12th आरोह 4. रघुवीर सहाय (कैमरे में बंद अपाहिज)

12th आरोह 4. रघुवीर सहाय (कैमरे में बंद अपाहिज)
12th आरोह 4. रघुवीर सहाय (कैमरे में बंद अपाहिज)
कविता के साथ प्रश्न 1. कविता में कुछ पंक्तियाँ कोष्ठकों में रखी गई हैं-आपकी समझ से इसका क्या औचित्य है? उत्तर : प्रस्तुत कविता में कुछ पंक्तियाँ कोष्ठकों में रखी गई हैं। ये पंक्तियाँ अलग-अलग लोगों से सम्बन्धित हैं। उदाहरण के लिए संचालक कैमरामैन को लक्ष्य कर कहता है कि - (i) कैमरा दिखाओ, इसे बड़ा-बड़ा (ii) कैमरा बस करो। नहीं हुआ रहने दो परदे पर वक्त की कीमत है। इसी प्रकार कुछ पंक्तियाँ दर्शकों को लक्ष्य कर रखी गई हैं। कुछ संवाद अपंग व्यक्ति एवं संचालक से सम्बन्धित हैं। इन कोष्ठकांकित पंक्तियों का औचित्य यह है कि दूरदर्शन पर कार्यक्रम संचालन की प्रक्रिया स्पष्ट हो जावे जो कि कैमरे के पीछे बोली जाती है तथा संचालक का बनावटी उद्देश्य की पूर्ति वाला स्वार्थी और छद्म-रूप प्रकट हो जाये। वैसे कविता में भावगत सजीवता लाने एवं संवेदना का स्तर बढ़ाने में इनका विशेष औचित्य है। प्रश्न 2. कैमरे में बन्द अपाहिज' करुणा के मुखौटे में छिपी क्रूरता की कविता है-विचार कीजिए। उत्तर : कैमरे में बन्द अपाहिज' शीर्षक कविता में संचालक अपंग व्यक्ति के प्रति करुणा एवं संवेदना दिखाता है, परन्तु उसका उद्देश्य अ…