कार्ल मार्क्स का आय वितरण (Karl Marx's Income Distribution)
13.PGT कार्ल मार्क्स का आय वितरण (Karl Marx's Income Distribution)
कार्ल मार्क्स का आय वितरण 👉 मार्क्सवादी अतिरेक
मूल्य का सिद्धान्त पूंजीवादी अर्थव्यवस्था में आय के वितरण की प्रक्रिया को समझाने
के लिए आधार प्रस्तुत करता है। 👉 मार्क्स के अनुसार
श्रम शक्ति ही सभी आर्थिक मूल्यों का स्रोत है। 👉 अतिरेक मूल्य पूंजीपति
की अनार्मित आय होती है। 👉 परिवर्तनशील पूंजी
(Variable Capital) 'V' वस्तुओं एवं सेवाओं के उत्पादन में प्रयुक्त श्रम शक्ति का
मूल्य अर्थात श्रमिकों को न्यूनतम निर्वाह स्तर के बराबर दिया जाने वाला कुल मजदूरी
भुगतान है। 👉 स्थिर पूंजी
(Constant Capital) = वस्तुओं एवं प्रयुक्त पूंजी एवं कच्चे माल का मूल्य । 👉 अतिरेक मूल्य
(Surplus value) श्रमिकों द्वारा अपने श्रम मूल्य से अधिक उत्पादित किये जाने वाला
वह अतिरेक जो पूंजीपतियों द्वारा अधिग्रहीत कर लिया जाता है। इस प्रकार उत्पादन का
मूल्य स्तर = V+C+S 👉 शुद्ध उत्पादन मूल्य
= V + S 👉 मार्क्स के अनुसार लाभ की दर = `\frac S{C+V}` 👉 पूंजी की प्रासंगिक संरचना = `\frac C{C+V}` 👉 मार्क्स के अनुसार शोषण की दर = `\frac SV` = अतिरेक / परिवर्तनशील पूंजी 👉 उत्पाद समाप्ति प्रमेय (Theorem of product
exhaus…