पाठ्यपुस्तक आधारित प्रश्नोत्तर
(क) नीचे दिए गए चार विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए
प्रश्न 1. निम्नलिखित में से सर्वाधिक प्रदूषित
नदी कौन-सी है?
(क)
ब्रह्मपुत्र
(ख)
सतलुज
(ग) यमुना
(घ)
गोदावरी
प्रश्न 2. निम्नलिखित में से कौन-सा रोग
जल जन्य है?
(क)
नेत्रश्लेष्मला शोध
(ख) अतिसार
(ग)
श्वसन संक्रमण
(घ)
श्वासनली शोध
प्रश्न 3. निम्नलिखित में से कौन-सा अम्ल
वर्षा का एक कारण है?
(क)
जल प्रदूषण
(ख)
भूमि प्रदूषण
(ग)
शोर प्रदूषण
(घ) वायु प्रदूषण
प्रश्न 4. प्रतिकर्ष और अपकर्ष कारक उत्तरदायी
है –
(क) प्रवास के लिए
(ख)
भू-निम्नीकरण
(ग)
गंदी बस्तियां
(घ)
वायु प्रदूषण
(ख) निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर लगभग 30 शब्दों में दें
प्रश्न 1. प्रदूषण और प्रदूषकों में क्या
भेद है?
उत्तर:
प्रदूषण का संबंध उस निकलने वाले पदार्थ की क्रिया/क्रियाओं से है, जो विकत होकर परिवेश
को प्रदूषित करता/करती है। प्रदूषक कोई भी एक ऐसा रचक होता है, जो गलत मात्रा में,
गलत स्थान पर, गलत समय में, उपस्थित रहता है। ये नष्ट होने वाले या नष्ट न होने वाले
दोनों प्रकार के हो सकते हैं।
प्रश्न 2. वायु प्रदूषण के प्रमुख स्रोतों
का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
जीवाश्म ईंधन का दहन, खनन और उद्योग वायु प्रदूषण के प्रमुख स्रोत हैं। ये प्रक्रियाएँ
वायु में सल्फर एवं नाइट्रोजन के ऑक्साइड, हाइड्रोकार्बन, कार्बन डाइऑक्साइड, कार्बन
मोनोक्साइड, सीसा तथा एस्बेस्टोस को निर्मुक्त करती हैं।
प्रश्न 3. भारत में नगरीय अपशिष्ट निपटान
से जुड़ी प्रमुख समस्याओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
भारत में नगरीय अपशिष्ट निपटान एक गंभीर समस्या है। अधिकांश शहरों में अपशिष्ट का
30 प्रतिशत से 50 प्रतिशत कचरा बिना एकत्र किए छोड़ दिया जाता है। जो गलियों में, घरों
के पीछे खुली जगहों पर तथा परती जमीनों पर इकट्ठा हो जाता है जिसके कारण स्वास्थ्य
संबंधी गंभीर जोखिम पैदा हो जाते हैं।
प्रश्न 4. मानव स्वास्थ्य पर वायु प्रदूषण
के क्या प्रभाव पड़ते हैं?
उत्तर:
वायु प्रदूषण के कारण श्वसन तंत्रीय, तंत्रिका तंत्रीय तथा रक्त संचार तंत्र संबंधी
विभिन्न बीमारियाँ होती हैं। नगरों के ऊपर कुहरा जिसे ‘शहरी धूम्र कुहरा कहा जाता है,
मानव स्वास्थ्य के लिए अत्यंत घातक सिद्ध होता है।
(ग) निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर लगभग 150 शब्दों में दें
प्रश्न 1. भारत में जल प्रदूषण की प्रकृति
का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
भारत में जल का प्रदूषण प्राकृतिक स्रोतों से प्राप्त प्रदूषकों, उद्योगों, आधुनिक
कृषि एवं सांस्कृतिक गतिविधियों के माध्यम से होता है। इन क्रियाकलापों में उद्योग
सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण सहायक है। उत्पादन प्रक्रिया में, उद्योग अनेक अवांछित उत्पाद
पैदा करते हैं जिनमें औद्योगिक कचरा, प्रदूषित अपशिष्ट जल, जहरीली गैसें, रासायनिक
अवशेष, अनेक भारी धातुएँ, धूल, धुआँ आदि शामिल होता है। अधिकतर औद्योगिक कचरे का बहते
जल में अथवा झीलों आदि में विसर्जित कर दिया जाता है। परिणामस्वरूप विषाक्त रासायनिक
तत्त्व जलाशयों, नदियों तथा अन्य जल भंडारों में पहुँच जाते हैं जो इन जलों में रहने
वाली जैव प्रणाली को नष्ट करते हैं।
सर्वाधिक
जल प्रदूषक उद्योग-चमड़ों, लुगदी व कागज, वस्त्र तथा रसायन हैं। आधुनिक कृषि में
विभिन्न प्रकार के रासायनिक पदार्थों का उपयोग होता है जैसे कि अकार्बनिक उर्वरक,
कीटनाशक, खरपतवारनाशक आदि भी प्रदूषण उत्पादन करने वाले घटक हैं। इन रसायनों को
नदियों, झीलों तथा तालाबों में बहा दिया जाता है। यह सभी रासायन जल के माध्यम से
जमीन में सवित होते हुए भू-जल तक पहुँच जाते हैं। उर्वरक धरातलीय जल में नाइट्रेट
की मात्रा बढ़ा देते हैं। भारत में तीर्थ यात्राएँ, धार्मिक मेले व पर्यटन आदि
जैसी सांस्कृतिक गतिविधियों भी जल प्रदूषण का कारण हैं। भारत में, धरातलीय जल के
लगभग सभी स्रोत संदूषित हो चुके हैं और मानव के उपयोग के योग्य नहीं हैं।
प्रश्न 2. भारत में गंदी बस्तियों की समस्याओं
का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
भारत में गंदी बस्तियाँ न्यूनतम वांछित आवासीय क्षेत्र होते हैं जहाँ जीर्ण-शीर्ण मकान,
स्वास्थ्य की निम्न सुविधाएँ, खुली हवा का अभाव तथा पेयजल, प्रकाश तथा शौच सुविधाओं
जैसी आधारभूत आवश्यक चीजों का अभाव पाया जाता है। यह क्षेत्र बहुत ही भीड़-भाड़, सँकरी
गलियों तथा आग जैसे गंभीर खतरों के जोखिम से युक्त होते हैं। इसके अतिरिक्त गंदी बस्तियों
की अधिकांश जनसंख्या नगरीय अर्थव्यवस्था के असंगठित क्षेत्र में कम-बेतन और अधिक जोखिम
भरा कार्य करते हैं। परिणामस्वरूप ये लोग अल्प-पोषित होते हैं और इन्हें विभिन्न रोगों
और बीमारियों की संभावना बनी रहती है। ये लोग अपने बच्चों के लिए उचित शिक्षा का खर्च
भी वहन नहीं कर सकते। गरीबी उन्हें नशीली दवाओं, शराब, अपराध, गुंडागर्दी, पलायन, उदासीनता
और अंततः सामाजिक बहिष्कार के प्रति उन्मुख करती है।
प्रश्न 3. भू-निम्नीकरण को कम करने के उपाय
सुझाइए।
उत्तर:
भू-निम्नीकरण जल संभरण प्रबंधन कार्यक्रम द्वारा कम किया जा सकता है। जल संभरण प्रबंधन
कार्यक्रम भूमि, जल तथा वनस्पतियों के बीच संबद्धता को पहचानता है और प्राकृतिक संसाधनों
के प्रबंधन एवं सामुदायिक सहभागिता से लोगों की आजीविका को सुधारने का प्रयास करता
है। मृदा अपरदन, लवणता (जलाक्रांतता) तथा भू-क्षारता से भू-निम्नीकरण होता है। भू-उर्वरकता
के अप्रबंधन के साथ इसका अविरल उपयोग होने पर भी भू-निम्नीकरण होगा तथा उत्पादकता में
कमी आएगी। अतः हमें मृदा अपरदन, लवणता तथा भू-क्षारता को रोकने के लिए उपाय करने होंगे
जिससे भू-निम्नीकरण को रोका जा सकेगा।
अति लघु उत्तरीय प्रश्न एवं उनके उत्तर
प्रश्न 1. प्रदूषण कितने प्रकार का होता
है?
उत्तर:
प्रदूषण कई प्रकार का होता है –
•
वायु प्रदूषण
•
जल प्रदूषण
•
भूमि प्रदूषण
•
ध्वनि प्रदूषण आदि।
प्रश्न 2. मनाव गरीबी का मुख्य संकेतक क्या
है?
उत्तर:
मुख्य संकेतक अल्पावधि जीवन है। 40 वर्ष की आयु प्राप्त करने से पहले मर जाना गम्भीर
अभाव का सूचक है।
प्रश्न 3. पश्चिम बंगाल ने गरीबी उपशमन के
लिए कौन-सा कार्यक्रम लागू किया है?
उत्तर:
पश्चिम बंगाल ने भूमि सुधार उपायों और पंचायत सशक्तिकरण को लागू किया है।
प्रश्न 4. नियोजन का सामान्य उद्देश्य क्या
है?
उत्तर:
आम लोगों का एक समुचित जीवन-स्तर सुनिश्चित करना होना चाहिए, यानि भयंकर गरीबी से मुक्ति।
प्रश्न 5. ग्रामीण तथा नगरीय क्षेत्रों में
गरीबी का अनुपात क्या है?
उत्तर:
ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी का अनुपात 27.1% तथा नगरीय क्षेत्रों में 23.6% है।
प्रश्न 6. अस्सी के दशक में गरीबी घटने के
दो मुख्य कारण कारण कौन-से थे?
उत्तर:
1.
कृषि का स्थिर विकास।
2.
सरकार के गरीबी उपशमन के कार्यक्रमों का प्रभाव।
प्रश्न 7. उन चार राज्यों के नाम बताओ जहाँ गरीबी का अनुपात कम हुआ
है?
उत्तर:
आन्ध्र प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल।
प्रश्न 8. जल प्रदूषण के मुख्य स्त्रोत कौन-से
हैं?
उत्तर:
माल जल, घरेलू तथा नगर पालिका का कचरा, औद्यागिक अपशिष्ट, मोटर वाहनों का धुंआ आदि।
प्रश्न 9. यमुना नदी दिल्ली से चंबल तथा
मथुरा से आगरा तक देश की सबसे प्रदूषित नदियों में से एक हैं। इसके प्रदूषित होने का
क्या कारण है?
उत्तर:
दिल्ली का घरेलू एवं औद्योगिक कचरे का नदी में प्रवाहित करना।
प्रश्न 10. प्रदूषण के कितने प्रकार
हैं?
उत्तर:
प्रदूषण चार प्रकार का होता है –
1.
जल प्रदूषण
2.
वायु प्रदूषण
3.
भू-प्रदूषण
4.
ध्वनि प्रदूषण
प्रश्न 11. जल प्रदूषण के कारण होने वाली बीमारियों के नाम बताइए।
उत्तर:
संदूषित जल के उपयोग के कारण प्रायः दस्त, आँतों के कृमि, हेपेटाइटिस जैसी बीमारियाँ
होती है।
प्रश्न 12. अम्ल वर्षा का कारण क्या
हैं?
उत्तर:
वायु प्रदूषण के कारण अम्ल वर्षा हो सकती है।
प्रश्न 13. भू-प्रदूषण के स्रोत क्या
हैं?
उत्तर:
अनुचित मानव क्रियाकलाप, अनुपचारित औद्योगिक अपशिष्ट का निपटान, पीड़कनाशी एवं उर्वरकों
का उपयोग आदि भू-प्रदूषण के मुख्य स्रोत हैं।
प्रश्न 14. कौन-सी विषैली गैसें हैं
जो वायु को प्रदूषित करती हैं?
उत्तर:
कार्बन मोनोक्साइड, कार्बन डाइ ऑक्साइड, नाइट्रोजन ऑक्साइड, मिथेन, क्लोरोफ्लूरो कार्बन
आदि।
प्रश्न 15. कौन-सी ओजोन परत को नुकसान
पहुँचाती है?
उत्तर:
क्लोरोफ्लूरो कार्बन ओजोन परत को समाप्त कर देती है, इसके परिणामस्वरूप सूर्य की पराबैंगनी
किरणें पृथ्वी पर पहुँच जाती है और इससे वायुमण्डल में तापमान में वृद्धि हो जाती है।
लघु उत्तरीय प्रश्न एवं उनके उत्तर
प्रश्न 1. ग्रामीण तथा नगरीय क्षेत्रों में
गरीबी का अनुपात क्या है?
उत्तर:
1999-2000 की कुल जनसंख्या में गरीबी का अनुपात 26 प्रतिशत आँका गया है। ग्रामीण क्षेत्रों
में यह 27.1 प्रतिशत तथा नगरीय क्षेत्रों में 23.6 प्रतिशत है। गरीबी का विस्तार घट
रहा है। 1973-74 में यह 54.9 प्रतिशत था, जो घटकर 1999-94 में 36.0 प्रतिशत और
1999 2000 में 26.1 प्रतिशत रह गया है। यद्यपि गरीबी का अनुपात तो घटता गया लेकिन गरीबों
की संख्या जनसंख्या वृद्धि के कारण लगभग 32 करोड़ ही बनी रही। राष्ट्रीय स्तर पर नगरीय
गरीबी सदैव ग्रामीण गरीबी के अनुपात से कम रही है।
प्रश्न 2. गरीबी के अनुपात में प्रादेशिक
विषमता के प्रतिरूप का वर्णन करो।
उत्तर:
गरीबी के अनुपात का आँकलन राज्य विशेष की गरीबी रेखा द्वारा किया जाता है। देश में
गरीबी के विस्तार में बहुत अंतर है। सबसे कम जम्मू और कश्मीर में केवल 3.48 प्रतिशत
है तथा उड़ीसा में सबसे अधिक 47.15 प्रतिशत है। उड़ीसा में 40 प्रतिशत से भी अधिक लोग
गरीबी की रेखा से नीचे रहते हैं। अन्य दस राज्यों में यह 30 और 40 के मध्य हैं। मध्यवर्ती,
उत्तर-मध्यवर्ती तथा पूर्वी भारत के सभी राज्य इसी वर्ग में आते हैं। इनमें से प्रमुख
राज्य हैं: मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ उत्तर प्रदेश, उत्तरांचल, बिहार तथा झारखंड। दक्षिण
के राज्यों में गरीबी का अनुपात 20 से 30 के मध्य है।
प्रश्न 3. ग्रामीण और नगरीय गरीबी के अनुपात
में काफी अंतर क्यों है?
उत्तर:
इसका कारण यह है कि ग्रामीण क्षेत्रों के विपरीत, नगरीय क्षेत्रों में गरीबी उपशमन
के कार्यक्रम नहीं चलाए गए। ग्रामीण-नगरीय प्रवास ने भी इस अन्तर को बढ़ा दिया है।
कस्बों और नगरों के आस-पास बसी मलिन बस्तियों में रहने वाले अधिकतर लोग गरीबों की श्रेणी
में आते हैं। दूसरी ओर ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में खाद्यान्नों की सार्वजनिक वितरण
प्रणाली नगरीय क्षेत्रों में अधिक बेहतर है।
प्रश्न 4. गरीबी की रेखा का निर्धारण किस
आधार पर किया जाता है?
उत्तर:
गरीबी की रेखा का निर्धारण उस आधार पर किया जाता है जिससे भोजन की न्यूनतम आवश्यकताएँ
पूरी हो सकती हैं। गरीबी के अनुपात और भूखे लोगों के प्रतिशत के मध्य कोई व्यापक अंतर
नहीं होना चाहिए। कभी-कभी खाद्यान्नों के प्रति व्यक्ति शुद्ध उपलब्धता को गरीबी में
परिवर्तन के संकेतक के रूप में उपयोग किया जाता है, क्योंकि उपलब्धता से भोजन के मूल्यों
में उलझन पैदा हो सकती है।
प्रश्न 5. ‘गरीबी’ उपशमन पर एक टिप्पणी
लिखिए।
उत्तर:
गरीबी उपशमन को राष्ट्रीय कार्यक्रम में प्राथमिकता दी जाती रही है। 1938 में गठित
नियोजन समिति ने घोषणा की थी कि नियोजन का सामान्य उद्देश्य आम लोगों का एक समुचित
जीवन स्तर सुनिश्चित करना होना चाहिए, दूसरे शब्दों में लोगों की भयंकर ‘गरीबी’ से
मुक्ति।’ गरीबी को दूर करने के लिए सभी पंचवर्षीय योजनाओं में, मुख्य रूप से पाँचवी
पंचवर्षीय योजना के बाद विशेष बल दिया जाता रहा है। इस संदर्भ में सरकार ने दो नीतियाँ
अपनाई हैं: आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करना तथा दूसरी गरीबी उपशमन के लिए प्रत्यक्ष
कार्यवाही करना।
प्रश्न 6. ‘वायु प्रदूषण’ के मुख्य स्रोत
क्या हैं?
उत्तर:
वायु प्रदूषण के मुख्य स्रोत हैं-प्राकृतिक स्रोत जैसे-ज्वालामुखी विस्फोट, धूल, तूफान,
अग्नि आदि। मानवकृत स्रोत हैं जैसे-कारखाने, नगर केंद्र, मोटरवाहन, वायुयान, उर्वरक,
पीड़क जीवनाशी, ताप बिजलीघर आदि। उद्योगों से अनेक प्रकार की विषैली गैसें, राख और
धूल; ताप बिजली घरों से गंधक, नाइट्रोजन ऑक्साइड और कार्बन डाइऑक्साइड और मोटर वाहनों
से मोनोक्साइड और सीसा वायुमंडल में छोड़े जाते हैं। ओजोन की परत को पतला करने वाला
क्लोरोफ्लूरो कार्बन भी वायुमंडल में छोड़ा जाता है। इसका अलावा अनेक औद्योगिक प्रक्रियाओं
द्वारा हानिकारक गंध भी वायु में फैल जाती है।
प्रश्न 7. जल प्रदूषण के मुख्य स्रोतों का
वर्णन कीजिए।
उत्तर:
जल प्रदूषक प्राकृतिक स्रोतों, भूस्खलन, पेड़-पौधों और जीव जंतुओं की सड़न से भी उत्पन्न
होते हैं। मानव जन्य स्रोतों से उत्पन्न प्रदूषण गम्भीर चिंता का विषय है। जल प्रदूषण
के मुख्य स्रोत हैं-औद्योगिक स्रोत, नगरीय स्रोत, कृषि स्रोत, सांस्कृतिक स्रोत आदि।
औद्योगिक अपशिष्ट, प्रदूषित अपशिष्ट जल, विषैली गैसें, रासायनिक अपशिष्ट, अनेक भारी
धातुएँ, धूल, धुंआ आदि जल में बहा दिए जाते हैं। जल को प्रदूषित करने वाले मुख्य उद्योग-चमड़ा,
लुगदी और कागज, वस्त्र तथा रासायनिक उद्योग हैं।
प्रश्न 8. पर्यावरणीय ह्रास किसे कहते हैं?
उत्तर:
विकास की प्रक्रिया में पर्यावरणीय गुणवत्ता के घटने से अनेक पर्यावरणीय समस्याएँ उत्पन्न
हो जाती हैं। जब तक उपयोग का परितंत्रीय सिद्धान्तों से तालमेल बना रहता है, तब तक
कोई हानि नहीं होती है। आधुनिक प्रौद्योगिक से सम्पन्न मानव अनेक पर्यावरणीय प्रदूषण
पैदा करता चला जाता है। इससे मानव के स्वास्थ्य तथा गुणवत्ता पर बुरा असर पड़ता है।
इसे पर्यावरणीय ह्रास कहते हैं।
प्रश्न 9. प्रदूषण कितने प्रकार का होता
है?
उत्तर:
प्रदूषण कई प्रकार का होता है। प्रदूषण के प्रकारों का कारक प्रदूषक तथा वे अनेक और
विविध माध्यम हैं जिसके द्वारा वे प्रवाहित तथा विकीर्ण होते हैं। प्रदूषकों के आधार
पर प्रदूषण को तीन वर्गों में विभाजित किया जा सकता है। ये हैं –
1.
वायु प्रदूषण
2.
जल प्रदूषण
3.
भू-प्रदूषण।
प्रदूषण
उत्पन्न करने वाली ऊर्जा या पदार्थ के किसी भी रूप को प्रदूषक कहा जाता है।
प्रश्न 10. भारत में जल प्रदूषण के स्वरूप
का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
जल प्रदूषण के प्रमुख स्रोत हैं, औद्योगिक स्रोत, नगरीय स्रोत, कृषि स्रोत व सांस्कृतिक
स्रोत। इसके आलवा प्राकृतिक स्रोत जैसे अपरदन, भूस्खलन पेड़-पौधे और जीव जन्तुओं की
सड़न से भी जल प्रदूषण होता है। औद्योगिक अपशिष्ट, विषैली गैसें, रासायनिक अवशिष्ट,
अनेक भारी धातुएँ, धूल जल में बहा दिए जाते हैं, यह विषैले तत्त्व जल के द्वारा बहकर
नदियों, जलाश्यों और जल के भंडार में पहुँच कर इसके जैव तंत्र को नष्ट कर देते हैं।
प्रदूषित
जल के नगरीय स्रोत हैं-मल जल, घरेलू तथा नगरपालिका का कचरा, नगरीय क्षेत्र में
खुले गंदे नालों के द्वारा करोड़ों गैलन जल नदियों में प्रवाहित किया जाता है।
खेतों में प्रयुक्त खरपतवार नाशक, अजैव उर्वरक, पीड़कनाशक, रासायनिक उर्वरक बहकर
नदियों व जलाशयों में चले जाते हैं, और मिट्टी के द्वारा खिसकर जल में चले जाते
हैं इसका सबसे अधिक प्रभाव पृष्ठीय जल पर पड़ता है, यह संदूषित तथा मानव के
उपयोग्य नहीं रहता है। भारत में एक चौथाई से अधिक संक्रामक रोग जल से पैदा होते
हैं। जिसमें मुख्य है, अतिसार, रोहा आँतों के कृमि और पीलिया।
प्रश्न 11. वायु प्रदूषण का मानव स्वास्थ्य
पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर:
वायु प्रदूषण के द्वारा फेफड़ों, हृदय, स्नायु तथा परिसंचरण से संबंधित रोग होते हैं।
वायु में निलंबित कणिकीय पदार्थ श्वास के द्वारा शरीर में पहुँचते हैं जिससे ब्रोनकाइटिस
नामक रोग हो जाते हैं। नगरों तथा महानगरों में वायु प्रदूषण के कारण जो धूम कोहरा बनता
है, वह मानव स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक होता है।
प्रश्न 12. मृदा की गुणवत्ता घटने के
मुख्य क्या कारण हैं?
उत्तर:
मृदा की गुणवत्ता घटने के मुख्य कारण हैं-मृदा अपरदन, पौधों के पोषक तत्त्वों में कमी,
मृदा में सूक्ष्म जीवों का घटना, नमी की कमी, विभिन्न हानिकारक तत्त्वों का संकेन्द्रण
आदि। निर्वनीकरण, अतिचराई और भूमि का अनुचित उपयोग भी अपरदन की गति को तेज कर देते
हैं। केवल स्थानांतरी कृषि के कारण ही तीन करोड़ हेक्टेयर भूमि अपरनदन से प्रभावित
है। भू-विभाग की दृष्टि से अनुपयुक्त क्षेत्रों में बाँधों, जलाशयों, नहरों और तालाबों
का निर्माण, नहरी सिंचाई का अत्यधिक उपयोग और अप्रवेश्य चट्टानों वाले क्षेत्रों में
बाढ़ के पानी के रूख मोड़ने से भूमि की संभावित क्षमता घटती है। अति सिंचाई के कारण
भूमि की लवणीयता और क्षारीयता में वृद्धि हुई है। इससे मृदा बेकार हो जाती है। रासायनिक
उर्वरक मृदा के सूक्ष्म जीवों को नष्ट कर देते . हैं। इस प्रकार मृदा की गुणवत्ता समाप्त
हो जाती है।
प्रश्न 13. वायु प्रदूषण के प्रमुख स्रोतों
का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
वायु प्रदूषण के दो प्रमुख स्रोत हैं-प्राकृतिक स्रोत व मानवकृत स्रोत। प्राकृतिक स्रोत
में ज्वालामुखी विस्फोट, तूफान, धूल, अग्नि आते हैं। कभी-कभी ज्वालामुखी के फटने से
भूमि से जो लावा निकलता है उसमें कई हानिकारक गैस व धातुएँ उत्पन्न होती हैं, जो वायु
प्रदूषण को बढ़ाने में सहायक होती है मोटर वाहन, उर्वरक, वायुयान, उद्योगों, मानवकृत
वायु प्रदूषण के अंतर्गत आते हैं। उद्योगों से निकली विषैली गैसें, राख से वायमुण्डल
प्रदूषित होता है। मोटर वाहनों से मोनोक्साइड और सीसा वायुमण्डल में छोड़े जाते हैं।
जोकि ओजोन की परत को पतला कर देते हैं। सीसा युक्त ईंधन का उपयोग करने वाले मोटर वाहनों
से वायुमण्डल में 95 प्रतिशत सीसा प्रदूषण होता है। वायु प्रदूषण के कारण वायु की गुणवत्ता
में निरन्तर गिरावट आ रही है।
प्रश्न 14. देश में भूमि प्रदूषण कम
करने के उपाय सुझाइए।
उत्तर:
1.
भूमि प्रदूषण मुख्यतः औद्योगिक और नगरीय अपशिष्टों के द्वारा
होता है। इन अपशिष्ट को यदि सही तरीके से नष्ट किया जाए तो कुछ हद तक भूमि प्रदूषण
को कम किया जा सकता है।
2.
उद्योगों के द्वारा निकले प्रदूषित मल जल से सिंचाई न करके मृदा के हास से बचा जा सकता
है।
3.
उद्योगों और नगरीय अपशिष्ट व विषैले रासायनिक पदार्थ को भूमि में नहीं मिलने देना चाहिए।
4.
कारखानों में चिमनियों के द्वारा निकलने वाले ठोस कणिकीय प्रदूषकों को बाहर निकलने
से रोकना चाहिए, क्योंकि यह प्रदूषक हवा के द्वारा दूर-दूर तक फैल जाते हैं, और भूमि
प्रदूषण को बढ़ाते हैं।
5.
`कारखानों से निकलने वाली गन्धक अम्लीय वर्षा के कारण है। इससे मृदा में अम्लता बढ़ती
है। इसे रोकने का प्रयास करना चाहिए।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न एवं उनके उत्तर
प्रश्न 1. गंगा तथा यमुना नदियों में प्रदूषण
का स्वरूप, प्रदूषित भाग तथा प्रमुख प्रदूषकों का सारणी द्वारा उल्लेख करें।
उत्तर: सारणी: गंगा और यमुना नदियों में प्रदूषण –
प्रश्न 2. निम्नलिखित के संक्षेप में उत्तर
दीजिए:
1. गरीबी किसे कहते हैं?
2. भारत में कितने प्रतिशत लोग गरीबी की रेखा के नीचे हैं?
3. उन दो राज्यों के नाम बताइए, जिनमें गरीबी का अनुपात 40 प्रतिशत
से अधिक है।
4. उन चार राज्यों के नाम बताइए, जिनमें गरीबी का अनुपात 10 प्रतिशत
से कम है।
5. मानव जीवन के ऐसे तीन पहलुओं का उल्लेख कीजिए, जिनका मानव गरीबी
सूचकांक तैयार करने में उपयोग किया जाता है।
6. प्रदूषण की पहचान करने के लिए उपयुक्त कसौटी का नाम बताइए।
7. प्रदूषण और प्रदूषकों में क्या अंतर है?
8. भारत में नगरीय अपशिष्टों के निपटान से संबंधित प्रमुख समस्याओं
की चर्चा कीजिए।
उत्तर:
1.
गरीबी : आम लोगों का समुचित जीवन स्तर सुनिश्चित न होना गरीबी कहलाता है।
2.
गरीबी रेखा : भारत में 1999-2000 की कुल जनसंख्या में 26 प्रतिशत
लोग गरीबी रेखा के नीचे हैं। जिसमें से 27.1 प्रतिशत ग्रामीण तथा 23.6 प्रतिशत
नगरीय क्षेत्र में हैं।
3.
राज्यानुसार गरीबी के विस्तार में बहुत अंतर देखने को मिलता है। उड़ीसा और बिहार दो
ऐसे राज्य हैं जिनमें गरीबी का अनुपात 40 प्रतिशत से अधिक है।
4.
जम्मू : कश्मीर, हरियाणा, गोवा व दिल्ली चार ऐसे राज्य हैं
जिनमें गरीबी का अनुपात 10 प्रतिशत से कम है।
5.
संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम ने मानव जीवन के निम्न पहलुओं को मानव गरीबी सूचकांक
बनाने में उपयोग किया –
•
40 वर्ष से पहले मरने वाले लोगों का प्रतिशत।
•
निरक्षर प्रौढ़ों का प्रतिशत।
•
तीन चरों का औसत-सुरक्षित पेय से वंचित लोगों का प्रतिशत, स्वास्थ्य सेवा से वंचित
लोगों का प्रतिशत, पाँच वर्ष के कम भार वालों बच्चों का प्रतिशत इसके अंतर्गत आते हैं।
6.
प्रदूषण की कसौटी-प्रदूषण की पहचान के लिए निम्न तीन कसौटी का उपयोग किया जाता है:
•
मानवीय अपशिष्टों व मानवीय क्रियकलापों से उत्पन्न अपशिष्ट को
नष्ट करना या निपटाना।
•
प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप में फेंके गए अपशिष्ट से होने वाली हानि।
•
परिस्थितियाँ जहाँ हानि का दुष्प्रभाव।
7.
प्रदूषण और प्रदूषक में निम्न अंतर है –
प्रदूषण
: मानवीय
क्रियाकलापों से उत्पन्न अपशिष्ट उत्पादों से कुछ पदार्थ और ऊर्जा मुक्त होती है, जिससे
प्राकृतिक पर्यावरण में कुछ हानिकारक परिवर्तन होते हैं इस ऊर्जा को प्रदूषण कहते हैं।
प्रदूषक
: प्रदूषण
उत्पन्न करने वाली ऊर्जा या पदार्थ को प्रदूषक कहा जाता है जिसके द्वारा पारितंत्र
में उपस्थित प्राकृतिक संतुलन में ह्रास होता है। ये गैस, तरल या ठोस तीनों को रूप
में रह सकते हैं।
8.
नगरीय अपशिष्ट का निपटान में निम्न समस्याएँ आती हैं।
•
औद्योगिक और नगरीय अपशिष्ट का संग्रहण करने से जल प्रदूषण बढ़ता
है, क्योंकि ये अपशिष्ट बहकर नदियों में चले जाते हैं। अनुपचरित मल जल व अपशिष्ट
से उत्पन्न से नगरों में स्वास्थ्य की गम्भीर समस्या पैदा होती है।
•
ठोस अपशिष्टों में जैव प्रक्रियाओं से तथा इनके सड़ने-गलने व जैव विघटन में काफी समय
लगता है। इनको संग्रहण या नष्ट सही ढंग से नहीं करने पर कई प्रकार के जीव व मक्खियाँ
मंडराती है जो बीमारियाँ फैलाती हैं व इसमें भूमि और जल प्रदूषण होता है।
•
नगरों व उद्योगों के अपशिष्ट को नगर के बाहर निम्न भूमि में डालने से भारी धातुएँ भौम
जल में मिल जाते है। अपशिष्ट के सड़न की प्रक्रिया के द्वारा कई प्रकार की हानिकारक
गैसें उत्पन्न होती है, जो पूरे वायुमण्डल को प्रदूषित करती हैं।
भारत
में वर्गीकृत भू-उपयोग –
भू-उपयोग
वर्ग |
1960-61
(हेक्टेयर) |
2002-03 |
प्रतिवेदित
क्षेत्र |
299151 |
306060 |
a.
वन |
54189 |
69070 |
b.
गैर कृषि कार्यों में प्रयुक्त भूमि |
14795 |
24250 |
c.
बंजर कृषि अयोग्य व्यर्थ |
35921 |
19250 |
d.
स्थायी चरागाह क्षेत्र |
14082 |
10570 |
विविध
तरु- फसलों व उपवनों के अंतर्गत क्षेत्र |
4500 |
3360 |
a.
कृषि योग्य व्यर्थ |
18632 |
13490 |
b.
पुरातन परती भूमि |
10478 |
11680 |
c.
वर्तमान परती भूमि |
11155 |
21530 |
निवल
बोया क्षेत्र |
135399 |
132860 |
1993-94
के मूल्य पर क्षेत्रक (Sectoral) सकल घरेलू उत्पाद (Gross Domestic Product)
सेक्टर
|
1960-61 |
1999-2000 |
प्राथमिक |
112848 |
314252 |
द्वितीयक |
34239 |
279066 |
तृतीयक |
59793 |
555049 |
कुल
सकल घरेलू उत्पाद |
206880 |
1148367 |
प्रश्न 3. गरीबी सूचकांक से आपका क्या तात्पर्य
है? वर्णन कीजिए।
उत्तर:
आय से गरीबी के विषय में पूरी सच्चाई का पता नहीं चलता। इसका पूरा ज्ञान प्राप्त करने
के लिए इसका मापन होना चाहिए। गरीबी जीवन के अभावों में झलकती है। गरीबी सहनीय जीवन
जीने के लिए विकल्पों और अवसरों का विरोध है। इसलिए गरीबी का पूरा ज्ञान आय से नहीं
लग पाता। संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम ने अपनी 1997 की मानव रिपोर्ट में मानव गरीबी
सूचकाँक प्रस्तुत किया है।
रिपोर्ट
में स्वीकार किया गया है कि मानव गरीबी इतनी अधिक व्यापक है कि उसे मानव गरीबी
सूचकांक समेत किसी भी मापन के द्वारा नहीं आंका जा सकता। संयुक्त राष्ट्र विकास
कार्यक्रम ने मानव जीवन में अभाव के तीन पक्षों की ओर ध्यान दिया दीर्घ जीविता,
ज्ञान और अच्छा जीवन स्तर। इन्हीं के आधार पर मानव गरीबी सूचकांक बनाया गयया है।
इसका विवरण इस प्रकार है –
1.
40 वर्ष की आयु प्राप्त करने से पहले मरने की संभावना वाले लोगों का प्रतिशत
2.
निरक्षर प्रोढ़ों का प्रतिशत, और
3.
तीन चरों का औसत
- सुरक्षित पेय जल सुविधा से वंचित लोगों
का प्रतिशत
- स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित लोगों का. प्रतिशत,
और
- पाँच वर्ष से कम आयु के सामान्य और अत्यधिक
कम भार वाले बच्चों का प्रतिशत।
मानव
एक ऐसा जीव है जो स्वस्थ परिवेश में ही जीवित रह सकता है। केवल भूमि, जल, वायु, ऊर्जा
और स्थान ही प्राकृतिक अवस्था में है। इन तीन चरों का सामान्यत औसत निकालकर ही मानव
गरीबी सूचकांक बनाया जाता है।
इस
प्रकार संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम द्वारा तैयार किया गया मानव गरीबी सूचकांक
काफी ऊँचा है। मानव गरीबी का मुख्य संकेतक अल्पावधि जीवन है। 40 वर्ष की आयु से
पहले मर जाना गम्भीर अभाव का सूचक है। भारत में लगभग 20 प्रतिशत लोगों की इस आयु
सीमा से पहले मर जाने की आशंका रहती है। इस प्रकार प्रौढ़ साक्षरता दर भी बहुत
ऊँची है तथा सामाजिक सुविधाओं का भी अभाव है।
वस्तुनिष्ठ प्रश्न एवं उनके उत्तर
प्रश्न 1. राष्ट्रीय नियोजित समिति का गठन
कब किया गया था?
(A) 1938
(B)
1948
(C)
1928
(D)
1930
प्रश्न 2. गरीबी का अनुपात 1999-2000 की
कुल जनसंख्या में कितने प्रतिशत था?
(A)
28%
(B) 26%
(C)
27.1%
(D)
23.6%
प्रश्न 3. सबसे कम गरीबी का अनुपात किस राज्य
में है?
(A)
पंजाब
(B)
हरियाणा
(C) जम्मू और कश्मीर
(D)
उड़ीसा।
प्रश्न 4. बिहार में गरीबी की रेखा के नीचे
कितने प्रतिशत लोग हैं?
(A)
30 प्रतिशत
(B) 40 प्रतिशत से अधिक
(C)
30 प्रतिशत 40 के मध्य
(D)
50 प्रतिशत।
प्रश्न 5. 2001 में खाद्यान्नों की प्रति
व्यक्ति उपलब्धता कितनी थी?
(A) 469 ग्राम
(B)
417 ग्राम
(C)
420 ग्राम
(D)
380 ग्राम।
प्रश्न 6. मानव जीवन में अभाव के किन पक्षों
की ओर ध्यान दिया जाता है?
(A)
दीर्घ जीविता
(B)
ज्ञान
(C)
अच्छा जीवन स्तर
(D) सभी।
प्रश्न 7. कौन-सी गैस ओजोन परत में छेद कर
देती है?
(A)
सल्फर डाईआक्साइड
(B)
कार्बन मोनोक्साइड
(C) क्लोरो फ्लूरो कार्बन
(D)
कार्बन डाईसल्फाइड।
प्रश्न 8. अम्ल वृष्टि किस कारण होती है?
(A)
जल प्रदूषण
(B) वायु प्रदूषण
(C)
भूमि प्रदूषण
(D)
ध्वनि प्रदूषण।
प्रश्न 9. वायु प्रदूषण से कौन-से रोग होते
हैं?
(A)
फेफड़ों
(B)
हृदय
(C)
मलेरिया
(D) (A) और (B)
प्रश्न 10. मृदा की गुणवत्ता किस प्रदूषण
से नष्ट होती है?
(A)
जल प्रदूषण
(B) भूमि प्रदूषण
(C)
वायु प्रदूषण
(D)
ध्वनि प्रदूषण।
प्रश्न 11. जल प्रदूषण का कारण क्या
है?
(A)
उद्योग
(B)
सांस्कृतिक गतिविधियाँ
(C)
आधुनिक कृषि
(D) उपर्युक्त सभी।
प्रश्न 12. वायु प्रदूषण का स्रोत क्या
है?
(A)
जीवाश्म ईंधन
(B)
ठोस कचरा निपटान
(C)
औद्योगिक प्रक्रम
(D) उपर्युक्त सभी।
प्रश्न 13. ध्वनि प्रदूषण का स्रोत क्या
है?
(A)
वायुयान
(B)
मोटर वाहन
(C)
रेलगाड़ियाँ
(D) औद्योगिक प्रक्रम
(E)
उपर्युक्त सभी।
प्रश्न 14. कौन से महानगर में ठोस अपशिष्ट के 90 प्रतिशत को एकत्रित
करके उसका निपटान किया जाता है?
(A)
मुंबई
(B)
कोलकाता
(C)
चेन्नई
(D)
बैंगलोर
(E) उपर्युक्त सभी।