12th अंतरा 17. असगर वजाहत (शेर, पहचान, चार हाथ, साझा)
12th अंतरा 17. असगर वजाहत (शेर, पहचान, चार हाथ, साझा) असगर
वजाहत (शेर, पहचान, चार हाथ, साझा) प्रश्न 1. लोमड़ी स्वेच्छा से शेर के मुँह में क्यों चली जा रही थी
? उत्तर
: लोमड़ी वहाँ रोजगार पाने के लिये चली जा रही थी। उसे किसी ने बताया था कि शेर के
मुँह में रोजगार का दफ्तर है। वह वहाँ प्रार्थना-पत्र देकर नौकरी पाना चाहती थी। वह
शेर द्वारा किए गए प्रचार के कारण भ्रमित हो गई थी और इस पर विश्वास कर लिया था। प्रश्न 2. कहानी में लेखक ने शेर को किस बात का प्रतीक बताया है ? उत्तर
: कहानी में शेर को व्यवस्था अर्थात् शासन-सत्ता का प्रतीक बताया गया है। सत्ता अहिंसक
और सहअस्तित्ववादी होने का दिखावा करती है। उसने भ्रम फैला रखा है कि वह जनता की हित
चिन्तक है। इसी कारण उस पर विश्वास करके जनता उसकी बात मानती है। कुछ स्वार्थवश भी
उसका सहयोग करते हैं। सत्ता विरोध बरदाश्त नहीं करती और विरोधी को ताकत के साथ कुचल
देती है। वह जनहित के नाम पर अपना हित साधती है। प्रश्न 3. शेर के मुँह और रोजगार के दफ्तर के बीच क्या अंतर है? अथवा शेर के मुँह और रोजगार के दफ्तर के बीच क्या अंतर बताया गया है? इस
लघुकथा के माध्यम से लेखक ने हमारे समाज की किस व्यवस्था पर व्यंग्य किया है? …