18.PGT मुद्रा स्फीति (Inflation)
➡️ किसी भी देश की अर्थव्यवस्था में सामान्य मूल्य
स्तर में एक नियमित ढंग से होने वाली लगातार वृद्धि को मुद्रा स्फीति कहते हैं। ➡️ मुद्रा स्फीति मूल्य स्तर में एक नियमित तथा
लगातार दीर्घकालीन वृद्धि का सूचक है। ➡️ जब अर्थव्यवस्था के मूल्य स्तर में वृद्धि बिना
सरकारी नियंत्रण के होती है तो इसे स्वतंत्र मुद्रा स्फीति कहते हैं। ➡️ जब अर्थव्यवस्था में मूल्य स्तर की वृद्धि पर
नियंत्रण लगा दिया जाता है जिसके परिणामस्वरूप मूल्य स्तर का बढ़ना रूक जाता है तो उसे प्रतिबन्धित मुद्रा स्फीति कहते हैं। ➡️ अनियन्त्रित
मुद्रा स्फीति का तात्पर्य उस दिशा से है कि उस अर्थव्यवस्था में
मुद्रा की मात्रा का चलन इतना अधिक बढ़ गया कि व्यवहारिक दृष्टिकोण से मुद्रा
प्रायः बेकार सी हो जाये। ➡️ स्टेग फ्लेशन
(Stagflation) जब अर्थव्यवस्था के आर्थिक विकास में स्थिरता के साथ-साथ मुद्रा
स्फीति की दशायें विद्यमान हो (Co-existence of Stagnation & Inflation) उसे
स्टैगफ्लेशन कहते हैं। ➡️ हाट्रे
के अनुसार मुद्रा स्फीति मूलतः मौद्रिक घटना है। ➡️ फ्रीडमैन के अनुसार- मुद्रा स्फीति
सदैव तथा सब जगह एक मौद्रिक घटना है। ➡️ लागत वृद्धि …