12th आरोह 13. धर्मवीर भारती (काले मेघा पानी दे)

12th आरोह 13. धर्मवीर भारती (काले मेघा पानी दे)
12th आरोह 13. धर्मवीर भारती (काले मेघा पानी दे)
पाठ के साथ प्रश्न 1. लोगों ने लड़कों की टोली को 'मेढक-मण्डली' नाम किस आधार पर दिया? यह टोली अपने आपको 'इंद्र सेना' कहकर क्यों बुलाती थी? उत्तर : गाँव के कुछ लोगों को लड़कों का नंग-धडंग होकर कीचड़ में लथपथ होना अच्छा नहीं लगता था। वे उनके अन्धविश्वास एवं ढोंग से चिढ़ते थे। इस कारण वे उन लड़कों की टोली से चिढ़ने के कारण 'मेढक-मण्डली' नाम से पुकारते थे। लड़कों की वह टोली वर्षा के देवता इन्द्र से वर्षा करने की प्रार्थना करती थी। वे लोक-विश्वास के आधार पर इन्द्रदेव के दूत बनकर सबसे पानी इसलिए माँगते थे, ताकि इन्द्रदेव भी उन्हें वर्षा का दान करें। इसी से वे अपने आपको 'इन्द्र सेना' कहकर बुलाते थे। प्रश्न 2. जीजी ने 'इन्द्र सेना' पर पानी फेंके जाने को किस तरह सही ठहराया? उत्तर : जीजी ने लेखक को बताया कि देवता से कुछ माँगे जाने से पहले उसे कुछ चढ़ाना पड़ता है। किसान भी तीस-चालीस मन गेहूँ पाने के लिए पहले पाँच-छ: सेर गेहूँ की बुवाई करता है। इन्द्र सेना पर भी यही बात लागू होती है। इन्द्र वर्षा के देवता हैं। इन्द्र सेना को पानी देने से इन्द्र देवता प्रसन्न हो…