Class XII 8.विदेशी विनिमय-भुगतान शेष (Foreign Exchange- Balance of Payment)

विदेशी विनिमय-भुगतान शेष (Foreign Exchange- Balance of Payment)
Class XII 8.विदेशी विनिमय-भुगतान शेष (Foreign Exchange- Balance of Payment)
प्रश्न :- आयात-प्रतिस्थापन से क्या तात्पर्य है ? उत्तर : आयात प्रतिस्थापन का अभिप्राय आयात की जाने वाली किसी वस्तु का कुल या आंशिक रूप से देश के कच्चे माल तथा तकनीकी ज्ञान द्वारा उत्पादित उसी प्रकार का कार्य करने वाली वस्तु द्वारा प्रतिस्थापन करने से है। प्रश्न :- विदेशी विनिमय के अर्थ को स्पष्ट रुप से समझाएं ? उत्तर :- विदेशी विनिमय दर उस दर को कहते हैं जिस पर किसी देश की करेंसी की एक इकाई के बदले में दूसरे देश की मुद्रा की कितनी इका इयां मिल सकती है । उदाहरण - 1 डाॅलर = 50 रुपये या 1 रुपया = `\frac1{50}`  डाॅलर = 2 सेंट्स  ( 100 सेंट्स का एक डाॅलर होता है ) प्रश्न . भारत में विदेशी मुद्रा की प्राप्ति कैसे हो सकती है ? स्पष्ट कीजिए। उत्तर - भारत में विदेशी मुद्रा की प्राप्ति निम्नलिखित प्रकार से हो सकती है - (क) विदेशों को वस्तुओं व सेवाओं का निर्यात, (ख) गृह-देश में विदेशियों द्वारा निवेश, (ग) शेष संसार में भेंट-उपहार प्राप्त करना, (घ) विदेशी विनिमय के सौदागरों एवं सट्टा करने वालों के कारण विदेशी मुद्रा का देश की ओर आना, (ङ) अन्तर्राष्ट्रीय सौदों से सम्बन्धित प्राप्तियाँ। प्रश्न :- मुद्रा के अवमूल्यन …