35.PGT झारखण्ड की अर्थव्यवस्था- कृषि एवं उद्योग के सापेक्षिक स्थान (Economy of Jharkhand – Relative position of agriculture and industry)

झारखण्ड की अर्थव्यवस्था- कृषि एवं उद्योग के सापेक्षिक स्थान (Economy of Jharkhand – Relative position of agriculture and industry)

झारखण्ड राज्य सकल घरेलू उत्पाद में सेवा क्षेत्र का योगदान सबसे अधिक है, वर्तमान में झारखण्ड की अर्थव्यवस्था में सेवा क्षेत्र का 65% योगदान है। दूसरे स्थान पर औद्योगिक क्षेत्र का योगदान है जो कि राज्य सकल रेलू उत्पाद में 20% योगदान देता है। तीसरे स्थान पर झारखण्ड की अर्थव्यवस्था की रीढ़ मानी जाने वाली कृषि का नंबर आता हैं जो कि झारखंड राज्य सकल घरेलू उत्पाद में का करी15% हिस्सा प्रदान करती है लेकिन झारखंड की कुल जनसंख्या का लगभग 76% हिस्सा कृषि कार्यों में लगा हुआ है।

झारखण्ड की अर्थव्यवस्था में कृषि की भूमिका-

वर्ष 2018-19 एवं 2019-20 में कृषि गतिविधियों में देशव्यापी स्तर पर गिरावट परिलक्षित होता है और झारखंड की भी यही स्थिति है। झारखण्ड राज्य की लगभग 76% जनसंख्या कृषि कार्यों में लगी है। राज्य के भौगोलिक क्षेत्रफल का 38 लाख हेक्टेयर भूमि पर कृषि कार्य संभव है जो कुल भौगोलिक क्षेत्रफल का 48% है। जबकि अभी झारखंड में 23 प्रतिशत भाग पर कृषि की जाती है। कुल कृषि योग्य भूमि में 60% अकेले धान की खेती की जाती है। राज्य में परंपरागत ढंग से खेती की जाती है। अतः यहां की कृषि व्यवसायिक ना होकर जीवन निर्वाह प्रकृति की है।

वर्ष 2019- 20 में धान के कुल फसल क्षेत्र तथा उत्पादन क्रमश: 1338 हजार हेक्टेयर एवं 2991 हजार टन रहा उसी प्रकार गेहूं का कुल फसल क्षेत्र तथा उत्पादन 2018-19 में क्रमशः 164 हजार हेक्टेयर एवं 300 हजार टन था। 2019-20 में 2018-19 की तुलना में धान के उत्पादन में 3.7 प्रतिशत तथा उत्पादन एवं उत्पादकता में 18. 3 प्रतिशत की वृद्धि हुई।

कृषि के क्षेत्र में बढ़ावा देने के लिए सरकार ने बजट 2020-21 में कुछ प्रावधान किए हैं जैसे 

🔥 किसानों के कर्ज माफ करने के लिए अल्पकालीन कृषि ऋण राहत योजना। अल्पकालीन कृषि ऋण राहत योजना के लिए 2000 करोड़ के प्रबंध किए गए हैं।

🔥 पीएम किसान फसल योजना में बदलाव लाकर किसान राहत कोष बनाया जायेगा।

🔥 धान उत्पादन एवं बाजार सुलभता नामक नयी योजना शुरू होगी।

🔥 दुचारू गाय वितरण योजना में अब एपीएल परिवारों को भी जोड़ेगी सरकार।

बजट में किए गए प्रावधानों तथा सरकार द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न योजनाओं जैसे- नीलाम्बर-पीतांबर जल समृद्धि योजना, अल्पकालीन कृषि ऋण राहत योजना द्वारा कृषि क्षेत्र में सुधार संभव है। झारखण्ड सरकार ने अपने बजट में किसानों का बहुत अधिक ध्यान रखा है। किसानों को कृषि यंत्र सब्सिडी के लिए वित्त वर्ष 2020 - 21 के लिए 50 करोड़ रुपये जारी किया गया है। राज्य के विभिन्न जिलों में भंडारण के लिए शीत गृह का निर्माण किया जाएगा। इसके लिए 30 करोड़ रुपये जारी किया गया।

झारखंड आर्थिक सर्वेक्षण 2021-22

🔥 आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि राज्य की अर्थव्यवस्था की औसत वार्षिक वृद्धि दर 2011-12 और 2018-19 की अवधि के बीच 6.2 प्रतिशत थी।

🔥 वित्तीय वर्ष 2004-05 और 2011-12 के दौरान झारखंड की अर्थव्यवस्था में 6.6 प्रतिशत और वित्तीय वर्ष 1999-2000 तथा 2004-05 के दौरान 8 प्रतिशत की वृद्धि हुई।

🔥 वर्ष 2018-19 में झारखंड का सकल राज्य घरेलू उत्पाद 2011-12 की कीमतों पर 2,29,274 लाख करोड़ रुपए था। वर्ष 2019-20 में प्रति व्यक्ति आय (प्रति व्यक्ति एनएसडीपी) मौजूदा कीमतों पर 79,873 रुपए और स्थिर कीमतों पर 57,863 रुपए होने का अनुमान है।

🔥 पिछले दो वर्षों (2019-20 और 2020-21) के दौरान विकास दर में गिरावट आई है। ये दो वर्ष सामान्य वर्ष नहीं थे, क्योंकि वर्ष 2019-20 में देश की अर्थव्यवस्था मंदी की चपेट में थी, जिसने राज्य की अर्थव्यवस्था को भी अछूता नहीं छोड़ा। भारतीय अर्थव्यवस्था और राज्य की अर्थव्यवस्था, दोनों ने मात्र 4 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की।

🔥 वर्ष 2020-21 कोविड-19 महामारी से प्रभावित था। महामारी और आगामी लॉकडाउन ने सभी आर्थिक गतिविधियों को प्रभावित किया तथा उपभोक्ता और उत्पादक, दोनों की आपूर्ति श्रृंखला को बाधित किया। परिणामस्वरूप, वित्तीय वर्ष में राज्य के जीएसडीपी में 4.7 प्रतिशत की कमी होने का अनुमान है।

🔥 राज्य की अर्थव्यवस्था के तीन प्रमुख क्षेत्रों (प्राथमिक, द्वितीयक और तृतीयक) में तृतीयक क्षेत्र 2011-12 और 2019-20 के बीच सबसे तेज़ दर से बढ़ा है। प्राथमिक क्षेत्र में 9.1 प्रतिशत की औसत वार्षिक दर (सीएजीआर) और द्वितीयक क्षेत्र में 6.3 प्रतिशत की दर से वृद्धि हुई, इस अवधि में तृतीयक क्षेत्र 7.7 प्रतिशत की दर से बढ़ा।

🔥 तृतीयक क्षेत्र न केवल राज्य की अर्थव्यवस्था में प्रमुख क्षेत्र है, बल्कि जीएसवीए में इसका हिस्सा भी पिछले कुछ वर्षों में बढ़ा है। 2011-12 में, (एसएनए) के मौजूदा दौर की शुरुआत में, जीएसवीए में इसका योगदान 38.5 प्रतिशत था, जो 2019-20 तक लगभग 46 प्रतिशत तक बढ़ गया।

🔥 इस अवधि (2011-12 से 2019-20) के दौरान प्राथमिक क्षेत्र की हिस्सेदारी लगभग 28 प्रतिशत से घटकर लगभग 20 प्रतिशत रह गई है।

🔥 द्वितीयक क्षेत्र का हिस्सा पिछले कुछ वर्षों में लगभग स्थिर रहा है। जीएसवीए में इसका योगदान 2011-12 और 2019-20 में 38.8 प्रतिशत था।

🔥 एक वर्ष से अधिक समय तक 6 प्रतिशत से ऊपर रहने के बाद, झारखंड में मुद्रास्फीति की दर दिसंबर, 2020 से घटने लगी। नवंबर, 2020 में 6.36 प्रतिशत से यह दिसंबर, 2020 में घटकर 5.94 प्रतिशत हो गई। तब से, यह 6 प्रतिशत (आरबीआई द्वारा अपने नए मौद्रिक नीति ढाँचे में निर्धारित चिह्न) से नीचे बनी हुई है।

🔥 नीति आयोग की हाल ही में जारी ‘राष्ट्रीय बहुआयामी गरीबी सूचकांक आधार रेखा रिपोर्ट’ के अनुसार, राज्य में 46.16 प्रतिशत लोग गरीब हैं (हेड काउंट गरीबी)। ग्रामीण क्षेत्रों में बहुआयामी गरीबों का प्रतिशत 50.93 प्रतिशत है और शहरी क्षेत्रों में यह 15.26 प्रतिशत है।

झारखण्ड की अर्थव्यवस्था में उद्योग की भूमिका

खनिज सम्पदा से परिपूर्ण झारखण्ड में उद्योग- विस्तार की असीम संभावनाएं है। देश का सर्वाधिक खनिज सम्पन्न क्षेत्र होने के कारण राज्य खनन उद्योग के साथ-साथ खनिज आधारित औद्योगिक इकाइयों की स्थापना के लिए उपयुक्त है। कोलकाता हल्दिया एवं पारादिप जैसे बन्दरगाहों के नजदीक होने के कारण यहाँ से खनिज एवं खनिज उत्पादों को देश के अंदर या बाहर विश्व के बाजार में आसानी से भेजा जा सकता है। झारखण्ड में वस्त्र उद्योग, विशेषकर तसर उद्योग, खाद्य प्रसंस्करण तथा वन-उत्पाद आधारित उद्योगों के विकास की भी संभावना है।झारखण्ड में औद्योगिक विकास की संभावनाओं एवं संसाधनों की मौजूदगी को देखते हुए कहा जा सकता है कि राज्य में अभी तक इनका समुचित उपयोग नहीं किया जा सकता है। वर्ष 2011 के स्थिर मूल्य पर वर्ष 2011-12 से 2019-20 के मध्य 3.3% वार्षिक औसत दर से बढ़ा है। वर्ष 2019-20 में GSVA में औद्योगिक क्षेत्र की हिस्सेदारी 45% थी जबकि झारखण्ड राज्य सकल घरेलू उत्पाद में 20% योगदान है उद्योग का।

झारखण्ड में देश की लगभग 40% खनिज सम्पदा होने के कारण यह खनन, धातु एवं अन्य संबंधित प्रक्षेत्रों में निवेश को अत्यधिक आकर्षित करता है। अप्रैल से जुलाई 2018 के बीच 844.38 करोड़ का खनिज उत्पादन हुआ। देश में कुल तसर उत्पादन के 76.4% हिस्से के साथ झारखण्ड देश का सबसे बड़ा तसर सिल्क का उत्पादक है।

झारखण्ड हस्तकला उद्योग के क्षेत्र में भी काफी समृद्ध है। राज्य के अलग-अलग क्षेत्रों में 40 से अधिक प्रकार के हस्तशिल्प जैसे- एरिकल, कसीदाकारी, रंगाई, टेराकोटा, तसर फ्रिट, पेपर मेसी, चोकरा, अगरबत्ती उत्पादन, स्थानीय आभूषण आदि बनाए जाते हैं। राज्य में औद्योगिक विकास के उद्देश्य से झारखण्ड औद्योगिक नीति 2012 में उद्योगों को बहुत सारे राजस्व से संबंधित नीतिगत प्रोत्साहन दिये गये। विनिर्माण एवं औद्योगिक क्षेत्र में अभिनव प्रयोग तथा रोजगार बढ़ाने के उद्देश्य से वर्ष 2016 में झारखंड औद्योगिक एवं निवेश प्रोत्साहन नीति को भी तैयार किया गया।

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