12th अंतरा 15. फणीश्वरनाथ रेणु (संवदिया)

12th अंतरा 15. फणीश्वरनाथ रेणु (संवदिया)
12th अंतरा 15. फणीश्वरनाथ रेणु (संवदिया)
फणीश्वरनाथ रेणु (संवदिया) प्रश्न 1. संवदिया की क्या विशेषताएँ हैं और गाँव वालों के मन में संवदिया की क्या अवधारणा है ? अथवा गाँव की मान्यता के अनुसार संवदिया किसे कहा जाता है? उसके स्वभाव की दो विशेषताएँ लिखिए। उत्तर : संवाद के प्रत्येक शब्द को याद रखना तथा जिस सुर और स्वर में संवाद सुनाया गया है, ठीक उसी ढंग से जाकर सुनाना संवदिया की विशेषताएँ हैं। यह सहज काम नहीं है। गाँववालों की संवदिया के विषय में धारणा है कि निठल्ला. कामचोर और पेट आदमी ही संवदिया का काम करता है। बिना मजदूरी लिए वह गाँव-गाँव संवाद पहुँचाता है। औरतों की मीठी बोली सुनकर ही वह उनका संदेशवाहक बन जाता है। हरगोबिन को इसीलिए गाँववाले औरतों का गुलाम कहते हैं।' प्रश्न 2. बड़ी हवेली से बुलावा आने पर हरगोबिन के मन में किस प्रकार की आशंका हुई ? उत्तर : बड़ी हवेली से संवदिया हरगोबिन के लिए जब बलावा आया तो उसे आशंका,हई कि जरूर कोई गप्त संवाद बड़ी बहू को कहीं भिजवाना है जिसकी खबर चाँद-सूरज तक को न हो और जिसे पंछी-परेवा भी न जानें। अन्यथा आज के जमाने में जब गाँव-गाँव में डाकघर खुल गए हैं तब किसी को संवदिया के माध्यम से संवाद भि…