झारखण्ड सरकार, स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग
संयुक्त
स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक प्रतियोगिता परीक्षा 2018 के आधार पर गैर अनुसूचित जिले
में नियुक्त एवं कार्यरत स्नातक प्रशिक्षित शिक्षकों से अनुसूचित जिले में
पदस्थापन हेतु विकल्प की मांग।
"प्रेस विज्ञप्ति "
एतद्
द्वारा सभी संबंधित को सूचित किया जाता है कि माननीय उच्चतम
न्यायालय में दायर सिविल अपील स. 4044 / 2022 से उद्भूत अवमाननाबाद (स.) सं.
612/2022 में दिनांक 02.12.2022 को पारित न्यायादेश के अनुपालन हेतु संयुक्त
स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक प्रतियोगिता परीक्षा 2016 के आधार पर गैर अनुसूचित जिले
में नियुक्त एवं कार्यरत स्नातक प्रशिक्षित शिक्षको से एक अनुसूचित जिले में जिसका
संबंधित आवेदक की नियुक्ति के विषय एवं आरक्षण कोटि के
अंतिम नियुक्त शिक्षक से आवेदक का अधिक प्राप्तांक है, के
ऐच्छिक पदस्थापन पर निर्णय हेतु विहित प्रपत्र में विकल्प दिनांक 15.12.2022 के
05.00 बजे अपराह्न तक वर्तमान जिला शिक्षा पदाधिकारी के
कार्यालय को उपलब्ध कराते हुए पावती प्राप्त कर ले।
विहित प्रपत्र निम्नांकित है।
1.
गैर अनुसूचित जिले में नियुक्त शिक्षक / शिक्षिका का नाम -
2.
CGTTICE, 2016 का क्रमांक-
3.
नियुक्ति का विषय-
4.
नियुक्ति का प्रकार (सीधी भर्ती - 75% / प्राथमिक शिक्षक हेतु प्रकाशित रिचित-25%)-
5.
(i) आवेदक की आरक्षण कोटि (UR/SC/ST/EBC-I/BC-II) -
(ii) नियुक्ति की आरक्षण कोटि
(UR/SC/ST/EBC-I/BC-II) -
(iii) क्षैतिज आरक्षण, यदि लाभ प्राप्त हुआ हो-
6.
(i) गैर अनुसूचित जिला एवं विद्यालय का नाम, जहाँ वर्तमान में शिक्षक कार्यरत है-
(ii) योगदान की तिथि-
7.
नया पदस्थापन/ स्थानान्तरण हेतु इच्छुक अनुसूचित जिला का नाम-
(नोट - गैर अनुसूचित जिला के वैसे शिक्षक, जो अनुसूचित जिला में उक्त आधार
पर पदस्थापन के इच्छुक है सिर्फ उनके द्वारा ही आवेदन समर्पित किया जाएगा। यह सुविधा
मात्र एकबारीय है। जो शिक्षक वर्तमान पदस्थापित जिला में ही रहना चाहते है, वे आवेदन
नहीं करेंगे )
प्रमाणित
किया जाता है कि उपर्युक्त सभी विवरण पूर्णतः सत्य है एवं अभिलेख के आधार पर अंकित
किया गया है जिसकी छायाप्रति संलग्न है।
कस्तूरबा स्कूल में 246 शिक्षक होंगे नियुक्त
राज्य
के कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में शिक्षकों की नियुक्ति की जायेगी। इसकी प्रक्रिया
शुरू करने का निर्देश दिया गया है। विद्यालयों में शिक्षकों के कुल 246 पद रिक्त हैं।
इसके लिए जिला स्तर पर प्रक्रिया शुरू की गयी है। राज्य के नौ जिलों के द्वारा इसके
लिए विज्ञापन जारी किया गया है, जबकि शेष जिलों द्वारा इसकी प्रक्रिया शुरू नहीं की
गयी है।
स्कूलों की हो रही मैपिंग
राज्य
के प्लस टू स्कूल, कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय, मॉडल स्कूल, समर्थ विद्यालय समेत
वैसे सभी स्कूल, जहां 11वीं-12वीं की पढ़ाई होती है, उसकी मैपिंग हो रही है। इन स्कूलों
में देखा जा रहा है कि अधिकतम कितने छात्र-छात्रा यहां पढ़ाई कर सकते हैं। अगर वर्तमान
में नामांकित सीटों से बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं नामांकन कराते हैं, तो उनके
लिए सारी सुविधाएं मिल सकेंगी की नहीं।
झारखंड एकेडमिक काउंसिल के माध्यम से महाविद्यालयों को प्रस्ताव भेजेगा शिक्षा विभाग -
इंटर
कॉलेज कहलाएंगे प्लस टू स्कूल, 9वीं - 10वीं की होगी पढ़ाई
झारखंड
में एक तरफ जहां डिग्री कॉलेजों से इंटर की पढ़ाई हटाई जा रही है, वहीं इंटर कॉलेजों
को प्लस टू स्कूल में बदला जा रहा है। राज्य के इंटर कॉलेजों के नाम में बदलाव होगा।
अगले साल नए शैक्षणिक सत्र से ये इंटर कॉलेज प्लस टू स्कूल के नाम से जाने जाएंगे।
पलामू
के शहीद भगत सिंह इंटर महाविद्यालय जपला अगले साल से शहीद भगत सिंह प्लस टू स्कूल जपला
के नाम से, जबकि रांची का लापुंग इंटर कॉलेज अब लापुंग प्लस टू स्कूल कहलाएगा। इनमें
11वीं-12वीं पढ़ाई तो होगी ही, नौवीं - 10वीं की पढ़ाई की भी शुरुआत होगी। स्कूली शिक्षा
व साक्षरता विभाग इसकी तैयारी में जुट गया है। राज्य के इंटर महाविद्यालयों का नाम
प्लस टू स्कूल में बदलने के लिए उन्हें महाविद्यालय की शासी निकाय से इसका प्रस्ताव
पास कराना होगा। शिक्षा विभाग इसके लिए झारखंड एकेडमिक काउंसिल (जैक) के माध्यम से
महाविद्यालयों को प्रस्ताव भेजेगा।
प्लस
टू स्कूल में बदलने पर ही मिलेगा अनुदानः महाविद्यालयों को प्लस टू
स्कूल के रूप में बदलने के बाद ही उन्हें उस नाम से अनुदान मिल सकेगा। झारखंड में वर्तमान
में 635 प्लस टू स्कूल, 203 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय, 57 झारखंड बालिका विद्यालय,
89 मॉडल स्कूल समेत समर्थ विद्यालय भी हैं। इन स्कूलों में प्लस टू की पढ़ाई होती है।
सेमेस्टर
के आधार पर मिलेगा क्रेडिट: नई शिक्षा नीति के अनुसार, प्लस टू स्कूलों
में नौवीं से 12वीं तक की पढ़ाई भी सेमेस्टर आधारित होगी। इसी आधार पर छात्रों को क्रेडिट
मिलेगा। छह माह में परीक्षाएं होंगी। नौवीं के दो सेमेस्टर परीक्षा के छात्रों को क्रेडिट
मिलेगा। इसके आधार पर सीट के अनुसार 10वीं में दूसरी जगह नामांकन ले सकेंगे।
नौवीं 10वीं के लिए शिक्षक भी होंगे बहालः इंटर कॉलेज से प्लस टू स्कूल बनने पर संस्थानों में नौवीं और 10वीं की पढ़ाई के लिए शिक्षक भी बहाल किए जाएंगे। वर्तमान में बहाल शिक्षक 11वीं- 12वीं के छात्र-छात्राओं को पढ़ाते हैं।
गज़ब : झारखंड में फर्जी सर्टिफिकेट पर नौकरी कर रहे 107 पारा शिक्षक, होगी कानूनी कार्रवाई
रांची
झारखंड रखंड के पारा शिक्षकों (सहायक अध्यापकों) के सर्टिफिकेट की जांच चल रही है।
अब तक 107 के सर्टिफिकेट फर्जी पाए गए हैं। इस संख्या में बढ़ोतरी होने का अनुमान है।
फर्जी सर्टिफिकेट पर काम कर रहे पारा शिक्षकों पर प्राथमिकी दर्ज करने की तैयारी की
जा रही है। उन्हें सेवा से हटाने के साथ कानूनी कार्रवाई भी की
जाएगी।
61,421 पारा शिक्षकों के सर्टिफिकेट की जांच जारी
राज्य
में 61,421 पारा शिक्षकों के सर्टिफिकेट की जांच चल रही है। अब तक 44 हजार
शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की जांच पूरी हो चुकी है, जबकि 17 हजार के प्रमाणपत्रों
की जांच चल रही है। जम्मू कश्मीर से लेकर यूपी, हरियाणा के संस्थानों के नाम के भी
ऐसे सर्टिफिकेट उजागर हुए हैं।
स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने मांगी है रिपोर्ट
स्कूली
शिक्षा व साक्षरता विभाग ने सभी जिलों से जांच के लिए कितने पारा शिक्षकों के
प्रमाणपत्र दिये गये, कितने की जांच हो सकी, कितने पेंडिंग और कितने के सर्टिफिकेट
फर्जी पाए गए हैं, उसकी विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। इस महीने सभी आरजेडीई-डीईओ-डीएसई
की होने वाली बैठक के पूर्व विस्तृत रिपोर्ट जिले राज्य मुख्यालय को दे देंगे।
इसके आधार पर विभाग इस पर कार्रवाई करेगा।
उन
पर प्राथमिकी दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए जिलों को निर्देश दिया
जाएगा। संभव हो सके तो फर्जी सर्टिफिकेट पर काम करने के आरोप में राशि की भी वसूली
की जा सकती है।
200 से ज्यादा पारा शिक्षकों ने सेवा से दिया इस्तीफा
सर्टिफिकेट
जांच से बचने के लिए दो सौ से ज्यादा पारा शिक्षक इस्तीफा दे चुके हैं और नौकरी
छोड़ दी है। वहीं, 170 ने जांच के लिए सर्टिफिकेट जमा नहीं किये थे। सोमवार को
सर्टिफिकेट की प्रति जमा करने की अंतिम तारीख थी। देर शाम तक शिक्षा विभाग जिलों
से रिपोर्ट ले रहा था। जिन पारा शिक्षकों ने जांच के लिए प्रमाणपत्र नहीं दिये
होंगे उन्हें दो स्पष्टीकरण देकर बात रखने का मौका दिया जाएगा और 31 दिसंबर तक
सेवा से मुक्त करने की कार्रवाई की जाएगी।