विभिन्न बाजारों में मूल्य निर्धारण (Price Determination Under Various Markets)
11.PGT विभिन्न बाजारों में मूल्य निर्धारण (Price Determination Under Various Markets)
👉 बाजार शब्द से अभिप्राय
उस स्थान विशेष से होता है जहाँ वस्तुओं के क्रेता और विक्रेता दोनों परस्पर सौदा करने
के लिए एकत्र हो । 👉 प्रतियोगिता के आधार
पर बाजार तीन प्रकार के होते हैं- पूर्ण प्रतियोगिता, एकाधिकार तथा अपूर्ण प्रतियोगिता
(एकाधिकृत बाजार, द्वयाधिकार, अल्पाधिकार)। 👉 समयावधि के आधार पर बाजार चार प्रकार की होती है यथा-अतिअल्पकाल,
अल्पकाल, दीर्घकाल तथा अति दीर्घकाल । 👉 जिस बाजार में क्रेताओं तथा विक्रेताओं की असंख्य संख्या हो, उत्पादित
वस्तुओं में एकरूपता हो, नयी फर्मों के प्रवेश तथा बहिर्गमन की पूर्ण छूट हो तथा
फर्म का उद्देश्य लाभ को बढ़ाना हो उसे पूर्ण प्रतियोगिता बाजार कहते हैं। 👉 जिस बाजार में क्रेता
तथा विक्रेताओं की अधिक संख्या हो, उत्पादित वस्तुओं में समानता
हो, नयी फर्मों का प्रवेश तथा बहिर्गमन हो, लाभ को अधिकतम करना फर्म का उद्देश्य
हो तथा सरकार का उत्पादन कार्य में हस्तक्षेप न हो उस बाजार को शुद्ध प्रतियोगिता
(Pure Competition) कहते हैं। 👉 उत्पादन के साधनों में पूर्ण गतिशीलता तथा बाजार का पूर्ण ज्ञान की
दशायें पूर्ण प्रतियोगिता की दशा में पायी जाती है। 👉 पूर्ण प्र…