12th अंतरा (ऐच्छिक) 4. प्रभाष जोशी = अपना मालवा खाऊ-उजाडू सभ्यता में

12th अंतरा (ऐच्छिक) 4. प्रभाष जोशी = अपना मालवा खाऊ-उजाडू सभ्यता में
12th अंतरा (ऐच्छिक) 4. प्रभाष जोशी = अपना मालवा खाऊ-उजाडू सभ्यता में
अपना मालवा खाऊ-उजाडू सभ्यता में प्रश्न 1. मालवा में जब सब जगह बरसात की झड़ी लगी रहती है तब मालवा के जनजीवन पर इसका क्या असर पड़ता है ? उत्तर : मालवा में जब सब जगह बरसात की झडी लगी रहती है. तब कए-बावडी और ताल-तलैया पानी से लबालब भर जाते हैं। नदी-नाले भरपूर पानी के साथ बहते हैं। फसलें खेतों में लहराती हुई दिखाई देती हैं। इससे आश्वासन मिलता है कि मालवा जल से खूब सम्पन्न और समृद्ध हो गया। कभी-कभी अधिक वर्षा के कारण बाढ़ भी आ जाती है और नदी-नालों का पानी घरों में घुस जाता है। इससे लोगों को परेशानी होती है परन्तु ऐसा कम ही होता है। जब बाद आती है तब फसलों की हानि होती है तथा खाने-पीने की चीजों का अभाव पैदा हो जाता है। ऐसा भी होता है कि सोयाबीन की फसल खराब हो जाती है तो गेहूँ और चने की फसल अच्छी होती है। तालाबों, नदियों तथा कुँओं-बावड़ियों के भर जाने के कारण गर्मी की ऋतु में सूखा से बचाव भी होता है। प्रश्न 2. अब मालवा में वैसा पानी नहीं गिरता जैसा गिरा करता था। उसके क्या कारण हैं ? अथवा "पग पग नीर वाला मालवा सूखा हो गया"-कैसे? 'अपना मालवा : खाऊ-उजाडू सभ्यता में पाठ के आधार पर उत्त…