(समय: 3 घंटे 15 मिनट) पुर्णांक : 80
परीक्षार्थियों के लिए निर्देश :
1. यह प्रश्न-पत्र दो खण्डों
में है - खण्ड-अ एवं खण्ड-ब
2. खण्ड-अ में कुल 40 बहुविकल्पीय
प्रश्न हैं। सभी प्रश्न अनिवार्य हैं। प्रत्येक प्रश्न की अधिमानता 1 अंक की है। प्रत्येक
प्रश्न में चार विकल्प दिए गये हैं। इनमें से सबसे उपयुक्त उत्तर को आप अपने OMR उत्तर
पत्रक पर ठीक-ठीक गहरा काला करें। नीला या काला बॉल-प्वाइंट कलम का ही प्रयोग करें।
पेंसिल का प्रयोग वर्जित है। आप अपना पूरा हस्ताक्षर OMR उत्तर पत्रक में दी गयी जगह
पर करें।
3. खण्ड-ब में तीन खण्ड- क,
ख एवं ग है और कुल प्रश्नों की संख्या 19 है। प्रश्न- संख्या 1-7 अतिलघु उत्तरीय प्रकार
के हैं। इनमें से किन्हीं पाँच प्रश्नों के उत्तर अधिकतम एक वाक्य में दीजिए। प्रत्येक
प्रश्न की अधिमानता 2 अंक निर्धारित हैं।
प्रश्न-
संख्या 8-14 लघु उत्तरीय प्रकार के हैं। इनमें से किन्हीं पाँच प्रश्नों के उत्तर
अधिकतम 50 शब्दों में दीजिए। प्रत्येक प्रश्न की अधिमानता 3 अंक निर्धारित हैं।
प्रश्न-
संख्या 15-19 दीर्घ उत्तरीय प्रकार के हैं। इनमें से किन्हीं तीन प्रश्नों के
उत्तर अधिकतम 100 शब्दों में दीजिए। प्रत्येक प्रश्न की अधिमानता 5 अंक निर्धारित
हैं।
4. OMR उत्तर पत्रक के पृष्ठ
2 पर प्रदत्त सभी निर्देशों को ध्यानपूर्वक पढ़ें तथा उसके अनुसार कार्य करें। कृपया
परीक्षा भवन छोड़ने से पहले OMR उत्तर पत्रक वीक्षक को लौटा दीजिए। प्रश्न पुस्तिका
आप अपने साथ ले जा सकते हैं।
खण्ड-अ (वस्तुनिष्ठ प्रश्न)
प्रश्न- संख्या
1 से 40 तक के प्रत्येक प्रश्न के साथ चार विकल्प दिये गये हैं, जिनमें से एक सही है।
अपने द्वारा चुने गये सही विकल्प को OMR शीट पर चिह्नित करें। 40 x 1 = 40
1. हड़प्पा सभ्यता
की खोज सर्वप्रथम किसने की थी ?
(1) अलेक्जेंडर
(2) दयाराम साहनी
(3) कर्नल वेंस
(4) मैक्समूलर
2. सिंधु सभ्यता
का बंदरगाह कौन था ?
(1) हड़प्पा
(2) मोहनजोदड़ो
(3) कालीबंगा
(4) लोथल
3. कालीबंगा
किस नदी के किनारे अवस्थित है ?
(1) रावी
(2) सिंधु
(3) सतलज
(4) सरस्वती
4. तक्षशिला
किस राज्य में स्थित था ?
(1) मगध
(2) अंग
(3) गांधार राज्य
(4) मल राज्य
5. विश्व में
पाई जाने वाली पहली धातु थी ?
(1) लोहा
(2) तांबा
(3) टीन
(4) चांदी
6. आर्यों के
प्रिय पेय क्या था ?
(1) सोमरस
(2) दूध
(3) सुरा
(4) इनमें से कोई नहीं
7. त्रिरत्न
किस धर्म से संबंधित है ?
(1) बौद्ध धर्म
(2) जैन धर्म
(3) शैव
(4) वैष्णव
8. मेगास्थनीज
कौन था ?
(1) यात्री
(2) व्यापारी
(3) राजदूत
(4) गुलाम
9. इब्नबतूता
किस देश का निवासी था?
(1) मिस्र
(2) पुर्तगाल
(3) मोरक्को
(4) फ्रांस
10. वीरशैव (लिंगायत)
आंदोलन के जनक कौन थे?
(1) कबीर
(2) गुरुनानक
(3) बासवन्ना
(4) कराकइल
11. इस्लाम का
जिस शताब्दी से उदय हुआ, वह थी
(1) सातवीं
(2) तेरहवीं
(3) प्रथम
(4) दसवीं
12. विजयनगर
साम्राज्य के संस्थापक का क्या नाम था ?
(1) देवराय प्रथम
(2) कृष्णदेवराय
(3) हरिहर एवं
बुक्का
(4) वीर नरसिंह
13. विजयनगर
साम्राज्य किन दो नदियों के दोआव में फला फूला ?
(I) कृष्णा-तुंगभद्रा
दोआब
(2) कृष्णा-गोदावरी दोआब
(3) तुंगभद्रा कावेरी दोआब
(4) गंगा-यमुना दोआब
14. खरीफ फसल
किस ऋतु में होती है ?
(1) शीत
(2) पतझड़
(3) बसन्त
(4) कोई भी नहीं
15. 'अकबरनामा'
की रचना किसने की ?
(1) फिरदौसी
(2) अबुल फजल
(3) बरनी
(4) मिनहाज
16. पानीपत का
प्रथम युद्ध कब हुआ ?
(1) 1526
(2) 1540
(3) 1556
(4) 1575
17. मुगल साम्राज्य
के वास्तविक संस्थापक थे
(1) अकबर
(2) बाबर
(3) हुमायूँ
(4) उपर्युक्त में से कोई भी
नहीं
18. दक्कन का
विद्रोह कब हुआ ?
(1) 1855
(2) 1865
(3) 1875
(4) 1899
19. महलवाड़ी
व्यवस्था में राजस्व वसूलने का इकाई था?
(1) उपज
(2) भूमि
(3) महल
(4) उपर्युक्त सभी
20. 1857 का
विद्रोह कहाँ से आरंभ हुआ ?
(1) दानापुर से
(2) बैरकपुर से
(3) मेरठ से
(4) लखनऊ से
21. फोर्ट सेण्ट
जॉर्ज कहाँ स्थित था ?
(1) बम्बई
(2) कलकत्ता
(3) मद्रास
(4) दिल्ली
22. 'गेटवे ऑफ
इंडिया' का निर्माण किसके स्वागत में बनवाया गया था ?
(1) महारानी विक्टोरिया
(2) किंग एडवर्ड
(3) जार्ज पंचम
और उनकी पत्नी मेरी
(4) उपर्युक्त में से कोई नहीं
23. मेगास्थनीज
के अनुसार मौर्यकाल में कौन सा नगर सुनिश्चित योजनाके अनुसार बना था ?
(1) वैशाली
(2) पाटलीपुत्र
(3) चम्पा
(4) उपर्युक्त सभी
24. बंग-भंग
आंदोलन का आरंभ कब हुआ था ?
(1) 1885
(2) 1895
(3) 1911
(4) 1905
25. भारत राष्ट्र
का पिता माना गया है।
(1) गोपालकृष्ण गोखले को
(2) राजा राममोहन राय को
(3) मोहनदास
करमचंद गाँधी को
(4) मदन मोहन मालवीय को
26. गाँधीजी
ने दांडी यात्रा कव प्रारंभ की?
(1) 12 मार्च,
1930
(2) 14 मार्च, 1930
(3) 18 मार्च, 1930
(4) उपरोक्त कोई नहीं
27. हिन्दू महासभा
की स्थापना किस वर्ष हुई थी।
(1) 1907
(2) 1915
(3) 1939
(4) 1929
28. पाकिस्तान
का गठन हुआ
(1) 1-2 अगस्त, 1947
(2) 14-15 अगस्त, 1947
(3) 12-13 अगस्त, 1971
(4) उपर्युक्त
में से कोई नहीं
29. मूल कर्त्तव्यों
की संख्या है
(1) 10
(2) 8
(3) 12
(4) 15
30. भारतीय संविधान
में कितने अध्याय हैं ?
(1) 16
(2) 22
(3) 24
(4) 25
31. हैदरावाद
का भारत में विलय कव हुआ ?
(1) 1948
(2) 1949
(3) 1950
(4) 1951
32. रैयतवाड़ी
व्यवस्था किसने लागू की ?
(1) कैप्टन मुनरो
(2) सर जॉन शोर
(3) एलफिंस्टन
(4) उपर्युक्त में से कोई नहीं
33. नूरजहाँ
किसकी पत्नी थी ?
(1) अकबर
(2) हुमायूँ
(3) जहाँगीर
(4) शाहजहाँ
34. 'आइन ए अकवरी'
अकवरनामा के किस खण्ड से संबंधित है ?
(1) प्रथम खण्ड
(2) द्वितीय
खण्ड
(3) तृतीय खण्ड
(4) चतुर्थ खण्ड
35. विजयनगर
साम्राज्य का अंतिम शासक कौन था ?
(1) अच्युतदेवराय
(2) सदाशिव राय
(3) कृष्णदेव राय
(4) रंग तृतीय
36. मारिची थी
(1) बौद्ध देवी
(2) जैन देवी
(3) हिन्दू देवी
(4) इनमें से कोई नहीं
37. ऋग्वैदिक
समाज था ?
(1) पितृ सतात्मक
(2) मातृसतात्मक
(3) पत्नी प्रधान
(4) इनमें से कोई नहीं
38. महाभारत
की रचना किस भाषा में हुई थी ?
(1) संस्कृत
(2) पाली
(3) प्राकृत
(4) हिंदी
39. अशोक के
कुल कितने अभिलेख अभी तक प्राप्त हुए हैं?
(1) 35
(2) 30
(3) 40
(4) 44
40. हड़प्पा
सभ्यता किस युग की सभ्यता है ?
(1) पूर्व पाषाण युग
(2) नव पाषाण युग
(3) कांस्य युग
(4) लौह युग
खण्ड-ब (विषयनिष्ठ प्रश्न)
खण्ड-क (अतिलघु उत्तरीय प्रश्न)
किन्हीं पाँच प्रश्नों
के उत्तर दीजिए । 2 × 5 = 10
1. महाभारत का
सबसे महत्वपूर्ण उपदेशात्मक अंश कौन-सा है ?
उत्तर - महाभारत का सबसे महत्वपूर्ण
उपदेशात्मक अंश भगवद्गीता है जो कुरुक्षेत्र के युद्धक्षेत्र में श्रीकृष्ण द्वारा
अर्जुन को दिया गया उपदेश है।
2. भारत के उन
दो नगरों के नाम लिखिए जिनका इब्नबतूता ने दौरा किया और वहाँ विश्ववादी संस्कृति पाई।
उत्तर- दिल्ली तथा दौलताबाद।
3. पहाड़िया
लोग कौन थे?
उत्तर- -औपनिवेशिक काल में
राजमहल की पहाड़ियों के आसपास रहने वाले लोगों को पहाड़िया कहा जाता था।
4. बम्बई में
नव-गॉथिक शैली की किन्हीं दो इमारतों के नाम बताइए।
उत्तर- बम्बई विश्वविद्यालय
तथा विक्टोरिया टर्मिनल
5. स्त्रीधन
से क्या अभिप्राय है?
उत्तर- विवाह के समय स्त्री
को मिले उपहारों पर स्त्री का स्वामित्व माना जाता था जिसे स्त्रीधन कहा जाता था।
6. 'उलुक' एवं
'दावा' में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर- -'उलुक' अश्व डाक व्यवस्था
को कहा जाता था जबकि 'दावा' पैदल डाक व्यवस्था को । उलुक प्रति चार मील की दूरी पर
स्थापित राजकीय घोड़ों द्वारा चलित होती थी, जबकि 'दावा' में प्रति मील तीन अवस्थान
होते थे।
7. बंगाल में
इस्तमरारी बन्दोवस्त व्यवस्था कब व किसने लागू की?
उत्तर - बंगाल में इस्तमरारी
बन्दोबस्त व्यवस्था 1793 ई. में लार्ड कार्नवालिस ने लागू की।
खण्ड ख (लघु उत्तरीय प्रश्न)
किन्हीं पाँच प्रश्नों
के उत्तर दीजिए। 3 x 5 = 15
8. सिंधुघाटी
सभ्यता की धार्मिक जीवन पर प्रकाश डालें।
उत्तर - हड़प्पा (सिंधु सभ्यता
के धार्मिक जीवन को प्रमुख विशेषताएँ निम्न थी-
(i) मातृदेवी की पूजा होती
थी।
(ii) पशुपति की पूजा प्रचलित
थी । कूबड़ वाला बैल पूजनीय था।
(iii) पीपल वृक्ष की भी पूजा
होती थी।
(iv) नागपूजा, स्वास्तिष्क
(सूर्यपूजा), अग्निपूजा (वेदी) के भी संकेत मिलते हैं।
(v) एक मूर्ति में एक स्त्री
के गर्भ में से एक पौधा निकलता हुआ दिखाई देता है। यह संभवतः धरती देवी की मूर्ति है।
संभव है कि हडप्पावासी धरती को उर्वरता की देवी मानकर उसकी पूजा करते हों। कुल मिलाकर
हड़प्पा सभ्यता का धार्मिक जीवन काफी हद तक आज के हिन्दु धर्म के ही समान था। यद्यपि
इस सभ्यता से कहीं भी मन्दिर जैसे अवशेष नहीं प्राप्त हुए हैं।
9. एकलव्य कौन
था ?
उत्तर- एकलव्य एक वन में रहने
वाला निषाद नामक जनजाति से संबंधित युवक था । महाभारत में उसका नाम द्रोणाचार्य से
उसके संबंधों के कारण प्रसिद्धि प्राप्त कर सका। कहा जाता है कि एकलव्य को धनुष बाण
चलाने की शिक्षा पाने का बड़ा चाव था। वह गुरु द्रोणाचार्य के पास गया लेकिन उन्होंने
स्वयं को कुरुशाही परिवार के प्रति समर्पित बताकर उसे धनुष बाण चलाने की शिक्षा देने
से मना कर दिया। एकलव्य दिल से द्रोणाचार्य को अपना गुरु मान चुका था। वह उनकी मृद
प्रतिभा के समक्ष प्रतिदिन आदर करने के उपरांत रोजाना अभ्यास करने लगा। उसने एक दिन
पांडव के एक कुत्ते के भोंकने को बंद करने के लिए ठीक उसके मुंह में उस जगह कई तीर
मारे जहाँ वह स्वान बोल रहा था। उसके मुँह में लगे बाणों को देखकर अर्जन को आश्चर्य
हुआ। वह द्रोण को एकलव्य के पास ले गये। एकलव्य ने स्वयं को उन्हीं का शिष्य बताया
और उनके कहने सहर्ष दाहिने हाथ का अंगठा दे दिया। द्रोणाचार्य को भी यह विश्वास नहीं
था कि एकलव्य इतना अधिक गुरुभक्त हो चुका था कि वह अपनी धनुष बाण की प्राप्त कुशलता
को दाहिने हाथ का अंगूठा देकर त्याग देगा। जो भी हो इस घटना के बाद एकलव्य उतनी कशलता
से बाण नहीं छोड़ सका जिनता कि वह पहले छोड़ता था।
10. चंद्रगुप्त
मौर्य की चार सफल विजय कौन-कौन सी थी ?
उत्तर-
1. पंजाब विजय - चंद्रगुप्त
मौर्य ने सिकंदर की मृत्यु के पश्चात् पंजाब को जीत लिया।
2. मगध की विजय - चंद्रगुप्त
मौर्य ने कौटिल्य (चाणक्य) की सहायता से मगध के अंतिम राजा धनानंद की हत्या करके मगध
को जीत लिया।
3. बंगाल विजय - चन्द्रगुप्त
मौर्य ने पूर्वी भारत में बंगाल को जीत कर अपने अधिकार में कर लिया।
4. दक्षिणी भारत पर विजय -
जैन साहित्य के अनुसार आधुनिक कर्नाटक तक उसने अपनी विजय पताका फहराई थी।
11. महावीर के
उपदेशों का वर्णन करें।
उत्तर- महावीर के उपदेश निम्नलिखित
हैं-
(i) सत्य - सत्य बोलना, झूठ
न बोलना।
(ii) अहिंसा-हिंसा न करना
(iii) अस्तेय -चोरी न करना
।
(iv) अपरिग्रह-सम्पत्ति का
संग्रह न करना।
(v) ब्रह्मचर्य - इन्द्रियों
को वश में करना।
महावीर ईश्वर में विश्वास नहीं
करते थे परंतु आत्मा, कर्मफल तथा पुनर्जन्म को मानते थे।
History MODEL (Mock) TEST 2022
12. खान-ए-खाना
के बारे में आप क्या जानते हैं?
उत्तर- -खान-ए-खाना का शाब्दिक
अर्थ है-खानों (उपाधि खान, मलिक आदि) में सबसे महान। यह एक उपाधि थी जो अकबर ने बैरम
को दी थी। बैरम खाँ अकबर का संरक्षक एवं गुरु था। सन् 1556 से 1560 ई. तक बैरम खाँ
ने अकबर को अपने दिशा-निर्देश द्वारा राजकार्य चलवाया। सिंहासनारोहण के समय अकबर की
आयु केवल 13 वर्ष एवं 4 माह थी । अतः मुगल साम्राज्य स्थिरीकरण में बैरमखाँ का बड़ा
हाथ था।
13. रैयतवाडी
व्यवस्था क्या थी? इससे क्या सामाजिक और आर्थिक प्रभाव उत्पन्न हुए?
उत्तर- दक्षिण और दक्षिण-पश्चिमी
भारत में रैयतवाड़ी बंदोबस्त लागू किया गया, जिसके अंतर्गत किसान भूमि का मालिक था
यदि वह भू-राजस्व का भुगतान करता रहे। इस व्यवस्था के समर्थकों का कहना था कि यह वही
व्यवस्था है, जो भारत में पहले थी। बाद में यह व्यवस्था मद्रास और बंबई प्रेसिडेंसियों
में भी लागू कर दी गई। इस व्यवस्था में 20-30 वर्ष बाद संशोधन कर दिया जाता था तथा
राजस्व की राशि बढ़ा दी जाती थी।
रैयतवाड़ी व्यवस्था में निम्नलिखित
त्रुटियों थी-
(i) भू-राजस्व 45 से 55 प्रतिशत
था, जो बहुत अधिक था।
(ii) भू-राजस्व बढ़ाने का अधिकार
सरकार ने अपने पास रखा था।
(iii) सूखे अथवा बाढ़ की स्थिति
में भी पूरा राजस्व देना पड़ता था। इससे भूमि पर किसान का प्रभुत्व कमजोर पड़ गया।
प्रभाव-
(i) इससे समाज में असंतोष और
आर्थिक विषमता का वातावरण छा गया।
(ii) सरकारी कर्मचारी किसानों
पर अत्याचार करते रहे तथा किसानों का शोषण पहले जैसा ही होता रहा।
14. 1931 के
गाँधी-इरविन समझौते का क्या परिणाम निकला ?
उत्तर-
1. यद्यपि गाँधीजी दूसरे गोलमेल
सम्मेलन में भाग लेने गए थे। जनवरी, 1932 ई. को गाँधीजी तथा अन्य नेताओं को बंदी बना
लिया गया।
2. कॉंग्रेस को पुनः गैरकानूनी
घोषित कर दिया गया।
3. एक लाख से अधिक सत्याग्रही
बंदी बना लिए गये।
4. हजारों प्रदर्शनकारियों की भूमि, मकान तथा संपत्ति सरकार ने जब्त कर ली।
खण्ड-ग (दीर्घ उत्तरीय प्रश्न)
किन्हीं तीन प्रश्नों
के उत्तर दीजिए। 5 × 3 = 15
15. हड़प्पा
सभ्यता के पतन के प्रमुख कारणों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर- हड़प्पा सभ्यता के पतन
के प्रश्न पर विद्वानों के विभिन्न मत है। प्राकृतिक कारण जैसे बाढ़, सूखा, आग, नदियों
के प्रवाह में बदलाव या सूखना, जलवायु परिवर्तन, भूमि में नमी तथा शुष्कता का बढ़ना,
जंगलों का कटना, मलेरिया, प्लेग जैसी बीमारियों से लोगों की मृत्यु आदि पतन के लिए
उत्तरदायी माने गए हैं। इनमें से कुछ कारण स्थानीय थे, परंतु समस्त सभ्यता का विनाश
इनसे नहीं हुआ था।
अनेक से नरकंकालों के प्राप्त
अवशेष और दुर्ग या किलों के अवशेषों से कुछ विद्वानों ने यह माना कि विदेशी, विशेषकर
आर्यों के आक्रमणों से इस सभ्यता का अंत हुआ होगा।
आधुनिक विद्वान भौतिक अथवा
आर्थिक कारणों को पतन के लिए उत्तरदायी ठहराते हैं। इनके अनुसार 1900 ई०पू० के बाद
हड़प्पा राज्य का अंत हुआ होगा। इस समय हड़प्पा प्रशासन कमजोर हो गया था। कृषि उत्पादन,
विभिन्न शिल्प उद्योग तथा व्यापार घटने लगे थे। कई उद्योग बंद हो गए थे। इसका प्रभाव
अंतर्देशीय तथा विदेशी व्यापार पर हुआ होगा। कच्चे माल की कमी के कारण उपकरणों का निर्माण
बंद हो गया होगा। लोग नगरों को छोड़कर ग्रामीण क्षेत्र में बसने लगे। ग्रामीण जीवन-शैली
को उत्तर हड़प्पा या परवर्ती हड़प्पा संस्कृति कहा गया है। इस नई संस्कृति ने हड़प्पा
सभ्यता का स्थान ले लिया था।
16. विजयनगर
में रहनेवाले सामान्य लोगों के जीवन का वर्णन करें।
उत्तर - अन्य राज्यों की तरह
विजयनगर में लोगों के कई वर्ण तथा जातियाँ थीं। ब्राह्मणों को सर्वोच्च स्थान प्राप्त
था। उनके बाद क्षत्रियों का स्थान था जबकि इस वर्ण के बारे में स्पष्ट जानकारी नहीं
मिलती है। अंतिम स्थान साधारण लोगों का था। इनकी संख्या सबसे अधिक थी। इस वर्ग में
मुख्यतः व्यापारी (चेट्टियों), लिपिक, दस्तकार (पांचाल), किसान, नाई, जुलाहा, शस्त्रवाहक,
लुहार, स्वर्णकार, मूर्तिकार, बढ़ई आदि थे। इस वर्ग में बाजीगर, मछुआरे तथा जोगियों
का स्थान सबसे नीचा था।
अन्य राज्यों के समान साधारण
लोगों का जीवन स्तर बहुत साधारण था। वे मिट्टी तथा फूस के बने मकानों में रहते थे।
इनके घरों के प्रवेशद्वार छोटे होते थे। ये साधारण कपड़े पहनते थे। पुरुष वर्ग कमर
के ऊपर नंगे रहते थे। ये नंगे पैर चलते थे।
विजयनगर में स्त्रियों की स्थिति
निम्न थी। साधारण वर्ग की स्त्रियों को गणिका तथा देवदासी से संबंधित कार्य करने होते
थे। देवदासी या गणिकाओं को हेय दृष्टि से नहीं देखा जाता था। उच्च वर्ग के पुरुष इनसे
निकट संपर्क रखते थे।
साधारण वर्ग में स्त्री-पुरुष
दोनों दासों के कार्य करते थे। इनकी स्थिति दयनीय होती थी। इस वर्ग में 'बइबा' नामक
लोग भी थे। ये बड़ी संख्या में उत्तर भारत से विजयनगर में आकर बस गए थे। इन्होंने यहाँ
व्यापार का काम कर अपना प्रभाव स्थापित किया था। कभी-कभी ये उच्च वर्ग के अधिकारों
का उपयोग करते थे। साधारण वर्ग में सती प्रथा का पालन होता था।
17. अकबर की
मनसबदारी व्यवस्था की विवेचना करें।
उत्तर - मनसबदारी मुगल प्रशासनिक
व्यवस्था थी अकबर स्थापित किया था। अकबर के शासनकाल तक मुगल क्षेत्र का विस्तार हो
चुका था। साम्राज्य को सुरक्षित रखने के लिए संगठित सेना की आवश्यकता पूर्ति के कारण
मनसबदारी व्यवस्था स्थापित की थी। इसका मुख्य उद्देश्य था सेना को संगठित कर साम्राज्य
का विस्तार तथा उसपर नियंत्रण रखना। इस व्यवस्था में अकबर ने अपने अधिकारियों को जाति
के आधार पर एक मनसब प्रदान किया था। जाति के आधार पर मनसब को विभिन्न श्रेणियों में
बाँटा था । श्रेणी के आधार पर प्रत्येक मनसब को सेना रखने का अधिकार दिया गया था। सेना
के साथ पशु तथा गाड़ियाँ भी रखने का अधिकार दिया गया था। मनसबदारी का क्षेत्र उस अधिकारी
की जागीर जैसा होता था। परंतु, प्रत्येक मनसबदार को सरकार की तरफ से श्रेणी के अनुरूप
नकदी वेतन दिया जाता था। मनसबदारों को बादशाह उपहार, पुरस्कार देकर सम्मानित भी करता
था।
मनसबदार की नियुक्ति मीर बख्शी
पदाधिकारी तथा उमरा वर्ग के कुछ सदस्य करते थे। सेना को कोई भी व्यक्ति किसी उमरा के
माध्यम से याचिका देता था। याचिका को बादशाह के सामने रखा जाता था। मीर बख्शी तथा अन्य
याचिका पर विचार कर मनसबदारी प्रदान करते थे। मनसबदारों की दो श्रेणियाँ होती थीं-
तैनात - ए - रकाब तथा तैनात-ए-सूबाजात। दोनों श्रेणियाँ केंद्रीय तथा प्रांतीय प्रशासनिक
तथा सैनिक कार्यों में सहायता करती थीं। इनको समय-समय पर दरबार उपस्थित होकर दरबारी
शिष्टाचार निभाना होता था। कभी-कभी ये व्यापार का काम भी देखते थे। अकबर से औरंगजेब
तक मनसबदारी व्यवस्था मुगल प्रशासन का आधार थी। केंद्रीय शासन के कमजोर होने पर अनेक
मनसबदार स्वतंत्र हो गए तथा मुगल साम्राज्य के पतन के कारण बने।
18. आधुनिक भारत
के निर्माण में डॉ० वी० आर० अम्बेडकर की देनों का मूल्यांकन कीजिए।
उत्तर- डॉ० भीमराव अम्बेडकर
उस तेजपुंज का नाम है जो प्रकाश ही प्रकाश देता है, लेकिन जलाता नहीं। बचपन से ही ये
मेधावी और गहन चिंतक छात्र थे। चौदह वर्ष की उम्र में ही इनका विवाह रामबाई से हो गया।
1913 ई० में अम्बेडकर बड़ौदा नरेश की सहायता से अमेरिका चले गये। 1915 में इन्होंने
वहाँ एम०ए० की डिग्री प्राप्त की और 1916 ई० में इन्हें पी-एच० डी० की डिग्री से सम्मानित
किया गया। अपने देश लौटने पर इन्होंने 1920 ई० में कोल्हापुर के महाराजा की सहायता
'मूक नन्ह नामक पत्रिका का सम्पादन प्रारंभ किया जिसमें सामाजिक विकृतियों पर करारा
प्रहार किया। सन् 1923 से 1931 तक का समय अम्बेडकर के लिए कठोर संघर्ष और अभ्युदय का
था। इसी बीच वे दलितों के नेता एवं प्रवक्ता के रूप में उभरकर सामने आए। इन्होंने जाकर
गोलमेज सम्मेलन में भाग लिया और अंग्रेज शासक से दलितों की गई माँग भारतीय दलितों को
इन्होंने कहा- शिक्षित बनो, संघर्ष करो, संगठित रहो। 1935 ई० में इनकी धर्मपत्नी का
देहान्त हो गया। इसी साल इन्होंने धर्म-परिवर्तन की घोषणा की। इन्होंने बहिष्कृत हितकारी
सभा, सिद्धांत महाविद्यालय एवं स्वतंत्र मजदूर की स्थापना की। 1946 ई० तक अम्बेडकर
की ख्याति देश के एक कोने से दूसरे कोने तक की गयी थी। 1947 ई० में नेहरूजी के मंत्रिमंडल
में इन्हें कानूनी मंत्री बनाया गया। 21 अगस्त, 1950 ई० को इन्होंने भारत का संविधान
राष्ट्र को समर्पित कर दिया। इसी साल वे कोलम्बो गए और दिल्ली में अम्बेडकर भवन का
शिलान्यास किया। 1956 ई० में उन्होंने बौद्ध धर्म स्वीकार कर लिया और 6 दिसम्बर,
1956 ई० को ही इस महामानव को महापरिनिर्वाण हुआ।
वे अछूतों और दलितों के मसीहा,
उद्धारकर्त्ता और पथ-प्रदर्शक थे। 1990-91 ई. में इनकी जन्म-शताब्दी धूम-धाम से मनाई
गई और भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई। दलितों को समान अधिकार देना और उनका यथोचित
उत्थान करना ही बाबा साहब की सच्ची श्रद्धांजलि होगी। भारत के दलितों एवं पीड़ितों
को उन्होंने जो जीवन-संदेश दिया था- 'उठकर आगे बढ़ो'- आज उससे सबों के हृदयतंत्री
• शंकृत हो रहे हैं और उनमें से मधुर संगीत का स्वर फूट रहा है।
19. भारत छोड़ो
आंदोलन के कारणों का उल्लेख करें।
उत्तर- भारत छोड़ो आंदोलन के
कारण-
(1) क्रिप्स मिशन से निराशा
- भारतीयों के मन में यह बात बैठ गई थी कि मिशन अंग्रेजों की एक चाल थी जो भारतीयों
को धोखे में रखने के लिए चली गई थी। क्रिप्स मिशन की असफलता के कारण उसे वापस बुला
लिया गया था।
(2) बर्मा में भारतीयों पर
अत्याचार – बर्मा में भारतीयों के साथ किये गए दुर्व्यवहार से भारतीयों
के मन में आंदोलन प्रारम्भ करने की तीव्र भावना जागृत हुई।
(3) ब्रिटिश सरकार की घोषणा
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27 जुलाई, 1942 ई० को ब्रिटिश सरकार ने एक घोषणा जारी कर यह कहा कि कांग्रेस की माँग
स्वीकार की गई तो उससे भारत में रहने वाले मुस्लिम तथा अछूत जनता के ऊपर हिन्दुओं का
आधिपत्य हो जाएगा। इस नीति के कारण भी भारत छोड़ो आंदोलन आवश्यक हो गया।
(4) द्वितीय विश्वयुद्ध के लक्ष्य के घोषणा-ब्रिटिश सरकार भारतीयों को भी द्वितीय विश्व युद्ध की लड़ाई में सम्मिलित कर चुकी थी, परन्तु अपना स्पष्ट लक्ष्य घोषित नहीं कर रही थी। यदि स्वतंत्रता एवं समानता के लिए युद्ध हो रहा है तो भारत को भी स्वतंत्रता एवं आत्मनिर्णय का अधिकार क्यों नहीं दिया जाता?