जैसी समस्याएं होती हैं।
6. शहरी विस्तार और भीड़भाड़: तेजी से शहरी विकास से हरित क्षेत्र,
पार्क और खेल के मैदान जैसी खुली जगहों में कमी आती है। इसके कारण शहरी क्षेत्रों में
भीड़भाड़, आवास की कमी और झुग्गी-झोपड़ियों का निर्माण होता है।
7. शहरी बाढ़: शहरीकरण के कारण जलग्रहण क्षेत्र विकसित होते हैं, जिससे वर्षा जल के तेजी से प्रवाह
के कारण बाढ़ का खतरा बढ़ जाता है।
8. मृदा अपरदन: वन क्षेत्रों की कमी और निर्माण कार्यों के कारण मृदा अपरदन की समस्या बढ़ जाती
है।
44. भारत में ग्रामीण बस्तियों के प्रकारों
का वर्णन करें ।
उत्तर - भारत की ग्रामीण बस्तियों को मुख्य रूप से चार भागों में बाँटा जाता
है
1. गुच्छित, संहत अथवा केन्द्रित बस्तियाँ – इस तरह की बस्तियों में ग्रामीण घरों के संहत खण्ड पाए
जाते हैं। घरों की दो कतारों को सँकरी, तंग तथा टेढ़ी-मेढ़ी गलियाँ पृथक् करती
हैं। सामान्यत: इन बस्तियों का एक अभिन्यास होता है, जो रैखिक, आयताकार, ‘L’ आकृति
अथवा कभी-कभी आकृतिविहीन होता है।
2. अर्द्धगुच्छित या विखण्डित बस्तियाँ – किसी सीमित क्षेत्र में समूहन प्रवृत्ति या समेकित प्रादेशिक
आधार के परिणामस्वरूप ही अर्द्धगुच्छित या विखण्डित बस्तियाँ बनती हैं। प्रायः किसी
बड़े संहत गाँव के पृथक्करण या विखण्डन के परिणामस्वरूप ही ऐसे प्रतिरूप उभरते हैं।
इस उदाहरण में ग्रामीण समाज का एक या एक से अधिक वर्ग स्वेच्छा या मजबूरी से मुख्य
गुच्छित बस्ती से कुछ दूरी पर अलग बस्ती बनाकर रहने लगता या लगते हैं।
3. पुरवे – जाति व्यवस्था के कारण उत्पन्न सामाजिक विलगाव, कभी-कभी गुच्छित बस्तियों को विखण्डित
कर देता है। बस्तियों की ये गौण इकाइयाँ पान्ना, पाड़ा, पल्ली, नंगला या ढाणी कहलाती
हैं।
4. परिक्षिप्त या एकाकी बस्तियाँ – इस तरह की बस्ती में छोटे-छोटे हैमलेट एक बड़े क्षेत्र पर दूर-दूर
बिखरे होते हैं। इसका कोई अभिन्यास नहीं होता, क्योंकि इन बस्तियों में केवल कुछ ही
घर होते हैं। सामान्यत: ये बस्तियाँ सुदूर वनों में एकाकी झोपड़ी या कुछ झोपड़ियों
के समूह के रूप में पायी जाती हैं। ऐसी बस्तियाँ छोटी पहाड़ियों पर भी होती हैं, जिनके
आस-पास के ढालों पर खेत अथवा चरागाह होते हैं।
45. मानव स्वास्थ्य पर वायु प्रदूषण के क्या
प्रभाव पड़ते हैं वर्णन करें ?
उत्तर - मानवीय स्वास्थ्य पर वायु प्रदूषण के निम्न प्रभाव पड़ते हैं-
(i) वायु प्रदूषण से फेफड़े के रोग जैसे खाँसी और श्वांस नली शोध होते हैं।
वायु प्रदूषण से बच्चें विशेष प्रकार से प्रभावित होते हैं।
(ii) वायु प्रदूषण से हृदय भी प्रभावित होता है।
(iii) यह स्नायुतंत्र को प्रभावित करता है। इससे मनुष्य मनोवैज्ञानिक रूप से
दबाव में आ जाता है।
(iv) यह परिसंचरण तन्त्र को प्रभावित करता है। नगरीय क्षेत्रों में वाहनं और
उद्योगों से छोड़ा गया धुआँ प्रदूषण को बढ़ाते हैं, इनसे आँखें जलने लगती हैं
46. पनामा नहर ने अतंर्राष्ट्रीय व्यापार को
बढ़ाने में किस प्रकार योगदान दिया है? स्पष्ट करें ?
उत्तर-
यह नहर सन्
1904 से 1914 के मध्य संयुक्त राज्य द्वारा बनायी गयी। इस पर साढ़े सात करोड़ रुपया
खर्च हुआ था। इसे पनामा के स्थलडमरूमध्य को काटकर बनाया गया है। यह प्रशान्त तट पर
पनामा को अटलाण्टिक महासागर के तट पर कोलोन बन्दरगाह से जोड़ती है। यह नहर 82 किमी.
लम्बी, 12 मीटर गहरी और लगभग 90 मीटर चौड़ी है। इसकी तली में चौड़ाई 150 मीटर से
300 मीटर (1,000 फीट) के मध्य है। इसको पार करने में 24 घण्टे लगते हैं। प्रतिदिन लगभग
50 जहाज इस नहर में होकर निकलते हैं। इस नहर के बनाने में गेलार्ड पहाड़ी को काटा गया
था। इस कारण इसका तल सर्वत्र समान नहीं है और झालों (Locks) का प्रयोग करना पड़ता है।
इसमें तीन झाल हैं-गाटुम, पेड्रोमिकेट और मीराफ्लोर्स।
पनामा नहर का महत्व- इस नहर के बन जाने से सबसे अधिक लाभ
संयुक्त राज्य अमेरिका को हुआ है। इसके पश्चिमी और पूर्वी तटों के बीच दूरी बहुत कम
रह गयी है। इसके द्वारा सेनफ्रांसिस्को से न्यूयॉर्क जाने में 12,650 किमी, लिवरपूल
जाने में 9,100 किमी, न्यू ऑर्लियन्स जाने में 14,250 किमी, याकोहामा से न्यूयॉर्क
जाने के लिए 6,050 किमी, न्यूऑर्लियन्स जाने में 9,170 किमी., बालपराइजो से न्यूयार्क
जाने में 6,020 किमी. तथा न्यूऑर्लियन्स जाने
के लिए 7,620 किमी. की बचत होती है। नहर द्वारा होने वाला व्यापार- ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलेण्ड
एवं पूर्वी एशियाई देशों से इस नहर द्वारा रबड़, गर्म मसाले,
अनेक अलौह धातु, चीनी, दूध उत्पाद, ऊन, गेहूँ, चावल, चाय, तम्बाकू, आदि उत्तरी व लैटिन
अमेरिका के पूर्वी भागों को एवं अनेक प्रकार का सामान वैंकूवर एवं सेनफ्रांसिस्को से
संयुक्त राज्य अमेरिका व कनाडा के पूर्वी भाग और पश्चिमी यूरोप भेजे जाते हैं।
अन्य वस्तुएँ जो कि लैटिन अमेरिका के
पश्चिमी भागों से यूरोप भेजी जाती हैं, वे हैं-मैक्सिको व बोलीविया से चाँदी, पेरू
से शोरा, इक्वेडोर से सिनकोना, कोलम्बिया से टिम्बर, खनिज तेल आदि।
47. गन्ना उत्पादन के लिए अनुकूल भौगोलिक दशाओं
का वर्णन करें ?
उत्तर - आवश्यक भौगोलिक दशाएँ गन्ना उत्पादन के लिए निम्नलिखित भौगोलिक दशाएँ
आवश्यक होती हैं
1. जलवायु - गन्ना उष्णार्द्र जलवायु की उपज है। गन्ने की कृषि के लिए निम्नलिखित जलवायु
उपयुक्त रहती है
* तापमान -
उष्ण कटिबन्धीय पौधा होने के कारण गन्ने की फसल के लिए उच्च तापमान; अर्थात्
प्रायः 20° से 35° सेल्सियस की आवश्यकता होती है। गन्ने की फसल लगभग एक वर्ष में
तैयार होती है। कोहरा तथा पाला इसकी फसल को हानि पहुँचाते हैं।
* वर्षा -
गन्ने की फसल के लिए अधिक नमी की आवश्यकता होती है। अतः गन्ना 100 से 150 सेमी
वर्षा वाले भागों में उगाया जाता है। इसके लिए वर्षा वर्षभर लगातार मन्द गति से
होती रहे तो अच्छा है। कम वर्षा वाले क्षेत्रों में सिंचाई द्वारा गन्ना उगाया
जाता है। इसी कारण नहरों तथा नलकूपों द्वारा सिंचित क्षेत्र गन्ने के प्रमुख
उत्पादक क्षेत्र बन गये हैं।
2. मिट्टी - गन्ने की कृषि के लिए उपजाऊ दोमट तथा नमीयुक्त एवं चिकनी मिट्टी उपयुक्त रहती
है। दक्षिणी भारत की लावायुक्त मिट्टी में गन्ना अच्छा पैदा होता है। चूना एवं
फॉस्फोरसयुक्त मिट्टी गन्ने की कृषि के लिए विशेष उपयोगी होती है। गन्ना मिट्टी से
पोषक तत्वों को अधिक शोषण करता है; अतः इसके लिए रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग करते
रहना चाहिए।
3. मानवीय श्रम - गन्ने के खेत तैयार करने, बोने, निराई-गुड़ाई करने तथा
उन्हें काटकर मिलों तक पहुँचाने के लिए कुशल एवं सस्ते श्रमिकों की आवश्यकता होती
है। इसी कारण गन्ना सघन जनसंख्या वाले क्षेत्रों में ही उगाया जाता है।
प्रमुख गन्ना उत्पादक क्षेत्र भारत के लगभग सभी क्षेत्रों में गन्ना उगाया जाता है,
परन्तु उत्तरी भारत गन्ना उगाने का मुख्य क्षेत्र है। देश का तीन-चौथाई से भी अधिक
गन्ना उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, महाराष्ट्र और कर्नाटक राज्यों में उगाया जाता है।
अन्य गन्ना उत्पादक राज्यों में आन्ध्र प्रदेश, बिहार एवं झारखण्ड मुख्य हैं।
पंजाब, हरियाणा, गुजरात, ओडिशा तथा राजस्थान राज्यों के क्षेत्रों में भी गन्ने का
उत्पादन किया जाता है। उत्तर प्रदेश देश का 50%, पंजाब तथा हरियाणा 15% तथा बिहार
व झारखण्ड 12% गन्ने का उत्पादन करते हैं। पिछले दो दशकों से दक्षिणी राज्यों के
गन्ना उत्पादन में पर्याप्त वृद्धि हुई है।
उत्पादन -
गन्ना भारत की प्रमुख औद्योगिक फसल है। यहाँ गन्ने का क्षेत्रफल तथा उत्पादन विश्व
में सर्वाधिक रहा है, परन्तु पिछले कुछ वर्षों से विश्व के गन्ना उत्पादन में
ब्राजील ने प्रथम स्थान प्राप्त कर लिया है। विश्व के कुल गन्ने का 20% क्षेत्रफल
भारत में पाया जाता है। यहाँ विश्व का 22.4% गन्ना उत्पन्न किया जाता है। भारतीय
कृषकों के लिए गन्ना एक नकदी फसल है। वर्ष 2000-01 में भारत में 4.2 मिलियन
हेक्टेयर क्षेत्र पर गन्ने की खेती की गयी थी तथा 299.2 मिलियन टन गन्ने का
उत्पादन हुआ। वर्ष 2009-10 में भी भारत में 4.2 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्र पर गन्ने
की खेती की गई तथा 19.0 मिलियन टन गन्ने का उत्पादन हुआ। भारत में गन्ने की प्रति
हेक्टेयर उपज 71 टन तक आ गयी है।
48. दिए गए विश्व के मानचित्र पर निम्नलिखित को दिखाइए -
A.
वियतनाम
B. चीन
C.
केपटाउन
D.
स्विट्जरलैंड
E.
पाकिस्तान
MODEL QUESTION PAPER SET-5
भाग - A बहुविकल्पीय प्रश्न 1x25=25
1. नव-निश्चयवाद के प्रवर्तक कौन है ?
A.
हम्बोल्ट
B.
विडाल-डी-ला-व्लाश
C. ग्रिफिथ टेलर
D.
जीन बुंश
2. निम्नलिखित में से कौन-सा एक मानव भूगोल का उपागम नहीं है ?
A.
क्षेत्रिय विभिन्नता
B. मात्रात्मक क्रांति
C.
स्थानिक संगठन
D.
अन्वेषण और वर्णन
3. निम्न में कौन-से विद्वान मानव भूगोल से सम्बन्धित नहीं है ?
A.
एलेन सेम्पुल
B.
फ्रेडरिक रैटजेल
C. अर्सेन्ट रसल
D.
हंटिगटन
4. निम्नलिखित में से किस देश का लिंगानुपात विश्व में सर्वाधिक है
?
A. लाटविया
B.
जापान
C.
संयुक्त अरब अमीरात
D.
फ्रांस
5. निम्नलिखित में से कौन सा विकास का सर्वोत्तम वर्णन करता है ?
A.
आकार में वृद्धि
B. गुण में धनात्मक परिवर्तन
C.
आकार में स्थिरता
D.
गुण में साधारण परिवर्तन
6. रबड़ किस प्रकार की कृषि उपज है ?
A. रोपण कृषि
B.
भूमध्यसागरीय कृषि
C.
मिश्रित कृषि
D.
गहन निर्वाह कृषि
7. 'क्यूबा की रानी' किसे कहते हैं ?
A. गन्ना
B.
कपास
C.
चुकन्दर
D.
आलू
8. मैनचेस्टर किस उद्योग के लिए प्रसिद्ध है ?
A. सूती वस्त्र
B.
ऊनी वस्त्र
C.
लौह इस्पात
D.
कागजात
9. चैनल टनल जोड़ता है ?
A.
लंदन-बर्लिन
B.
बर्लिन-पेरिस
C. पेरिस-लंदन
D.
बार्सिलोना-बर्लिन
10. स्वेज नहर जोड़ती है ?
A.
हिन्द महासागर प्रशांत महासागर
B.
हिन्द महासागर अटलांटिक महासागर
C. भूमध्य सागर लाल सागर
D.
भूमध्य सागर अरल सागर
11. ASEAN (आसियान) का मुख्यालय कहाँ है ?
A. जर्काता
B.
जेनेवा
C.
वियाना
D.
मनिला
12. 1995 में गेट का रूप बदलकर किस संगठन का उदय हुआ
A. विश्व व्यापार संगठन
B.
यूरोपीय संघ
C.
नाफ्ट
D.
आसियान
13. बेटी-बचाओं, बेटी पढ़ाओ अभिमान की शुरूआत कब हुई थी ?
A. 2015
B.
2016
C.
2017
D.
2018
14. 'मेगानगर' की जनसंख्या कितनी होती है ?
A.
1 लाख
B.
10 लाख
C.
25 लाख
D.
50 लाख
10 मिलियन (1 करोड़) या उससे अधिक
15. निम्नलिखित आर्थिक क्रियाओं में ग्रामीण अधिवासों से संबंधित है
?
A. प्राथमिक
B.
द्वितीयक
C.
तृतीयक
D.
चतुर्थ
16. निम्नलिखित में से कौन रेशेदार फसल है ?
A.
कॉफी
C.
गेहुँ
B.
चाय
D. कपास
17. खरीफ फसल की कृषि ऋतु क्या है ?
A.
अक्टूबर से मार्च
B. जून से सितंबर
C.
अप्रैल से जून
D.
इनमें से कोई नही
18. भारत की राष्ट्रीय जल कब अंगीकृत किया गया ?
A. 2010
B.
2015
C.
2012
D.
2014
19. निम्नलिखित में कौन-सा ऊर्जा का अनवीकरणी संसाधन है ?
A.
जल
B.
सौर
C. ताप
D.
पवन
20. नोआमुंडी लौह अयस्क खान किस राज्य में स्थित है ?
A.
महाराष्ट्र
B. झारखण्ड
C.
मध्य प्रदेश
D.
बिहार
21. किस औद्योगिक नीति में उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण को बढ़ावा
दिया गया?
A. 1991
D.
1989
C.
1948
B.
1951
22. बिटुमिनस किस खनिज का प्रकार है ?
A.
लोहा
B.
अभ्रक
C. कोयला
D.
बॉक्साइट
23. भारत का सबसे लंबा राष्ट्रीय राजमार्ग है ?
A.
NH-19
B. NH-44
C.
NH-22
D.
NH-26
24. 'द पोपुलेशन बम' के लेखक कौन है ?
A.
मिडोस
B. एहरलीच
C.
मार्शल
D.
अमर्त्य सेन
25. ध्वनी की माप की इकाई क्या है ?
A.
जूल
B.
प्रतिशत
C. डेसीबील
D.
मीटर
खंड-A भाग B
अति लघुउत्तरीय प्रश्न 01 अंकस्तरीय
किन्ही
सात प्रश्नों के उत्तर दें।
26. 'संभववाद' शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम किसने किया ?
उत्तर-
संभववाद शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग लूसियन फैब्रे ने किया था।
27. लिंग अनुपात क्या है ?
उत्तर-
जनसंख्या में स्त्रियों और पुरुषों की संख्या के अनुपात को लिंग अनुपात कहा जाता है।
28. संचार सेवाएँ क्या है ?
उत्तर-
एक स्थान से दूसरे स्थान तक विचारों, मतों तथा बातचीत का आदान-प्रदान संचार कहलाता
है। जिन माध्यमों से संदेश या समाचार पहुंचाए जाते हैं, उन्हें संचार के साधन कहते
हैं।
29. ऋतु प्रवास किसे कहा जाता है ?
उत्तर-
ग्रीष्मकाल में मैदानी भागों से पर्वतीय चारागाहों की ओर तथा शीतकाल में
पर्वतीय भागों से मैदानी चारागाहों की ओर पशुचारकों का होने वाला प्रवास
ऋतु प्रवास कहलाता है।
30. समता से आपका क्या तात्यर्य है ?
उत्तर-
समता का अर्थ प्रत्येक व्यक्ति को उपलब्ध अवसरों के लिए समान पहुंच की व्यवस्था करना
है।
31. आधारभुत उद्योग क्या है ?
उत्तर-
आधारभूत उद्योग के अन्य उद्योगों को अपने उत्पादों के द्वारा कच्चा - माल प्राप्त कराते
है। जैसे लोहा इस्पात उद्योग अन्य मशीनरी उद्योगों के लिए इस्पात रूपी कच्चा माल उपलब्ध
कराता हैं । इसलिए लोहा इस्पात उद्योग आधारभूत उद्योग कहलाता है।
32. परिवहन क्या है ?
उत्तर-
एक स्थान से दूसरे स्थान तक यात्री तथा वस्तुओं को ले जाने वाले साधन को परिवहन कहते
हैं।
33. 'पेट्रोलियम' शब्द का क्या अर्थ होता है ?
उत्तर-
पेट्रोलियम लैटिन भाषा के दो शब्द पेट्रा तथा ओलियम से मिलकर बना है जिसका अर्थ होता
है चट्टानी तेल ।
34. रोपण फसल के उदाहरण लिखें ?
उत्तर-
यह फैक्ट्री उत्पाद से मिलती जुलती एक बड़े पैमाने वाली एक फसली कृषि है। क्षेत्र का
विस्तृत आकार, अधिक पूँजी निवेश तथा खेती के लिए आधुनिक व वैज्ञानिक तकनीकों का प्रयोग,
रोपण कृषि की विशेषता है। इस प्रकार की कृषि में चाय, कॉफी, रबड़, गन्ना, कोको आदि
उगाए जाते हैं।
खंड- B लघु उत्तरीय प्रश्न 03 अंक स्तरीय
किन्हीं
6 प्रश्नों के उत्तर दें।
35. मानव विकास के चार प्रमुख घटकों का वर्णन करें ?
उत्तर-
मानव विकास के चार प्रमुख स्तंभ (घटक) हैं: समानता,
उत्पादकता, सशक्तिकरण और स्थिरता। ये स्तंभ लोगों के अवसरों को बढ़ाने, उनके जीवन
स्तर को सुधारने और दीर्घकालिक कल्याण सुनिश्चित करने की प्रक्रिया का वर्णन करते हैं।
मानव
विकास के चार प्रमुख घटक:
1.
समानता: इसका अर्थ है कि लोगों
को उनके लिंग, जाति, आय या नस्ल की परवाह किए बिना सभी के लिए समान अवसर प्राप्त हों। यह
सुनिश्चित करता है कि हर किसी के पास अपनी क्षमताओं को विकसित करने का समान अवसर हो।
2.
उत्पादकता: यह मानव कार्य और श्रम
की उत्पादकता से संबंधित है। लोगों की क्षमताओं को बेहतर बनाने के लिए शिक्षा
और स्वास्थ्य जैसी चीजों में निवेश करके उत्पादकता को बढ़ाया जा सकता है।
3.
सशक्तिकरण: इसका अर्थ है कि लोगों
को निर्णय लेने की शक्ति मिले। यह शक्ति उनकी क्षमता और स्वतंत्रता से आती है,
जिसे सुशासन और जन-उन्मुख नीतियों के माध्यम से बढ़ावा दिया जा सकता है।
4.
स्थिरता: यह सुनिश्चित करता है
कि भविष्य की पीढ़ियों के लिए भी अवसर उपलब्ध रहें। स्थिरता का अर्थ है अवसरों
को बनाए रखना और यह सुनिश्चित करना कि आज के विकास से भविष्य की पीढ़ियों को नुकसान
न हो।
36. स्वामित्व के आधार पर उद्योगों का वर्णन करें ?
उत्तर-
स्वामित्व के आधार पर उद्योगों को निम्नलिखित तीन वर्गों में बाँटा जाता है
(i)
संयुक्त या सहकारी उद्योग : जब दो या दो से अधिक व्यक्ति
अथवा सहकारी समितियों के योगदान के द्वारा उद्योग चलाए जाते हैं तो उसे संयुक्त उद्योग
कहा जाता है। इसके उदाहरण हैं-ऑयल इंडिया लिमिटेड, महाराष्ट्र के चीनी उद्योग, अमूल
(गुजरात) आदि।
(ii)
सार्वजनिक उद्योग : सार्वजनिक उद्योगों का संचालन सरकार
स्वयं करती है। इसके अंतर्गत भारी और आधारभूत उद्योग शामिल हैं। दुर्गापुर, भिलाई,
राउरकेला के लोहा इस्पात केन्द्र सार्वजनिक उद्योग के उदाहरण हैं।
(iii)
निजी उद्योग : यदि उद्योगों का स्वामित्व किसी एक व्यक्ति
का होता है तो उसे निजी उद्योग कहते हैं। इसका उदाहरण लघु उद्योग एवं कुटीर उद्योग
हैं।
37. प्रवास के तीन प्रतिकर्ष कारकों का उल्लेख करें ?
उत्तर-
प्रतिकूल परिस्थिति में परेशान होकर जब लोग एक जगह से दूसरी जगह प्रवास करते हैं, तो
उसे प्रतिकर्ष कारक कहा जाता है।
उदाहरण
बेरोजगारी, रहन-सहन की निम्न दशाएं, राजनीतिक उपद्रव, प्रतिकूल जलवायु प्राकृतिक आपदाए.
महामारी, सामाजिक आर्थिक पिछड़ेपन जैसे कारक उद्गम स्थान को प्रतिकूल बनाते है।
38. संभववाद विचारधारा क्या है ?
उत्तर-
संभववाद की विचारधारा का सर्वप्रथम प्रतिपादन फ्रांसीसी भूगोलवेत्ता विडाल-डी-ला-ब्लाश
ने किया था। संभववाद शब्द का प्रयोग लूसियन फेब्रे के द्वारा किया गया। संभववाद के
अनुसार मानव अपने पर्यावरण में परिवर्तन करने में सक्षम है तथा वह प्रकृति द्वारा प्रदत
संभावनाओं को अपने लाभ के लिए उपयोग कर सकता है। संभववाद विचारधारा के अनुसार मानवीय
क्रियाकलापों तथा मानव द्वारा विकसित सांस्कृतिक भू-दृश्य को महत्व प्रदान किया गया
है। बीसवीं शताब्दी के प्रारंभ से ही मानवीय क्रियाकलापों का प्रभाव बढ़ता रहा, मानव
ने प्राकृतिक वातावरण पर निर्भरता कम कर दिया।
39. परिवहन के तीन प्रमुख प्रकारों का उल्लेख करें ?
उत्तर-
परिवहन, वस्तुओं और यात्रियों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने की प्रक्रिया
को कहते हैं।
परिवहन
के तीन प्रमुख प्रकार निम्नलिखित हैं:
1.
वायु परिवहन: वायु परिवहन वायुमार्ग द्वारा एक स्थान से दूसरे स्थान तक आवागमन
का तीव्रतम साधन है। इसने यात्र समय को घटाकर दूरियों को कम कर दिया है। वायु परिवहन
के प्रकार- घरेलु वायु परिवहन, अंतर्राराष्ट्रीय वायु परिवहन।
2.
पाइपलाइन परिवहन: पाइप लाइन परिवहन
से आशय ऐसी परिवहन प्रणाली से है जिसमें गैसों तथा तरल पदार्थों को पाइप लाइनों के
माध्यम से एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुँचाया जाता है।
3.
स्थल परिवहन: स्थल परिवहन से आशय
भूमि मार्ग द्वारा वस्तुओं और यात्रियों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने से
है। भारत में मार्गों तथा कच्ची सड़कों का उपयोग परिवहन के लिए प्राचीन काल से किया
जाता रहा है। स्थल परिवहन के प्रकार- सड़क परिवहन, रेल परिवहन आदि।
40. रोपण कृषि के किन्ही तीन विशेषताएँ बताएँ ?
उत्तर-
रोपण कृषि की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित
हैं:
1. इस कृषि को यूरोपीय एवं अमेरिकी लोगों ने अपने अधीन उष्ण
कटिबंधीय उपनिवेशों में स्थापित किया था।
2. इसमें बागानों का आकार बहुत विशाल होता है। कुछ बागान
हजारों हेक्टेयर क्षेत्र में फैले हुए होते हैं।
3. इस कृषि के अंतर्गत अधिक पूँजी निवेश, उच्च प्रबन्धन,
उच्च तकनीक तथा वैज्ञानिक विधियों का प्रयोग किया जाता है।
4. इस कृषि के अंतर्गत केवल किसी एक ही फसल का उत्पादन किया
जाता है।
5. सस्ते श्रमिकों की पर्याप्त उपलब्धता वाले क्षेत्रों में
इस प्रकार की कृषि की जाती है।
6. सस्ता अकुशल श्रम स्थानीय लोगों से प्राप्त किया जाता
है जबकि तकनीकी सहायता एवं कुशल श्रम शीतोष्ण कटिबंधीय क्षेत्रों से प्राप्त होता है।
7. रोपण कृषि वाले क्षेत्रों में यातायात सुविधाएँ विकसित
अवस्था में मिलती हैं जिसके द्वारा बागानों एवं बाजार का सुलभ सम्पर्क बना रहता है।
8. यह कृषि उष्ण कटिबंधीय वर्षा वाले क्षेत्रों में प्रमुखता
से की जाती है।
9. यह वृहद् स्तरीय लाभोन्मुख उत्पादन कृषि प्रणाली है।
41. भौगोलिक सूचना से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर-
भौगोलिक सूचना तंत्र भौगोलिक आँकड़ों
एवं सूचनाओं के संग्रहण, विश्लेषण और मानचित्रण का एक कम्प्यूटर आधारित तकनीक है, जिसे
वैज्ञानिक भाषा में सूचना तकनीक (IT) कहते हैं।
भूगोलवेत्ता मार्बल ने इसे परिभाषित करते हुए कहा
"GIS क्षेत्रीय सूचना संग्रहण, विश्लेषण एवं प्रदर्शन का एक तंत्र है।"
42. भू तापीय ऊर्जा क्या है? तीन लाभों को लिखें।
उत्तर-
जब पृथ्वी के गर्भ से मैग्मा निकलता है तो अत्यधिक ऊष्मा
निर्मुक्त होती है। इसे भूतापीय ऊर्जा कहते हैं। इसे विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित
किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त गीजर कूपों से निकलते गर्म पानी से ताप ऊर्जा पैदा
की जा सकती है। जैसे भारत में हिमाचल प्रदेश के मनीकरण में भूतापीय ऊर्जा संयंत्र
अधिकृत किया जा चुका है।
खंड- C दीर्घ उत्तरीय प्रश्न 05 अंक स्तरीय
किन्ही
चार प्रश्नों के उत्तर दें
43. विश्व व्यापार में स्वेज नहर के योगदान
का मूल्यांकन कीजिए ।
उत्तर-
(i) स्वेज नहर मार्ग भूमध्यसागर तथा लाल सागर को मिलाता है। यह मार्ग पुरानी
दुनिया के मध्य में-से होकर जाता है। अतः इसका विश्व के अधिकतर भागों से संपर्क
है। इससे विश्व का लगभग 15% व्यापार होता है।
(ii) यह नहर यूरोप के औद्योगिक तथा एशिया के विकासशील देशों के मध्य संपर्क
स्थापित. करती है।
(iii) इस नहर के निर्माण से पहले यूरोप से एशिया आने वाले जहाजों
को दक्षिणी केंप ऑफ गुड होप से होकर गुजरना पड़ता था, परंतु इस मार्ग के बन जाने पर
उत्तर-पश्चिमी यूरोप और एशिया के बीच की दूरी 8000 मी० कम हो गई है।
(iv) इस नहर का सबसे अधिक लाभ ग्रेट ब्रिटेन को हुआ है क्योंकि
इसके निर्माण से ग्रेट ब्रिटेन का संबंध भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, मलेशिया,
इंडोनेशिया, आस्ट्रेलिया तथा न्यूजीलैंड आदि से सुविधाजनक हो गया है।
(v) यह नहर 168 किमी० लम्बी तथा 365 मी० चौड़ी है। इसकी गहराई
1615 मी० है। इसके उत्तरी सिरे पर पोर्ट सईद तथा दक्षिण में स्वेज पत्तन है। मध्य में
इस्लामिया नगर है जो तिम्सा झील पर स्थित है। इस नहर में दो गलियारे हैं- एक जहाजों
के आने के लिए, दूसरा जाने के लिए।
44. चाय अथवा कपास उत्पादन के लिए अनुकूल भौगोलिक
दशाओं का वर्णन करें।
उत्तर-
चाय उत्पादन के लिए अनुकूल भौगोलिक
दशा
⇒जलवायु - उष्ण
व उपोष्ण कटिबंध
⇒तापमान - 25°C - 30°C
⇒वर्षा - 125 - 250 cm
⇒मिट्टी - गहरी दोमट
⇒धरातल/ भूमि - सीढ़ीनुमा
⇒क्षेत्र - असम, पश्चिम बंगाल
कपास उत्पादन के लिए अनुकूल भौगोलिक दशा
⇒जलवायु - उपोष्ण कटिबंध
⇒तापमान - 20°C - 30°C
⇒फूल - फल लगते समय तेज धूप, स्वच्छ आकाश
⇒पाला - कपास के लिए हानिकारक
⇒200
- 210 दिन
पाल रहित मौसम
⇒वर्षा - 75 - 100 cm
⇒मिट्टी- काली मिट्टी
45. विकाशील देशों में नगरीय बस्तियों की समस्याओं
की विवेचना कीजिए ?
उत्तर-
विकासशील देशों में नगरीय बस्तियों
की समस्याएँ विकासशील देशों में नगरीय बस्तियों की प्रमुख समस्याएँ निम्नलिखित हैं
1. मलिन बस्तियों में वृद्धि – बड़े नगरों का आकार मुख्यत: ग्रामीण जनसंख्या का नगरों की
ओर प्रवास है। ये लोग रोजगार की तलाश में नगरों की ओर प्रस्थान करते हैं। नगर में अनियमित,
अनियोजित तथा अनियन्त्रित रूप से मलिन बस्तियाँ बनने लगती हैं। बड़े नगरों में यह समस्या
विशेष रूप से उत्पन्न हो जाती है।
2. नगरीय विस्तार – जैसे ही नगरों की जनसंख्या बढ़ती है वे चारों ओर बाहर की
ओर फैलते हैं और कृषि योग्य भूमि का हरण करते हैं। वृहद् नगरों के आस-पास उपनगर बन
जाते हैं। इस तरह नगर और अधिक विस्तृत हो जाते हैं।
3. सुगम यातायात की समस्या – नगरों में अनियमित बस्तियों के फैलाव से अनेक समस्याएँ उत्पन्न
हो गई हैं। इनमें से एक प्रमुख समस्या सुगम यातायात की समस्या भी है। नगरों में बढ़ती
भीड़ को परिवहन की आवश्यकता होती है, जिससे यातायात प्रभावित हो जाता है।
4. प्रदूषण – नगरों के अनियमित तथा अनियोजित विकास से विभिन्न प्रकार
के प्रदूषणों का विकास होता है।
5.
अन्य समस्याएँ – उपर्युक्त समस्याओं के अलावा नगरीय बस्तियों
में कुछ अन्य समस्याएँ भी पायी जाती हैं; जैसे-सीवर प्रणाली, शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली,
बेरोजगारी, सामाजिक प्रदूषण आदि।
46. उदारीकरण, निजीकरण तथा वैश्वीकरण से आप
क्या समझते हैं? इन्होंने भारत की औद्योगिक विकास में किस प्रकार से सहायता की है
?
उत्तर-
भारत में औद्योगिक नीति की घोषणा सन् 1991 में की गई। इस नीति के तीन प्रमुख उद्देश्य
हैं।
क.
उदारीकरण से आशय आर्थिक विकास को गति प्रदान करने के लिए
भारत सरकार द्वारा पूर्व आर्थिक नियमों व कानूनों में लचीलापन, लाइसेंस प्रणाली को
समाप्त करना, विदेशी निवेश को प्रोत्साहित करना, उद्योग स्थापना, वाणिज्य व व्यापार
क्षेत्रों में छूट सम्बन्धी समस्त प्रयासों को उदारीकरण के नाम से जाना जाता है।
ख.
निजीकरण से आशय उदारीकरण नीति निजीकरण को आधार प्रदान
करने के लिए बनाई गई है। सार्वजनिक क्षेत्र से निजी क्षेत्र की ओर स्वामित्व हस्तान्तरित
करने की प्रक्रिया को निजीकरण कहा जाता है। निजीकरण घरेलू तथा बहुराष्ट्रीय दोनों पूँजी
निवेशकों को आकर्षित कर के लिए किया गया है।
ग.
वैश्वीकरण से आशय वैश्वीकरण का अर्थ है देश की अर्थव्यवस्था
को विश्व की अर्थव्यवस्था के साथ एकीकृत करना। इस प्रक्रिया के अन्तर्गत सामान व पूँजी
सहित सेवाएँ, श्रम और संसाधन एक देश से दूसरे देश को स्वतन्त्रतापूर्वक पहुँचाए जा
सकते हैं। उदारीकरण, निजीकरण तथा वैश्वीकरण का भारत के औद्योगिक विकास में सहयोग- उदारीकरण,
निजीकरण तथा वैश्वीकरण भारत की औद्योगिक नीति 1991 के प्रमुख लक्ष्य रहे। इन लक्ष्यों
के क्रियान्वयन से भारत के औद्योगिक विकास को पर्याप्त प्रोत्साहन मिला।
इसके
प्रमुख कारण निम्नवत् रहे:-
● सुरक्षा, सामरिक अथवा पर्यावरण से सम्बन्धित छह
उद्योगों को छोड़कर भारत सरकार ने सभी उद्योगों को लाइसेंस व्यवस्था से मुक्त कर दिया।
● सन् 1956 से सार्वजनिक सेक्टर के लिए सुरक्षित उद्योगों
की संख्या को 17 से घटाकर 4 कर दिया। इस प्रकार 13 उद्योगों के लिये निजी क्षेत्र के
दरवाजे सरकार द्वारा खोल दिए गये। केवल परमाणु शक्ति तथा रेलवे से सम्बन्धित उद्योग
ही सार्वजनिक क्षेत्र के अन्तर्गत बने रहे।
● भारत सरकार द्वारा सार्वजनिक उद्योगों के शेयरों
में से कुछ को सामान्य जनता, कामगारों तथा वित्तीय संस्थाओं के लिए आवंटित करने का
निश्चय किया।
● किसी भी उद्योग में पूँजी निवेश की सीमा को समाप्त
कर दिया गया तथा इसके लिए लाइसेन्स व पूर्व अनुमति की व्यवस्था को भी समाप्त कर दिया
गया।
● उद्योगों में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (Foreign
Direct Invest - ment) को घरेलू निवेश के रूप में मान्यता प्रदान की गई। इससे भारतीय
उद्योगों में विदेशी निवेश के दरवाजे खुल गए जिसके परिणामस्वरूप उद्योगों में उन्नत
तकनीक, वैश्विक कुशल प्रबन्धन व व्यावहारिकता का अभिगमन तथा प्राकृतिक व मानवीय संसाधनों
के सर्वोत्तम उपयोग का सर्मावेश होने से उनके विकास को एक नवीन दिशा प्राप्त
● भारत की औद्योगिक नीति में घरेलू तथा बहुराष्ट्रीय
दोनों व्यक्तिगत पूँजी निवेशकों को आकर्षित करने के लिए उदारता दिखाई गई। खनन, दूर-संचार,
राजमार्ग निर्माण व व्यवस्था को निजी क्षेत्र की कम्पनियों के लिए खोल दिया गया।
● इन सभी छूटों के बाद प्रत्यक्ष विदेशी निवेश भारत
सरकार की आशाओं के अनुरूप नहीं रहा लेकिन विदेशी निवेश का एक बड़ा भाग घरेलू उपकरणों,
वित्त, सेवा, इलेक्ट्रॉनिक, विद्युत उपकरण, खाद्य व दुग्ध जैसे उद्योगों में लगाए जाने
से इन उद्योगों के विकास को पर्याप्त प्रोत्साहन मिला है।
47. भारत में स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात्
कृषि विकास की महत्वपूर्ण नीतियों का वर्णन करें ?
उत्तर- स्वतंत्रता के बाद भी काफी समय तक खाद्यान्नों की कमी बनी
रही थी, लेकिन भारतीय कृषि में प्रौद्योगिकी परिवर्तन 1960 के दशक से आरंभ हुए ।
कृषि में विकास के लिए सरकार ने अनेक कार्यक्रम आरंभ किए, जिनमें बीजों की अधिक
उपज देने वाली किस्में, उर्वरक, मशीनीकरण, ऋण और विपन सुविधाएँ सम्मिलित थीं।
सरकार ने मैक्सिको से उन्नत गेहूँ के बीज तथा फिलीपाइन्स से चावल की अच्छी किस्मों
के बीज आयात किए। इसके अतिरिक्त उर्वरक था कीटनाशक दवाओं का भी प्रयोग किया जाने
लगा । इसका विवरण अग्रलिखित है :
सिंचाई (Irrigation)- अधिक उपज लेने के लिए सिंचाई की क्षमता बढ़ाई गई ।
2000-2001 में 8.47 करोड़ हेक्टेयर भूमि पर सिंचाई की जाने लगी ।
बीजों की अधिक उपज देने वाली किस्में - गेहूँ बार बाजरा तथा मक्का के लिए अधिक उपज देने वाली
किस्मों का व्यापक प्रयोग होने लगा ।
उर्वरक -
उर्वरकों का प्रयोग हरित क्रांति का अभिन्न घटक है। स्वतंत्रता के बाद रकों के
उत्पादन तथा उपभोग में बहुत वृद्धि हुई है। कीटनाशक दवाओं का प्रयोग बढ़ गया है।
कृषि का मशीनीकरण - पारंपरिक तरीकों के स्थान कृषि में मशीनीकरण अधिक बढ़
गया है। डीजल तथा बिजली से चलने वाले पंप सैट प्रयोग आने लगे। ट्रैक्टरों की
संख्या बढ़कर 100 हेक्टेयर भूमि पर 5.95 हो गई। कृषि में ऊर्जा का भी उपयोग बढ़ने
लगा ।
कृषिकों के लिए ऋण तथा विपणन सुविधाएँ भी कृषि के विकास में सहायक हुई हैं। इन
सबके संयुक्त प्रभाव को कारण भारत में हरित क्रांति के नाम से कृषि में
क्रान्तिकारी वर्तन हुए हैं।
48. दिए गए विश्व के मानचित्र पर निम्नलिखित को दिखाइए -
A.
गोरखपुर
B.
भुवनेश्वर
C.
हाजीपुर
D.
कोलकाता
उत्तर-
PROJECT RAIL (JCERT) Weekly Test Answer Key 2024-25
PROJECT RAIL (JCERT) Weekly Test Answer Key 2023-24



