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Class XII 3.उत्पादन तथा लागत (Production and Costs)

उत्पादन तथा लागत (Production and Costs)

Class XII 3.उत्पादन तथा लागत (Production and Costs)

प्रश्न :-  अल्पकालीन उत्पादन फलन और दीर्घकालीन उत्पादन फलन में अंतर स्पष्ट कीजिए।

उत्तर : अल्पकालीन उत्पादन फलन और दीर्घकालीन उत्पादन फलन में निम्नलिखित अंतर है -

अल्पकालीन (परिवर्ती अनुपात) उत्पादन फलन

दीर्घकालीन (समान/स्थिर अनुपात) उत्पादन फलन

1. इस उत्पादन फलन में, उत्पादन के स्तर में परिवर्तन के साथ-साथ कारक आगत अनुपात में परिवर्तन होता है।

1. इस उत्पादन फलन में, उत्पादन के स्तर में परिवर्तन के साथ-साथ कारक आगत अनुपात समान/स्थिर रहता है।

2. इसमें कुछ कारकों के स्थिर रहते हुए, केवल कुछ कारकों में परिवर्तन करके ही उत्पादन में वृद्धि की जा सकती है।

2. इसमें सभी कारक आगतों की मात्रा में वृद्धि करके उत्पादन में वृद्धि की जा सकती है।

3. इसमें उत्पादन की मात्रा में परिवर्तन होने से उत्पादन के पैमाने में परिवर्तन नहीं होता।

3. इसमें उत्पादन की मात्रा में परिवर्तन होने के साथ-साथ उत्पादन के पैमाने में भी परिवर्तन होता है।

प्रश्न :-  पैमाने के प्रतिफल से क्या समझते हैं ? व्याख्या करें ?

> पैमाने के प्रतिफल की बढ़ती,समान तथा घटती धारणाओं की व्याख्या करें ?

> जब सभी आगतों में एक ही अनुपात में वृद्धि होती है तो उत्पादन पर पड़ने वाले प्रभाव क्या है ?

उत्तर- पैमाने का प्रतिफल दीर्घकालीन उत्पादन फलन को प्रदर्शित करता हैसाधनों के पैमाने में परिवर्तन के फलस्वरुप उत्पादन में जो परिवर्तन होता है उसे पैमाने का प्रतिफल कहते हैं

उत्पादन के साधनों के निरपेक्ष इकाई में इस प्रकार वृद्धि की जाए कि साधनों का अनुपात स्थिर रहे तो इसका अर्थ होता है कि पैमाने में वृद्धि की गई है।

इस रेखा चित्र में  OR  उत्पादन की रेखा है। यह बताता है कि इसके प्रत्येक बिंदु पर साधन का अनुपात स्थिर रहता है                   

AK1OK1=BK2OK2

अर्थात सभी साधनों को X गुना बढ़ाया जाए तो साधनों का अनुपात स्थिर होगा

    पैमाने के प्रतिफल के नियम

(1) पैमाने का वृद्धिमान प्रतिफल :- उत्पादन के सभी साधनों को जिस अनुपात में बढ़ाया जाता है उत्पादन में अगर उससे अधिक अनुपात में वृद्धि हो तो उसे पैमाने का विद्धिमान प्रतिफल कहा जाता है

 Y = f ( a, b, c.........)

जहां , Y = उत्पादन f = फलन a,b,c............= साधन

Xα.y = f(na,nb,nc...........)                                                                             

अगर वस्तु > 1 हो तो यह पैमाने का वृद्धिमान प्रतिफल प्रदर्शित करेगा। रेखा चित्र में हर अगले सम उत्पाद वक्र (IQ) के बीच की दूरी क्रमशः घटती जाती है जो दर्शाता है कि साधन जि अनुपात में बढ़ता है उत्पादउससे अधिक अनुपात में बढ़ता है

 BC < AB < OA

   पैमाने के वृद्धिमान प्रतिफल के कारण :-

a. तकनीकी बचत 

b. श्रम संबंधी बचत 

c. वित्तीय बचत

d. विपणन मितव्ययिता

e. शोध,प्रयोग एवं विज्ञापन से लाभ

(2) पैमाने के स्थिर प्रतिफल :- जिस अनुपात में साधनों को बढ़ाया जाता है ठीक उसी अनुपात में उत्पादन में वृद्धि होती है तो इसे पैमाने का स्थिर प्रतिफल करते हैं।

  Xα.y = f(na,nb,nc...........) 

अगर वस्तु α =1 हो तो यह पैमाने का स्थिर प्रतिफल प्रदर्शित करेगा। 

चित्र में हर अगले सम उत्पाद वक्र की दूरी समान रहती है जो दर्शाता है कि जिस अनुपात में साधन लगता है उत्पादन उसी अनुपात में होता है

  OA=AB=BC

पैमाने के स्थिर प्रतिफल के कारण :-

A. आंतरिक एवं बाह्य बचत आंतरिक एवं बाह्य हानियों के बराबर होता है

B. एक फार्म के विस्तार से कुछ सीमा तक पैमाने के बढ़ते प्रतिफल की अवस्था के बाद पैमाने के स्थिर प्रतिफल की एक म्बी अवस्था होती है

C. कॉब-डग्लस उत्पादन फलन :- काॅब-डग्लस के अनुसार अधिकांश उद्योगों पर लंबे समय तक पैमाने के स्थिर प्रतिफल लागू होता है

Q = K La C1-a 

= K (gL)a (gC)1-a

= K gaLa g1-aC1-a

= ga+1-a K La C1-a

= g (KLa C1-a)

= g (Q)

इस प्रकार साधनों को g गुणा बढ़ाने से उत्पादन भी g गुणा बढ़ता है जो पैमाने के स्थिर प्रतिफल को दर्शाता है।

(3) पैमाने का ह्रासमान प्रतिफल :- जिस अनुपात में साधनों में वृद्धि की जाती है उसे कम अनुपात में जब उत्पादन में वृद्धि होती है तो उसे पैमाने का ह्रासमान प्रतिफल कहते हैं।

  Xα.y = f(na,nb,nc...........) 

अगर वस्तु α < हो तो यह पैमाने का स्थिर प्रतिफल प्रदर्शित करेगा। 

चित्र में हर अगले सम उत्पाद वक्र की दूरी क्रमशः बढ़ती जाती है। जो दर्शाता है कि जिस अनुपात में साधनों को लगाया जाता है उत्पादन उससे कम अनुपात में बढ़ता है

 OA<AB<BC

ह्रासमान प्रतिफल के कारण :-

A. पैमाने का घटता हुआ प्रतिफल

B. प्राकृतिक साधनों की स्थिर मात्रा

C. आंतरिक एवं बाह्य हानियां

प्रश्न :- विविध अनुपात के नियम या परिवर्तनशील अनुपात का नियम या चल अनुपात का नियम या साधन के प्रतिफल नियम की सचित्र व्याख्या ?

> उत्पादन साधन के प्रतिफल से क्या अभिप्राय है रिवर्ती  अनुपात विधि के तीन चरणों का उल्लेख करें

> ह्रासमान सीमांत प्रतिफल के नियम पर एक टिप्पणी लिखिए।

उत्तर :- जब उत्पादन का केवल एक साधन परिवर्तनशील होता है तथा अन्य साधन स्थिर हो तो साधन को बढ़ाने से उत्पादन पहले बढ़ता है , उसके बाद स्थिर अनुपात में बढ़ता है तथा अंत में घटने लगता है

 Y= f(V.F)

जहां, Y= उत्पादन , V = परिवर्तनशील साधन , F = स्थिर साधन , f = फलन

कुल उत्पादन,औसत उत्पादन तथा सीमांत उत्पादन में संबंध

कुल उत्पादन (TP) :- उत्पत्ति के साधनो से उत्पादित की गई वस्तुओं तथा सेवाओं की कुल मात्रा की कुल उत्पादन कहा जाता है।  

TP = MP

औसत उत्पादन (AP) :- परिवर्तन साधन के प्रति इकाई उत्पादन को औसत उत्पादन कहा जाता है

AP = TPL

सीमांत उत्पादन (MP) :- परिवर्तनशील साधन की एक अतिरिक्त इकाई और लगाने से कुल उत्पादन में जो वृद्धि होती है, उसे सीमांत उत्पादन कहते हैं।

MP = TPn – TPn-1   or , ΔTPΔL

  उत्पादन की अवस्था

प्रथम अवस्था में कुल उत्पादन बढ़ता है और औसत उत्पादन भी बढ़ता है तथा सीमांत उत्पादन बढ़ता हैइसलिए इस अवस्था को उत्पत्ति वृद्धि नियम या लागत ह्रास नियम भी कहते हैं

दूसरी अवस्था में कुल उत्पादन घटती हुई दर से बढ़ता है ; औसत उत्पादन अधिकतम होकर धीमी गति से बढ़ता है तथा सीमांत उत्पादन तीव्र गति से घटता है और शून्य हो जाता हैइसलिए इसे उत्पत्ति मता नियम या लागत समता नियम ते हैं

तीसरी अवस्था में कुल उत्पादन घटता है, औसत उत्पादन घटता है तथा सीमांत उत्पादन ऋणात्मक हो जाता हैइसलिए इसे उत्पत्ति ह्रास नियम या लागत वृद्धि नियम भी कहते हैं

प्रश्न - औसत उत्पाद को परिभाषित कीजिए। यह सीमांत उत्पाद से किस प्रकार संबंधित है ?

उत्तर- औसत उत्पादन (AP) :- परिवर्तन साधन के प्रति इकाई उत्पादन को औसत उत्पादन कहा जाता है

AP = TPL

सीमांत उत्पादन (MP) :- परिवर्तनशील साधन की एक अतिरिक्त इकाई और लगाने से कुल उत्पादन में जो वृद्धि होती है, उसे सीमांत उत्पादन कहते हैं।

MP = TPn – TPn-1   or , ΔTPΔL

सीमांत उत्पाद तथा औसत उत्पाद के बीच संबंध को निम्नांकित प्रकार प्रकट किया जा सकता है-

Jac Board Class 12 Economics (Science/Commerce) 2025 Answer key

सीमांत उत्पाद में वृद्धि होने पर औसत उत्पाद में भी वृद्धि होती है, परंतु सीमांत उत्पाद की तुलना में कम वृद्धि होती है। जब तक सीमांत उत्पाद का मूल्य प्रचलित औसर्त उत्पाद के मूल्य की तुलना में अधिक रहता है, औसत उत्पाद में वृद्धि होती रहती है। सीमांत उत्पाद में कमी होने पर औसत उत्पाद में भी कमी होती है. परंतु सीमांत उत्पाद की तुलना में कम कमी होती है।

इस प्रकार, सीमांत उत्पाद वक्र औसत उत्पाद वक्र को अधिकतम औसत उत्पाद के बिंदु को ऊपर से काटता है।

प्रश्न :- निम्न तालिका में एक साधन की MPP दी जा रही है। TPP तथा APP सारणियो की रचना करें ?

साधन :     1    2    3   4   5  6

MPP :    20 22 18 16 14 6 

साधन

1

2

3

4

5

6

MPP

20

22

18

16

14

6

TPP

20

42

60

76

90

96

APP

20

21

20

19

18

16

प्रश्न :- स्थिर और परिवर्ती लागत में भेद करें। प्रत्येक के दो उदाहरण लीजिए

उत्तर :-

स्थिर लागत :- जो लागते उत्पादन में परिवर्तन के कारण घटती बढ़ती नहीं है उन्हें स्थिर लागत ते हैंजैसे किराया, बीमें की किस्त।

परिवर्ती लागत :- जो लागते उत्पादन में परिवर्तन के कारण घटती- बढ़ती रहती है। परिवर्ती कहलाती है जैसे मजदूरी , कच्चे माल का मूल्य।

प्रश्न :- एक फॉर्म 20 इकाई उत्पादन कर रही होइस उत्पादन स्तर पर उसकी ATC तथा AVC क्रमशः 40 तथा 37 है तो प्रथम की कुल स्थिर लागते ज्ञात करें ?

उत्तर :-                  

कुल लागत = 20 x 40 = 800

कुल परिवर्तनशील लागत = 20 x 37 = 740

 TC = TFC + TVC

TFC =  TC - TVC

 TFC = 800 - 740 = 60

प्रश्न :- कुल आगम कब घटना प्रारम्भ कर देती है ?

उत्तर :- जब सीमांत आगम शून्य के बराबर होता है तब कुल आगम का बढ़ना बंद हो जाता है। इसलिए जब सीमांत आगम शून्य तो कुल आगम अधिकतम होता है। सीमांत आगम जब ऋणात्मक होता है तो कुल आगम घटना प्रारम्भ कर देती है।

प्रश्न - औसत लागत क्या है ? यदि किसी वस्तु की 10 इकाई उत्पादन की लागत 60 रुपये है तो इसकी औसत लागत क्या होगी ?

उत्तरकुल उत्पादन लागत को उत्पादित इकाइयों से भाग लेकर औसत लागत ज्ञात किया जाता है।

औसत लागत TCUnitofProduce

AC=6010=6

प्रश्न - सीमांत लागत क्या है ? यदि किसी वस्तु की 10 इकाई उत्पादन की लागत 60 रुपये तथा 11 इकाई उत्पादन की लागत 75 रुपये है तो इसकी सीमांत लागत क्या होगी ?

उत्तर - एक अतिरिक्त इकाई का उत्पादन करने से लागत में जितनी वृद्धि होती है उसे उस इकाई विशेष की सीमांत लागत कहा जाता है।

MC = TCn -TCn-1

10 इकाई उत्पादन की लागत 60 रुपये है, और 11 इकाई उत्पादन की लागत 75 रुपये है। इसलिए, 11वीं इकाई का उत्पादन करने की सीमांत लागत है:

75 रुपये - 60 रुपये = 15 रुपये

प्रश्न :- एक परिवर्तनशील साधन का प्रतिफल तथा पैमाने के प्रतिफल में अंतर स्पष्ट करें ?

उत्तर :- साधन के प्रतिफल तथा पैमाने के प्रतिफल में मुख्य अंतर निम्नलिखित हैं

() उत्पादन फलन का प्रकार :- साधन के प्रतिफल की यह मान्यता है कि साधनों का अनुपात परिवर्तनशील होता है। इसके विपरीत पैमाने के प्रतिफल की यह मान्यता है कि साधनों का अनुपात स्थिर रहता है।

() परिवर्तनशील साधनों की संख्या :- साधन के प्रतिफल उस समय लागू होते हैं जब केवल एक साधन परिवर्तनशील होता है तथा बाकी साधन स्थिर रहते हैं। इसके विपरीत पैमाने का प्रतिफल उस समय लागू होता है जब उत्पादन के सभी साधन परिवर्तनशील होते हैं।

(ग) उत्पादन का पैमाना :- साधन के प्रतिफल इस मान्यता पर आधारित है कि उत्पादन के पैमाने में परिवर्तन नहीं होता। इसके विपरीत पैमाने के प्रतिफल इस मान्यता पर आधारित है कि उत्पादन के पैमाने में परिवर्तन होता है।

() साधन अनुपात :- पैमाने के प्रतिफल का अध्ययन इस मान्यता पर किया जाता है कि साधन अनुपात स्थिर रहता है। इसके विपरीत साधन प्रतिफल इस मान्यता पर आधारित है कि साधन अनुपात में परिवर्तन होता है।

(ड़) समय अवधि :- पैमाने का प्रतिफल केवल दीर्घकालीन संभावना है जबकि साधन के प्रतिफल का अध्ययन अल्पकाल के संदर्भ में किया जाता है।      

प्रश्न :- कुल  लागत की परिभाषा दीजिए ?

उत्तर :- कुल लागत से अभिप्राय उस कुल व्यय से है जो उत्पादक द्धारा उत्पादन के स्थिर तथा परिवर्ती कारकों को प्राप्त करने के लिए करना पड़ता है।

  TC = TFC + TVC

जहाॅं ,TC = कुल लागत , TFC = कुल स्थिर लागत TVC = कुल परिवर्तनशील लागत

प्रश्न :- वास्तविक लागत क्या है ? यह मौद्रिक  लागत से किस प्रकार भिन्न है ?

उत्तर :- वास्तविक लागत की धारणा परंपरावादी अर्थशास्त्रियों के नाम से जुड़ी हुई है, इसके मुख्य प्रवर्तक मार्शल है। इनके अनुसार,"किसी वस्तु के उत्पादन में प्रत्यक्ष तथा परोक्ष रूप से जो श्रम व्यय होता है, उसकी थकान, पूंजी के निर्माण में पूंजीपतियों द्वारा किया गया त्याग इत्यादि को वास्तविक लागत कहते हैं।"

किसी वस्तु का उत्पादन तथा बिक्री करने के लिए मुद्रा के रूप में जो धन खर्च करना पड़ता है उसे उस वस्तु की मौद्रिक लागत कहते हैं। अर्थशास्त्री मौद्रिक लागत में निम्नलिखित खर्च को शामिल करते हैं -

(1) कच्चे माल की कीमत

(2) व्याज

(3) लगान

( 4) मजदूरी

(5) बिजली या चालक शक्ति का खर्च

(6) घिसावट

(7) विज्ञापन का खर्च (

8) बीमा

(9) पैकिंग

(10) यातायात पर किया जाने वाला खर्च तथा

(11) उद्यमी द्वारा दी गई सेवाओं की लागत।

इस प्रकार वास्तविक लागत एवं मौद्रिक लागत के बीच उपयुक्त संबंध नहीं होता। यह ठीक है कि श्रमिक द्वारा किया गया श्रम कष्टदायक होता है तथा बचत वर्तमान उपभोग के परित्याग का घोतक है। इस आधार पर कठिन एवं कष्टदायक काम के लिए अधिक पारिश्रमिक मिलना चाहिए लेकिन वास्तविक जीवन में ऐसा देखने को नहीं मिलता। वास्तविक जीवन मैं तो हम देखते हैं कि कम कठिन एवं आनंददायक कार्य के लिए ही अधिक वेतन या पारिश्रमिक दिया जाता है।

प्रश्न :- यदि एक इकाई उत्पादन संयंत्र पर TFC 60 रुपये हो तो निम्न तालिका की सभी प्रविष्टियाॅं आंकलित करें।

उत्पादन

1

2

3

4

5

6

7

8

TC

90

105

115

120

135

160

200

260

उत्तर :-

उत्पादन

TC

TVC

TFC

AVC

AFC

ATC

MC

0

60

-

60

-

-

-

-

1

90

30

60

30

60

90

30

2

105

45

60

22.5

30

52.5

15

3

115

55

60

18.3

20

38.3

10

4

120

60

60

15

15

30

5

5

135

75

60

15

12

27

15

6

160

100

60

16.6

10

26.6

25

7

200

140

60

20

8.5

28.5

40

8

260

200

60

25

7.5

32.5

60

प्रश्न :- औसत लागत और सीमांत लागत में संबंध स्पष्ट करें

> स्पष्ट कीजिए की जब औसत लागत गीर रही है तो क्या सीमांत लागत बढ़ सकती है ?

उत्तर :- मूल्य सिद्धांत में AC तथा MC का संबंध अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। कुल उत्पादन लागत को उत्पादित इकाइयों से भाग लेकर औसत लागत ज्ञात किया जाता है।

  औसत लागत TCUnitofProduce

एक अतिरिक्त इकाई का उत्पादन करने से लागत में जितनी वृद्धि होती है उसे उस इकाई विशेष की सीमांत लागत कहा जाता है

    MC = TCn – TCn-1

चित्र से स्पष्ट है कि AC वक्र गिरता है तथा MC वक्र एक सीमा तक गिरती हैकिंतु एक अवस्था के बाद यह बढ़ना आरंभ करता हैजब AC वक्र निम्नतम होता है तब MC वक्र AC वक्र को निम्नतम बिंदु पर काटते हुए तीव्र गति से ऊपर बढ़ता हैअर्थात MC,AC वक्र से ऊपर होता है MC वक्र AC वक्र को निम्नतम बिंदु पर काटती है

इसे गणितीय विधि द्वारा सिद्ध किया जा सकता है -

  Let, π = a+bx+cx2

   Where π = कुल लागत , x = उत्पादन , a,b,c = स्थिरांक  

AC=πX=a+bx+cx2x

d(AC)dx=x(b+2cx)-(a+bx+cx2)(1)x2

=b+2cxx-(a+bx+cx2)x2

 लागत न्यूनतम करने पर d(AC)dx=0

b+2cxx-(a+bx+cx2)x2=0

b+2cxx=(a+bx+cx2)x2

b+2cx=(a+bx+cx2)x

MC = AC

MC रेखा AC रेखा को निम्नतम बिंदु  पर काटती है और बराबर होती है।

प्रश्न :- अल्पकालिक लागत वक्र(MC or AC) "U" आकार की क्यो होती है ?

> अल्पकाल में औसत लागत वक्र के व्यवहार का विश्लेषण करें ?

उत्तर :- अल्पकाल में औसत लागत वक्र 'U' आकार की होती है। इसके निम्नलिखित कारण है

() परिवर्तनशील अनुपात :- अल्पकाल में स्थित साधनों को स्थिर रखकर जब परिवर्तनशील साधन में वृद्धि की जाती है तो सबसे पहले उत्पत्ति वृद्धि नियम लागू होता है जिसे लागत ह्रास नियम भी कहा जाता हैउसके बाद लागत मता नियम और अंत में लागत ृद्धि नियम लागू होता है जिसके कारण लागत वक्र 'U' आकार की होती है

चित्र में, A से B तक लागत ह्रास नियम ,B पर समता नियम तथा B से C लागत वृद्धि नियम लागू होता है।

() औसत लागत, औसत स्थिर लागत एवं औसत परिवर्तनशील लागत का योगफल होता है -

 हम जानते हैं की  ,  TC = TFC + TVC

X से भाग लागाने पर

TCx=TFCx=TVCx

AC = AFC + AVC

जहां, X = उत्पादन , TC = कुल लागत , TFC = कुल स्थिर लागत

TVC = कुल परिवर्तनशील लागत , AC = औसत लागत , AFC = औसत स्थिर लागत , AVC = औसत परिवर्तनशील लागत

चित्र में AFC ऊपर से नीचे दाहिनी ओर झुकती है लेकिन अक्ष को स्पर्श नहीं करती है। यह बतलाती है की उत्पादन बढ़ने से औसत स्थिर लागत घटती है लेकिन शून्य नहीं होती है। AC वक्र दोनों के योगफल से 'U' आकृति की प्राप्त होती है।

    Q1F1 + Q1V1 = Q1A1

    Q2F2 + Q2V2 = Q2A2

    Q3F3 + Q3V3 = Q3A3

    Q4F4 + Q4V4 = Q4A4

प्रश्न :- निम्न तालिका को पूर्ण करें ?

उत्पादन की इकाई

1

2

3

4

कुल लागत

20

26

39

60

सीमांत लागत

-

6

13

21

औसत लागत

20

13

13

15

प्रश्न :- दीर्घकाल वह अल्पकाल में भेद कीजिए ?

आधार

अल्पकाल

दीर्घकाल

 

(1) परिभाषा

 यह एक ऐसी समयावधि है जो स्थिर साधनों में परिवर्तन लाने के लिए आवश्यक समय से कम होती है

यह एक ऐसी समयावधि है जिसमें उत्पादक आवश्यकता अनुसार उत्पादन के समस्त साधनों में परिवर्तन कर सकता है

 

(2) कीमत पर प्रभाव

इस अवधि में कीमत के निर्धारण में मांग का अधिक प्रभाव रहता है

इस अवधि में कीमत पर मांग की तुलना में पूर्ति का अधिक प्रभाव रहता है

(3) उत्पादन की मात्रा

इस अवधि में उत्पादन की मात्रा केवल परिवर्ती साधन की मात्रा बढ़ाकर ही संभव है

इस अवधि में उत्पादन की मात्रा स्थिर और परिवर्ती दोनों प्रकार के साधनों में वृद्धि करके बढ़ाई जा सकती है

(4) वर्गीकरण

इस अवधि में उत्पादन साधनों को दो भागों में वर्गीकृत किया जाता है - स्थिर साधन , परिवर्तनशील साधन

इस अवधि में स्थिर परिवर्ती साधनों के बीच अंतर समाप्त हो जाता है

प्रश्न :- उत्पादन फलन से आपका क्या तात्पर्य है ? इसकी मुख्य विशेषताओ का वर्णन करें ?

उत्तर :- वाटसन के शब्दों में,"एक फर्म के भौतिक उत्पादन और उत्पादन के भौतिक कारकों के संबंध को उत्पादन फलन कहा जाता है।"

  Qx =f(L,K)

जहाॅं Qx = xवस्तु का भौतिक उत्पादन , L = श्रम की भौतिक इकाइयाॅं ,K= पूॅंजी की भौतिक इकाइयाॅं ,f= फलन

विशेषताऐ

1. उत्पादन फलन, उत्पाद तथा उत्पादन के साधनों के मध्य फलनात्मक सम्बंध को प्रदर्शित करता है।

2. उत्पादन फलन का कीमत से कोई संबंध नहीं होता।

3. एक उत्पादन फलन किसी एक दिए हुए निश्चित समय अवधि के लिए ही होता है।

4. उत्पादन फलन के विश्लेषण में तकनीकी स्तर को स्थिर मान लिया जाता है।

5. उत्पादन फलन की कोई मौद्रिक विशेषता नहीं होती।

6. उत्पादन फलन स्थैतिक अर्थशास्त्र का विषय है।

7. उत्पादन फलन आर्थिक समस्या ना होकर इंजीनियरिंग समस्या है।

प्रश्न :- एक फर्म का उत्पादन फलन Q = Lα Kb है। स्पष्ट कीजिए कि इस उत्पादन फलन में पैमाने के प्रतिफल की माप α+ b है।

उत्तर - पैमाने का स्थिर प्रतिफल का मतलब है अगर उत्पादन के दोनों साधनो को जिस अनुपात में बढ़ाएंगे उत्पादन उसी अनुपात में बढ़ेगा। यदि साधन श्रम (L)  और पूंजी (K) को n Times बढ़ाते हैं तो

उत्तर - पैमाने का स्थिर प्रतिफल का मतलब है अगर उत्पादन के दोनों साधनो को जिस अनुपात में बढ़ाएंगे उत्पादन उसी अनुपात में बढ़ेगा। यदि साधन श्रम (L)  और पूंजी (K) को n Times बढ़ाते हैं तो

Q=LαKβ

Q1=(nL)α(nK)β

Q1=nαLαnβKβ

Q1=nαnβ(LαKβ)

Q1=nα+β(LαKβ)

Q1=nα+β(Q)

चूंकि α+β

इसलिए Q= n (Q)

प्रश्न :- निम्न तालिका को पूरा करो ?

श्रम की इकाई

0

1

2

3

4

5

6

7

औसत उत्पाद

0

15

17

20

18.5

16

13.33

11

कुल उत्पाद

0

15

34

60

74

80

79.98

77

सीमांत उत्पाद

0

15

19

26

14

6

-0.02

-2.98

प्रश्न :- निम्न तालिका को पूरा करो ?

उत्पादन इकाई

1

2

3

4

5

6

कुल लागत

30

37

45

65

80

90

औसत लागत

30

18.5

15

16.25

16

15

सीमांत लागत

-

7

8

20

15

10

प्रश्न :- Complete The Following Schedule

Units of Labour

1

2

3

4

5

6

7

8

Total Product

50

90

120

140

150

150

140

120

Average Product

50

45

40

35

30

25

20

15

Marginal Product

50

40

30

20

10

0

-10

-20

प्रश्न :- निम्न तालिका को पूरा करें ?

उत्पादन इकाई

1

2

3

4

5

कुल लागत

20

32

45

60

80

औसत लागत

20

16

15

15

16

सीमांत लागत

-

12

13

15

20

प्रश्न :- निम्नलिखित तालिका से औसत स्थिर, औसत परिवर्तनशील और कुल स्थिर लागत ज्ञात करें ?

 इकाइयाॅं

0

1

2

3

4

कुल लागत

80

102

122

140

156

औसत स्थिर लागत

-

80

40

26.6

20

औसत परिवर्तनशील लागत

-

22

21

20

19

 कुल स्थिर लागत

80

80

80

80

80

कुल परिवर्तनशील लागत

0

22

42

60

76

प्रश्न :- एक फर्म के बारे में सूचना दी गयी है ?

उत्पादन की इकाई

0

1

2

3

4

5

6

7

कुल लागत

150

300

420

600

790

1000

1260

1500

कुल स्थिर लागत

150

150

150

150

150

150

150

150

कुल परिवर्तनशील लागत

0

150

270

450

640

850

1110

1350

औसत स्थिर लागत

-

150

75

50

37.5

30

25

21.4

औसत लागत

-

300

210

200

197.5

200

210

214.3

सीमांत लागत

-

150

120

180

190

210

260

240

प्रश्न :- निम्न तालिका को पूरा करें ?

मजदूर यूनिट

0

1

2

3

4

5

6

7

कुल उत्पादन

0

15

35

60

75

80

80

75

औसत उत्पादन

-

15

17.5

20

18.75

16

13.3

10.7

सीमांत उत्पादन

-

15

20

25

15

5

0

-5

 

प्रश्न :- एक फर्म की कुल स्थिर लागत 200 रुपये है। निम्नलिखित तालिका से कुल  परिवर्तनशील लागत (TVC) , कुल लागत (TC) , औसत परिवर्तनशील लागत (AVC) तथा औसत लागत (AC) ज्ञात करें ?

उत्पादन की मात्रा

1

2

3

4

5

6

7

सीमांत लागत

200

150

120

150

200

270

350

कुल लागत

400

550

670

820

1020

1290

1640

कुल स्थिर लागत

200

200

200

200

200

200

200

कुल परिवर्ती लागत

200

350

470

620

820

1090

144.0

औसत परिवर्ती लागत

200

175

156.6

155

164

181.6

205.5

औसत लागत

400

275

223.3

205

204

215

234.2

प्रश्न :- निम्नांकित तालिका को पूरा करें । यदि एक इकाई उत्पादन पर औसत स्थिर लागत (AFC) 60 रु. हो ?

उत्पादन

1

2

3

4

कुल लागत

90

105

115

120

कुल परिवर्ती लागत

30

45

55

60

कुल स्थिर लागत

60

60

60

60

औसत परिवर्ती लागत

30

22.5

18.3

15

औसत स्थिर लागत

60

30

20

15

सीमांत लागत

30

15

10

5

प्रश्न :- निम्नलिखित आंकड़ों से कुल स्थिर लागत(TFC) कुल परिवर्तनशील लागत (TVC) औसत स्थिर लागत (AFC) औसत परिवर्तनशील लागत (AVC) और सीमांत लागत(MC) की गणना करें ?

उत्पादन की इकाइयाॅं

0

1

2

3

4

5

कुल लागत

60

90

100

105

115

135

TFC

60

60

60

60

60

60

TVC

0

30

40

45

55

75

AFC

-

60

30

20

15

12

AVC

-

30

20

15

13.75

15

MC

-

30

10

5

10

20

प्रश्न - निम्नलिखित तालिका किसी उत्पादक का कुल लागत सूची को दर्शाती है। इस तालिका की सहायता से औसत लागत, औसत परिवर्ती लागत और औसत स्थिर लागत सूची की रचना कीजिए :

उत्पादन की मात्रा

कुल लागत

0

50

1

70

2

85

3

95

4

100

5

110

6

125

7

140

8

160

उत्तर

Q

TC

TFC

TVC

AVC

AFC

AC

0

50

50

0

0

0

0

1

70

50

20

20

50

70

2

85

50

35

17.5

25

42.5

3

95

50

45

15

16.6

31.6

4

100

50

50

12.5

12.5

25

5

110

50

60

12

10

22

6

125

50

75

12.5

8.3

20.8

7

140

50

90

12.8

7.14

20

8

160

50

110

13.75

6.25

20

प्रश्न :- एक साधन के प्रतिफल का क्या अर्थ है ? एक साधन का बढ़ता प्रतिफल किस कारण से होता है

उत्तर :- साधन का प्रतिफल वह अवधारणा है जिसमें अन्य साधनों को स्थिर रखकर उत्पादन के केवल एक ही साधन में परिवर्तन के फलस्वरुप उत्पादन के व्यवहार का अध्ययन किया जाता है

साधन (कारक) के बढ़ते या वर्धमान प्रतिफल के कारण

1. स्थिर साधन का पूर्ण प्रयोग :- उत्पादन की प्रारंभिक अवस्था में, उत्पादन के स्थिर कारक जैसे मशीन का अल्प प्रयोग होता हैउसके पूर्प्रयोग के लिए परिवर्ती साधन जैसे श्रम की अधिक इकाइयों की आवश्यकता होती है।इसलिए आरंभिक अवस्था में परिवर्ती कारक की अतिरिक्त इकाइयों का प्रयोग करने के फलस्वरूप कुल उत्पादन में वृद्धि होती है

2. परिवर्ती साधन की कुशलता में वृद्धि :- परिवर्ती साधन जैसे श्रम की अतिरिक्त इकाइयों का प्रयोग करने से प्रक्रिया आधारित श्रम विभाजन संभव हो जाता है इसके फलस्वरुप उस साधन की कुशलता में वृद्धि होती है तथा सीमांत उत्पादकता बढ़ जाती है

3. साधनों में उचित समन्वय :- जब तक उत्पादन के स्थिर साधन का अल्प प्रयोग होता है,परिवर्ती साधन के अतिरिक्त इकाइयों का प्रयोग करने से स्थिर तथा परिवर्ती कारक की मन्वयता में वृद्धि होती है।इसके फलस्वरूप कु उत्पादन में बढ़ती हुई दर से वृद्धि होती है

प्रश्न :- 10 इकाइयों के उत्पादन करने का कुल लागत 260 रु. है। यदि TFC 50रु. है तो TVC , AVC , AFC  तथा AC का पता लगायें ?

उत्तर :-  

TC = 260 , x=10 , TFC = 50

TC = TFC + TVC

260 = 50 + TVC

260 - 50 = TVC

TVC = 210

AVC=TVCx=21010=21

AFC=TFCx=5010=5

AC=TCx=26010=26

प्रश्न :- स्थिर लागत तथा परिवर्तनशील लागत में अन्तर स्पष्ट कीजिए ?

             स्थिर लागत (FC)

        परिवर्तनशील लागत (VC)

 स्थिर लागते उत्पादन में परिवर्तन के साथ स्थिर रहती है।

परिवर्तनशील लागते उत्पादन मे वृद्धि के साथ-साथ बढ़ती है तथा उत्पादन में कमी के साथ कम हो जाती है।

स्थिर लागते शून्य उत्पादन के स्तर पर भी होती है।

परिवर्तनशील लागते शून्य उत्पादन के स्तर पर शून्य होती है।


स्थिर लागत वक्र अक्ष के समानांतर होता है।

परिवर्तनशील लागतो में धनात्मक ढाल होता है।

अल्पकाल में स्थिर लागतो को बदला नहीं जा सकता

अल्पकाल में परिवर्तनशील लागते बदली जा सकती है।

अल्पकाल में स्थित लागतो को हानि उठाकर भी फर्म उत्पादन जारी रख सकती है।

अल्पकाल में परिवर्तनशील लागतो को हानि उठाकर उत्पादन जारी नहीं रखा जा सकता।


प्रश्न:- यदि स्थिर लागत 20रु. हो तो निम्नलिखित से ज्ञात करें (a) कुल परिवर्ती लागत(TVC) (b) कुल लागत (TC) ?

उत्पादन की इकाइयाॅं

0

1

2

3

सीमांत लागत

0

10

15

25

   स्थिर लागत

20

20

20

2

  TC

20

30

45

70

TVC

0

10

25

50


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